विकलांग पिता ने पान बेचकर बेटा को बनाया दिल्ली मेट्रो का ऑपरेटर  

विश्वनाथ प्रसाद कुशवाहा

मीनापुर प्रखंड के चाँदपरना गांव के बंकुल टोला निवासी विकलांग शिवशंकर सहनी लकड़ी की छोटी सी गुमती में पान बेचकर अपने बड़े पुत्र अनिल को दिल्ली मेट्रो ट्रेन का  ऑपरेटर बना दिया । शिवशंकर अपने हीं गांव चाँदपरना चौक पर लगभग बीस वर्षों से एक गुमटी में पान बेचता है । शिवशंकर जवानी में हीं बाहर कमाने गया । वहीं ट्रक की ठोकर से घायल हो गया । इलाज के बाद पेअर ठीक नहीं होने पर डॉक्टर ने पैर को काट दिया । शिवशंकर का कहना है कि विकलांग होने की वजह से पान की दुकान खोलने का निर्णय लिया चूँकि यह काम बैठे-बैठे किया जा सकता था । उसके पास तीन लड़का व एक लड़की है । अनिल से छोटा मनोज पान का मैटेरियल लाने के साथ-साथ खेती का भी काम करता है । तीसरा रविन्द्र बीटेक करके जेनरल कम्पीटिशन की तैयारी करता है । बहन गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ती है । ऑपरेटर अनिल ने बताया कि पढाई की पहली शुरुआत गांव के प्रभात तारा पब्लिक स्कुल में तीसरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद पिता की मजबूरी की वजह से निजी विद्यालय की पढ़ाई छोड़कर कांटी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय बंगाही से पांचवी पास करने के बाद मध्य विद्यालय मानिकपुर से प्रारंभिक स्तर की शिक्षा लेकर राम कृष्ण उच्च विद्यालय से मैट्रिक पास किया उस वर्ष वह विद्यालय का टॉपर रहा । आरडीएस कॉलेज से इंटर पास करने के बाद नवीन राजकीय पोलटेक्निक कॉलेज से बीटेक किया और रेलवे की प्रतियोगी परीक्षा में बैठा । 17 दिसंबर 2008 को रिजल्ट निकला जिसमे वह सफल रहा । 12 जनवरी 2009 से अभी तक दिल्ली मेट्रो में ट्रेन ऑपरेटर/स्टेशन कंट्रोलर के पद पर कार्यरत है ।

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