बुधवार, जुलाई 16, 2025
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अशोक से लेकर नीतीश तक, दिलचस्प है बिहार की राजनीति

क्या आपने कभी सोचा है कि जिस बिहार से सम्राट अशोक ने दुनिया को प्रशासन का पाठ पढ़ाया, वहीं आज उसी बिहार को अराजकता की प्रयोगशाला क्यों कहा जाता है?
इस विशेष वीडियो रिपोर्ट में जानिए बिहार की दो हजार साल पुरानी प्रशासनिक विरासत से लेकर 2025 के चुनावी रणभूमि तक का सियासी सफर।
कैसे संपूर्ण क्रांति से निकले नेताओं ने सत्ता की तस्वीर बदली, और कैसे सुशासन के वादे, जंगलराज के शोर में दबते चले गए?
क्यों कांग्रेस बिहार में हाशिये पर पहुंची? क्या नीतीश कुमार का युग समाप्ति की ओर है?
क्या बिहार फिर से नेतृत्व करेगा देश को? या राजनीति की दलदल में और गहराता जाएगा?

लाबुबू डॉल क्या है?

What Are Labubu Dolls?

लाबुबू डॉल्स छोटे से दैत्य जैसे खिलौने हैं, जिनकी विशेषताएँ उनके बड़े-बड़े आंखें और तीखे दांत हैं। ये विचित्र पुतले हांगकांग के कलाकार कासिंग लंग द्वारा डिज़ाइन किए गए थे। प्रारंभ में ये कलेक्टिबल आइटम केवल एक सीमित बाजार में थे, लेकिन अब इनका आकर्षण पूरी दुनिया में फैल चुका है। कासिंग लंग ने इन्हें अपनी किताब “द मॉन्स्टर्स” से प्रेरित होकर डिज़ाइन किया था, जिसमें एक महिला एल्फ जैसी प्रजाति के किरदार होते हैं। लाबुबू का चेहरा एक mischievous (चंचल) मुस्कान और बढ़े हुए फीचर्स से भरा हुआ है।

शुरुआत में यह डॉल एक साधारण और सस्ते कलेक्टिबल आइटम के रूप में था, लेकिन अब यह एक हाई-एंड कलेक्टिबल आइटम बन चुका है। हाल ही में, इन डॉल्स के मूल्य में भारी वृद्धि देखी गई है, और कुछ डॉल्स अब हजारों डॉलर में बिक रहे हैं। इनकी अजीब और आकर्षक डिज़ाइन ने कलेक्टर्स और फैन्स का ध्यान आकर्षित किया है, लेकिन साथ ही कुछ ऑनलाइन थ्योरीज़ भी उत्पन्न हो गई हैं।

लाबुबू डॉल्स पर विवाद

लाबुबू डॉल्स के बारे में सभी की राय सकारात्मक नहीं है। कुछ उपयोगकर्ताओं ने TikTok और Reddit जैसी प्लेटफॉर्म्स पर दावा किया है कि ये डॉल्स “डार्क एनर्जी” उत्पन्न करती हैं। एक व्यक्ति ने तो अपनी लाबुबू डॉल को जलाते हुए इसका वीडियो भी बनाया, जिसमें उसने कहा कि यह डॉल एक ऐसे दैत्य द्वारा शापित है, जिसने उसकी जिंदगी को लगभग बर्बाद कर दिया। इस घटना ने लाबुबू डॉल्स को लेकर चिंताएँ और बढ़ा दी हैं।

द सिम्पसंस और पाजुज़ू का कनेक्शन

लाबुबू डॉल्स के बारे में चर्चा और बढ़ी जब द सिम्पसंस के एक पुराने एपिसोड का वीडियो फिर से वायरल हुआ। इस 2017 के Treehouse of Horror एपिसोड में होमर सिम्पसन एक पिज़्ज़ा का ऑर्डर करता है, लेकिन उसे एक दैविक पाजुज़ू की मूर्ति मिलती है। इसके बाद, पाजुज़ू की मूर्ति से कई डरावने घटनाएँ शुरू होती हैं, जिनमें बेबी मैगी का पोज़ेशन भी शामिल होता है।

यह एपिसोड अब लाबुबू डॉल्स से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, लाबुबू और पाजुज़ू की आकृति में कोई समानता नहीं है, फिर भी कुछ उपयोगकर्ताओं का कहना है कि इन दोनों का “वाइब” बहुत ही समान है। पाजुज़ू को आमतौर पर पंखों, कुत्ते के चेहरे और पंजों के साथ चित्रित किया जाता है, लेकिन फैन्स का कहना है कि लाबुबू का अजीब आकर्षण और भयावह ऊर्जा उसे पाजुज़ू के जैसा बनाती है।

सोशल मीडिया पर लोग इन दोनों को जोड़ने लगे हैं, और एक यूज़र ने लिखा, “लाबुबू = पाजुज़ू। अपने घर में दैत्य न लाओ।” एक और उपयोगकर्ता ने यह भी कहा कि द सिम्पसंस में होमर ने पाजुज़ू की मूर्ति घर लाई थी, जिसके बाद वह उससे प्रभावित हो गया था। उन्होंने कहा कि लाबुबू डॉल्स भी वही ऊर्जा उत्पन्न करती हैं, इसलिए ये खतरनाक हो सकती हैं।

लाबुबू का कलेक्टिबल से सांस्कृतिक भय में रूपांतरण

लाबुबू डॉल्स का एक साधारण कलेक्टिबल से लग्जरी आइटम में बदलना इस भय को और बढ़ा दिया है। एक समय में $10 की कीमत पर मिलने वाली ये डॉल्स अब रीसैल प्लेटफॉर्म्स पर हजारों डॉलर में बिक रही हैं। इस अप्रत्याशित मूल्य वृद्धि और अजीब डिज़ाइन ने कई लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि इसका लोकप्रिय होना बस एक संयोग नहीं हो सकता।

इसी दौरान एक वायरल AI-जनरेटेड इमेज सामने आई, जिसमें पाजुज़ू और लाबुबू की तुलना की गई। इसने और भी भय और दैविक प्रतीकवाद को जन्म दिया और कुछ आत्म-घोषित आध्यात्मिक प्रभावकों ने अपने अनुयायियों को लाबुबू डॉल्स से बचने की सलाह दी। अब लाबुबू डॉल्स एक सांस्कृतिक प्रतीक बन चुकी हैं, जिनके बारे में डर, भय और अफवाहें तेजी से फैल रही हैं।

तथ्य और शंका

हालांकि इंटरनेट पर बहुत से लोग लाबुबू डॉल्स के बारे में अफवाहें फैला रहे हैं, लेकिन कुछ विशेषज्ञ इन दावों का खंडन कर रहे हैं। स्नोप्स जैसी फेक्ट-चेकिंग वेबसाइट ने इन थ्योरीज़ को सीधे तौर पर खारिज किया है। स्नोप्स का कहना है कि लाबुबू डॉल्स पाजुज़ू या किसी भी दैविक प्राणी से जुड़ी नहीं हैं। वेबसाइट ने यह भी स्पष्ट किया कि कासिंग लंग ने अपनी खुद की पात्रों से प्रेरित होकर लाबुबू डॉल्स डिज़ाइन किए हैं, और इसका पौराणिक कथाओं या दैवीय शक्तियों से कोई लेना-देना नहीं है।

इसके बावजूद, इंटरनेट पर इन दावों को नकारा नहीं किया जा रहा। अफवाहों और डर की मेम-फिकेशन ने इस चर्चा को और बढ़ा दिया है। लाबुबू अब सिर्फ एक कलेक्टिबल खिलौना नहीं बल्कि एक दैविक मिथक और आध्यात्मिक सिद्धांत का हिस्सा बन चुका है।

लाबुबू का भविष्य

लाबुबू डॉल्स का भविष्य अभी भी अनिश्चित है। क्या यह एक लक्जरी स्टेटस सिम्बल बनेगी या फिर यह एक और सांस्कृतिक अफवाह का हिस्सा बन जाएगी? आने वाले समय में ही इसका जवाब मिलेगा। लेकिन एक बात तो तय है कि लाबुबू डॉल्स का इन दिनों काफी आकर्षण है और यह विवाद, भय और फैशन के बीच एक दिलचस्प मिश्रण बन चुकी हैं।

अभी के लिए, लाबुबू डॉल्स का संबंध पौराणिकता, पॉप कल्चर और इंटरनेट डर से बहुत गहरे जुड़ा हुआ है। चाहे आप इसे एक क्यूट कलेक्टिबल समझें या फिर इसे एक शापित वस्तु, लाबुबू डॉल्स का इस समय सांस्कृतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण स्थान है।

FAQs

लाबुबू डॉल क्या है?
लाबुबू एक कलेक्टिबल डॉल है जिसे कासिंग लंग ने डिज़ाइन किया है। यह तीखे दांत और बड़ी आंखों के साथ एक विचित्र दैत्य जैसा दिखता है। हाल ही में इसे काफी प्रसिद्धि मिली है।

पाजुज़ू कौन है?
पाजुज़ू एक दैत्य है जो प्राचीन मेसोपोटामियाई पौराणिक कथाओं में प्रकट होता है। यह बुराई और हानि से जुड़ा हुआ है।

लाबुबू इतना प्रसिद्ध क्यों हुआ?
लाबुबू डॉल्स की प्रसिद्धि उनके अद्वितीय डिज़ाइन और पाजुज़ू से जुड़े वायरल कनेक्शंस के कारण हुई है। यह अब एक लक्जरी कलेक्टिबल आइटम बन चुका है।

क्या लाबुबू डॉल्स का पाजुज़ू से कोई संबंध है?
नहीं, लाबुबू डॉल्स का पाजुज़ू से कोई आधिकारिक संबंध नहीं है। हालांकि, इंटरनेट पर इन दोनों के बीच समानताएँ जोड़ी जा रही हैं, लेकिन इसका कोई पौराणिक आधार नहीं है।

क्या लाबुबू डॉल्स शापित हैं?
कुछ लोग दावा करते हैं कि लाबुबू डॉल्स शापित हैं, लेकिन इस दावे का कोई प्रमाण नहीं है। ये थ्योरीज़ सोशल मीडिया पर फैल रही हैं, लेकिन तथ्य आधारित कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

अनुपमा में वनराज की वापसी: सुधांशु पांडे की जगह लेंगे रोनित रॉय, जानें क्या है नया ट्विस्ट

Anupama Show Update: Vanraj to Return in New Twist with Ronit Roy Replacing Sudhanshu Pandey

टीवी का पॉपुलर शो अनुपमा अपने हाई-वोल्टेज ड्रामा से दर्शकों को लगातार बांधे रखे हुए है। फिलहाल शो का ट्रैक कोठारी फैमिली और अनुपमा के इर्द-गिर्द घूम रहा है। हालांकि, शाह परिवार की कहानी पहले जैसी दिलचस्प नहीं रही है। इस बीच, मेकर्स दर्शकों को फिर से एक जबरदस्त ट्विस्ट देने के लिए वनराज शाह के किरदार की वापसी की योजना बना रहे हैं। लेकिन, यह शख्स सुधांशु पांडे नहीं, बल्कि एक नया चेहरा होगा – रोनित रॉय।

वनराज शाह का किरदार फिर से होगा अहम

यह खबर सामने आ रही है कि अनुपमा शो में वनराज शाह का किरदार एक बार फिर से लौटेगा। हालांकि, इस बार वह सुधांशु पांडे नहीं बल्कि रोनित रॉय द्वारा निभाया जाएगा। रोनित रॉय को टीवी और फिल्मों में उनके शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है, और अब उनका यह नया किरदार शो के लिए एक नया मोड़ लेकर आएगा।

चिराग पासवान और वनराज का कनेक्शन

जब से सुधांशु पांडे के वनराज शाह का किरदार शो से हटाया गया है, तब से शाह परिवार की कहानी में वह खास बात नहीं रही। फैंस को वनराज की वापसी का इंतजार था, और अब शो के मेकर्स ने इसे साकार करने का फैसला किया है। लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि इस बार वनराज के रूप में नया चेहरा देखने को मिलेगा। रोनित रॉय की एंट्री शो में नई ऊर्जा का संचार कर सकती है।

मेकर्स की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं

अब तक, शो के मेकर्स ने वनराज के किरदार की वापसी को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। हालाँकि, यह काफी समय से चर्चा में है कि शो में एक और लीप आ सकता है और वनराज को कुछ अलग अंदाज में पेश किया जा सकता है। यह बदलाव फैंस के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं होगा, खासकर उन लोगों के लिए जो वनराज के किरदार को मिस कर रहे थे।

क्या वनराज की वापसी से अनुपमा की जिंदगी में आएंगी नई मुसीबतें?

शो में इस समय अनुपमा की जिंदगी में डांस कॉम्पिटीशन का ट्रैक चल रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनुपमा अहमदाबाद लौटेगी, और इसके बाद वनराज शाह की वापसी से उसकी जिंदगी में नए संघर्ष सामने आ सकते हैं। वनराज के इस बार के किरदार में बदलाव हो सकता है, जिससे शो में और भी ट्विस्ट देखने को मिलेंगे।

प्रार्थना और अंश का रोमांटिक ट्रैक भी अहम होगा

शो में फिलहाल प्रार्थना और अंश के रिश्ते की कहानी भी दिखायी जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों जल्द ही शादी करने का विचार कर सकते हैं। वनराज शाह की वापसी से इस ट्रैक में भी कुछ नया मोड़ आ सकता है, जिससे दर्शकों को और रोमांचक घटनाएं देखने को मिलेंगी।

रोनित रॉय का अभिनय: क्या बदलाव आएगा?

रोनित रॉय का शो में एंट्री लेना शो के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है। उनका अभिनय इस शो को एक नई दिशा दे सकता है, और दर्शकों को एक नए अनुभव से रूबरू करवा सकता है। उनका लुक, स्टाइल और अभिनय में बदलाव शो की कहानी को एक नया रूप दे सकते हैं।

शो की आगे की कहानी में क्या होगा नया?

अनुपमा शो का ट्रैक हमेशा ही अपने ट्विस्ट्स और रोमांचक मोड़ों के लिए जाना जाता है। अब, वनराज शाह का किरदार और रोनित रॉय की एंट्री कहानी को और दिलचस्प बना सकती है। इसके साथ-साथ अनुपमा की जिंदगी में नई मुश्किलें और संघर्ष सामने आ सकते हैं, जो दर्शकों को और भी उत्सुक बनाएंगे।

क्या शो के मेकर्स ने सही फैसला लिया है?

जब से वनराज शाह का किरदार शो से हटा था, तब से शाह परिवार का हिस्सा कम दिलचस्प लगने लगा था। फैंस ने लगातार वनराज की वापसी की मांग की थी, और अब रोनित रॉय की एंट्री से ऐसा लगता है कि मेकर्स ने सही दिशा में कदम उठाया है।

अंत में, क्या होगा वनराज का किरदार?

शो में आने वाले समय में वनराज शाह के किरदार का क्या रोल होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या वह अनुपमा की जिंदगी में फिर से समस्याएं लाएंगे, या फिर वह कुछ और ही करेंगे? इसका जवाब केवल समय ही देगा, लेकिन इतना जरूर है कि रोनित रॉय के साथ वनराज का किरदार शो में एक नया मोड़ लेने जा रहा है।

इस नए ट्विस्ट के साथ, अनुपमा शो में रोमांच और ड्रामा का एक और स्तर जुड़ने वाला है। रोनित रॉय की एंट्री दर्शकों के लिए एक बेहतरीन अवसर हो सकती है, और यह शो को और भी दिलचस्प बना सकती है। शो के आगे की कहानी में आने वाले परिवर्तन से उम्मीद की जा रही है कि यह शो और भी लोकप्रिय होगा।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एनडीए के अंदर बढ़ी तकरार

Bihar Assembly Election 2025: Tensions Rise Within NDA

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। दोनों प्रमुख गठबंधन चुनावी रणनीति और सीट बंटवारे पर बातचीत कर रहे हैं, लेकिन इस दौरान एनडीए के अंदर दबाव की राजनीति भी सामने आने लगी है। इस समय एनडीए में ही चिराग पासवान और जीतनराम मांझी के बीच एक तकरार देखने को मिल रही है। दोनों ने गठबंधन धर्म को लेकर अलग-अलग बयान दिए हैं, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।

चिराग पासवान का बयान: नीतीश कुमार पर हमला

चिराग पासवान, जो एलजेपी के नेता हैं, बिहार की वर्तमान सरकार पर लगातार हमलावर रहे हैं। उन्होंने नीतीश कुमार का नाम लिए बिना पुलिस और शासन व्यवस्था पर निशाना साधा है। चिराग ने कई बार 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात की है, जिससे उनके राजनीतिक महत्वाकांक्षा को साफ तौर पर देखा जा सकता है। साथ ही, चिराग ने यह भी कहा कि वह बिहार की राजनीति में और अधिक सक्रिय रूप से काम करने की इच्छा रखते हैं।

जीतनराम मांझी का बयान

इस बढ़ती राजनीतिक हलचल के बीच, जीतनराम मांझी, जो हम पार्टी के प्रमुख हैं, ने चिराग पासवान को गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत दी है। मांझी का कहना है कि एनडीए में रहते हुए गठबंधन के भीतर किसी भी प्रकार का विघटन बिहार के हित में नहीं होगा। हालांकि, चिराग पासवान ने मांझी के इस बयान पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनकी बहनोई, अरुण भारती, ने सोशल मीडिया पर इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

अरुण भारती का तंज

अरुण भारती, जो जमुई से सांसद हैं और चिराग के बहनोई भी हैं, ने मांझी पर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि “एक चिंटू होता है जो चाय से ज्यादा केतली गर्म की कहावत को सच करता है।” इस ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया गया, लेकिन इसे मांझी के संदर्भ में ही देखा जा रहा है। अरुण भारती का यह तंज सीधे तौर पर मांझी की ओर था, और यह सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।

एनडीए के भीतर बढ़ती समस्याएं

चिराग पासवान और जीतनराम मांझी के बीच यह तकरार एनडीए के भीतर के राजनीतिक संकट को उजागर करती है। हालाँकि, दोनों नेताओं ने यह स्पष्ट किया है कि वे एनडीए में रहते हुए चुनाव लड़ेंगे, लेकिन उनके बयानों और राजनीतिक स्वार्थों के कारण आंतरिक विवाद और बढ़ सकता है।

चिराग की ओर से कभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात करना और कभी नीतीश कुमार की आलोचना करना, एनडीए में उनकी वफादारी पर सवाल खड़ा करता है। हालांकि, जीतनराम मांझी और चिराग दोनों ही कह चुके हैं कि वे एक साथ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन राजनीतिक बयानबाजी ने इसे चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

राजनीतिक धारा में विरोधाभास

चिराग पासवान ने कभी एनडीए के भीतर की राजनीति पर अपने बयान दिए हैं, तो कभी अपने अलग चुनावी आस्थाओं की बात की है। इन विरोधाभासी बयानों ने उनके राजनीतिक रुख को स्पष्ट करने में मुश्किलें खड़ी की हैं। वहीं, जीतनराम मांझी का यह बयान कि वह गठबंधन धर्म निभाना चाहते हैं, एनडीए में एक सहज और मजबूत संबंध बनाए रखने का संदेश देता है।

चुनावी रणनीति और सीट बंटवारे की चुनौतियां

जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव पास आ रहा है, एनडीए और अन्य गठबंधनों के बीच सीट बंटवारे को लेकर असहमति बढ़ रही है। पार्टी के छोटे सहयोगी, जैसे एलजेपी (आर) और हम, मुख्य दलों के साथ अपने हिस्से की सीटों को लेकर चर्चा कर रहे हैं। इससे पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई और गहरी होती जा रही है।

चिराग का महत्वाकांक्षी रुख और जीतनराम मांझी की गठबंधन के प्रति वफादारी ने इस राजनीतिक संघर्ष को और जटिल बना दिया है। एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर सभी पार्टी के नेताओं को अपने-अपने हिस्से की सीटों पर जोर देना पड़ रहा है, जिससे समन्वय की आवश्यकता और बढ़ गई है।

सामाजिक मीडिया पर प्रतिक्रिया

अरुण भारती का सोशल मीडिया पर किया गया ट्वीट चर्चा का विषय बन गया है। कई राजनीतिक विश्लेषक इसे जोड़ते हुए मांझी के राजनीतिक दृष्टिकोण पर विचार कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर आ रहे प्रतिक्रियाओं से यह साफ है कि राजनीतिक विरोधाभास और बयानबाजी ने एनडीए के अंदर तनाव बढ़ा दिया है।

बिहार में सियासी समीकरण

बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच की सियासी जंग अब अपने चरम पर है। सीटों की बंटवारे को लेकर बढ़ते विवाद और नेताओं के बयानों ने 2025 चुनाव की दिशा को प्रभावित किया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन भीतर की लड़ाइयों का बिहार के वोटरों पर क्या असर पड़ेगा।

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए की विभिन्न पार्टियों के बीच तनाव और महागठबंधन के साथ उनकी सुरक्षात्मक राजनीति को देखते हुए इस चुनावी माहौल में विभिन्न सियासी हलचलें सामने आएंगी।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए के अंदर यह तनावपूर्ण स्थिति किसी भी राजनीतिक गठबंधन के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है। चिराग पासवान और जीतनराम मांझी के बीच के तकरार ने यह साफ कर दिया है कि एनडीए को अपनी राजनीतिक रणनीतियों को लेकर गंभीरता से पुनः विचार करना होगा।

जहां चिराग पासवान ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं स्पष्ट की हैं, वहीं जीतनराम मांझी के गठबंधन के प्रति विश्वास ने दिखाया है कि किसी भी गठबंधन को संगठित रखने के लिए सामूहिक हितों को प्राथमिकता देनी होगी।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए कैसे इन आंतरिक संघर्षों को हल करता है और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी सीट-बंटवारे की रणनीति को किस प्रकार प्रस्तुत करता है।

मुजफ्फरपुर में रोजगार मेला : युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर

Bihar Employment Fair: A Golden Opportunity for Job Seekers in Muzaffarpur

बिहार में 17 जुलाई 2025 को एक रोजगार शिविर का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर उन बेरोजगार युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका है, जो औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्र में नौकरी की तलाश में हैं। इस शिविर में 30 पदों पर भर्ती की जाएगी। यह आयोजन बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग द्वारा अवर प्रादेशिक नियोजनालय, मुजफ्फरपुर के तत्वावधान में किया जाएगा। यह शिविर गन्नीपुर स्थित संयुक्त श्रम नियोजनालय भवन में होगा और शिविर का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा।

भर्ती के पद और कंपनियां

इस शिविर में Skillz Desk Pvt. Ltd. द्वारा भाग लिया जाएगा। इसके माध्यम से Bajaj Auto, Tata Motors और Career Media जैसी प्रमुख कंपनियों में पदों पर भर्ती की जाएगी। भर्ती होने वाले पदों में DET (Diploma Engineer Trainee), Assembly Trainee और Career Media Trainee जैसे पद शामिल हैं।

यह शिविर खासकर उन युवाओं के लिए है जो तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। चयनित उम्मीदवारों को इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए और सही दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।

वेतन और अन्य लाभ

इस रोजगार शिविर के तहत जो चयनित उम्मीदवार होंगे, उन्हें ₹17,000 से ₹18,000 तक का मासिक वेतन मिलेगा। इसके अलावा, कैंटीन, बस सेवा, यूनिफॉर्म, जूते, चिकित्सीय सुविधाएं, और इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी।

उम्मीदवारों को यह अवसर भारत के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों जैसे पुणे, अहमदनगर (महाराष्ट्र) और अहमदाबाद (गुजरात) में काम करने का मिलेगा। ये जगहें उद्योगों के लिए प्रमुख केंद्र हैं और वहां काम करने से उम्मीदवारों को विस्तृत अनुभव प्राप्त होगा।

आवश्यकताएं और पात्रता

इस रोजगार शिविर में भाग लेने के लिए उम्मीदवारों की आयु सीमा 18 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए। उम्मीदवारों को शैक्षिक प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, और बायोडाटा साथ लाना आवश्यक है। यह दस्तावेज़ रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान काम आएंगे।

क्यों है यह रोजगार शिविर महत्वपूर्ण?

यह रोजगार शिविर खासकर उन युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्रों में करियर की तलाश कर रहे हैं। Bajaj Auto और Tata Motors जैसी नामचीन कंपनियों में काम करने का मौका मिलेगा। यह उन युवाओं के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है जो लंबे समय से स्थिर नौकरी की तलाश में हैं।

शिविर में भाग लेने के लाभ

  • मासिक वेतन ₹17,000 से ₹18,000 तक।

  • कैंटीन सुविधा, बस सेवा, और स्वास्थ्य बीमा जैसी सुविधाएं।

  • पुणे, अहमदनगर, और अहमदाबाद में कार्यस्थल।

  • एक अच्छा करियर ग्रोथ अवसर।

  • Tata Motors, Bajaj Auto जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में काम करने का मौका।

कैसे करें इस रोजगार शिविर में भागीदारी

इस शिविर में भाग लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज जैसे शैक्षिक प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, और बायोडाटा लेकर पहुंचें। चूंकि सीटें सीमित हैं, इसलिए समय पर पहुंचना बेहद आवश्यक है। उम्मीदवारों को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए सक्रिय रूप से इस शिविर में भाग लेना चाहिए।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • शैक्षिक प्रमाणपत्र (कक्षा 10वीं, 12वीं और डिग्री, यदि लागू हो)

  • आधार कार्ड

  • बायोडाटा (Resume)

सुविधाएं और अन्य जानकारी

यह शिविर उन युवाओं के लिए है, जो औद्योगिक क्षेत्र में करियर की शुरुआत करना चाहते हैं। यहां मिलने वाली सुविधाएं और वेतन काफी आकर्षक हैं, और चयनित उम्मीदवारों को कई लाभ मिलेंगे।

कैरियर की दिशा में एक कदम आगे

इस शिविर में भाग लेकर, उम्मीदवार अच्छी कंपनियों में काम करने का मौका पा सकते हैं। साथ ही, इन कंपनियों में काम करने से कैरियर में प्रगति और नई दिशाएं मिल सकती हैं। रोजगार के इस अवसर से उम्मीदवारों के जीवन में बदलाव आ सकता है, और यह उनके भविष्य को एक नई दिशा दे सकता है।

नियमित रूप से आयोजित होने वाली इस तरह की शिविरों से लाभ उठाएं

बिहार सरकार समय-समय पर ऐसे रोजगार शिविरों का आयोजन करती रहती है। ये शिविर युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होते हैं क्योंकि इन्हें एक ही जगह पर कई नौकरी के अवसर मिल जाते हैं। इसके अलावा, यह उन युवाओं के लिए है जो स्थिर रोजगार और आर्थिक सुरक्षा की तलाश में हैं।

मुजफ्फरपुर रोजगार शिविर 17 जुलाई 2025 को एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकता है। जो युवा औद्योगिक क्षेत्र और तकनीकी क्षेत्रों में नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उनके लिए यह शिविर बहुत फायदेमंद होगा। विभिन्न कंपनियों के साथ जुड़कर उन्हें अच्छा वेतन और सुविधाएं मिल सकती हैं।

अंत में, यह सलाह दी जाती है कि सभी इच्छुक उम्मीदवार आवश्यक दस्तावेज लेकर समय पर इस शिविर में पहुंचें और अपने कैरियर को नई दिशा देने के इस अवसर का लाभ उठाएं।

भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: बातचीत जारी, लेकिन कोई ठोस फैसला नहीं

India-US Trade Agreement: No Final Deal Yet, But Negotiations Continue
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता पर अभी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है। इसी बीच, अमेरिका ने इंडोनेशिया के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता करने की घोषणा की है। यह समझौता उस समय हुआ है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में व्यापारिक साझेदारों को 1 अगस्त तक शुल्क बढ़ाने की चेतावनी दी थी। इस समझौते में इंडोनेशिया और अमेरिका के बीच 19% टैरिफ की दर तय की गई है।

अमेरिका और इंडोनेशिया के बीच समझौता

डोनाल्ड ट्रंप ने 15 जुलाई 2025 को ऐलान किया कि अमेरिका और इंडोनेशिया के बीच एक नया टैरिफ समझौता हुआ है। इसके तहत, इंडोनेशिया से अमेरिका आने वाले उत्पादों पर 19% टैक्स लगेगा, जबकि अमेरिका से इंडोनेशिया में जाने वाले उत्पादों पर कोई शुल्क नहीं होगा। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “इंडोनेशिया 19% टैक्स देगा, और हम कुछ नहीं देंगे। अब हमें इंडोनेशिया तक पूरी पहुंच मिल रही है।”

यह समझौता उस समय हुआ है जब ट्रंप ने पहले ही कई देशों को टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी थी, और इंडोनेशिया इस मामले में पहला देश है जिसने ट्रंप के साथ टैरिफ समझौता किया है।

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर अभी बातचीत जारी है। हालांकि, दोनों देशों के बीच कृषि और डेयरी उत्पादों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है, जिससे समझौता अभी तक अटका हुआ है। इन क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच मतभेद मुख्य वजह बने हैं।

ट्रंप ने इंडोनेशिया के साथ समझौता होने के बाद दावा किया कि भारत भी इंडोनेशिया की तर्ज पर अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करेगा। उन्होंने कहा, “भारत भी उसी दिशा में काम कर रहा है। हमें भारत तक पूरी पहुंच मिल रही है। अब हम उन देशों से व्यापार कर पा रहे हैं, जहां पहले हम नहीं जा सकते थे।”

भारत के दृष्टिकोण से व्यापार समझौता

हालांकि भारत ने ट्रंप के बयान को हल्के में लिया है और यह स्पष्ट किया है कि वह किसी भी व्यापार समझौते को तभी स्वीकार करेगा जब यह दोनों देशों के हित में होगा। भारत का मानना है कि अगर अमेरिका कृषि और डेयरी क्षेत्रों में भारतीय उत्पादों के लिए आसान शर्तें नहीं रखेगा, तो ऐसा समझौता संभव नहीं होगा।

भारत ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने खनिज संसाधनों को अमेरिका के लिए पूर्ण पहुंच देने के लिए तैयार नहीं है, जैसा कि इंडोनेशिया ने अपने तांबे के भंडारों के मामले में किया था। इसके अलावा, भारत अमेरिका से पहले से लागू कुछ टैरिफ और ड्यूटी को भी हटाने की मांग कर रहा है।

इंडोनेशिया-अमेरिका व्यापार समझौते के लाभ

अमेरिका के लिए यह व्यापार समझौता बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है। इस समझौते से अमेरिका को इंडोनेशिया के 280 मिलियन की आबादी वाले बाजार में बिना किसी टैरिफ या गैर-टैरिफ बाधाओं के प्रवेश मिलेगा। अमेरिकी उत्पाद, जैसे ऊर्जा, कृषि उत्पाद, और विमान, अब इंडोनेशिया में बिना किसी शुल्क के निर्यात किए जा सकेंगे।

इसके अलावा, इंडोनेशिया ने अमेरिका से 15 बिलियन डॉलर की ऊर्जा खरीद, 4.5 बिलियन डॉलर के कृषि उत्पाद, और 50 बोइंग विमान खरीदने का वादा किया है। यह समझौता अमेरिका के लिए हर लिहाज से फायदेमंद है, और इससे व्यापारिक संबंधों में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हो सकती है।

व्यापार में वृद्धि और नए व्यापारिक अवसर

2024 में अमेरिका और इंडोनेशिया के बीच कुल व्यापार करीब 40 अरब डॉलर था। जबकि इंडोनेशिया अमेरिका के शीर्ष 15 व्यापारिक साझेदारों में शामिल नहीं था, दोनों देशों के बीच व्यापार में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले साल, अमेरिका से इंडोनेशिया को निर्यात में 3.7% की बढ़ोतरी हुई, जबकि वहां से आयात में 4.8% की वृद्धि दर्ज की गई।

इस समझौते से अमेरिका का इंडोनेशिया के साथ वस्तुओं का व्यापार घाटा भी कम हो सकता है, जो पिछले वर्ष 18 अरब डॉलर था। अब यह संभावना बन रही है कि अमेरिका और इंडोनेशिया के बीच व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे।

भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: क्या हो सकता है भविष्य?

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते के बारे में कई पहलू अभी भी चर्चा में हैं। दोनों देशों के बीच अब तक जो भी बातचीत हुई है, उसमें कृषि और डेयरी उत्पादों रहा है। भारत अपनी कृषि नीति और डेयरी उद्योग को सुरक्षित रखने के लिए कुछ समझौतों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।

वहीं, अमेरिका ने अपनी व्यापारिक पहुंच बढ़ाने के लिए भारत से कृषि उत्पादों और तकनीकी वस्तुओं के आयात की मांग की है। हालांकि, भारत के सामने अपनी स्वदेशी अर्थव्यवस्था और कृषि उत्पादों को खतरे में डालने का सवाल है।

अमेरिका और इंडोनेशिया के बीच टैरिफ समझौता ने दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में एक नई दिशा दी है, लेकिन भारत और अमेरिका के बीच यह प्रक्रिया अभी लंबी और कठिन है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल तब ही समझौता करेगा जब यह दोनों देशों के हित में होगा।

भारत और अमेरिका के बीच कोई व्यापार समझौता एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है, यदि इसमें भारत के हितों का उचित ध्यान रखा जाए। भारत का ध्यान अब अपने कृषि और खनिज संसाधनों की रक्षा करने पर है, और वह किसी भी समझौते से पहले इस बात को सुनिश्चित करना चाहता है कि यह समझौता दोनों देशों के दीर्घकालिक लाभ में होगा।

जो रूट ने ICC मेन्स टेस्ट बैटिंग रैंकिंग में फिर से हासिल की नंबर 1 की स्थिति

Joe Root Reclaims Top Spot in ICC Men’s Test Batting Rankings
जो रूट ने इंग्लैंड और भारत के बीच लार्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में अपनी शानदार 104 और 40 रन की पारियों के बाद ICC मेन्स टेस्ट बैटिंग रैंकिंग में फिर से नंबर 1 की स्थिति हासिल कर ली। इंग्लैंड ने इस मैच में भारत को 22 रन से हराया था।

रूट के 888 रेटिंग पॉइंट्स हैं, और उन्होंने अपने टीममेट हैरी ब्रूक को पीछे छोड़ते हुए नंबर 1 की रैंकिंग में वापसी की। यह रूट का आठवां मौका है जब वह टेस्ट बैटिंग रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंचे हैं। इस समय वह 34 साल के हैं और नंबर 1 पर रहने वाले सबसे पुराने बल्लेबाजों में से दूसरे स्थान पर हैं। उनसे पहले कुमार संगकारा ने 37 साल की उम्र में 2014 दिसंबर में यह स्थान हासिल किया था।

जो रूट का करियर और रैंकिंग उपलब्धियां

जो रूट का करियर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों से भरा हुआ है। टेस्ट क्रिकेट में नंबर 1 बल्लेबाज बनना उनके निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन का प्रमाण है। उनकी कड़ी मेहनत और तकनीकी कौशल ने उन्हें दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में शामिल किया है। उनका यह आठवां मौका है जब उन्होंने टेस्ट रैंकिंग में नंबर 1 की स्थिति प्राप्त की है।

रूट का यह प्रदर्शन इंग्लैंड के टेस्ट क्रिकेट में उनके योगदान को और मजबूत करता है। उनकी बल्लेबाजी का कोई मुकाबला नहीं, और उन्होंने हमेशा अपनी टीम को संकट से उबारा है।

स्टीव स्मिथ का चौथे स्थान पर आना और कैमरन ग्रीन का रैंकिंग में उछाल

स्टीव स्मिथ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जमैका में तीसरे टेस्ट मैच में अपनी कठिन पारी के बाद एक स्थान की उछाल ली। उन्होंने 48 रन बनाए और टेस्ट बैटिंग रैंकिंग में चौथा स्थान हासिल किया। स्टीव स्मिथ की संचालन क्षमता और उनके साहसिक प्रदर्शन ने उन्हें दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में रखा है।

इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी कैमरन ग्रीन ने 16 स्थान की बड़ी छलांग लगाई है। ग्रीन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ कम स्कोरिंग टेस्ट में 46 और 42 रन बनाकर 29वें स्थान पर कब्जा किया। यह उनका बढ़ता हुआ प्रभाव है, और वह टेस्ट क्रिकेट में लगातार बेहतर कर रहे हैं।

भारतीय बल्लेबाजों के रैंकिंग में बदलाव

भारत के खिलाड़ियों में यशस्वी जायसवाल और रिषभ पंत को रैंकिंग में एक-एक स्थान का नुकसान हुआ। यशस्वी जायसवाल अब पांचवें स्थान पर हैं, जबकि रिषभ पंत अब आठवें स्थान पर हैं। दोनों ने पिछले कुछ महीनों में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन अब उनके रैंकिंग में गिरावट आई है।

इसके साथ ही, शुबमन गिल, जो भारत के टेस्ट कप्तान हैं, को तीन स्थान का नुकसान हुआ है। लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ उनकी निराशाजनक पारी के बाद, गिल अब नौवें स्थान पर हैं। यह गिरावट यह दर्शाती है कि टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के लिए छोटी गलतियां भी बड़ी समस्या बन सकती हैं।

टेस्ट गेंदबाजों की रैंकिंग में स्कॉट बोलैंड की जबरदस्त उछाल

आईसीसी टेस्ट गेंदबाजों की रैंकिंग में ऑस्ट्रेलिया के स्कॉट बोलैंड ने बहुत बड़ी उछाल लगाई है। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ पिंक बॉल टेस्ट में हैट-ट्रिक लेकर छह स्थान ऊपर चढ़कर छठे स्थान पर कब्जा किया। बोलैंड का शानदार प्रदर्शन इस बात का प्रतीक है कि ऑस्ट्रेलिया का गेंदबाजी आक्रमण कितना मजबूत है।

इसके अलावा, मिचेल स्टार्क भी जमैका में सात विकेट लेने के बाद 10वें स्थान पर बने हुए हैं, जबकि नथन लायन और जोश हेजलवुड भी शीर्ष 10 में मौजूद हैं।

ऑस्ट्रेलिया का दबदबा: पांच खिलाड़ी टॉप 10 में

बोलैंड की उछाल के बाद, ऑस्ट्रेलिया अब टॉप 10 गेंदबाजों में पाँच खिलाड़ियों के साथ मजबूत स्थिति में है। पैट कमिंस (तीसरे), जोश हेजलवुड (पांचवे), और नथन लायन (आठवें) के साथ ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों का दबदबा साफ दिखाई देता है।

वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की रैंकिंग में उछाल

वेस्टइंडीज के गेंदबाजों ने भी रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन किया। शमार जोसेफ ने 14वें स्थान पर पहुंचकर अपनी रैंकिंग में सुधार किया। इसके अलावा, जस्टिन ग्रीव्स और अल्जारी जोसेफ ने क्रमशः 65वें और 29वें स्थान पर चढ़ाई की। इन बदलावों से यह साफ है कि वेस्टइंडीज के गेंदबाजों ने अपने खेल में सुधार किया है।

ICC टेस्ट रैंकिंग्स का महत्व

ICC टेस्ट रैंकिंग्स में स्थानों का बदलाव खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर आधारित होता है। रैंकिंग में छोटे बदलावों के भी गहरे प्रभाव होते हैं। जो रूट, स्टीव स्मिथ, और मिचेल स्टार्क जैसे खिलाड़ी लगातार उच्च रैंक पर बने रहते हैं, जबकि नए उभरते हुए खिलाड़ी जैसे यशस्वी जायसवाल और कैमरन ग्रीन रैंकिंग में सुधार करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

आगामी चुनौतियाँ

जैसे-जैसे क्रिकेट सीजन आगे बढ़ेगा, ICC टेस्ट रैंकिंग्स में बदलाव होते रहेंगे। टेस्ट क्रिकेट में शीर्ष स्थान के लिए लगातार प्रतिस्पर्धा होती रहती है। खिलाड़ी जो रूट, स्टीव स्मिथ, और मिचेल स्टार्क अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए संघर्ष करेंगे, जबकि उभरते हुए खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल और कैमरन ग्रीन भी अपनी रैंकिंग में सुधार की कोशिश करेंगे।

जो रूट का फिर से नंबर 1 रैंक हासिल करना उनके शानदार करियर का हिस्सा है। उनका निरंतर अच्छा प्रदर्शन उन्हें टेस्ट क्रिकेट में एक महान बल्लेबाज बनाता है। रैंकिंग में होने वाले बदलाव इस बात को दिखाते हैं कि ICC टेस्ट रैंकिंग्स में हर प्रदर्शन का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। भविष्य में भी टेस्ट क्रिकेट में रैंकिंग्स का खेल जारी रहेगा, और जो रूट, स्टीव स्मिथ जैसे खिलाड़ी इस खेल में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करेंगे।

iPhone 16 सीरीज पर 22 हजार का जबरदस्त डिस्काउंट: ऐसे खरीदें iPhone 16 Pro, Max, 16e, 16 और 16 Plus

Massive Discounts on iPhone 16 Series:

Apple की मौजूदा iPhone 16 सीरीज पर अब भारी छूट दी जा रही है। अगर आप नया iPhone खरीदने का सोच रहे हैं, तो यह शानदार मौका हो सकता है। iPhone 16e से लेकर iPhone 16, iPhone 16 Plus, iPhone 16 Pro और iPhone 16 Pro Max तक, सभी मॉडल अब Flipkart, Amazon, Reliance Digital, और JioMart जैसे प्लेटफार्मों पर सस्ते में मिल रहे हैं। आइए जानते हैं, इन शानदार iPhone डील्स के बारे में।

iPhone 16e की कीमत और ऑफर्स

iPhone 16e का 128GB वेरिएंट Amazon पर ₹50,999 में लिस्ट किया गया है, जबकि यह फरवरी 2025 में ₹59,900 में लॉन्च हुआ था। इसके साथ HDFC बैंक कार्ड से भुगतान करने पर ₹1,500 का फ्लैट डिस्काउंट मिल सकता है, जिससे कीमत ₹49,499 हो जाएगी। इसके अलावा, पुराना फोन एक्सचेंज करने पर ₹47,150 तक की अतिरिक्त बचत हो सकती है। इस प्रकार, iPhone 16e अब ₹10,401 सस्ता मिल रहा है।

iPhone 16 की कीमत और ऑफर्स

iPhone 16 का 128GB वेरिएंट Flipkart पर ₹69,999 में उपलब्ध है, जबकि इसका लॉन्च प्राइस ₹79,900 था। HDFC बैंक क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर ₹4,500 का इंस्टेंट डिस्काउंट मिल सकता है, जिससे इसकी कीमत ₹65,499 हो जाएगी। एक्सचेंज ऑफर के तहत, पुराना फोन देने पर ₹46,150 तक की अतिरिक्त बचत हो सकती है। इस प्रकार, iPhone 16 अब ₹14,401 सस्ता मिल रहा है।

iPhone 16 Plus की कीमत और ऑफर्स

iPhone 16 Plus का 128GB वेरिएंट Flipkart पर ₹79,999 में लिस्ट किया गया है, जबकि इसका लॉन्च प्राइस ₹89,900 था। HDFC बैंक क्रेडिट कार्ड से ₹4,500 का डिस्काउंट मिलने पर इसकी कीमत ₹75,499 हो जाएगी। एक्सचेंज ऑफर से ₹59,500 की बचत हो सकती है। इस प्रकार, iPhone 16 Plus अब ₹14,401 सस्ता मिल रहा है।

iPhone 16 Pro की कीमत और ऑफर्स

iPhone 16 Pro का 128GB वेरिएंट Reliance Digital पर ₹1,07,199 में लिस्ट किया गया है, जबकि इसका लॉन्च प्राइस ₹1,19,900 था। IDFC बैंक क्रेडिट या डेबिट कार्ड से भुगतान पर ₹10,000 का इंस्टेंट डिस्काउंट मिल सकता है, जिससे कीमत ₹97,199 हो जाएगी। इस प्रकार, iPhone 16 Pro को ₹22,701 सस्ते में खरीदा जा सकता है।

iPhone 16 Pro Max की कीमत और ऑफर्स

iPhone 16 Pro Max का 256GB वेरिएंट JioMart पर ₹1,30,990 में उपलब्ध है, जबकि इसका लॉन्च प्राइस ₹1,44,900 था। Bank of Baroda कार्ड से 7.5% का डिस्काउंट (₹7,000 तक) मिल सकता है, जिससे प्रभावी कीमत ₹1,23,990 हो जाएगी। यह ₹21,000 की बचत है।

iPhone 16 सीरीज पर छूट कैसे प्राप्त करें

अगर आप iPhone 16 सीरीज के किसी भी मॉडल को डिस्काउंट में खरीदना चाहते हैं, तो ये आसान कदम अपनाएं:

  1. Amazon, Flipkart, Reliance Digital, या JioMart पर जाएं।

  2. अपने पसंदीदा iPhone मॉडल (iPhone 16e, iPhone 16, iPhone 16 Plus, iPhone 16 Pro, iPhone 16 Pro Max) को चुनें।

  3. उसे अपनी कार्ट में डालें और चेकआउट पर जाएं।

  4. बैंक ऑफर या डिस्काउंट के लिए चेक करें (जैसे HDFC या IDFC बैंक कार्ड ऑफर)।

  5. अगर आपके पास पुराना फोन है, तो एक्सचेंज ऑफर का उपयोग करें।

  6. भुगतान प्रक्रिया पूरी करें और सस्ते में अपना नया iPhone पाएं।

iPhone 16 सीरीज के मॉडल और उनकी कीमत

  • iPhone 16e (128GB): ₹50,999 (पहले ₹59,900) Amazon पर।

  • iPhone 16 (128GB): ₹69,999 (पहले ₹79,900) Flipkart पर।

  • iPhone 16 Plus (128GB): ₹79,999 (पहले ₹89,900) Flipkart पर।

  • iPhone 16 Pro (128GB): ₹1,07,199 (पहले ₹1,19,900) Reliance Digital पर।

  • iPhone 16 Pro Max (256GB): ₹1,30,990 (पहले ₹1,44,900) JioMart पर।

क्यों यह एक अच्छा मौका है?

Apple इस साल सितंबर 2025 में iPhone 17 सीरीज लॉन्च करने की योजना बना रहा है। नए मॉडल्स के लिए मौजूदा iPhone 16 सीरीज पर भारी डिस्काउंट दिया जा रहा है। यह उन सभी के लिए एक बेहतरीन अवसर है, जो नया iPhone खरीदना चाहते हैं। ये डिस्काउंट Flipkart, Amazon, Reliance Digital, और JioMart जैसे प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं।

इसमें अतिरिक्त बैंक डिस्काउंट्स और एक्सचेंज ऑफर्स भी दिए जा रहे हैं, जो कीमत को और भी कम कर देते हैं। चाहे आप iPhone 16e जैसा किफायती मॉडल खरीदना चाहते हों, या फिर iPhone 16 Pro Max जैसा प्रीमियम डिवाइस, ये डील्स शानदार हैं।

बैंक डिस्काउंट्स और एक्सचेंज ऑफर्स का लाभ कैसे उठाएं

बैंक ऑफर्स से आप iPhone की फाइनल कीमत को और कम कर सकते हैं। कई प्लेटफार्म्स पर HDFC और IDFC जैसे कार्ड्स पर इंस्टेंट डिस्काउंट्स दिए जा रहे हैं। इसके अलावा, यदि आपके पास पुराना डिवाइस है, तो एक्सचेंज ऑफर का लाभ उठाकर आप अधिक बचत कर सकते हैं।

एक्सचेंज प्रोग्राम और बैंक ऑफर्स की शर्तों को ध्यान से पढ़ें ताकि आपको सबसे ज्यादा लाभ मिल सके।

यह एक बेहतरीन मौका है iPhone 16 सीरीज के किसी भी मॉडल को सस्ते में खरीदने का। ₹22,701 तक की छूट के साथ, यह एक शानदार अवसर है। चाहे आप iPhone 16e खरीद रहे हों या iPhone 16 Pro Max, ये डील्स अब आपको पहले से कहीं ज्यादा सस्ती मिलेंगी। इसलिए Amazon, Flipkart, Reliance Digital, और JioMart जैसे प्लेटफार्म्स पर जाएं और अपने नए iPhone को अब सस्ते में खरीदें। सितंबर 2025 में iPhone 17 सीरीज की लॉन्चिंग के बाद ये ऑफर और भी आकर्षक हो सकते हैं।

बजरंगी भाईजान 2: कबीर खान ने किया पुष्टि, सलमान खान के साथ जारी हैं बातचीत

Kabir Khan Confirms Talks for 'Bajrangi Bhaijaan 2'

फिल्म निर्देशक कबीर खान ने यह पुष्टि की है कि वह और सलमान खान ‘बजरंगी भाईजान 2’ पर बातचीत कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वे सही कहानी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। कबीर खान ने यह भी स्पष्ट किया कि इस फिल्म का सीक्वल केवल ऑरिजिनल फिल्म के धरोहर को सम्मानित करने के लिए बनाया जाएगा, न कि केवल बॉक्स ऑफिस सफलता के लिए।

बजरंगी भाईजान 2 पर कबीर खान की टिप्पणियां

कबीर खान ने हाल ही में पिंकविला से एक इंटरव्यू में बताया कि ‘बजरंगी भाईजान 2’ पर चर्चा चल रही है। हालांकि, वह और सलमान खान किसी भी जल्दबाजी में नहीं हैं और चाहते हैं कि सीक्वल पूरी तरह से पहले फिल्म की धरोहर को बनाए रखें। कबीर ने कहा, “हमने ‘बजरंगी भाईजान 2’ के बारे में जरूर बात की है। आजकल जब सभी फ्रेंचाइजी अच्छा कर रही हैं, हम इस फिल्म के लिए बहुत सावधानी बरत रहे हैं, क्योंकि हम ‘बजरंगी भाईजान’ जैसी सबसे प्रसिद्ध फिल्म का सीक्वल सिर्फ इसलिए नहीं बनाना चाहते कि लोग इसे देखेंगे।”

सीक्वल की मूल वजह: धरोहर को सम्मान देना

कबीर खान ने यह भी साफ किया कि वह और सलमान खान किसी जल्दबाजी में नहीं हैं। उनका मुख्य उद्देश्य फिल्म का सीक्वल बनाकर उसकी धरोहर को बिगाड़ना नहीं है। “हम ‘बजरंगी भाईजान’ जैसी खूबसूरत फिल्म की धरोहर को खराब नहीं करना चाहते। अगर हमें कभी सही कहानी मिलती है, तो हम उसे लेकर ‘बजरंगी भाईजान 2’ जरूर लाएंगे,” कबीर ने कहा।

यह फिल्म उनके लिए एक स्पेशल प्रोजेक्ट है, और वह बॉक्स ऑफिस नंबर के लिए नहीं, बल्कि कहानी को सम्मान देने के लिए इसे बनाना चाहते हैं। “अगर कभी इस फिल्म का सीक्वल बनता है तो यह सही कारणों से होगा,” उन्होंने अपनी बात को खत्म किया।

कबीर खान की पिछली फिल्म और भविष्य की योजनाएं

कबीर खान की पिछली फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ थी, जिसमें कार्तिक आर्यन ने मुख्य भूमिका निभाई थी। हालांकि, इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास सफलता नहीं मिली, लेकिन कबीर खान अब भी अपने अगले प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।

वह ‘बजरंगी भाईजान 2’ के संभावित सीक्वल पर चर्चा जारी रखने के बावजूद, दर्शक अब भी इस फिल्म के बारे में आधिकारिक जानकारी का इंतजार कर रहे हैं।

बजरंगी भाईजान का सफलता और उसका प्रभाव

‘बजरंगी भाईजान’ 2015 में रिलीज हुई थी और इसने ना केवल बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई की, बल्कि दर्शकों के दिलों में भी गहरी छाप छोड़ी। फिल्म ने सलमान खान के पवन के किरदार को इतना सजीव तरीके से पेश किया कि वह आज भी दर्शकों के दिलों में है। फिल्म की कहानी एक अच्छे दिल वाले इंसान की है, जो एक मौन पाकिस्तानी लड़की को अपने देश लौटने में मदद करता है। इस फिल्म ने भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को एक मानवीय दृष्टिकोण से दिखाया और सीमाओं को पार करते हुए दर्शकों को एक भावनात्मक अनुभव दिया।

फिल्म ने ₹970 करोड़ से ज्यादा की कमाई की और सलमान खान की सबसे प्रिय फिल्मों में से एक बन गई। इसके अलावा, यह फिल्म भारत और पाकिस्तान के बीच एक शांतिपूर्ण और सकारात्मक संदेश देने के लिए भी जानी जाती है।

क्या सलमान खान कबीर खान के साथ फिर से जुड़ेंगे?

‘बजरंगी भाईजान’ की सफलता के बाद, यह संभावना है कि सलमान खान फिर से कबीर खान के साथ काम करेंगे। दोनों का साथ पहले भी ‘एक था टाइगर’ और ‘बजरंगी भाईजान’ जैसी हिट फिल्मों में रहा है। लेकिन कबीर खान और सलमान खान दोनों ने स्पष्ट किया है कि वे सही समय और कहानी का इंतजार कर रहे हैं।

सीक्वल के दबाव को लेकर कबीर खान का दृष्टिकोण

कबीर खान ने कहा कि ‘बजरंगी भाईजान’ जैसी फिल्म का सीक्वल बनाना कोई आसान काम नहीं है। फिल्म ने दर्शकों के दिलों में एक गहरी जगह बनाई है और इसका दबाव अब पहले से कहीं अधिक है। वह चाहते हैं कि सीक्वल वही गर्मजोशी और भावनात्मक गहराई लाए, जो पहले फिल्म में थी। उन्होंने कहा, “कहानी सबसे महत्वपूर्ण है। अगर हमें वही भावना और असर मिलता है, जो पहले फिल्म में था, तो सीक्वल जरूर आएगा।”

क्या ‘बजरंगी भाईजान 2’ वास्तव में बनेगी?

हालांकि यह कहना अभी जल्दी होगा कि ‘बजरंगी भाईजान 2’ पूरी तरह से बनेगी या नहीं, लेकिन कबीर खान और सलमान खान के बीच बातचीत जारी है। फिल्म के लिए सही कहानी का इंतजार किया जा रहा है। सलमान खान के लिए, कबीर खान के साथ काम करना एक सुरक्षित और सफल साझेदारी रही है, और दर्शक इस साझेदारी के फिर से लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

‘बजरंगी भाईजान 2’ का विचार उत्साहजनक है, लेकिन कबीर खान और सलमान खान चाहते हैं कि इसका निर्माण बिना किसी जल्दबाजी के किया जाए। वे चाहते हैं कि सीक्वल फिल्म की धरोहर को बनाए रखे और दर्शकों के दिलों को फिर से छुए। इस फिल्म के सीक्वल के लिए सही कहानी मिलनी जरूरी है, और तभी दोनों इस पर काम करेंगे। फिल्म का दर्शकों द्वारा हमेशा के लिए प्यार किया गया किरदार और उसकी कहानी को फिर से लाने का प्रयास कबीर और सलमान दोनों की प्राथमिकता रहेगी।

CUET UG 2025: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में यूजी प्रवेश के लिए पंजीकरण प्रक्रिया आज से शुरू

CUET UG 2025 Registration Process for Allahabad University Undergraduate Admissions

CUET UG 2025 के जरिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में यूजी प्रवेश के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया आज, 16 जुलाई 2025 से शुरू हो गई है। जो उम्मीदवार CUET UG 2025 परीक्षा दे रहे हैं और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में यूजी प्रवेश के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें alldunivcuet.samarth.edu.in पर पंजीकरण करना होगा और अपनी प्रोफाइल अपडेट करनी होगी। इस पंजीकरण प्रक्रिया की आखिरी तारीख 26 जुलाई 2025 है।

पंजीकरण प्रक्रिया के दो चरण

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में यूजी प्रवेश के लिए पंजीकरण प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी:

  1. चरण 1: पंजीकरण और प्रोफाइल अपडेट

  2. चरण 2: कार्यक्रम चयन और शुल्क भुगतान

चरण 1 में उम्मीदवारों को पहले अपना पंजीकरण और प्रोफाइल अपडेट करना होगा। इसके बाद, उम्मीदवार चरण 2 में अपने पसंदीदा कार्यक्रम का चयन करेंगे और शुल्क का भुगतान करेंगे।

पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज

पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करने से पहले, उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे विश्वविद्यालय के योग्यता मानदंड को पूरा करते हैं। इसके साथ ही, उन्हें पंजीकरण के दौरान निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

  • CUET UG 2025 का एडमिट कार्ड और स्कोर कार्ड

  • कक्षा 10 की मार्कशीट और सर्टिफिकेट

  • कक्षा 12 की मार्कशीट और सर्टिफिकेट

  • हाल की फोटो और हस्ताक्षर (.jpg या .jpeg फॉर्मेट में)

  • जाति प्रमाणपत्र (यदि लागू हो) केंद्र सरकार के प्रारूप में, जिसमें प्रमाणपत्र नंबर और जारी करने की तिथि हो

चरण 2: कार्यक्रम चयन और शुल्क भुगतान

चरण 2 में, पंजीकरण और प्रोफाइल अपडेट के बाद, उम्मीदवारों को अपनी पसंदीदा कार्यक्रमों या पाठ्यक्रमों का चयन ऑनलाइन करना होगा। इसके साथ ही, उन्हें प्रत्येक चयनित पाठ्यक्रम के लिए शुल्क का भुगतान करना होगा:

  • ₹300 सामान्य, OBC और EWS उम्मीदवारों के लिए

  • ₹150 SC, ST और PwD उम्मीदवारों के लिए

उम्मीदवारों को ध्यान देना होगा कि यदि वे एक से अधिक कार्यक्रम या पाठ्यक्रम का चयन करते हैं, तो उन्हें प्रत्येक चयन के लिए अलग से शुल्क का भुगतान करना होगा।

काउंसलिंग प्रक्रिया: क्या करें?

केवल वे उम्मीदवार जिनका पंजीकरण, प्रोफाइल अपडेट और शुल्क भुगतान पूरी तरह से सही होगा, उन्हें काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए योग्य माना जाएगा। काउंसलिंग प्रक्रिया उम्मीदवारों की प्रदर्शन के आधार पर सीट आवंटन में मदद करती है।

यह महत्वपूर्ण है कि सभी उम्मीदवार पंजीकरण, प्रोफाइल अपडेट और शुल्क भुगतान की प्रक्रिया समय पर पूरी करें। अगर यह सभी कदम पूरे नहीं होते हैं, तो उम्मीदवार काउंसलिंग के लिए योग्य नहीं होंगे।

एक से अधिक कार्यक्रम चयन

उम्मीदवारों को एक से अधिक कार्यक्रमों या पाठ्यक्रमों का चयन करने की अनुमति है। हालांकि, उन्हें प्रत्येक चयन के लिए अलग से शुल्क का भुगतान करना होगा। उम्मीदवारों को सावधानी से अपनी पसंदीदा पाठ्यक्रमों का चयन करना चाहिए और सभी शुल्क का भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए।

महत्वपूर्ण तिथियाँ और अंतिम कदम

कार्यक्रम चयन और शुल्क भुगतान पूरा करने के बाद, उम्मीदवारों को आगे की काउंसलिंग प्रक्रिया और सीट आवंटन की जानकारी के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपडेट्स प्राप्त करते रहना चाहिए।

मुख्य बिंदु

  • CUET UG 2025 पंजीकरण 16 जुलाई 2025 से शुरू हुआ है और 26 जुलाई 2025 तक चलेगा।

  • पंजीकरण प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी: पंजीकरण और प्रोफाइल अपडेट, फिर कार्यक्रम चयन और शुल्क भुगतान।

  • शुल्क संरचना: सामान्य, OBC, और EWS के लिए ₹300 प्रति पाठ्यक्रम, और SC, ST, और PwD के लिए ₹150।

  • दस्तावेज़ों की आवश्यकता: CUET UG एडमिट कार्ड, कक्षा 10 और 12 की मार्कशीट, जाति प्रमाणपत्र, और हाल की फोटो और हस्ताक्षर।

  • काउंसलिंग प्रक्रिया में केवल वही उम्मीदवार शामिल होंगे जिन्होंने सभी आवश्यक कदम पूरे किए हैं।

  • उम्मीदवारों को एक से अधिक कार्यक्रम चुनने की अनुमति है, लेकिन इसके लिए अलग-अलग शुल्क भुगतान करना होगा।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय यूजी प्रवेश प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवारों को विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से जांच करते रहना चाहिए। विश्वविद्यालय सभी महत्वपूर्ण तिथियाँ और विवरण साझा करेगा।

आधिकारिक पोर्टल का लिंक है: alldunivcuet.samarth.edu.in। उम्मीदवारों को पंजीकरण के दौरान दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए और पंजीकरण को अंतिम तिथि से पहले पूरा करना चाहिए।

इसके साथ ही, विश्वविद्यालय के आगामी प्रवेश कार्यक्रम और काउंसलिंग की प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए लगातार अधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाए रखें।

बांग्लादेश में सत्यजीत रे के पैतृक घर को गिराने के फैसले पर भारत सरकार ने जताया अफसोस

Bangladesh Government's Decision to Demolish Satyajit Ray's Ancestral Home in Mymensingh Sparks Controversy

बांग्लादेश के mymensingh में सत्यजीत रे के पैतृक घर को गिराने के बांग्लादेश सरकार के फैसले पर भारत सरकार ने गहरा अफसोस जताया है। यह ऐतिहासिक घर सत्यजीत रे के दादा उपेंद्र किशोर राय चौधरी द्वारा बनवाया गया था और यह बंगाली साहित्य और कला के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थल है। हालांकि, अब बांग्लादेश सरकार ने इसे गिराने का निर्णय लिया है और वहां एक नई इमारत बनाने की योजना बनाई है।

सत्यजीत रे के पैतृक घर का ऐतिहासिक महत्व

सत्यजीत रे, जो भारतीय सिनेमा के महान फिल्मकार हैं, उनका परिवार बांग्ला साहित्य और कला के क्षेत्र में प्रमुख योगदानकर्ता रहा है। उनके दादा उपेंद्र किशोर राय चौधरी, जो एक प्रसिद्ध लेखक और संपादक थे, ने यह घर बनवाया था। उपेंद्र किशोर को बंगाल के पुनर्जागरण का एक अहम स्तंभ माना जाता है और उन्होंने अपने समय में साहित्य, कला और समाज में योगदान दिया।

यह घर मैमनसिंह के हरिकिशोर राय चौधरी रोड पर स्थित था, और यहाँ से बांग्ला साहित्य और कला के कई महत्वपूर्ण कार्यों को जन्म मिला। यह घर न सिर्फ सत्यजीत रे के परिवार का ऐतिहासिक घर था, बल्कि बंगाली सांस्कृतिक इतिहास से भी गहरा संबंध रखता था।

भारत सरकार का बयान

भारत सरकार ने इस फैसले पर गहरी चिंता व्यक्त की है और बांग्लादेश सरकार से अपील की है कि वह इस ऐतिहासिक इमारत को गिराने के फैसले पर पुनर्विचार करे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि भारत सरकार को बेहद खेद है कि मैमनसिंह में सत्यजीत रे के दादा के घर को तोड़ा जा रहा है। यह घर बंगाल के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक था और इसके गिराने के बजाय इसे संरक्षित किया जाना चाहिए था।

बयान में यह भी कहा गया कि यह संपत्ति वर्तमान में बांग्लादेश सरकार के अधीन है और इसकी हालत खराब हो चुकी है। हालांकि, भारत सरकार ने सुझाव दिया है कि इस इमारत को गिराने की बजाय इसके मरम्मत और पुनर्निर्माण पर विचार किया जाए, ताकि यह एक साहित्यिक संग्रहालय के रूप में संरक्षित रहे और भारत-बांग्लादेश की साझा सांस्कृतिक धरोहर के रूप में अपनी पहचान बनाए रखे।

बांग्लादेश सरकार का रुख

बांग्लादेश के अधिकारियों का कहना है कि यह इमारत बहुत पुरानी हो चुकी थी और लोगों की सुरक्षा के लिए खतरे का कारण बन गई थी। मेहदी ज़मान, जो चिल्ड्रन अफेयर्स विभाग के अधिकारी हैं, ने बताया कि यह इमारत पिछले दस साल से खाली पड़ी थी और शिशु अकादमी का कामकाज किराए की दूसरी जगह से चल रहा था। अब वहां एक नई इमारत बनाने की योजना बनाई गई है, जो शिशु अकादमी के संचालन के लिए ज्यादा सुविधाजनक होगी।

बांग्लादेश के अधिकारी यह भी कहते हैं कि यह इमारत काफी पुरानी हो गई थी और इसके गिरने का डर था, जिससे बच्चों की सुरक्षा को खतरा हो सकता था। इसलिए यह कदम उठाया गया है, ताकि भविष्य में कोई दुर्घटना न हो।

भारत का सहयोग और अपील

भारत सरकार ने इस मामले में सहयोग देने की इच्छा भी जताई है और बांग्लादेश सरकार से अनुरोध किया है कि वह इस धरोहर को बचाने के लिए कदम उठाए। भारत सरकार का मानना है कि इस इमारत को केवल एक संरक्षित स्थल के रूप में नहीं, बल्कि सांस्कृतिक इतिहास और साहित्य के प्रतीक के रूप में देखा जाना चाहिए।

बांग्लादेश के अधिकारियों का पक्ष

बांग्लादेश के अधिकारियों का कहना है कि यह घर अब बेहद जर्जर हो चुका था और उसके गिरने का खतरा था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इमारत को गिराने का फैसला डिप्टी कमिश्नर की अगुवाई में एक समिति द्वारा लिया गया था, जिसमें चिल्ड्रन अफेयर्स डिपार्टमेंट और PWD के अधिकारी शामिल थे।

यह अधिकारी बताते हैं कि इस भवन में पहले शिशु अकादमी का संचालन होता था, लेकिन अब यह कामकाजी स्थल किराए पर दी गई जगह से चल रहा है। अधिकारियों के अनुसार, नई इमारत में कई कमरे होंगे, जिससे अकादमी का संचालन यहां हो सकेगा।

बंगाल के साहित्यिक इतिहास से गहरा संबंध

यह घर सत्यजीत रे के परिवार के लिए सिर्फ एक घर नहीं था, बल्कि यह बंगाली साहित्य और कला के तीन पीढ़ियों से जुड़ा हुआ था। उपेंद्र किशोर राय चौधरी एक महत्वपूर्ण साहित्यकार थे और उन्होंने कई किताबों की रचनाएँ की थीं। उनके बेटे सुकुमार रे, जो प्रसिद्ध कवि और चित्रकार थे, और सत्यजीत रे, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को दुनिया भर में पहचान दिलाई, सभी का संबंध इस घर से रहा है।

यह घर एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में बहुत महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह बंगाल के पुनर्जागरण और साहित्यिक योगदान की पहचान था। इसके अलावा, यह संपत्ति 1947 के विभाजन के बाद सरकारी स्वामित्व में आई थी और 1989 में मैमनसिंह शिशु अकादमी की स्थापना की गई थी।

सत्यजीत रे का पैतृक घर बांगलादेश के सांस्कृतिक इतिहास का एक अहम हिस्सा था और इसको गिराने का फैसला एक बड़ी सांस्कृतिक क्षति के रूप में देखा जा रहा है। यह घर बंगला साहित्य, कला, और सिनेमा के इतिहास से गहरे जुड़े हुए थे और इसका संरक्षण महत्वपूर्ण था।

भारत सरकार ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है और बांग्लादेश सरकार से अपील की है कि वह इस ऐतिहासिक इमारत को संरक्षित करने के लिए कदम उठाए। बांग्लादेश और भारत दोनों देशों के लिए यह अवसर है कि वे अपने साझा सांस्कृतिक इतिहास को बचाए रखें और इस धरोहर को आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करें।

भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह ने कोर्ट में किया सरेंडर, धोखाधड़ी के आरोप में पेश हुईं

Bhojpuri Actress Akshara Singh Surrenders in Court Amid Fraud Allegations

15 जुलाई 2025 को भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री अक्षरा सिंह ने बेगूसराय कोर्ट में धोखाधड़ी के मामले में आत्मसमर्पण किया। इस मामले में उन पर एक आयोजक द्वारा धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। अक्षरा सिंह ने कोर्ट में बॉन्ड जमा किया और इसके बाद उन्हें नियमित जमानत मिल गई। यह मामला 24 अक्टूबर 2023 को समस्तीपुर जिले के सिंहिया में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान हुआ था।

मामले की पृष्ठभूमि

कार्यक्रम के आयोजक शिवेश मिश्रा ने अदालत में आरोप लगाया था कि अक्षरा सिंह ने निर्धारित समय से बहुत कम, मात्र आधे घंटे की प्रस्तुति दी। आरोप के अनुसार, अक्षरा ने मंच पर माइक को तोड़ दिया और कार्यक्रम के बीच में ही उसे छोड़कर चली गईं। शिवेश मिश्रा ने इसे धोखाधड़ी मानते हुए अपने और अपने पिता विपिन सिंह के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर किया था।

कोर्ट के आदेश और आत्मसमर्पण

इस मामले में बेगूसराय कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी ओम प्रकाश ने अक्षरा सिंह और उनके पिता को समन जारी किया था, जिसमें उन्हें कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया था। अक्षरा को पहले ही 30 जून 2025 को अग्रिम जमानत मिल गई थी और उन्हें 10,000 रुपये के मुचलके पर बॉन्ड भरने का निर्देश दिया गया था। उसी आदेश के अनुपालन में आज अक्षरा ने अदालत में आत्मसमर्पण किया और बंधपत्र दाखिल किया।

कोर्ट में पेशी और अक्षरा का चुप्पी

कोर्ट में पेशी के दौरान अक्षरा सिंह ने मीडिया से बात करने से परहेज किया। हालांकि बार-बार पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने केवल ‘हर हर महादेव’ का जयघोष किया। अक्षरा सिंह की वकील सीमा देवी ने बताया, “हमने अग्रिम जमानत पहले ही ले रखी थी। आज नियमित प्रक्रिया के तहत आत्मसमर्पण कर बंधपत्र दाखिल किया गया, और कोर्ट से जमानत मिल गई।”

कानूनी प्रक्रिया

बेगूसराय कोर्ट में इस मामले की कानूनी प्रक्रिया अब भी जारी है। अक्षरा सिंह और उनके पिता के खिलाफ शिकायत के बाद, उन्हें अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया गया था। आज के आत्मसमर्पण के साथ, उन्होंने सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की हैं और कोर्ट से जमानत प्राप्त की है।

विवाद और सार्वजनिक धारणा

अक्षरा सिंह के खिलाफ लगे आरोप उनके पेशेवर जीवन के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकते हैं। शिवेश मिश्रा ने जो आरोप लगाए हैं, उससे अक्षरा की छवि को नुकसान हो सकता है, खासकर उनके पेशेवर कामकाजी जीवन में। कार्यक्रम के दौरान तय समय से कम प्रदर्शन और माइक तोड़ने की घटना को लेकर आयोजक ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इस घटना ने दर्शकों और मीडिया में इस मुद्दे को लेकर विवाद पैदा किया है।

हालांकि, कोर्ट द्वारा जमानत मिलने से यह संकेत मिलता है कि अक्षरा सिंह ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया है और वह इस मामले में पूरी तरह से सहयोग कर रही हैं। हालांकि, उनके करियर पर इस विवाद का असर हो सकता है, लेकिन जमानत मिलने से यह भी साफ होता है कि वह अपने पेशेवर जीवन को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश कर सकती हैं।

अक्षरा सिंह का भविष्य

यह मामला अक्षरा सिंह के करियर को प्रभावित कर सकता है, लेकिन उनके कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के बाद यह जाहिर है कि वह अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का सामना कर रही हैं। उनकी पेशेवर छवि पर इस विवाद का असर हो सकता है, लेकिन जमानत मिलने से यह संकेत मिलता है कि वह इस कठिनाई से बाहर निकल सकती हैं।

अक्षरा सिंह एक प्रमुख भोजपुरी अभिनेत्री हैं, और यह विवाद उनके करियर के लिए एक चुनौती हो सकती है। हालांकि, उन्होंने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर यह साबित किया कि वह सभी कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रही हैं और मामले के समाधान की ओर बढ़ रही हैं। अब यह देखना होगा कि इस मामले के भविष्य में क्या परिणाम सामने आते हैं और यह अक्षरा के करियर को किस हद तक प्रभावित करता है।

अक्षरा सिंह का कोर्ट में सरेंडर इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उन्होंने धोखाधड़ी के आरोप में आत्मसमर्पण किया और अदालत में बंधपत्र दाखिल किया। हालांकि इस मामले का असर उनके पेशेवर जीवन पर हो सकता है, लेकिन वह कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रही हैं। इस मामले का आगे क्या परिणाम होगा, यह समय ही बताएगा।

बिहार चुनाव 2025: महागठबंधन का CM चेहरा कौन होगा? राहुल गांधी या तेजस्वी यादव?

Bihar Elections 2025: Who Will Be the Face of Mahagathbandhan?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और राज्य की राजनीतिक परिस्थितियां तेजी से बदल रही हैं। NDA (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, जिसमें नीतीश कुमार को एक बार फिर मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश किया गया है। वहीं, महागठबंधन के खेमे में स्थिति अभी पूरी तरह से साफ नहीं है। महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीएम चेहरे को लेकर असमंजस बना हुआ है। सवाल यह है कि विपक्ष का चेहरा कौन होगा? क्या यह तेजस्वी यादव होंगे, जिनकी RJD 2020 के चुनाव में मुख्य ताकत बनी थी? या फिर कांग्रेस राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी को अपना चेहरा बनाने की कोशिश करेगी?

तेजस्वी यादव: महागठबंधन का सबसे मजबूत उम्मीदवार

महागठबंधन में RJD (राष्ट्रीय जनता दल) पहले ही तेजस्वी यादव को अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर चुका है। तेजस्वी ने इस बारे में कोई संकोच नहीं किया है और अपनी सीएम बनने की इच्छा कई बार सार्वजनिक रूप से जाहिर की है। इस साल अप्रैल 2025 में पटना में आयोजित ‘मुसहर-भूमिहा महासम्मेलन’ में उन्होंने खुले तौर पर सीएम पद की दावेदारी पेश की।

2020 में तेजस्वी यादव महागठबंधन के चेहरें थे, जब RJD ने 75 सीटें जीतीं, जो किसी एक पार्टी की सबसे बड़ी जीत थी। उस समय तेजस्वी ने NDA को कड़ी टक्कर दी थी। इसके बाद से उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ी है, खासकर युवाओं में। उन्होंने नीतीश कुमार और मोदी सरकार को लगातार रोजगार और शिक्षा जैसे मुद्दों पर घेरा है, जो बिहार के वोटर्स के बीच काफी महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, यादव-मुस्लिम वोट बैंक पर तेजस्वी की मजबूत पकड़ बिहार के राजनीतिक गणित में अहम भूमिका निभाती है।

हालांकि, बावजूद इसके महागठबंधन में सीएम चेहरे को लेकर असमंजस है, और यह स्थिति अब तक पूरी तरह से साफ नहीं हो पाई है।

कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी का समर्थन

कांग्रेस का मानना है कि अगर NDA मोदी फैक्टर पर ज्यादा निर्भर हो, तो विपक्ष को भी एक मजबूत काउंटरवेट की जरूरत है। कांग्रेस के अनुसार, वह काउंटरवेट राहुल गांधी हो सकते हैं।

हाल के महीनों में राहुल गांधी की बिहार में सक्रियता बढ़ी है। उन्होंने कई रैलियों में हिस्सा लिया है और 9 जुलाई बिहार बंद में भी सक्रिय रूप से भाग लिया। इस दौरान राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव के साथ मंच साझा किया, जो एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना थी। कांग्रेस का यह मानना है कि राहुल गांधी का नेतृत्व विपक्ष को राष्ट्रीय चेहरा देगा और इससे महागठबंधन को एक सांप्रदायिक सद्भाव बनाने में मदद मिलेगी।

राहुल गांधी का नेतृत्व: एक रणनीतिक कदम

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी को सीएम चेहरा नहीं बनाया जाएगा, बल्कि उन्हें महागठबंधन के राहुल गांधी को राष्ट्रीय चेहरा के रूप में पेश करने की योजना है। उनका यह कदम महागठबंधन के लिए संगठित और सशक्त संदेश देने के लिए है। कांग्रेस का कहना है कि इससे विपक्ष की छवि एकजुट और सशक्त बनेगी, और इससे वोटों के विभाजन को भी रोका जा सकेगा।

सीट-शेयरिंग को लेकर बढ़ते तनाव

सीट-शेयरिंग को लेकर भी कांग्रेस और RJD के बीच खींचतान बढ़ रही है। कांग्रेस चाहती है कि उसे अधिक सीटें मिलें, खासकर लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा था। वहीं तेजस्वी यादव, जो 2020 के चुनाव में अपनी सफलता से उत्साहित हैं, वह ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं।

कांग्रेस की स्थिति बिहार में कमजोर होने के बावजूद, वह नेतृत्व निर्णयों में ज्यादा हिस्सेदारी की मांग कर रही है। यह दबाव राजनीति का एक हिस्सा है, जिससे कांग्रेस अपनी बातों को मजबूती से रखने की कोशिश कर रही है।

कन्हैया कुमार और पप्पू यादव की भूमिका

महागठबंधन में कन्हैया कुमार और पप्पू यादव जैसे प्रभावशाली, लेकिन विवादास्पद नेता भी हैं। कन्हैया कुमार युवा वोटरों के बीच लोकप्रिय हैं, लेकिन उनकी राजनीति को लेकर कुछ विभाजनकारी नजरिया भी सामने आया है। दूसरी ओर पप्पू यादव, जिनकी बिहार में एक खास पहचान है, लेकिन उनकी स्थिति को लेकर भी कुछ विवाद हैं। दोनों नेताओं की उपस्थिति महागठबंधन के भीतर असहमति को जन्म देती है, और उनके चलते यह सवाल उठता है कि क्या महागठबंधन एकजुट रह पाएगा।

कांग्रेस और RJD के बीच असहमति

कांग्रेस बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लवारू ने जून में कहा था कि सीएम चेहरे का निर्णय सहमतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। इस बयान से यह साफ था कि तेजस्वी यादव के पक्ष में कोई भी पक्का फैसला नहीं लिया गया है। महागठबंधन के भीतर की यह असमंजस स्थिति और पार्टी के भीतर की गुटबाजी महागठबंधन के लिए चुनौती बन रही है।

महागठबंधन में नेतृत्व के लिए मतभेद, सीट बंटवारे और रणनीतिक असहमतियों के कारण एकजुटता की कमी हो सकती है, जिससे उन्हें आने वाले चुनावों में नुकसान हो सकता है। अगर महागठबंधन अब जल्दी अपने नेतृत्व का फैसला नहीं करता है, तो वह NDA से पिछड़ सकता है, जिसका नेतृत्व अब स्पष्ट है।

महागठबंधन का रास्ता

महागठबंधन को जल्द से जल्द सीट-शेयरिंग, नेतृत्व मुद्दे, और सांप्रदायिक समीकरणों को सुलझाना होगा। कांग्रेस और RJD के बीच के मतभेद अब चुनावी रणनीति में एक बड़ी बाधा बन गए हैं। महागठबंधन को यह समझना होगा कि अगर जल्दी से जल्दी निर्णय नहीं लिया गया, तो वह अपने हिस्से का वोट बैंक गंवा सकता है।

महागठबंधन को एक स्पष्ट और मजबूत चेहरा पेश करना होगा, ताकि वह NDA के सामने एक सशक्त विकल्प रख सके। अगर महागठबंधन अपनी नेतृत्व पर असमंजस को दूर नहीं करता, तो उसे NDA के मुकाबले चुनावी मैदान में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 महागठबंधन और NDA दोनों के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है। NDA पहले ही नीतीश कुमार को अपना सीएम उम्मीदवार घोषित कर चुका है, जबकि महागठबंधन अभी तक अपने नेतृत्व पर एक स्पष्ट फैसला नहीं ले सका है। कांग्रेस और RJD के भीतर नेतृत्व को लेकर असमंजस है। क्या तेजस्वी यादव महागठबंधन के सीएम चेहरा होंगे या कांग्रेस राहुल गांधी को राष्ट्रीय चेहरा बनाएगी, यह सवाल अभी तक अनुत्तरित है। महागठबंधन को जल्द से जल्द यह फैसला करना होगा, ताकि वह बिहार के चुनावी मैदान में मजबूत स्थिति में खड़ा हो सके।

सैमसंग गैलेक्सी F36 5G स्मार्टफोन 19 जुलाई को भारत में लॉन्च होगा, कीमत 20,000 रुपये के अंदर

Samsung Galaxy F36 5G Launching in India Under Rs 20,000: Key Specifications Revealed
सैमसंग ने पुष्टि की है कि वह गैलेक्सी F36 5G स्मार्टफोन को भारत में 19 जुलाई 2025 को लॉन्च करेगा। लॉन्च से पहले, कंपनी ने इस स्मार्टफोन के कुछ महत्वपूर्ण स्पेसिफिकेशन साझा किए हैं, जिनमें कैमरा सिस्टम और एआई-पावर्ड फीचर्स की जानकारी शामिल है। सैमसंग ने यह भी घोषणा की है कि गैलेक्सी F36 5G की कीमत 20,000 रुपये के अंदर होगी, जो इसे भारतीय बाजार में एक किफायती 5G स्मार्टफोन बनाती है।

गैलेक्सी F36 5G: क्या उम्मीद करें

सैमसंग ने एक प्रेस नोट में बताया कि गैलेक्सी F36 5G स्मार्टफोन में 50MP प्राइमरी कैमरा के साथ ट्रिपल कैमरा सेटअप मिलेगा। इसमें ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइजेशन (OIS) भी होगा, जो कम रोशनी में भी स्पष्ट और स्थिर चित्र लेने में मदद करेगा। स्मार्टफोन में नाइटोग्राफी फीचर भी होगा, जो सैमसंग का नाइट मोड है और कम रोशनी में खींची गई तस्वीरों को ऑप्टिमाइज़ करेगा।

इसके अलावा, गैलेक्सी F36 5G में एआई-पावर्ड इमेज एडिटिंग टूल्स भी होंगे, जैसे ऑब्जेक्ट इरेज़र, एडिट सजेशंस, और इमेज क्लिपर। इन फीचर्स के जरिए यूजर्स आसानी से अपनी तस्वीरों को सुधार सकते हैं, अवांछित वस्तुओं को हटा सकते हैं, और इमेजेस को कस्टमाइज़ कर सकते हैं।

डिजाइन और डिस्प्ले

सैमसंग ने यह भी पुष्टि की है कि गैलेक्सी F36 5G का डिजाइन स्लिम होगा, जिसकी थिकनेस 7.7mm होगी। यह स्मार्टफोन तीन अलग-अलग रंगों में उपलब्ध होगा, और इसके पीछे प्रिमियम लेदर फिनिश दी जाएगी, जो इसे एक प्रीमियम लुक और फील देगा। इसके अलावा, स्मार्टफोन में फ्लैट साइड रेल्स होंगे, जो गैलेक्सी M36 5G के समान होंगे।

डिस्प्ले के मामले में, गैलेक्सी F36 5G में 6.7 इंच का फुल HD+ सुपर AMOLED स्क्रीन होगा, जिसमें 120Hz रिफ्रेश रेट दिया जाएगा। यह फीचर यूजर्स को स्मूथ और फ्लुइड विजुअल्स प्रदान करेगा, खासकर गेमिंग और मल्टीटास्किंग के दौरान।

सैमसंग गैलेक्सी F36 5G: अपेक्षित स्पेसिफिकेशन

आइए जानते हैं गैलेक्सी F36 5G की कुछ प्रमुख स्पेसिफिकेशन के बारे में:

  • डिस्प्ले: 6.7 इंच फुल HD+ सुपर AMOLED, 120Hz रिफ्रेश रेट

  • प्रोसेसर: Exynos 1380 चिपसेट

  • RAM: 6GB / 8GB

  • स्टोरेज: 128GB / 256GB

  • रियर कैमरा:

    • 50MP प्राइमरी (OIS)

    • 8MP अल्ट्रा-वाइड

    • 2MP मैक्रो

  • फ्रंट कैमरा: 13MP

  • बैटरी: 5000mAh

  • चार्जिंग: 25W वायर चार्जिंग

स्मार्टफोन में 6GB या 8GB RAM के विकल्प होंगे, जो मल्टीटास्किंग के लिए अच्छा प्रदर्शन देंगे। स्टोरेज के लिहाज से इसमें 128GB या 256GB का विकल्प मिलेगा, जो यूजर्स को काफी स्पेस देगा। इसकी 5000mAh बैटरी पूरे दिन के इस्तेमाल के लिए पर्याप्त होगी, और साथ ही 25W वायर चार्जिंग की सुविधा भी होगी, जिससे बैटरी जल्दी चार्ज हो सकेगी।

उपलब्धता और कीमत

सैमसंग गैलेक्सी F36 5G स्मार्टफोन को Flipkart और अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध कराया जाएगा, जहां इसका माइक्रोसाइट पहले से लाइव हो चुका है। इसकी कीमत 20,000 रुपये के अंदर होने की संभावना है, जो इसे मिड-रेंज 5G स्मार्टफोन के तौर पर आकर्षक बनाता है। सैमसंग इस डिवाइस को मिड-रेंज सेगमेंट में पेश करने जा रहा है, जिसमें AI-पावर्ड कैमरा फीचर्स, एक बड़ा डिस्प्ले, और 5G कनेक्टिविटी जैसी कई सुविधाएं मिलेंगी।

सैमसंग गैलेक्सी F36 5G भारतीय बाजार में एक शानदार मिड-रेंज स्मार्टफोन के रूप में नजर आएगा। इसके 50MP कैमरा, AI फीचर्स, और स्लीक डिजाइन जैसी खूबियां इसे एक आकर्षक डिवाइस बनाती हैं, खासकर जब इसकी कीमत 20,000 रुपये के अंदर हो। अगर आप एक 5G स्मार्टफोन चाहते हैं, जो अच्छे कैमरा फीचर्स, बड़ी बैटरी और तेज चार्जिंग के साथ आता हो, तो गैलेक्सी F36 5G आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। 19 जुलाई 2025 को इसके लॉन्च के बाद सैमसंग का यह स्मार्टफोन 5G स्मार्टफोन बाजार में हलचल मचाने के लिए तैयार है।

सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी बने माता-पिता, स्वागत किया एक प्यारी सी बेटी का

Sidharth Malhotra and Kiara Advani

बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी ने अब एक प्यारी सी बेटी का स्वागत किया है। इस खुशखबरी के साथ, यह जोड़ी अब अपने पहले बच्चे के माता-पिता बन गई है। सिद्धार्थ और कियारा ने 2023 में एक खूबसूरत शादी की थी, और इस साल की शुरुआत में अपने गर्भवती होने की घोषणा की थी। अब उनका यह बड़ा कदम पूरा हुआ है और दोनों के जीवन में एक नया अध्याय शुरू हो गया है।

सूत्रों के अनुसार, कियारा आडवाणी ने मुंबई के रिलायंस हॉस्पिटल में एक सामान्य प्रसव के जरिए अपनी बेटी को जन्म दिया। खबरों के मुताबिक, मां और बच्ची दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं और जोड़ी इस नन्ही खुशी से बेहद खुश है। हालांकि, इस जोड़ी ने अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन यह खबर तेजी से फैल रही है।

माता-पिता बनने का सफर

सिद्धार्थ और कियारा का यह सफर बहुत ही खास और रोमांचक रहा है। इस कपल ने पहले इंस्टाग्राम पर अपनी गर्भावस्था की घोषणा की थी, जब दोनों ने एक तस्वीर साझा की थी जिसमें वे बेबी सॉक्स पकड़ते हुए दिखाई दे रहे थे। इस तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा था, “हमारे जीवन का सबसे बड़ा तोहफा… जल्द आ रहा है।” इस पोस्ट ने फैन्स को खुशी से झूमने पर मजबूर कर दिया, और उनके इस कदम को लेकर ढेर सारी शुभकामनाएं मिलीं।

इस पोस्ट के बाद से ही दोनों के लिए इस नए सफर की शुरुआत हो गई थी। फैन्स अब और भी बेसब्री से इस खुशखबरी का इंतजार कर रहे थे, और अब उनके प्यारी सी बेटी का स्वागत किया गया है।

पहली मुलाकात से शादी तक

सिद्धार्थ और कियारा की मुलाकात एक पार्टी में हुई थी, लेकिन उनकी रोमांटिक कहानी की शुरुआत शेरशाह के सेट पर हुई। इस फिल्म में दोनों की केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब सराहा था। हालांकि, इस जोड़ी ने कभी भी सार्वजनिक रूप से अपने रिश्ते को स्वीकार नहीं किया या नकारा किया। फिर, 7 फरवरी 2023 को दोनों ने राजस्थान के जैसलमेर में एक खूबसूरत शादी की, जो एक सपने जैसा आयोजन था। यह शादी बॉलीवुड की सबसे चर्चित शादियों में से एक बन गई थी, और दोनों की जोड़ी को सभी ने सराहा।

नया अध्याय: माता-पिता बनना

अब, सिद्धार्थ और कियारा के जीवन में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। उनकी बेटी के जन्म से उनके परिवार में खुशियों का माहौल है। हालांकि, इस कपल ने अपने पारिवारिक जीवन को बहुत हद तक निजी रखा है, लेकिन उनके फैन्स और शुभचिंतक इस खुशी में शरीक होने के लिए उत्साहित हैं। अब तक दोनों ने अपनी बेटी के बारे में कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनकी खुशियों को लेकर फैन्स खुश हैं और सोशल मीडिया पर उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं मिल रही हैं।

फिल्मी दुनिया में लौटने के लिए तैयार

जहां एक तरफ सिद्धार्थ और कियारा अपनी पारिवारिक खुशियों में खोए हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी फिल्मों से जुड़ी बड़ी खबरें भी आ रही हैं। सिद्धार्थ मल्होत्रा जल्द ही जाह्नवी कपूर के साथ रोमांटिक कॉमेडी फिल्म परम सुंदरि में नजर आएंगे। यह फिल्म एक हल्की-फुल्की कॉमेडी है, जो फैन्स के बीच खासी चर्चा में है।

वहीं, कियारा आडवाणी के पास भी कई बड़ी फिल्में हैं। वह YRF स्पाई यूनिवर्स की फिल्म वार 2 में ऋतिक रोशन और जूनियर एनटीआर के साथ नजर आएंगी। यह फिल्म 15 अगस्त को रिलीज होने वाली है और इसकी काफी चर्चा हो रही है। कियारा के पास डॉन 3 भी थी, लेकिन अपनी गर्भावस्था के कारण उन्होंने इस फिल्म को छोड़ दिया। अब फैन्स कियारा को जल्द ही बड़े पर्दे पर देखने के लिए उत्साहित हैं।

भविष्य की ओर कदम बढ़ाते हुए

सिद्धार्थ और कियारा दोनों की ही फिल्मी दुनिया में बड़ी पहचान है और उनके पास शानदार प्रोजेक्ट्स हैं। हाल ही में, दोनों अपने नए जीवन के साथ-साथ अपने करियर में भी सक्रिय हैं। इस जोड़ी के फैन्स जल्द ही उन्हें फिल्मों में देखेंगे, और एक नई मां के रूप में कियारा के अभिनय को भी सराहा जाएगा।

सिद्धार्थ और कियारा के लिए यह समय खुशी से भरा हुआ है। जहां वे माता-पिता बन गए हैं, वहीं उनके फिल्मी करियर में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। यह कपल निश्चित रूप से अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन को बेहतरीन तरीके से बैलेंस कर रहा है, और अपने फैन्स के लिए और भी प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।

इस समय, उनका परिवार और करियर दोनों ही ऊंचाइयों पर हैं। उनकी बेटी के आगमन से उनके जीवन में और भी खुशियां बढ़ गई हैं, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने परिवार और करियर को किस तरह से आगे बढ़ाते हैं।

सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी के जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है, और यह युगल अपने फैंस को अपने व्यक्तिगत और पेशेवर सफर में और भी प्रेरणा देने के लिए तैयार है।

वाराणसी में बाढ़: गंगा जलस्तर तेजी से बढ़ रहा, सुबह-ए-बनारस का मंच डूबा

Varanasi Flood Update: Ganga Water Level Rises at Alarming Speed, Subah-e-Banaras Stage Submerged

वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे शहर के सभी 84 घाट डूब चुके हैं। अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस का मंच भी पानी में समा गया है। इसके साथ ही, गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे बाढ़ का खतरा और भी गहरा गया है। मंगलवार को गंगा के जलस्तर में प्रति घंटे 4 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई, और यह स्थिति धीरे-धीरे गंभीर होती जा रही है।

गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का संकट

मंगलवार को केंद्रीय जल आयोग के बाढ़ बुलेटिन के अनुसार, सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 68.42 मीटर रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद जलस्तर में 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही थी। दोपहर में यह रफ्तार घटकर 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे हो गई। शाम तक गंगा का जलस्तर 68.70 मीटर तक पहुंच गया, जो 70.26 मीटर के चेतावनी बिंदु से 1.56 मीटर नीचे है। हालांकि, जलस्तर ने चेतावनी स्तर को पार नहीं किया है, लेकिन बढ़ती जलवृष्टि और बाढ़ की स्थिति ने वाराणसीवासियों को चिंता में डाल दिया है।

अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस डूबा

अस्सी घाट पर स्थित सुबह-ए-बनारस का मंच अब पानी में डूब चुका है, और शीतला माता का मंदिर भी पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है। मंदिर में केवल उसका ऊपरी हिस्सा ही बाहर दिखाई दे रहा है। देर रात को शीतला माता के विग्रह को आहिल्याबाई स्टेट में स्थित आहिलेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित किया गया। अब यहां प्रतिदिन पूजा और भोग अर्पित किए जा रहे हैं।

गंगा आरती पर रोक

वाराणसी में गंगा आरती के दौरान श्रद्धालुओं को नावों और मोटर बोट पर बैठाकर आरती दिखाई जाती थी। लेकिन बढ़ते जलस्तर के कारण अब इस पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। जल पुलिस ने इस संबंध में निर्देश जारी करते हुए कहा कि किसी भी नाव या मोटर बोट पर आरती नहीं दिखाई जाएगी। सुरक्षा की दृष्टि से एनडीआरएफ और पीएसी की टीमों को घाटों पर तैनात किया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

वरुणा नदी का बढ़ता जलस्तर

गंगा की सहायक नदी वरुणा में पलट प्रवाह और बढ़ते जलस्तर ने शहर के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का संकट और भी गंभीर कर दिया है। मंगलवार को हिदायत नगर और आसपास के मोहल्लों में बाढ़ का पानी तेजी से घुस गया। इसके कारण कई घर जलमग्न हो गए हैं। दीनदयालपुर के इलाकों में भी घरों में पानी भर गया है। भोला मौर्या, शोभा, सोना देवी, और नत्थू सोनकर जैसे परिवारों के घर बाढ़ में डूब गए हैं।

तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का असर

तटवर्ती इलाकों में पानी का स्तर बढ़ने के कारण कई मोहल्लों में बाढ़ का संकट गहरा गया है। नगवां नाले से पानी का प्रवेश हो चुका है, और यह पानी हरिजन बस्ती, सोनकर बस्ती, डुमरांव बाग कॉलोनी, साकेत नगर, रोहित नगर और बटुआ पुरा तक पहुंचने की संभावना है। इन इलाकों में लोग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

अन्य प्रभावित इलाके

रामना टिकरी क्षेत्र में भी बाढ़ का पानी बढ़ चुका है, और पांच फीट तक पानी बढ़ने के बाद सैकड़ों बीघा फसल डूबने का खतरा है। राजस्व विभाग के अमीन सुरेंद्र मिश्रा लगातार इन इलाकों का दौरा कर रहे हैं और बाढ़ से प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं।

मंदिरों और घाटों की स्थिति

वाराणसी के घाटों पर कई मंदिर जलमग्न हो चुके हैं और केवल उनके शिखर ही नजर आ रहे हैं। मनिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह की प्रक्रिया जारी है, जबकि राज घाट पर भी पानी का स्तर बढ़ने के कारण श्रद्धालुओं को घाटों पर जाने में कठिनाई हो रही है।

अधिकारियों की चेतावनी

वाराणसी के जल पुलिस प्रभारी राजकिशोर पांडे ने बताया कि दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती अब सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से की जाएगी। सुरक्षा कारणों से नावों पर आरती दिखाने का कार्य अब बंद कर दिया गया है। पुलिस और प्रशासन की टीमों को घाटों पर तैनात किया गया है, ताकि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा सके और किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

राहत कार्य और सुरक्षा

बढ़ते जलस्तर और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए एनडीआरएफ और पीएसी के जवानों को घाटों पर तैनात किया गया है। इसके अलावा, प्रशासन ने सभी प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भेजने का काम शुरू कर दिया है। प्रभावित क्षेत्रों में खाने-पीने का सामान और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है।

गंगा और वरुणा के बीच बढ़ते जलस्तर से संकट

वरुणा कॉरिडोर में बढ़ते जलस्तर के कारण शहर के बीच बसे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का संकट और भी गहरा गया है। हिदायत नगर और इसके आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से घुस गया है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों के घर जलमग्न हो गए हैं और उनके सामने जलभराव के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं।

भविष्य में क्या उपाय किए जाएंगे?

जिला प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने बाढ़ के हालात को देखते हुए कई उपायों की योजना बनाई है। आने वाले दिनों में नदी किनारे के इलाकों में और अधिक सुरक्षा उपायों को लागू किया जाएगा। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में आश्रय केंद्र बनाए जा रहे हैं, और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। इसके साथ ही, जल पुलिस और आपदा राहत टीम को ज्यादा से ज्यादा संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

वाराणसी में गंगा और वरुणा नदी के बढ़ते जलस्तर ने पूरे शहर को बाढ़ के खतरे में डाल दिया है। अस्सी घाट से लेकर दशाश्वमेध घाट तक सभी घाट जलमग्न हो चुके हैं। स्थानीय प्रशासन और जल पुलिस राहत कार्यों में जुटे हुए हैं, और सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। बाढ़ से प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं, लेकिन अगले कुछ दिन बेहद महत्वपूर्ण होंगे। वाराणसीवासी अपने जीवन की सुरक्षा के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित रहें।

जालंधर में 114 वर्षीय मैराथन धावक फौजा सिंह को फॉर्च्यूनर ने मारी टक्कर, चालक गिरफ्तार

Fauja Singh Hit by Fortuner Driver in Jalandhar: Amritpal Singh Dhillon Arrested

जालंधर में हाल ही में हुए एक हादसे में 114 वर्षीय मैराथन धावक फौजा सिंह को फॉर्च्यूनर वाहन ने टक्कर मार दी। इस हादसे के बाद पुलिस ने अमृतपाल सिंह ढिल्लों, वाहन चालक, को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने गाड़ी भी बरामद कर ली है और आरोपी ने हादसे के समय गाड़ी में अकेला होने की बात स्वीकार की है। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने आरोपी का पता लगाया और उसे गिरफ्तार किया।

घटना के मुख्य बिंदु:

  • यह हादसा उस समय हुआ जब फौजा सिंह, जो 114 साल की उम्र में भी मैराथन दौड़ने के लिए प्रसिद्ध हैं, फॉर्च्यूनर वाहन से टकरा गए थे।

  • पुलिस ने जांच के बाद अमृतपाल सिंह ढिल्लों, जो करतारपुर का निवासी है, को गिरफ्तार किया।

  • जिस वाहन से यह हादसा हुआ, वह बलाचौर के हरप्रीत के नाम पर रजिस्टर था।

  • पुलिस ने घटनास्थल के पास के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया और वाहन और चालक तक पहुंचने में सफल रही।

  • पूछताछ में ढिल्लों ने स्वीकार किया कि वह हादसे के समय अकेला गाड़ी चला रहा था और भोगपुर से किशनगढ़ की तरफ जा रहा था।

पुलिस जांच:

इस हादसे में शामिल फॉर्च्यूनर (PB20-C-7100) वाहन को बलाचौर के हरप्रीत के नाम पर रजिस्टर पाया गया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया और वाहन की पहचान की। इस फुटेज ने घटना के सही विवरण को जानने में पुलिस की मदद की, जिससे आरोपी तक जल्दी पहुंचा जा सका। इस जांच से यह साबित हुआ कि सही समय पर कार्रवाई ने आरोपी को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई।

जनता की प्रतिक्रिया:

यह घटना विशेष रूप से खेल और फिटनेस समुदाय के बीच व्यापक प्रतिक्रिया का कारण बनी है। फौजा सिंह जैसे विश्वप्रसिद्ध मैराथन धावक के साथ ऐसा हादसा होने पर लोग हैरान रह गए। फौजा सिंह, जो खेलों में धैर्य और संकल्प का प्रतीक हैं, अब भी सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। इस घटना ने उनकी कड़ी मेहनत और बुजुर्गों की सुरक्षा के मुद्दे को भी सार्वजनिक रूप से उजागर किया है।

फौजा सिंह को टक्कर मारने वाले आरोपी अमृतपाल सिंह ढिल्लों की गिरफ्तारी से जनता को राहत मिली है। अधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।

फौजा सिंह से जुड़ी इस घटना को पुलिस ने त्वरित कार्रवाई से हल कर लिया है, और अब फॉर्च्यूनर वाहन चालक अमृतपाल सिंह ढिल्लों पुलिस की हिरासत में है। जांच जारी है, और यह घटना सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से अपराधों को हल करने और न्याय सुनिश्चित करने में इस तकनीकी उपकरण की भूमिका को उजागर करती है।

शुभांशु शुक्ला का ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन: भारत और वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में नया अध्याय

Shubhanshu Shukla’s Historic Space Mission: A New Era for Space Research and India’s Space Aspirations

शुभांशु शुक्ला का अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिनों का मिशन भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। 18 दिन के अंतरिक्ष अभियान के बाद, शुभांशु शुक्ला ने पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी की, लेकिन उनका भारत लौटने का सफर अभी करीब एक महीने दूर है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार, शुभांशु को अपनी स्वदेश वापसी के लिए कुछ औपचारिक प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा, जिसके बाद वह 17 अगस्त 2025 तक भारत पहुंचेंगे। यह मिशन न केवल भारत की अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि इससे गगनयान मिशन की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

शुभांशु शुक्ला का मिशन: ऐतिहासिक प्रयोग और शोध

शुभांशु शुक्ला ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान कई वैज्ञानिक प्रयोग किए, जो न केवल भारत, बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। मिशन के दौरान शुभांशु ने माइक्रो ग्रैविटी, साइनोबैक्टीरिया, और स्टेम सेल रिसर्च सहित सात प्रमुख प्रयोग किए। इन प्रयोगों का उद्देश्य अंतरिक्ष में मानव जीवन की स्थिति को समझना और भविष्य के चंद्रमा, मंगल और लंबी अवधि के अंतरिक्ष अभियानों के लिए जरूरी तकनीकी सुधारों को लागू करना था।

एनएएसए के अनुसार, शुभांशु के प्रयोगों से मानव शरीर की प्रतिक्रियाओं, कोशिकाओं की जैविक क्रिया और स्वचालित स्वास्थ्य निगरानी जैसे क्षेत्रों में नई जानकारी मिलेगी, जो भविष्य में चंद्रमा और मंगल जैसे अभियानों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इसके अलावा, स्टेम सेल विभेदन से जुड़ा शोध कैंसर जैसे गंभीर रोगों के इलाज में सहायक हो सकता है।

भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री

शुभांशु शुक्ला, राकेश शर्मा के बाद भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री हैं। राकेश शर्मा 1984 में सोवियत रूसी मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए थे। शुभांशु ने अंतरिक्ष स्टेशन पर यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनने का रिकॉर्ड भी बनाया। इसके साथ ही, शुभांशु ने पृथ्वी की कक्षा में सबसे अधिक समय तक रहने का नया रिकॉर्ड भी स्थापित किया, जो कि 20 दिन रहा।

प्रशांत महासागर में सफल लैंडिंग

शुभांशु शुक्ला और उनके मिशन के साथी अंतरिक्ष यात्री स्पेसएक्स के ड्रैगन ग्रेस यान में सवार होकर प्रशांत महासागर के कैलिफोर्निया के सैन डिएगो तट पर उतरे। यान की गति 28,000 किमी प्रति घंटा से अधिक थी, और इसने पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय तीव्र गर्मी का सामना किया। लेकिन यान के विशेष तकनीकी उपायों के कारण यह सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लैंड कर सका।

कुछ ही मिनटों में, स्पेसएक्स के रिकवरी शिप शैनन ने यान को उठाया, और शुभांशु और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री यान से बाहर निकले। इस क्षण को रिकॉर्ड करते हुए, सभी मुस्कुराते हुए कैमरे की ओर हाथ हिला रहे थे, और लगभग 20 दिन बाद उन्होंने पृथ्वी की ताजा हवा में सांस ली। यह एक ऐतिहासिक क्षण था, जो अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बेहद रोमांचक था।

मेडिकल चेकअप और पृथ्वी पर पुनर्वास

शुभांशु और उनके मिशन साथी जब पृथ्वी पर पहुंचे, तो उन्हें पहले चिकित्सकीय जांच के लिए ले जाया गया। इसके बाद सभी चार अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से तालमेल बैठाने के लिए 7 दिन का अलगाव दिया जाएगा। इस अवधि में, वे पृथ्वी की परिस्थितियों के साथ अपने शरीर को पुनः समायोजित करेंगे, ताकि उन्हें कोई स्वास्थ्य समस्या न हो।

एक्सिओम मिशन 4: एक नया आयाम

एंड्युमेंट मिशन को स्पेस एक्स कंपनी के सहयोग से अक्षिओम स्पेस ने संचालित किया था। यह मिशन स्पेस एक्स के साथ चौथा आईएसएस मिशन था। स्पेस एक्स का रॉकेट, जो एलन मस्क के नेतृत्व में चलता है, ने इस मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एग्जिओम-4 मिशन के तहत, शुभांशु और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री ने 60 वैज्ञानिक प्रयोग किए और 20 आउटरीच सत्र आयोजित किए।

भारत ने इस मिशन के लिए लगभग 550 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इस निवेश से भारत को भविष्य के मानव अंतरिक्ष मिशनों में काफी सहायता मिल सकती है। इस मिशन से प्राप्त अनुभव गगनयान मिशन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे, जो कि 2027 में लॉन्च किया जाएगा।

भारत की गगनयान योजना

शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत के गगनयान मिशन के लिए एक प्रेरणा है। गगनयान मिशन, जो कि 2027 में लॉन्च होगा, भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। शुभांशु के इस मिशन से भारत को इस तरह के मिशन के लिए आवश्यक अनुभव और तकनीकी क्षमताएं हासिल हो रही हैं, जो भविष्य में गगनयान के सफल लॉन्च में मदद करेंगी।

भविष्य में अंतरिक्ष शोध और भारत का योगदान

शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष मिशन और उनके द्वारा किए गए शोध भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे। उनके द्वारा किए गए माइक्रोएल्गे पर शोध, कैंसर उपचार और स्टेम सेल संबंधित अनुसंधान, यह सब अंतरिक्ष में जीवन के लिए महत्वपूर्ण दिशा में योगदान देंगे। ये शोध ना केवल अंतरिक्ष यात्रा के दौरान जीवन बनाए रखने में सहायक होंगे, बल्कि पृथ्वी पर भी इससे इलाज की नई पद्धतियों का विकास हो सकता है।

शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष मिशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके द्वारा किए गए वैज्ञानिक प्रयोग और उनकी ऐतिहासिक उपलब्धियां भारत के लिए गर्व का कारण बन गई हैं। इस मिशन ने यह साबित कर दिया कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम अब पूरी दुनिया में एक प्रमुख स्थान बना चुका है।

गगनयान मिशन के साथ भारत भविष्य में भी अंतरिक्ष अनुसंधान और मानव अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में अपनी क्षमता को साबित करेगा। शुभांशु शुक्ला का यह मिशन न केवल भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि इससे भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए भी एक मजबूत आधार तैयार हुआ है।

CSBC बिहार पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2025: पूरी जानकारी

CSBC Bihar Police Constable Exam 2025: Detailed Overview

आज, 16 जुलाई 2025 से CSBC बिहार पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2025 की शुरुआत हो रही है। यह परीक्षा उन उम्मीदवारों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो बिहार पुलिस में कांस्टेबल (सिपाही) बनने का सपना देख रहे हैं। इस भर्ती परीक्षा के माध्यम से कुल 19,838 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। जिन उम्मीदवारों ने इस परीक्षा के लिए आवेदन किया है, वे अब तैयारी के अंतिम चरण में हैं। इस लेख में हम आपको CSBC बिहार पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2025 से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देंगे, जिसमें परीक्षा का समय, केंद्र, दिशा-निर्देश, और अन्य आवश्यक विवरण शामिल हैं।

परीक्षा का समय और तारीख

CSBC बिहार पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2025 एक शिफ्ट में आयोजित की जाएगी। परीक्षा का समय दोपहर 12:00 बजे से 2:00 बजे तक निर्धारित किया गया है। परीक्षा की तारीखें निम्नलिखित हैं:

  • 16 जुलाई 2025

  • 20 जुलाई 2025

  • 23 जुलाई 2025

  • 27 जुलाई 2025

  • 30 जुलाई 2025

  • 3 अगस्त 2025

गेट सुबह 9:30 बजे खुलेंगे और 10:30 बजे बंद हो जाएंगे। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे परीक्षा केंद्र पर कम से कम ढाई घंटे पहले पहुंचें, क्योंकि समय पर नहीं पहुंचने पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

परीक्षा केंद्रों की संख्या

बिहार राज्य के 38 जिलों में इस बार कुल 627 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। ये केंद्र पूरी तरह से सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था से लैस हैं। प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जो परीक्षा की निगरानी करेंगे। किसी भी तरह की अनुशासनहीनता या धोखाधड़ी की स्थिति में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

CSBC बिहार पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2025 के लिए दिशा-निर्देश

परीक्षा के सफल संचालन के लिए CSBC ने कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उम्मीदवारों को इनका पालन करना अनिवार्य होगा:

  1. आवश्यक दस्तावेज:

    • ई-एडमिट कार्ड: उम्मीदवारों को अपना ई-एडमिट कार्ड परीक्षा केंद्र पर लेकर आना होगा। यह कार्ड परीक्षा में प्रवेश के लिए अनिवार्य है।

    • वैध फोटो पहचान पत्र: साथ में एक वैध फोटो पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट) लाना भी अनिवार्य होगा। इन दस्तावेजों के बिना प्रवेश नहीं मिलेगा।

  2. सामान:

    • पेन और पेपर: परीक्षा केंद्र पर पेन और पेपर दिया जाएगा, इसलिए उम्मीदवारों को अपना पेन साथ लाने की जरूरत नहीं है।

    • इलेक्ट्रॉनिक उपकरण: मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच, ब्लूटूथ डिवाइस या अन्य किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लाने की अनुमति नहीं है। यदि किसी उम्मीदवार के पास यह सामान पाया जाता है, तो उसे परीक्षा से बाहर कर दिया जाएगा।

  3. अंगूठे के निशान:

    • सभी उम्मीदवारों के दोनों अंगूठों के निशान लिए जाएंगे, ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके।

  4. CCTV निगरानी:

    • सभी परीक्षा केंद्रों पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं। किसी भी अनुचित गतिविधि का तुरंत पता चल जाएगा और उस पर कार्रवाई की जाएगी।

परीक्षा पैटर्न

CSBC बिहार पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2025 में उम्मीदवारों के ज्ञान और क्षमता की जांच की जाएगी। परीक्षा का पैटर्न निम्नलिखित होगा:

  • समय: 2 घंटे

  • प्रारूप: ऑफलाइन (पेन और पेपर आधारित परीक्षा)

  • प्रश्न प्रकार: बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

  • विषय:

    • सामान्य ज्ञान

    • समसामयिक घटनाएँ

    • संख्यात्मक क्षमता

    • तार्किक क्षमता

    • हिंदी और अंग्रेजी भाषा समझ

    • बिहार और इसके कानूनों का सामान्य ज्ञान

उम्मीदवारों को परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए प्रत्येक विषय में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। परीक्षा के बाद परिणाम को ऑनलाइन चेक किया जा सकेगा।

CSBC बिहार पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2025 के लिए तैयारी टिप्स

  1. समय का प्रबंधन: पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र हल करें और मॉक टेस्ट लें। इससे आपको परीक्षा पैटर्न समझने में मदद मिलेगी और समय प्रबंधन की क्षमता बढ़ेगी।

  2. मुख्य विषयों पर ध्यान: सामान्य ज्ञान, सामयिक घटनाएँ, और तार्किक क्षमता पर ध्यान केंद्रित करें, क्योंकि ये विषय महत्वपूर्ण होते हैं। इन विषयों को अच्छी तरह से समझें।

  3. मॉक टेस्ट का अभ्यास करें: मॉक टेस्ट का अभ्यास करें। इससे परीक्षा में आपकी गति और सटीकता में सुधार होगा।

  4. अपडेट रहें: बिहार पुलिस से संबंधित ताजा जानकारी और भर्ती प्रक्रिया से अपडेट रहें। आधिकारिक CSBC वेबसाइट पर नियमित रूप से विजिट करें।

  5. आराम और विश्राम: परीक्षा से पहले अच्छी नींद लें और खुद को मानसिक रूप से शांत रखें।

परीक्षा के दिन क्या करें

परीक्षा के दिन कुछ अंतिम-मिनट की तैयारियां उम्मीदवारों को मानसिक रूप से तैयार करने में मदद करेंगी:

  • समय पर पहुंचें: परीक्षा केंद्र पर समय से पहले पहुंचें। इससे आप पूरी तरह से आराम से परीक्षा में बैठ सकेंगे और कोई भी दिक्कत नहीं होगी।

  • आधिकारिक दस्तावेज चेक करें: एडमिट कार्ड में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर तुरंत CSBC से संपर्क करें।

  • सुविधाजनक वस्त्र पहनें: सुनिश्चित करें कि आपके वस्त्र आरामदायक हों और परीक्षा केंद्र के नियमों के अनुसार हों।

  • कूल रहें: परीक्षा से पहले तनाव लेना सामान्य है, लेकिन शांत रहकर परीक्षा देना आपकी प्रदर्शन क्षमता को बेहतर बनाएगा।

  • निर्देशों का पालन करें: परीक्षा शुरू होने से पहले सभी आवश्यक निर्देशों को ध्यान से सुनें और उनका पालन करें।

CSBC बिहार पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2025 बिहार पुलिस में कांस्टेबल पद के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। 19,838 पदों के लिए यह परीक्षा लाखों उम्मीदवारों के लिए करियर बनाने का मौका है। सभी उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए, और सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।

परीक्षा विभिन्न जिलों में आयोजित की जाएगी, और प्रत्येक केंद्र पर सुरक्षा और निगरानी के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उम्मीदवारों को ई-एडमिट कार्ड और वैध फोटो पहचान पत्र के साथ परीक्षा केंद्र पर पहुंचना होगा। किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लाने पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।

आखिरकार, उम्मीदवारों को अपने आत्मविश्वास को बनाए रखते हुए परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। इस प्रक्रिया के माध्यम से, बिहार पुलिस में कांस्टेबल के पद पर चयन के अवसर को बेहतर बनाना संभव है। CSBC बिहार पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2025 के लिए हम सभी उम्मीदवारों को शुभकामनाएं देते हैं!

आज का राशिफल: 16 जुलाई 2025 – सितारे क्या कह रहे हैं?

Horoscope Today: 16 July 2025 - How the Stars Align for You

आज 16 जुलाई 2025, बुधवार का दिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष है। इस दिन चंद्रमा का गोचर मीन राशि में हो रहा है, जो कि उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में रहेगा। साथ ही चंद्रमा का केंद्र योग गुरु के साथ बन रहा है, जो आज के दिन को और भी खास बना देता है। सूर्य का गोचर भी कर्क राशि में हो रहा है, जिससे बुधादित्य योग की स्थिति बन रही है। इस प्रकार, यह दिन कई राशियों के लिए लाभकारी रहेगा। आइए जानते हैं कि 16 जुलाई 2025 का राशिफल आपके लिए क्या खास लेकर आया है।

मेष राशि: सतर्क रहना होगा

मेष राशि के जातकों के लिए आज का दिन थोड़ा संघर्षपूर्ण रह सकता है। खासकर आर्थिक मामलों में सतर्क रहना बहुत जरूरी होगा। आपके विरोधी या सहयोगी आपके खिलाफ कुछ कर सकते हैं, इसलिए हर कदम सोच-समझकर उठाएं। अपने गुस्से पर काबू रखना भी जरूरी है, क्योंकि क्रोध से आपके काम बिगड़ सकते हैं। इस दिन आपको यात्रा पर भी जाना पड़ सकता है, और यदि आप प्रॉपर्टी या धातु से जुड़ा व्यापार करते हैं तो आपको अच्छा मुनाफा हो सकता है।

लकी टिप: आज किन्नरों को दान दें, इससे भाग्य में वृद्धि होगी।

वृषभ राशि: सफलता और समृद्धि

वृषभ राशि के लिए आज का दिन बेहद शुभ और लाभकारी रहेगा। आज आपके द्वारा किए गए प्रयासों का फल मिलेगा, और आप अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। किसी पुराने काम का लाभ भी मिल सकता है। परिवार और जीवनसाथी के साथ समय बिताने का अच्छा अवसर मिलेगा, जिससे आपके रिश्ते मजबूत होंगे। आर्थिक स्थिति भी बेहतर रहेगी, और निवेश से अच्छा मुनाफा हो सकता है।

लकी टिप: गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें, सफलता और समृद्धि के लिए।

मिथुन राशि: आर्थिक स्थिति में मजबूती

मिथुन राशि के जातकों के लिए आज का दिन सकारात्मक रहेगा। गुरु की शुभ दृष्टि के कारण आज आपको कार्यों में सफलता मिलेगी और आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी। परिवार में प्रेम और सामंजस्य रहेगा, और आप अपने प्रियजनों के साथ अच्छा समय बिता सकेंगे। आज आप अपनी वाणी और व्यवहार के जरिए कई लोगों को प्रभावित करेंगे। वाहन और सुख-साधनों की प्राप्ति भी संभव है।

लकी टिप: गाय को हरा चारा खिलाएं, इससे भाग्य में वृद्धि होगी।

कर्क राशि: सेहत और उलझन

कर्क राशि के जातकों के लिए आज का दिन मिश्रित रहेगा। आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा, क्योंकि चंद्रमा की स्थिति कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। आपको पारिवारिक जीवन में जीवनसाथी के साथ तालमेल बनाए रखना होगा। बड़ा फैसला लेने से पहले सावधानी बरतें, क्योंकि जल्दबाजी में लिया गया फैसला नुकसानदायक हो सकता है। दिन के दूसरे हिस्से में किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन लाभकारी रहेगा।

लकी टिप: शिवजी का शहद और दूध से अभिषेक करें, इससे सेहत में सुधार होगा।

सिंह राशि: गलत तरीके से लाभ से बचें

सिंह राशि के जातकों के लिए आज का दिन उतार-चढ़ाव वाला हो सकता है। आपको आर्थिक मामलों में समझदारी से काम लेना होगा। इस दिन पिता की सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। अगर आप किसी यात्रा पर जा रहे हैं तो सभी जरूरी बातें पहले से तय कर लें। कार्यस्थल पर ईमानदारी और विश्वास के साथ काम करें, क्योंकि गलत तरीके से लाभ उठाने की कोशिश से नुकसान हो सकता है। लव लाइफ में रोमांस बना रहेगा।

लकी टिप: मूंग की दाल का दान करें, इससे आर्थिक लाभ होगा।

कन्या राशि: यादगार अवसर

कन्या राशि के जातकों के लिए आज का दिन अनुकूल रहेगा। आज आपको कुछ ऐसे मौके मिल सकते हैं जो आपके लिए यादगार साबित होंगे। आपके अधूरे कार्य पूरे हो सकते हैं, जिससे आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। सेहत के मामले में भी यह दिन शुभ रहेगा। सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जिससे आपकी पहचान बढ़ेगी। सरकारी कामों में सफलता की संभावना है।

लकी टिप: सूर्यदेव को कुमकुम मिले जल से अर्घ्य दें, इससे शुभ फल मिलेगा।

तुला राशि: मेहनत का फल मिलेगा

तुला राशि के लिए आज का दिन लाभकारी रहेगा। सूर्य का गोचर आपके कार्यक्षेत्र को लाभकारी बनाएगा। आपको अपनी मेहनत का फल मिलेगा, और आपके करियर में प्रगति होगी। व्यापार में भी अच्छे अवसर मिल सकते हैं। विद्यार्थियों के लिए यह दिन अच्छा है, और आपकी मेहनत को उचित परिणाम मिलेगा। शाम को परिवार के साथ समय बिताना अच्छा रहेगा।

लकी टिप: गाय को गुड़ और रोटी खिलाएं, इससे भाग्य का साथ मिलेगा।

वृश्चिक राशि: खर्चीला दिन

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए आज का दिन खर्चीला रह सकता है। आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण रखने की जरूरत है। कार्यक्षेत्र में सजग और सतर्क रहना होगा, क्योंकि शत्रु आपका नुकसान करने की कोशिश कर सकते हैं। सेहत के मामले में भी सतर्क रहें और बाहर के खाने से बचें। परिवार के साथ अच्छा समय बिताएंगे, और भावुकता से बचें। संवाद में स्पष्टता बनाए रखें।

लकी टिप: गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें, इससे शुभ फल मिलेगा।

धनु राशि: वाणी पर नियंत्रण रखें

धनु राशि के जातकों के लिए आज का दिन शुभ रहेगा। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलने की संभावना है और आपको आर्थिक लाभ भी हो सकता है। लेकिन वाणी पर नियंत्रण रखना जरूरी है, क्योंकि गलत शब्दों से मतभेद हो सकते हैं। सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों के लिए यह दिन संघर्षपूर्ण हो सकता है, लेकिन प्रयासों से सफलता प्राप्त हो सकती है। जीवनसाथी के साथ यात्रा का योग बन रहा है।

लकी टिप: सूर्य भगवान को जल अर्घ्य दें, इससे सफलता मिलेगी।

मकर राशि: पारिवारिक सहयोग मिलेगा

मकर राशि के जातकों के लिए आज का दिन लाभकारी रहेगा। आपकी रचनात्मकता और कार्यकुशलता में वृद्धि होगी, और कोई पुरानी पारिवारिक समस्या आज हल हो सकती है। घर के बड़े, खासकर पिता, का सहयोग मिलेगा। इस दिन आप अपने प्रियजनों के साथ अच्छा समय बिता सकते हैं। लव लाइफ में भी रोमांस रहेगा और अचानक लाभ की संभावना है।

लकी टिप: गायत्री मंत्र का जाप करें, इससे शुभ परिणाम मिलेंगे।

कुंभ राशि: आय में वृद्धि

कुंभ राशि के जातकों के लिए आज का दिन लाभकारी रहेगा। पुराने निवेशों से अच्छा रिटर्न मिल सकता है, और नौकरी में तरक्की के मौके भी बनेंगे। आपकी आय में वृद्धि होगी और यदि आप प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में हैं तो आज का दिन आपके लिए शुभ रहेगा। जीवनसाथी के साथ रिश्ते में सामंजस्य रहेगा और आप एक-दूसरे को उपहार दे सकते हैं।

लकी टिप: गाय को हरा चारा खिलाएं, इससे आय में वृद्धि होगी।

मीन राशि: तनाव और उलझन

मीन राशि के जातकों के लिए आज का दिन तनावपूर्ण और उलझन भरा हो सकता है। चंद्रमा और शनि की युति से विष योग बन रहा है, जिससे कार्यों में रुकावट आ सकती है। आज नया काम शुरू करने से बचें और पुराने कार्यों को प्राथमिकता दें। व्यापारी वर्ग के लिए दिन अच्छा रहेगा, विशेषकर दोपहर के बाद। इस समय के दौरान आपका वित्तीय पक्ष मजबूत हो सकता है।

लकी टिप: किसी पर भी अधिक भरोसा न करें और अपने काम में सजग रहें।

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