मुजफ्फरपुर। बिहार के मोतीपुर थाना के कोदरकट्टा निवासी गोलु कुमार पिता देवेन्द्र भगत व सीतामढ़ी जिला कें इंदवरंवा निवासी सूर्य कांत कुमार को एसकेएमसीएच प्रशासन ने एईएस होने की पूष्टि कर दी है।गोलु कुमार व सूर्यकांत दोनो शनिवार के दिन ही भर्ती कराया गया था।
वृद्ध की मौत
मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के कुढ़नी थाना अन्तर्गत तुर्की ओपी क्षेत्र में सकरी चौक पर अज्ञात वाहन नें एक वृद्ध को कुचल दिया।
अब दो सौ रूपये के नये नोट लाने की तैयारी
संतोष कुमार गुप्ता
नई दिल्ली:नोटबंदी के बाद दो हजार के नये नोट देखकर आप हैरान हो गये थे।पांच सौ के छोटे नोट ने भी आपको चौका दिया था।किंतु एक चौकाने वाली जानकारी फिर आप समझ लिजिये।अब आपके सामने शीघ्र दो सौ रूपये के नये नोट होंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने 200 रुपए के नए नोट लाने की तैयारी शुरू कर दी है। भ्रष्टाचार को कम करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए आरबीआई यह कदम उठा रहा है। सूत्रों के अनुसार 200 रुपये के नोट पर सुरक्षा के खास फीचर होंगे ताकि इसका नकली नोट नहीं बनाया जा सके।
सूत्रों के अनुसार आरबीआई ने 200 रुपए छापने की मंजूरी दे दी है और इन नए नोटों में सुरक्षा फीचर का भी अधिक ध्यान दिया जाएगा। 200 रुपए के नोट में नए सिक्योरिटी फीचर्स होंगे ताकि इसकी नकल करना नामुमकिन होगा। जानकारी के अनुसार 200 रुपए के साथ 1000 और 100 रुपए के नए नोट को नए सिरे से छपने का प्रस्ताव बोर्ड ने दिया है।
इसके अलावा सरकार 500 और 2000 रुपए के बैंक नोटों के सुरक्षा फीचर में हर 3-4 साल में बदलाव करने की सोच रही है ताकि जाली नोटों की समस्या पर लगाम लगाई जा सके। सरकार ने नोटबंदी के बाद पिछले चार महीने में भारी मात्रा में जाली मुद्रा पकडऩे जाने के मद्देनजर यह फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर गुरुवार को यहां एक उच्चस्तरीय बैठक में चर्चा हुई।
बैठक में केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि सहित वित्त व गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। इस कदम का समर्थन करते हुए गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर विकसित देश अपने मुद्रा नोटों में सुरक्षा फीचर हर 3-4 साल में बदल देते हैं। भारत के लिए इस नीति का पालन करना अनिवार्य है।
अनोखी शादी: यहां मरने के बाद भी होते है सात फेरे
संतोष कुमार गुप्ता
यूपी के सहारनपुर के नटबाजी समाज में अभी भी शादी की अनोखी परम्परा है। यहां मरने के बाद भी सात फेरे के मंत्र पढे जाते है। हर मां-बाप का सपना होता है कि उनके बेटे-बेटी की शादी बडी धूमधाम से हो। इस सपने को पूरा करने के लिए वो कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते और शादी में दिल खोलकर पैसा भी खर्च करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी किसी मरे हुए इंसान की शादी के बारे में सुना है। यह पढकर एक बार तो आप भी चकित रह गए होंगे, लेकिन यूपी में एक जगह ऐसी भी है जहां ये बात सच साबित होती है।
यूपी के सहारनपुर जिले में नटबाजी समाज वर्षों पुरानी परम्पराओं को आज भी बखूबी निभा रहा है। नटबाजी समाज में सिर्फ जिंदा ही नहीं बल्कि मर चुके बच्चों की शादी भी बेहद धूमधाम से करने की अनोखी परम्परा है।
हाल ही में मीरपुर के रामेश्वर ने 18 साल पहले मर चुकी अपनी बेटी की शादी हरिद्वार के गांव में रहने वाले तेजपाल के मृत बेटे के साथ हिन्दू रीति-रिवाज के साथ कराई। इस समुदाय में यह परम्परा सादियों से चल आ रही है। यहां मंडप में दूल्हा-दुल्हन की जगह गुड्डा-गुडियां रखे जाते हैं। जानकारी के अनुसार, रामेश्वर की बेटी पूजा की दो साल की उम्र में मौत हो गई थी। उसने बड़ी मुश्किल से हरिद्वार के गाधारोना गांव में तेजपाल के घर मृत दूल्हे की तलाश की। शादी के बाद विदाई भी की गई। इस अनोखी शादी समारोह में करीब पचास लोग बाराती बन कर पहुंचे थे।
बाल विवाह का विरोधी यह गांव बच्चों के मरने के बाद उनके बालिग होने पर ही विवाह करता है। यहां मान्यता है कि ऐसा करने से उनकी मृत संतान भी अविवाहित नहीं रहती है। इस दौरान बैंड-बाजे के साथ बारात मृत कन्या पक्ष के दरवाजे पर आती है और शादी की सभी रस्में भी पूरे रीति-रिवाज के साथ संपन्न कराई जाती हैं। यही नहीं कन्या पक्ष अपने सामर्थ्य के अनुसार वर पक्ष को दान-दहेज भी देता है। हैं ना चौकाने वाली खबर।
गृह प्रबन्धन: गृहिणी की एक चुनौती
राज किशोर प्रसाद
आज की आधुनिक परिवेश में गृह प्रबन्धन गृहणियों की एक चुनौती बन गई है। परिवार चाहे एकल हो या संयुक्त गृहिणियों को अपने गृह व परिवार को समुचित प्रबन्धन की कसौटी पर खड़ा करना गृहिणी की दक्षता कुशलता व विवेक पर निर्भर करता है। आज के परिवेश में भाग दौड़ की जिंदगी सीमित संसाधन भारी व बड़ी जिम्मेदारियो के बीच कुशल प्रबन्धन चुनौतियों से भरी पड़ी है।
प्राचीन काल से भारतीय परिवारो में गृह प्रबन्ध का बड़ा महत्व रहा है। वर्तमान समय में समुचित गृह प्रबन्ध पर ही परिवार का भविष्य निर्भर करता था। सामान्य रूप से गृह प्रबन्धन समुचित व्यवस्थापन से है जिसके माध्यम से परिवार अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करता है। गृह प्रबन्ध वह मानक है जो परिवार की खुशियां सुख समृद्धि स्वास्थ्य और परिवार के सभी सदस्यों के उज्ज्वल भविष्य को तय करती है। इसके लिये यह जरूरी है कि गृहणी से लेकर गृह के सभी सदस्यों को हर क्षेत्र में प्रत्येक स्तर पर अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी से करे।
पारिवारिक व घरेलू संसाधनो का सदुपयोग गृहणी की सूझ बुझ पर भी निर्भर करता है। मानवीय और अमानवीय उपलब्ध संसाधनो का सही नियोजन और नियंत्रण गृहणी की दक्षता व कुशलता की कील पर घूर्णन करती है। सफलता कील की मजबूती पर निर्भर करती है। सफल गृह प्रबन्धन का उद्देश्य उपलब्ध संसाधनो से उपयोग कर पारिवारिक लक्ष्य की प्राप्ति करना है। इसके लिये जीवन निर्वहन एक नियोजित शैली में होनी चाहिये। समय शक्ति ऊर्जा धन भौतिक वस्तुओ के साथ साथ परिवार के सदस्यों की मनोवृति रुचियों कार्यकुशलता दक्षता ज्ञान सामुदायिक सुविधा के महत्व को समझते हुये संसाधनों में क्रमबद्धता स्थापित करना गृहणी के लिये बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है।
मिशाल: लड़कियों ने ही पुरा कर दिए मां बाप के सपने
भोजपुर। एक दंपत्ति ने दुनिया की परवाह किए बिना अपनी तीन बेटियों को पढ़ा लिखा कर अधिकारी बना दिया। अब वही बेटियां मां बाप के सपनो को पंख लगाने में जुटी है। दरअसल, यह एक मिशाल है, आज के बलते समाज की। वाकया भोजपुर के कोईलवर नगर पंचायत की है। यहां के निवासी रविशंकर व वैजयंती के घर लगातार चार बेटियों ने जन्म लिया तो परिवार वालें व रिश्तेदारों को लगा जैसे पहाड़ ही टूट पड़ा हो। किंतु, माता-पिता ने अपने हौसले को टूटने नहीं दिया। आज उनकी तीन बेटियों ने युवाओं के हिस्से में आने वाली सरकार की नौकरी झटक कर अपने माता पिता के अरमानो को पंख लगा कर समाज के सामने एक बड़ा मिशाल खड़ा कर दिया है।
आज तीनों बेटियां सुरक्षा बल में अधिकारी बन चुकी है और पूरे इलाके के लिए प्रेरणास्रोत भी बन गई हैं। कोईलवर के एक छोटे से घर में होम्योपैथिक दुकान चला कर अपने परिवार का गुजर-बसर करने वाले रविशंकर प्रसाद के परिवार को देख किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि उनकी तीन लड़कियां रंजना, किरण व रौशनी कामयाबी की ऐसी मिसाल पेश करेंगी। जो, समाज की अन्य बच्चियों के लिए एक उदाहरण बन जायेगा।
बड़ी बेटी रवि रंजना बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर है। दूसरी बेटी रवि किरण ने सीआईएसएफ में सब इंस्पेक्टर पद पर तैनात है। वही, तीसरी बेटी रवि रौशनी ने रेलवे में सब इंस्पेक्टर बन कर सफलता का परचम लहरा दिया है। अब तीनों के नक्शे कदम पर चल रही चौथी बेटी रवि रेणु भी अपनी जगह तलाश करने में जुटी है।
मां बाप ने चार बेटियों को बेटों की तरह पाला पोसा। शर्ट-पैंट पहनना, साइकिल चलाना, बाइक चलाना इन सभी बहनों की आदतो में शुमार है। कोईलवर के सरकारी विद्यालय से स्कूली शिक्षा पूरी कर महाराजा कॉलेज से विश्वविद्यालय की पढ़ाई करने के बाद सभी बहनें सरकारी नौकरी की तैयारी में लग गई थीं और आखिरकार एक-एक कर तीन बहनों ने अपना मुकाम हासिल करके ही दम लिया है।
पिटाई से चीख रही छात्रा का कसूर सिर्फ इतना की उसे गाना नही आता था
सुपौल। बिहार में सुपौल जिले के बसहा मध्य विद्यालय के एक महादिलत छात्रा को गाना नही गाना मंहगा पड़ गया। गाना नहीं गाने पर गुस्से में आकर शिक्षक ने छात्रा की बेरहमी से पिटाई कर दी। छात्रा के परिजनों ने शिक्षक के खिलाफ थाना में शिकायत की। जानकारी के मुताबिक कक्षा सात की छात्रा नीतू कुमारी का कहना है कि स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक राजकिशोर भगत ने उसे गाना गाने के लिए कहा। जब उसने गाना गाने से इनकार कर दिया तो शिक्षक छड़ी से उसकी पिटाई करने लगे। उसे इतनी बेरहमी से पीटा गया कि पीठ पर गहरे जख्म हो गए।
सिर में मारी चाकू
दीपक
दरभंगा। सिंहवाडा थाना के रामपुरा गांव में दो गुटो के बीच हुई मारपीट में दो लोग जख्मी हो गयें हैं। भूमि विवाद को लेकर सिर में मारी है चाकू। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।
डूब कर युवती की मौत
मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर के औराई थाना अन्तर्गत धराहरवा में नहाने के दौरान डूबकर दो युवती की मौत हो गई है।
सड़क दुर्घटना में दुकानदार की मौत
मुजफ्फरपुर। सकरा के झिटकाही गांव के समीप सड़क दुर्घटना में दुकानदार की मौत से गुस्साए लोगो ने जम कर बवाल काटा। 38 वर्षीय दुकानदार का नाम दिलीप सिंह है और वह बसंतपुर झिटकाही गांव रहने वाला है।
शराब बरामद
दीपक
दरभंगा। सिंहवारा थाना के ब्रह्मपुरा गांव से 34 बोतल विदेशी शराब के साथ एक घंघेबाज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पान दुकान की आर में चलाता था शराब का घंघा। छापामारी के दौरान पुलिस को भूसा के घर से मिली बड़ी कामयाबी।
अधेड़ की मौत
मुजफ्फरपुर।बिहार के मुजफ्फपुर जिलें के बोचहा थाना अन्तर्गत इतवारपुर चौक पर अज्ञात वाहन की ठोकर सें एक अधेड़ की मृत्यु हो गई ।एनएच -57 पर इतवारपुर चौक के नजदीक बाहनों की लम्बी कतार लगी हुई है।
बाइक सवार युवक की मौत
मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिला अन्तर्गत सकरा में एनएच 28 पर बलेरो और बाइक की टक्कर में बाइक सवार की घटनस्थल पर ही मौत हो गई। यह घटना भठंडी पेट्रौल पम्प के नजदीक की है। इस बीच सकरा अस्पताल में युवक की मौत पर हंगामा खड़ा हो गया है। पुलिस मौके पर पहूंच चूकी है।
बच्चे की डूबने सें मौत
शिवहर। बिहार के शिवहर जिलें के पिपराही थाना के मसौढ़ा गांव में चैती छठ देखने गये छठ घाट पर पांव फकसल जाने से बागमती नदी में स्थान के दौरान डूबने से एक बच्चे की मौत हो गई हैं।
विकलांग पिता ने पान बेचकर बेटा को बनाया दिल्ली मेट्रो का ऑपरेटर
मीनापुर प्रखंड के चाँदपरना गांव के बंकुल टोला निवासी विकलांग शिवशंकर सहनी लकड़ी की छोटी सी गुमती में पान बेचकर अपने बड़े पुत्र अनिल को दिल्ली मेट्रो ट्रेन का ऑपरेटर बना दिया । शिवशंकर अपने हीं गांव चाँदपरना चौक पर लगभग बीस वर्षों से एक गुमटी में पान बेचता है । शिवशंकर जवानी में हीं बाहर कमाने गया । वहीं ट्रक की ठोकर से घायल हो गया । इलाज के बाद पेअर ठीक नहीं होने पर डॉक्टर ने पैर को काट दिया । शिवशंकर का कहना है कि विकलांग होने की वजह से पान की दुकान खोलने का निर्णय लिया चूँकि यह काम बैठे-बैठे किया जा सकता था । उसके पास तीन लड़का व एक लड़की है । अनिल से छोटा मनोज पान का मैटेरियल लाने के साथ-साथ खेती का भी काम करता है । तीसरा रविन्द्र बीटेक करके जेनरल कम्पीटिशन की तैयारी करता है । बहन गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ती है । ऑपरेटर अनिल ने बताया कि पढाई की पहली शुरुआत गांव के प्रभात तारा पब्लिक स्कुल में तीसरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद पिता की मजबूरी की वजह से निजी विद्यालय की पढ़ाई छोड़कर कांटी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय बंगाही से पांचवी पास करने के बाद मध्य विद्यालय मानिकपुर से प्रारंभिक स्तर की शिक्षा लेकर राम कृष्ण उच्च विद्यालय से मैट्रिक पास किया उस वर्ष वह विद्यालय का टॉपर रहा । आरडीएस कॉलेज से इंटर पास करने के बाद नवीन राजकीय पोलटेक्निक कॉलेज से बीटेक किया और रेलवे की प्रतियोगी परीक्षा में बैठा । 17 दिसंबर 2008 को रिजल्ट निकला जिसमे वह सफल रहा । 12 जनवरी 2009 से अभी तक दिल्ली मेट्रो में ट्रेन ऑपरेटर/स्टेशन कंट्रोलर के पद पर कार्यरत है ।
दम तोड़ता लोकतंत्र और धूंध में राष्ट्रीय विकल्प
जय नारायण प्रसाद
भारत के आधा से अधिक भूभाग पर भाजपा नीत केन्द्र सरकार का प्रभुत्व है। पिछले चुनावों में मिली भारी जीत से भाजपा का मनोबल उंचा हुआ है। देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में मिली जीत से भाजपा के समर्थक व कार्यकर्ता उत्साहित है। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राजनीति का अतुलनीय शिखर पुरुष की संज्ञा दे दी गई है। शोहरत की नई उपलब्धी से गदगद मोदीजी अब नबीन भारत बनाने की कल्पना करने लगें हैं।
नबीन भारत कैसा होगा? कब होगा? इन सवालो के जड़िए, सोचने वालो की कल्पना में दो सम्भावनाएं है। 1. नोटबंदी से जिस तरह 6 फीसदी कालाधन बैंको में आ गया है, उसी तरह शेष 94 फीसदी कालाधन भी सरकारी खजाने में आ जायेगा। सचमुच प्रत्येक खाताधारी के बचत खातों में 15 लाख रुपये आने की घोषणा सत्य सावित होगी। प्रति वर्ष दो करोड़ बेरोजगारो को रोजगार मिल जायेगा। इसके अतिरिक्त प्रयास बढ़ा कर हर हाथ को काम, हर खेत को पानी, हर घर को बिजली व शौचालय, पीने का स्वच्छ पानी, उपलब्ध हो जायेंगे।
हम न खायेंगे, न खाने देंगे… के तर्ज पर सत्ता व उनके प्रहरी यथा न्यायपालिका, कार्यपालिका व मीडिया भ्रष्टाचार मुक्त हो जायेंगे। किसान के कृषि ऋण माफ हो जायेंगे। पैदावार की लागत खर्ज का डेढ़ा गुणा मूल्य किसानो को मिलने लगेगा। सभी जल स्त्रोतो को स्वच्छ करते हुए, शहरो व गांवो को स्वच्छ करते हुए स्वच्छ भारत अभियान सफल होगा।
मेक इन इंडिया के जरिये स्वदेशी उत्पाद पर बल देकर निर्यात को बढाया जायेगा तथा आयात घटा कर शून्य कर दिया जायेगा। देश के भीतरी व बाहरी खतरो से निपटा जायेगा। युवा वर्ग को आरएसएस के घटको से जोड़ कर पार्टी को सशक्त व सुदृढ़ बनाया जायेगा। इस तरह पार्टी व देश दोनो के लिए अच्दे दिन अवश्य आ जायेंगे। ऐसे अच्दे दिन आने के लिए कमसे कम पांच या सात वर्षो तक धैर्य रखना होगा।
मोदीजी की दूरदर्शिता काबिले तारीफ है। भूमि आबंटन के जिस हथियार से माननीय ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में लम्बे अर्से से राज कर रहे कम्यूनिष्टो को किसान बिरोधी साबित करके धरासायी कर दिया, उसी हथियार का इस्तेमाल कर गुजरात में उन्होंने 45 हजार एकड़ भूमि टाटा समूह को कारखाना खोलने के लिए देकर, देश के बड़े उद्दोगपतियो की नजर में पूंजीवाद के संरक्षक के रुप में सर्वोत्तम बन गये और पार्लियामेंट के चुनाव में सर्व मान्य बन कर उभरे।
संघ के इशारो पर चलने वाली भाजपा में किसी अन्य नेता को संघ के फैसले का प्रतिकार करने का साहस नही हो पाया और आप सर्वमान्य नेता बन कर उभरे। यही नही, बड़े उद्योगपतियो व पूंजीपतियो ने तन मन धन से आपकी पार्टी को अजेय बहुमत के साथ पार्लियामेंट भेज दिया। सत्त की महक आतें ही अपनी ही पार्टी के अनुभवी व कद्दावर नेताओं को आपने पार्टी से दरकिनार कर दिया। देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में हिन्दुत्व का खुला एजेंडा चलाया और जीते भी।
दुर्भाग्यवश इनमें से कोई भी लेनिन, माओत्से तुंग, होचीमिन, कोई फिदेल कास्त्रो या ह्यूगो सावेज पैदा नही हो रहा है। जो इनमें एकता स्थापित कर सके और 21वीं सदी का लाल इतिहास बना सके। मुझे विश्वास है कि वामपंथी एकता से भारत का राष्ट्रीय विकल्प बन जाता तो धार्मिक कट्टरपंथ पैदा नही होता। शोषण मुक्त विकासवाद व वैज्ञानिक समाज का निर्माण होता। देश की अखंडता बनी रहती। मैत्रीपूर्ण विदेश नीति फलीभूत होती। धर्म, शोषण आदि की जड़ो में पलने वाला आतंकवाद का खौफ सदा के लिए मिट जाता।
वामपंथी बिकल्प हो सकता है। जब पार्टी पदो पर चिपके अपनी जवानी की मात्र एक दो घटनाओं का लगातार हवाला देते हुए पार्टी के बड़े पदो पर चिपके वर्तमान असमर्थ सीनियरो को ठेल कर युवा वर्ग आगे आवे। वेसे युवा वर्ग जो धर्म, जाति, निहित स्वार्थ, कुत्सित भावनाओ से दूर राष्ट्रहीत में मानवता के उच्च मूल्यों के लिए कुर्बानी देने को तैयार हो।
परिस्थियां अनुकूल होती जा रही है। क्योंकि, आज की सत्ता में अफसर व नेताओं में अधिकांश भ्रष्ट है। भाई भतीजा करने वालें हैं। रिश्वतखोर हैं। ऐसे में येग्य मेधावी युवा आर्थिक पिछड़ेपन के कारण सरकारी नौकरी से बंचित होते जा रहें हैं। बंद होते उद्योग के कारण रोजगार के अवसर से पिछड़ते जा रहें हैं। हत्या, अपराध, लूट को संरक्षण देने वाली सत्ता को उखाड़ फेकने में क्या युवा वर्ग का नेतिक कर्तव्य नही है? क्या वे हाथ पर हाथ धरे बैठे रह कर निराशा की बदहाल जिन्दगी जीते रहेंगे? ऐसे में स्वामी विवेकानंद की वाणी स्मरणीय है -जागो, उठो और तब तक नही रुको जब तक लक्ष्य नही पा लो। मुझे अटूट विश्वास है कि एक न एक दिन युवा वर्ग धूंध चीर कर नया सुखद राष्ट्रीय विकल्प अवश्य लायेंगे।
बाहरी लोगो देखते ही मार देतें हैं नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड के आदिवासी
कौशलेन्द्र झा
नई दिल्ली। एक ओर 21वीं सदी की चकाचौध और दुसरी ओर हमारी परंपरा। कहतें हैं कि आज हम वैश्विीकरण की दौर में है। दुसरी ओर एक ऐसा समाज, जहां पहुंचतें ही बाहरी लोगो की हत्या कर दी जाती है। जी हां… भारत में आज भी मौजूद है नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड। यहां के मूल निवासी बाहरी लोगो को देखते ही उसे मार देतें हैं।
भारत सरकार ने सन 1967 से 1991 के बीच यहां के लोगों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास के तहत कई प्रयास भी किये। नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड के मूल निवासियों से संपर्क साधने के प्रयास भी हुए। किंतु, टापू के मूल निवासियों बाहर के समाज से जुड़ने से इनकार कर दिया। इतना ही नही बल्कि, सरकारी प्रयास के दौरान भी स्थानीय लोगों ने आक्रामकता दिखाई। बाद में केन्द्र की सरकार ने 1991 के बाद से नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड के निवासियो से संपर्क करने के प्रयास नही कियें हैं। बहरहाल, भारत सरकार ने इस इलाके को exclusion zone घोषित करके यहा किसी बाहरी शख्स के प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बतातें चलें कि वर्तमान में इस जनजाति की जनसंख्या कितनी है यह अभी तक एक अनसुलझा सवाल ही है। अनुमान के अनुसार इस जनजाति से संबंधित लोगों की संख्या 100 से 200 तक हो सकती है। इस जनजाति से जुड़े लोगों के जीवन से संबंधित कोई भी ऐसी चीज नहीं मिल पाई है, जिससे इनके विषय में विस्तार से पता चल सके। प्राचीन जनजातियों के विषय में शोध करने वालो को भी इनके बारे में कुछ भी ठीक से नही मालुम है। क्योंकि, ये इतने खूंखार हैं कि अपने करीब किसी को आने ही नहीं देते।
अरेस्ट वारंट से राखी की बढ़ी मुश्किलें
महर्षि वाल्मीकि के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करना सीने तारिका राखी सावंत के गले की फांस बन गई। लुधियाना की एक अदालत ने राखी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। राखी ने पिछले साल एक निजी टीवी चैनल पर कार्यक्रम के दौरान महर्षि वाल्मीकि के खिलाफ टिप्पणी की थी। वाल्मिकी समुदाय इसे अपना अपमान बता रहा है। फिलहाल, लुधियाना पुलिस का दो सदस्यीय दल गिरफ्तारी वारंट के साथ मुंबई रवाना हो गया है। अदालत की ओर से बार बार समन भेजे जाने के बावजूद राखी बीते नौ मार्च को सुनवायी के दौरान अदालत में पेश नहीं हुई थी। अदालत ने मामले की अगली सुनवायी की तारीख 10 अप्रैल तय की है।
माँ की तलाश में दो नन्ही आंखें
हत्या या आत्महत्या में उलझी पुलिस
अररिया। शहर के आजाद एकेडमी के समीप एक महिला की रहस्यमयी मौत पुलिस के लिए अनबूझ पहले बनी हुई है। ठेकेदार अभिषेक चन्दन की 28 साल की पत्नी शालू की लाश सुबह उसके बेडरुम से मिली। उसके सिर पर चोट के निशान हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है। पुलिस ने शक के आधार पर पति और देवर को हिरासत में लिया है।
महिला के दो छोटे बच्चे अमन और अमित घटना की रात दादी के साथ भागलपुर गये हुए थे। अब दोनो बच्चे माँ को तलाश रहें है। अभिषेक ने सुबह करीब 4 बजे अपने एक परिचितों को फ़ोन किया था कि उनके घर में कुछ लोग घुस आए हैं। जब पड़ोस के लोग घर पहुंचे तो शालू अपने बेडरूम में मरी पड़ी थी। पुलिस को जबरन किसी के घर में घुसने के साक्ष्य नहीं मिले। तीन मंजिला मकान के दूसरे तल पर ये लोग रहते थे। नीचे दुकान है। इसमें कैमरा लगा है। पुलिस सीसीटीवी कैमरे को खंगाल रही है।
अज्ञात युवक का शव बरामद
विनोद कुमार
मुजफ्फरपुर। सिवाईपट्टी थाना के डिहुली गांव के पंचायत सरकार भवन के समीप एक 25 वर्षिय अज्ञात युवक का शव बरामद हुआ है। युवक के गले में फंदा बंधा था। हालांकि, अभी यह नही पता चला है कि उसने आत्महत्या कर ली या उसकी हत्या की गई है? फिलहाल, पुलिस ने लाश को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया है।