गुरूवार, जुलाई 17, 2025
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खलिहान से लेकर सांस्कृतिक मंचो तक, नही सुनाई देता चैता की धुन

​संतोष कुमार गुप्ता

मुजफ्फरपुर। बिहार में चैत महिना का अलग महत्व है। मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर प्रखंड में दो दशक पूर्व यह महिना कुछ खास होता था। गेंहू का खेत हो या गांव का चैपाल। हमें चैता का कर्णप्रिये ध्वनी जरूर सुनाई देता था। किंतु, चैत महिना का जवानी अब परवान चढने लगा है। खेतो से गेंहू कटने लगे है। बाचजूद इसके चैता की जगह अब वह सिर्फ थ्रेसर की कानफाड़ू शोर ही सुनाई दे रहा है। विक्रम संवत के पहले महीने चैत्र (चैत) को भारतीय पंचांग में वर्ष का पहला महीना माना जाता है। इस महीने में गाए जाने वाले गीत ‘चैता’ का अपना अलग महत्व है।
चैत्र यानी मधुमास के दिनों में बिहार के खेतों में रबी की पकी हुई फसल और पक चुकीं सरसों की बालियां, खलिहानों में पहुंच गई होती हैं। इस मौसम में किसान खेतों के बजाए खलिहानों में ही ज्यादा समय बिताते हैं। बिहार में मधुमास के दिनों में चैता गाने की पुरानी परंपरा है। चैता गीतों को जब ढोलक और झाल की संगत मिलती है, तब लोगों का मन भी झनझना उठता है।
पुराने चैता गायकों का मानना है कि लोक संस्कृति चाहे किसी भी क्षेत्र की हो, उसमें ऋतुओं के अनुकूल गीतों का समृद्ध खजाना होता है। उत्तर भारत के अवधी व भोजपुरी भाषी क्षेत्र की लोकप्रिय गायन शैली ‘चैता’ है। मैथिली भाषियों के मिथिला क्षेत्र में इसे चैती कहा जाता है। इसकी एक और किस्म ‘घाटो’ भी है। चैत्र मास में गांव के चौपाल में महफिल सजती थी और एक विशेष परंपरागत धुन में श्रृंगार और भक्ति रस मिश्रित चैता गीत देर रात तक गाए जाते थे।
इस महीने में बिहार के गांवों से लेकर शहरों तक में चैता का आयोजन किया जाता था। बिहार और उत्तर प्रदेश में चैत महीने में गाए जाने वाले गीत को चैता, चैती या चैतावर कहा जाता है। इस महीने रामनवमी के दिन भक्ति रस में डूबे चैता गीत खासतौर से गाए जाते हैं। चैता के गायकों का कहना है कि चैता में राम के जन्म को विस्तार से गाने की परिपाटी नहीं है। लेकिन, जनकपुर की पुष्प वाटिका में राम-सीता मिलन, सीता स्वयंवर से लेकर राम वनवास और राम द्वारा सीता के निर्वसन का वर्णन चैता के गीतों के माध्यम से किया जाता है। इन गीतों में मुख्य रूप से इस महीने के मौसम का वर्णन भी होता है।
पैक्स अध्यक्ष शिवचंद्र प्रसाद कहते है कि पुराने दिनो की यादें अब कसक देती है। ना वह टीम है, ना ही अब लोगो के पास फुर्सत। पूर्व प्राचार्य जयनारायण प्रसाद कहते है कि हमलोगो की सांस्कृतिक विरासत खतरे में है। उम्र के अंतिम पड़ाव मे चल रहे सीताराम साह का कहना है कि चैत महीने को ऋतु परिवर्तन के रूप में जाना जाता है। पतझड़ बीत चुका होता है और वृक्षों और लता में नई-नई कोपलें आ जाती हैं। किंतु आ गइले चइत के महिनमा हो रामा, पिया ना ही अइले गीत सुने जमाने बीत गये है।
चैता मे में शिव पार्वती का भी संवाद कर्णप्रिय लगते हैं। रामनवमी के मौके पर ‘जनम लिए रघुरैया हो रामा, चैत महिनवां, या ‘घरे-घरे बाजेला बधइयां हो रामा’ काफी प्रचलित व कर्णप्रिय चैता गीत हैं। चैत रामनवमी के अवसर पर बहवल बाजार, भटौलिया, तालिमपुर, महदेइया, गांधीनगर व गोरीगामा सहित कई जगहो पर मेले का आयोंजन किया गया है। सांस्कृतिक कार्यक्रमो की गूंज है। किंतु वहां के रंगमंचो पर चैता का नामो निशान नही है।

चीन की गिदड़ भवकी, कही हमारी विफलता तो नही

कौशलेन्द्र झा
तिब्बत के धर्म गुरू दलाई लामा के अरूणाचल दौरे पर चीन का आंख तरेरना, हमारी सात दशक पुरानी विदेश नीति की विफलता नही तो और क्या है? अरूणाचल पर बेजा दावा करने वाला, यह वही चीन है, जो भारत के दावे वाले पीओके में आर्थिक गलियारा बना रहा है और हमारी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। यह हमारे कमजोर विदेश नीति ही है कि चीन अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर हमेशा से भारत को नीचा दिखाने में लगा रहता है। दरअसल, आंतरिक समस्याओं में उलझी रहने वाली हमारी सरकारें चीन की बेजा हरकतो को अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर मजबूती से रखने में हमेशा विफल रही है।
पिछले दिनो चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का भारत दौरा भारत-चीन संबंधों को कहां तक ले गया? आज के मौजू में ये सबसे बड़ा सवाल है। क्योंकि, एक तरफ भारत चीन की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है और दूसरी तरफ चीनी सैनिक लद्दाख के चुमार हो और अरूणाचल में घुसपैठ करतें रहतें हैं। ऐसे में फिर वही सवाल कि चीन आखिर चाहता क्या है? क्या वह सीमा विवाद की आर लेकर भारत को नीचा दिखाना चाहता है?
बहरहाल, मोदी-चिनफिंग के बीच जिन 12 मुद्दों पर पिछले दिनो व्यापारिक समझौते हुए है। बेशक इसका फायदा दोनों देशों को मिलेगा। लेकिन क्या व्यापारिक संबंधों की खातिर भारत चीनी की बेजा हरकतों को नजर अंदाज करता रहेगा? कहतें हैं कि चीन एक ऐसा देश है जिसे साध पाना बेहद मुश्किल है। दरअसल, शक्तिशाली चीन एक विस्तारवादी देश है और वह महाशक्ति बनने की महत्वाकांक्षा भी पाले हुआ है।
हाल के वर्षो में भारत का जापान के साथ बढ़ रही नजदीकियों से चीन पहले से खार खाये हुआ है। जापान के साथ भी चीन का जमीनी विवाद चल रहा है। इसके अतिरिक्त अमेरिका के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी की कोशिशें भी चीन पचा नहीं पा रहा है। उधर, वियतनाम के साथ भी भारत के अच्छे संबंध बनने शुरू हो गयें हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पिछले दिनो हुई वियतनाम दौरा से चीन की बौखलाहट जग जाहिर हैं। गौर करने लायक बात है कि वियतनाम के साथ भी चीन का सीमा विवाद चल रहा है।
बहरहाल, अरुणाचल के एक बड़े हिस्से पर अपना अधिकार जताने वाला चीन आज भी अरूणाचल के लोगों को नत्थी वीजा जारी करता है। यह भारत के लिए खासा अपमानजनक नही तो और क्या है? चीन भारत में अगले पांच सालों में 20 अरब डॉलर का निवेश करने वाला है। बावजूद इसके दलाई लामा को लेकर चीन ने जो बयान दिएं हैं। उसके दूरगामी परिणाम को हल्के में देखना, भारत के लिए आत्मघाती हो सकता है।

पर्सनल लॉ बराबरी में बाधक तो नही

राज किशोर प्रसाद
हक की लड़ाई में मुस्लिम महिलाओं ने जिस तरह मोर्चा खोला है। वह काबिले तारीफ है। इसमें सरकार की साथ मिलने से उनके हौसले और उम्मीदें बढ़ी है। तीन तलाक के खिलाफ जिस तरह से मुस्लिम महिलाओं ने हिम्मत कर लड़ाई को आगे बढ़ी है। अब वह दिन दूर नही लग रहा मंजिल पाने में । उसके हक की लड़ाई में सरकार का साथ भी मिला है। अब अवधारणा में बदलाव के साथ महिलाओं के कल्याण के साथ उसके वाजिव हक दिलाने में नई राष्ट्रीय महिला नीति साथ  होगी। अधिकार की यह लड़ाई न्यायलय पर टिकी है। पर्सनल लॉ घर से बाहर तक महिलाओ को बराबरी का हक देने में अपनी मजहब के आड़ में महिलाओ को शोषण कर रही है। समाज में बराबरी के लिये इस पर्सनल लॉ को छोड़ना होगा। मन्दिर मस्जिद मजारो के दरवाजे खोलने होंगे। इसके लिये समाज और समुदाय से टक्कर लेनी होगी। नई राष्ट्रीय महिला नीति के लिए महिलाओ को बराबरी का हक दिलाने में बड़ी चुनौती है। हालांकि केंद्र सरकार ने एक बार में तिन तलाक  को  महिला विरोधी बता कर सभी के लिये एकल  कानून की वकालत करते हुये समान नागरिक संहिता का मुद्दा विधि आयोग को  भेज कर इस ओर बड़ा कदम उठाया है। तीन तलाक के साथ साथ अपने शारीरिक बदलाव और एक निश्चित आयु काल में भी महिलाओ को भेदभाव झेलनी पड़ती है। इस भेदभाव को धार्मिक व मजहम रिति रिवाज  से जोड़कर कबतक  जारी रखा जायेगा। इसके लिये महिलाओ के स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, पोषण व आर्थिक सपन्नता के लिए निर्णय लेने के क्षमता को विकसित करनी होगी। राजनीती भागदारी बढ़ानी होगी और प्रशिक्षित करनी होगी।

राखी सांवत की गिरफ्तारी पर संस्पेश बरकरार

​संतोष कुमार गुप्ता

मुंबई। हॉट अदाकारा राखी सांवत की गिरफ्तारी को लेकर अफवाहो का बाजार गर्म है। किंतु लुधियाना पुलिस ने गिरफ्तारी से इनकार की है। लिहाजा राखी के गिरफ्तारी को लेकर तरह तरह की चर्चा है। महर्षि वाल्‍मीकि पर आपत्तिजनक टिप्‍पणी मामले में अभिनेत्री राखी सावंत की गिरफ्तारी की खबरो के बीच लुधियाना के पुलिस कमिश्नर ने मंगलवार को कहा कि अभिनेत्री की गिरफ्तारी को लेकर अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है। कमिश्नर ने कहा कि राखी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हुआ है और लुधियाना पुलिस मुंबई गयी हुई है।
लुधियाना के पुलिस कमिश्नर विजय प्रताप सिंह ने कहा, राखी सांवत गिरफ्तार हुई हैं या नहीं, इस बारे में अभी कोई पुष्टि नहीं है। लुधियाना कोर्ट ने अभिनेत्री के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है और लुधियाना पुलिस मुंबई गयी हुई है।
बता दें इससे पहले खबर आई थी कि पंजाब पुलिस ने आज बॉलीवुड अभिनेत्री राखी सावंत को मुंबई में गिरफ्तार कर लिया। राखी की ये गिरफ्तारी महर्षि वाल्‍मीकि पर टिप्‍पणी किए जाने के मामले में हुई है। लुधियाना पुलिस के आला अ‍धिकारी गिरफ्तारी से इन्‍कार कर रहे हैं। इससे पूरे मामले में देर रात तक सस्‍पेंस की स्थिति रही। उन्‍होंने कहा कि पंजाब पुलिस की टीम राखी सावंत को गिरफ्तार करने के लिए मुंबई गई थी, लेकिन बताए गए अड्रेस पर वह नहीं मिलीं। खबरों की मानें तो लुधियाना पुलिस की टीम मुंबई पुलिस से औपचारिकता के बाद वापस लौट रही है।

आइपीएल का आगाज आज से

​आमने सामने होंगे दो आस्ट्रेलियाई धुरंधर

संतोष कुमार गुप्ता

फटाफट क्रिकेट के लिए इंतजार की घड़ी समाप्त हुई। आज से आइपीएल मे चौको छक्के की बरसात होगी। प्रतियोगिता के उद्घाटन मुकाबले में दो आस्ट्रेलाई धुरंधर आमने सामने होंगे। जहां पिछले वर्ष के विजेता सनराइजर्स हैदराबाद के कमान डेविड वार्नर के हाथो मे होगा। वही पिछले बार के उपविजेता आरसीबी का कमान  शेन वाटसन सम्भालेंगे।
भारतीय कप्तान विराट कोहली के चोटिल होने के कारण शेन वाटसन को आरसीबी का कमान सौंपा गया है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10 वें सत्र पर सबकी निगाहे है। गत चैम्पियन सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के बीच उद्घाटन मैच हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में शाम 8 बजे से खेला जाएगा।
प्रतियोगिता की कुल इनामी राशि 49 करोड़ रुपए है। जिसमें विजेता को 21 करोड़, उपविजेता को 12 करोड़ रुपए तथा तीसरे और चौथे स्थान पर आने वाली टीमों को 8-8 करोड़ रुपए मिलेंगे। आईपीएल का खिताब हासिल करने के लिए कुल 8 टीमों के बीच संघर्ष होगा। प्रत्येक टीम 14 मैच खेलेगी। इस लीग में कुल 60 मैच होंगे जिनमें लीग मैच के आलावा 2 क्वालिफायर, 1 एलिमिनेटर और फाइनल शामिल है।
आरबीसी को खलेगी कोहली की कमी
कंधे की चोट से जूझ रहे विराट कोहली रायल चैलेंजर्स बेंगलूर की तरफ से कब खेलने के लिये मैदान पर उतरेंगे अभी पता नहीं है। हैदराबाद में आज जब आरसीबी और मौजूदा चैंपियन सनराइजर्स हैदराबाद की टीमें उदघाटन मैच में आपस में भिडेंगी तो भारतीय कप्तान की कमी उसमें स्पष्ट रुप से खलेगी।
सनराइजर्स हैदराबाद कर सकते हैं करिश्माई प्रदर्शन
सनराइजर्स हैदराबाद पिछले साल के करिश्माई प्रदर्शन को दोहराने के लिये प्रतिबद्ध है। हैदराबाद के पास आईपीएल के सबसे धाकड़ बल्लेबाजों में से एक कप्तान डेविड वार्नर है, जिन्होंने पिछले सत्र में आगे बढ़कर नेतृत्व किया था।
बता दें कि आज से शुरू हो रहे आईपीएल 10 की ओपनिंग सेरेमनी भी धमाकेदार होगी। सेरेमनी में आईपीएल के साथ-साथ फिल्मी दुनिया का भी तड़का देखने को मिलेगा। श्रद्धा कपूर, टाइगर श्रॉफ समेत कई बड़े सितारे ओपनिंग सेरेमनी में अपना जलवा बिखेरेंगे। इन सितारों के समारोह को खास बनाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस समारोह में कई गायक भी हिस्सा लेंगे। सचिन, जिगर और भूमि त्रिवेदी भी इस रंगारंग समारोह में अपने हुनर का करतब दिखाएंगे। दिल्ली के मैच में परिणीति चोपड़ा परफॉर्म करेंगी। एमी जैक्सन 5 अप्रैल को सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच होने वाले मैच में परफॉर्म करेंगी। तो फटाफट क्रिकेट में फिल्मी सितारों के जबरदस्त और रंगारंग कार्यक्रम के लिए आप तैयार रहिए।

संबंधों में मध्यस्थता स्वीकार नहीं: भारत

अमेरिका को भारत का दो टूक जवाब

नयी दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को कम करने के लिए अमेरिका के मध्यस्थता प्रस्ताव को भारत ने खारिज कर दिया है। भारतीय प्रवक्ता ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद और हिंसा से मुक्त माहौल में द्विपक्षीय वार्ता के सरकारी रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत ने कहा था कि ट्रंप प्रशासन भारत पाक के बीच तनाव को कम करने का प्रयासों कर सकता है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संगठनों से अपील की हैं कि पाकिस्तान से पनपने वाले आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रणाली लागू किया जाये, जो इस क्षेत्र और उससे परे शांति और स्थिरता के लिए एकमात्र सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।

इंटरनेट सर्विस के लिए रेलवे ने कसी कमर

नई दिल्ली। इंटरनेट आज की जरुरत बन चुकी है। कहतें हैं कि यात्रा के दौरान फुरसत के क्षणो में यदि बेहतर सिगनल न मिले तो झल्लाहट होना लाजमी है। इसी को देखते हुए रेल विभाग ने कमर कस लिया है। फिलहाल, कनेक्टिविटी के मामले में दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग अन्य रेलवे रूट के मुकाबले सबसे बेहतर माना जा रहा है। यह दावा एक अध्ययन में किया गया है। अध्ययन के दौरान इस रूट पर सर्वाधिक 88 फीसदी नेटवर्क कवरेज पाया गया। वहीं बेंगलुरु-चेन्नई रूट 78 फीसदी कनेक्टिविटी के साथ दूसरे स्थान पर और दिल्ली-मुंबई रूट 74 फीसदी नेटवर्क कवरेज के साथ तीसरे स्थान पर है। अध्ययन दर्शाता है कि कुछ मार्गों पर नेटवर्क कनेक्टिविटी 70-88 फीसदी के बीच है। जबकि अन्य स्थानो पर यह गिरकर 20 फीसदी ही रह जाती है। बेंगलुरु-मुंबई-कोलकाता रेलमार्ग पर 63 फीसदी मोबाइल नेटवर्क कवरेज है। जबकि मुंबई-बेंगलुरु-चेन्नई मार्गों पर 58 फीसदी इंटरनेट कवरेज है।

नगर परिषद प्रशासनिक भवन का उद्घाटन 

गोपलगंज। बिहार के गोपलगंज में साढ़े तीन करोड़ की लागत सें बनी नगर परिषद प्रशासनिक भवन का उद्घाटन मुख्य पार्षद संजु देवी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस भवन में नगर पार्षद, सभागार, कार्यपालक पदाधिकारी, कर्मचारी के लिए अलग सें बैठने की व्यवस्था हैं। कार्यालय भी इसी भवन में चलेगा।

बिहार की राजधानी पटना के चालक की हत्या

पटना।  पटना सिटी से मैजिक गाड़ी लेकर मोतिहारी जा रहे चालक की हत्या कर शव को वैशाली के बेलसर में फेंक दिया। मृतक मनोज कुमार माली पटना सिटी के आलमगंज थाना क्षेत्र के गुड़ मंडी मोहल्ले का रहने वाला था। चालक का दोनों हाथ गमछा से बंधा था तथा गले में फीता लगा हुआ था।

हादसे का गवाह बनते बनते बचा मुजफ्फरपुर जंक्शन

मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर जंक्शन मंगलवार की शाम एक बड़ा हादसा गवाह बनते बनते बचा। दरअसल, अमृतसर से आने वाली आम्रपाली एक्सप्रेस की स्लीपर बोगी में जनरेटर का तार अचानक टूट गया। तेज धमाके से सहमे यात्री बोगियों से कूदने लगे। भगदड़ में करीब एक दर्जन यात्री जख्मी हो गये और एक महिला का पैर भी टूट गया।

यूपी में किसानो को मिली राहत

यूपी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई पहली कैबिनेट बैठक में आज कई अहम निर्णय लिए गये। बैठक डेढ़ घंटे चली। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के दो करोड से अधिक लघु एवं सीमांत किसानों का एक लाख रुपये तक का फसली कर्ज माफ करने का महत्वपूर्ण फैसला किया। इस फैसले से प्रदेश के राजकोष पर 36359 करोड रुपये का बोझ आएगा।
उत्तर प्रदेश में लगभग दो करोड 30 लाख किसान हैं, जिनमें से 92.5 प्रतिशत यानी 2.15 करोड लघु एवं सीमांत किसान हैं। इनमे से सिर्फ 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों का कर्ज माफ़ किया गया है। कुल 30,729 करोड रुपये का कर्ज माफ किया गया है। एक लाख रूपये तक का ऋण उनके खाते से माफ किया जाएगा। साथ ही सात लाख किसान और हैं, जिन्होंने कर्ज लिया था और उसका भुगतान नहीं कर सके। ऐसे किसानों को भी मुख्य धारा में लाने के लिए उनके कर्ज का 5630 करोड रुपये माफ किया गया है। इस तरह कुल मिलाकर किसानों का 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है।
राज्य में पांच हजार गेहूं खरीद केन्द्रों के जरिए 80 लाख टन गेहूं की सीधी खरीद का फैसला किया है। सरकार ने 80 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है। किसानों को उनके गेहूं के लिए 1625 रूपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा और  इसके अतिरिक्त दस रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से ढुलाई और लदाई का भी दिया जाएगा।

पानापुर के भस्मी देवी मंदिर में उमड़ी आस्था की सैलाव

मुजफ्फरपुर।  पानापुर के भस्मी देवी मंदिर में चैत्र नवरात्र के मौके पर आस्था का सैलाव उमड़ पड़ा है। श्रध्दालुओं ने इस मौके पर दो दिवसीय जन जागरण सह गुणगान यात्रा का आयोजन किया। श्रध्दालुओं ने डोली में सवार मां भस्मी देवी का दर्शन किया। आस्था की यह यात्रा भस्मी देवी मंदिर से शुरू होकर पानापुर शिव मंदिर, डोमिडीह, पिपराहां, खरिका होते हुए वापस देवी मंदिर पहुंच कर संपन्न हुई। इस जन जागरण यात्रा के दौरान भक्तो ने भजन गायकी का भरपुर लुफ्त उठाया। भजन गायक सोहन भाई अग्रवाल के भजन पर श्रद्धालु झूमते रहे। रास्ते में जगह-जगह यात्रा का ग्रामीणों ने पुरजोर स्वागत किया।

पर्यटक स्थल बनेगा समस्तीपुर का इन्द्रवाड़ा: मुकेश

बाबा केवल महाराज के आदमकद प्रतिमा का हुआ अनावरण

राजकुमार सहनी
समस्तीपुर। समस्तीपुर के इन्द्रवाड़ा में निषाद विकास संघ द्वारा निर्मित केवल महाराज के 31 फ़ीट के प्रतिमा के अनावरण के लिए मुकेश सहनी आज इंद्रवाड़ा पहुचें और लाखों समर्थकों के बीच विधिवत रूप से प्रतिमा का अनावरण किया। निषादों का जनसैलाब देखते ही बन रहा था उन्होंने कहा कि आदमकद प्रतिमा बनवाने का मेरा सपना आज पूरा हो गया। बाबा केवल धाम राज्य में निषादों के एकता का प्रतीक है। निषाद समाज का अमूल्य धरोहर है। मै केंद्र और राज्य सरकार से सम्पर्क कर धाम को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करवाने के लिए लगातार प्रयासरत हूँ।

दंपत्ति ने अपने ही बेटी का गला रेता

प्रेम करने की मिली सजा

गया। गया के अतरी थाना के चहल मुंडेरा गांव में प्रेम करना युवती को मंहगा पड़ा। लालन पालन करने वाले माता पिता ने ही अपनी पुत्री का गला रेत कर हत्या कर दी। दरअसल, 16 वर्षीय ममता कुमारी का गुनाह इतना था कि उसने माता पिता के मर्जी जाने बगैर गांव के ही 15 वर्षीय प्रवीण कुमार से प्रेम कर बैठी। युवती के पिता तपेश्वर यादव को यह इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने अपनी ही लाडली को मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नही बल्कि, साक्ष्य को नष्ट करने हेतु परिजनो ने शव को जलाने का भी प्रयास किया। किंतु, इस बीच पुलिस को भनक लग गई और पुलिस के पहुंचते ही सभी परिजन भाग खड़े हुये। पुलिस ने युवती के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल अस्पताल भेज दिया है।

शराबबंदी से पुलिस की बल्ले बल्ले

राजकिशोर प्रसाद
आज शराबबंदी के एक साल पुरे हो गए। वही सरकार शराबबंदी की पहली वर्षगांठ पर अपनी कामयाबी पर पीठ थपथपाते नही थक रही है। वही, दूसरी ओर विपक्ष इसे आधा अधूरी कामयाबी और इसमें व्याप्त खामियों  की सुधार की वकालत कर रही है। ताड़ी, पान मशाला, गुटका, शीतल पेय पदार्थो के आड़ में शराब की काली धंधा जोड़ो पर है। इतनी कड़ी कानून और पुलिस की चौकसी के बावजूद आये रोज कही न कही शराब की बड़ी खेप पकड़ी जा रही है। ऐसी खबरे रोज आम लोगो को सुनने, देखने व पढने को मिल रहे है। आखिर सवाल ये उठता है की अगर शराबबंदी है तो इतनी शराब बिहार के हर कोने से क्यों रोज पकड़ी जा रही है? पुलिस के आला अधिकारी, प्रशासन व सरकार क्यों न सख्त कदम उठती है? कागजो में नियम कड़े जरूर बने और बनते है पर हकीकत सबके सामने है। शराब माफिया या कारोबारियों का हौसला क्यों बढ़ता जा रहा है? आखिर शराब का कालाधंधा रुक क्यों नही रहा है? जिसे सरकार ने पहरा पर लगा रखा है, क्या उसकी नियत में खोट है? कहतें हैं कि आखिर खोट क्यों न हो? चर्चा है कि यह नए नियम प्रहरियो के मोटी कमाई का जरिया बन गया है। केस को कमजोड़ बना कर और डायरी में कमजोड़ सबूत पुलिस द्वारा दर्ज कर कारवारियो को ढील दी जाती है। इससे कारोबारी हो या प्रहरी दोनो की बल्ले बल्ले है। शायद यही कारण है की शराब के कारोबारी शराब सहित पकड़े जाते है। जेल जाते है और फिर तुरन्त बाहर आ जाते है और फिर वही धंधा शुरू हो जाता है। जरूरत है लोगो में सोच परिवर्तन की। पुलिस की ईमानदार छवि की। सरकार की सख्त पहल की और लोगो को अपने आप में बदलाव की। नही तो ऐसे कानून बनते रहेगे। पुलिस की सह पर समाज में भ्रष्टाचार पनपता रहेगा और पुलिस की बल्ले बल्ले होती रहेगी।

राजनितिक दल कही कालाधन का स्त्रोत तो नही 

राजकिशोर प्रसाद

आज के परिवेश में देश के सभी रजनीतिक दल कालाधन और भरष्टाचार पर कोहराम मचा रहें हैं। सभी कालेधन को बाहर करने और भ्रष्टाचार पर लगाम की खूब बखान करते हैं। किन्तु, इसके लिये सबसे पहले स्वयं को ठीक और सुधरने की जरूरत है। जब तक देश के करीब दो हजार राजनीतिक दले अपने आप में सुधार और पारदर्शिता नही लायेंगे तब तक यह सम्भव नही की कालाधन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगे। इसके लिये सभी राजनीतिक दल अपने अपने दल को मिलने वाले चंदे व उपहार को सार्वजनिक पारदर्शिता के साथ करें।
चुनाव आयोग ने 20 हजार तक के चंदा देनेवाले धारको के नाम सार्वजनिक नही करने के छूट से नाजायज फायदा राजनितिक दल उठाते है। जो, कालाधन और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते है। राजनितिक दल अपने खातो में भारी भरकम राशि जमा करती है। जिसे वह बीस हजार से मिलने वाले चंदे को सामिल बताती है। जिससे कालाधन उनके खातो में जमा हो जाती है। जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। इससे प्रतीत होता है कि कालाधन  खपाने की राजनीतिक दल एक मशीन बन गई।
अब यह कहने में कोई संकोच नही होंनी चाहिये की राजनीतिक दल कालाधन की स्त्रोत बन गई है। किन्तु, अब समय आ गया है कि राजनीतिक दल और नेता ईमानदार नागरिको की भावना व उसके गुस्से को समझे और उनका आदर करे। वरना, जनता धीरे धीरे सब समझ रही है। जब जनता के जेहन में समझदारी होगी तो एक आमूल परिवर्तन का वक्त आ जायेगा। इसके लिये दिसम्बर 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण के दौरान अपने मन की बात रखी थी।
चुनाव आयोग ने भी जनप्रतिनिधित्व कानून को सख्त बनाने की वकालत करते हुये इसमें सुधार की जरूत बताई है। इसके लिये चंदे की दो हजार राशि तक को सार्वजनिक करने की बात कही है। किन्तु, इसमें भी कालाधन खपाने की गुंजाइस है। सारे चंदे व उपहार जब तक पारदर्शिता के साथ सार्वजनिक नही होंगे तब तक कालाधन और भ्रष्टाचार पर लगाम की बात करना जनता के साथ बेईमानी होगी। साथ ही देश में सभी चुनाव एक साथ हो। ताकि, कालेधन व भ्रष्टाचार पर नियंत्रण हो सके। कोई भी व्यक्ति, वर्ग, समूह या संस्था किसी राजनीतिक दल को चन्दा देने के पीछे कोई न कोई फायदे की मंशा रखती है। हालांकि प्रधनमंत्री ने चरणबद्ध तरीके से इसे खत्म करना चाहतें हैं और इसके लिए चुनाव आयोग भी खाका तैयार कर रही है।

भारत ने चीन को चेताया: अरूणाचल में दखल बर्दाश्त नही

नई दिल्ली।  चीन के बड़बोलेपन के खिलाफ अब भारत सरकार ने भी अपने तेवर कड़े कर दियें हैं। कहा कि अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसको लेकर चीन, बयानबाजी बंद करे। दरअसल, तिब्बती बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा की तवांग यात्रा को लेकर चीन की आपत्ति करने पर भारत ने कड़े तेवर दिखाए हैं। बतातें चलें कि चीन दलाई लामा पर अलगाववादी गतिविधि में शामिल रहने का आरोप लगाता रहा हैं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने स्पष्ट किया है कि दलाई लामा की अरूणाचल यात्रा पूरी तरह धार्मिक है और इसका कोई राजनीतिक तात्पर्य नहीं निकाला जाना चाहिए। गौरतलब है कि दलाई लामा 4 से 13 अप्रैल तक अरूणाचल प्रदेश का दौरा करेंगे। उनकी यात्रा को देखते हुए वेस्ट कमेंग जिले के बोमडिला में स्वागत की तैयारियां जोरो पड़ हैं।
स्मरण रहे कि चीन, पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरने का प्रयास करके पहले ही भारत को नाराज कर चुका है। इसके अतिरिक्त परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के प्रयास को अवरूद्ध करने तथा जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने के कदम को बीजिंग द्वारा रोकने को लेकर भारत चीन संबंधों में तल्खी बढ़ी हुई है।

भारत से निकाले जायेंगे रोहिंग्या मुसलमान

नई दिल्ली। केन्द्र की सरकार रोहिंग्या मुसलमानो को लेकर सख्त हो गई है। इससे करीब दस हजार रोहिंग्या मुसलमानो में खलबली मची है। सूत्र बतातें हैं कि मोदी की सरकार रोहिंग्या मुसलमानो की पहचान करके उन्हें देश निकाला का आदेश देने का मन बना लिया है। दरअसल, रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार के मूल निवासी है और अवैध तरीके से भारत में रहते आयें हैं।
रोहिंग्या मुसलमानों के मुददे पर केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी और इसी के बाद इनके निकाले जाने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान करने और उन्हें वापस उनके देश भेजने की पुष्टि की हैं। रोहिंग्या ज्यादातर जम्मू और साम्बा जिलों में रह रहे हैं। ये लोग म्यांमार से भारत-बांग्लादेश सीमा, भारत-म्यांमार सीमा या फिर बंगाल की खाड़ी पार करके अवैध तरीके से भारत आए हैं। इनकी संख्या करीब दस हजार बताई जा रही है।  इसके अतिरिक्त देश के विभिन्न भागों में करीब 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान अवैध तरीके से रह रहे हैं।

कुंवारी माँ ने नवजात को डुबो कर मारा

हैदराबाद। कुंवारी माँ ने लोकलाज के भय से अपने ही नवजात को पानी में डुबो कर मार डाला है। घटना हैदराबाद के एक प्राइवेट अस्पताल की है। युवती की उम्र 22 वर्ष है और वह तेलंगाना की खम्मम जिले की रहने वाली है।
अस्पताल में उसने कुछ समय पहले एक लैब तकनीशियन के रूप में ज्वाइन किया था। जब वह अस्पताल में नौकरी शुरू की थी तब वह छह महीने की गर्भवती थी। रात करीब 1:30 बजे कर्मचारियों को वॉशरूम में बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी थी। अस्पताल के एक सीनियर मैनेजर अपने दो नर्स के साथ वॉशरूम में पहुंचे तो देखा कि युवती बच्चे को पानी से भरे बाल्टी में डुबो रही थी और युवती के शरीर से ब्लीडिंग हो रहा था।

पाकिस्तान में सिर ढ़कने के लिए गुफा खोदते है लोग

पाकिस्तान। खुद को परमाणु संपन्न राष्ट्र कहने वाले पाकिस्तान की बड़ी आबादी आज भी सिर ढ़कने के लिए गुफाओं में रहने को विवश है। पेशावर के निकट तोरखम मेन हाईवे के पास शगाई किला के आसपास वाले इलाके में 3000 से 4500 लोग गुफाओं में रहते हैं।
जानकारो की माने तो शगाई क्षेत्र के कट्टा कुश्ता और अली मस्जिद इलाके में आज भी बड़ी संख्या में पाकिस्तान के गरीब लोग सिर ढ़कने के लिए गुफाओं में रह रहे हैं। हालांकि, यहां रहने वाले अफ्रीदी की माने तो मैदानों पर बने घरों से ज्यादा गुफाओं में जिंदगी आराम दायक है। अफ्रीदी के अनुसार गुफाओं में रहना एक पुराना तरीका है। लेकिन कुछ लोग इसलिए भी गुफाओं में रहना पसंद करते हैं, क्योंकि उनके पास रहने के लिए अपना मकान नही है।  जनसंख्या ज्यादा होने और जगह की कमी होने के कारण यहां रहने वालें लोग अपनी आवश्यकतानुसार गुफा खोद लेते हैं।