कोरोना वायरस या Covid-19 क्या है

Corona Virus (Covid-19) Image

वैसे तो कोरोना वायरस (Covid-19) किसी परिचय का मोहताज नहीं है। छोटा बच्चा, युवा हो या बूढ़ा कोई भी वर्ग इसके कहर से अछूता नहीं बचा है। यही कारण है की कोरोना वायरस (Covid-19) के बारे में विस्तार से जान लेना और भी जरूरी हो जाता है।

कोरोना वायरस (Covid-19) क्या है? कोरोना वायरस की शुरुआत कब, कहाँ और कैसे हुई? कोरोना वायरस के अबतक के डिफरेंट वैरिएंट्स। कोरोना के लक्षण। कोविड-19 के जांच के तरीके। कोरोना वायरस से बचाव का तरीका तथा कुछ सावधानियाँ। कोरोना वायरस (कोविड-19) के दो सालों का सफर।

कोरोना वायरस (Covid-19)क्या है?

कोविड-19 कोई नया वायरस नहीं है, यह कोरोना फैमिली का ही एक नया मेम्बर है। आज से ठीक कुछ साल पहले इसी परिवार के दो अन्य वायरस MERS-CoV (Middle East Respiratory Syndrome Corona Virus) और SARS-CoV (Severe Acute Respiratory Syndrome Corona Virus) को पहचाना गया था। इन दोनों वायरसो की मारक क्षमता तो ज्यादा थी मगर इनका फैलाव कम था। इसके बावजूद WHO ने बहुत जल्द ही इन वायरसो पर नियंत्रण पा लिया था। पर एक बार फिर इसी परिवार से एक नये वायरस के रूप में कोविड-19 उभड़ आया है, जिसके फैलने की रफ्तार काफी तेज है। कोविड-19 को SARS-CoV-2 के रूप में देखा जा रहा है।

इस वायरस के बारे में सोचते ही मन में सबसे पहला सवाल यही उठता है की इसका नाम कोरोना वायरस (Covid-19) ही क्यूँ पड़ा? चूंकि वायरस शेप और साइज़ मे एक दूसरे से अलग होते हैं। इसी प्रकार क्राउन जैसा स्ट्रक्चर होने के कारण इस वायरस का नाम कोरोना रखा गया। कोरोना एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ होता है क्राउन जैसा।

कोविड-19 एक तेजी से फैलने वाला खतरनाक वायरस है। जिसके कारण कोरोना जैसी संक्रामक बीमारी होती है। यह एक ऐसी महामारी है जो एक से दूसरे तथा दूसरे से तीसरे मे फैलती ही जाती है। इस महामारी का प्रसार, संक्रमित लोगों के सीधा संपर्क मे आने या हवा के माध्यम से भी हो सकता है। Covid-19 transmission routes

कोरोना वायरस (Covid-19) की शुरुआत कब, कहाँ और कैसे हुई?

कोरोना वायरस (Covid-19) की शुरुआत कोरोना फैमिली के SARS वायरस से हुई थी। सार्स वायरस का कहर 2002-2004 तक झेलना पड़ा था। इसके बाद इसी फैमिली के MERS वायरस ने  2012, 2015 तथा 2018 में अपना विकराल रूप दिखाया था, और एक बार फिर दिसंबर 2019 मे कोरोना वायरस (कोविड-19) की पुष्टि चीन के वुहान शहर के सी-फूड मार्केट से हुई। ऐसा कहा जा रहा था कि अक्टूबर 2019 से ही यह वायरस चीन मे फैलना शुरू हो चुका था और 2020 आते-आते यह वायरस पूरे विश्व में फैल गया।

WHO ने 2019 में  इस वायरस को नोबल कोरोना वायरस कहा और 11 फरवरी 2020 को इसका नामकरण कोविड-19 कर दिया गया। 11 मार्च 2020 को WHO ने Covid-19 को वैश्विक महामारी (Global Pandemic) घोषित कर दिया।

चाइना के बाहर कोविड का पहला मामला।

चाइना के बाहर थाईलैंड में, सबसे पहले कोविड का मामला 13 जनवरी 2020 को सामने आया था। वहीं इंडिया में पहला केस, 30 जनवरी 2020 को केरल के थ्रीसूर जिले मे देखा गया था। दूसरा केस केरल के अलपुजहा में तथा तीसरा केस भी केरल के ही कासरगोड जिले मे देखा गया। 11 जून 2020 आते-आते यह वायरस विश्व के लगभग 216 देशों मे फैल चुका था।

ऐसा कहा जा रहा था कि कोरोना वायरस के फैलने में चमगादड़ वाहक (resorvoir) का काम कर रहा है।

कोरोना वायरस के अबतक के डिफरेंट वैरिएंट्स

  • अल्फा कोरोना वैरिएन्ट – United Kingdom, Sept-2020
  • बीटा कोरोना वैरिएन्ट – South Africa, May-2020
  • गामा कोरोना वैरिएन्ट – Brazil, Nov-2020

अल्फा, बीटा तथा गामा कोरोना वायरस को 2020 के शुरुआती दौर के कुछ समय बाद देखा गया था। इनके फैलने की रफ्तार काफी तेज थी।

  • डेल्टा कोरोना वैरिएन्ट – India, Oct-2020
  • लेम्डा कोरोना वैरिएन्ट
  • म्यू कोरोना वैरिएन्ट

2020 के अक्टूबर के मे डेल्टा वैरिएन्ट को देखा गया था और इसी के आस-पास लेम्डा और म्यू वैरिएन्ट भी सामने आया था।

  • ओमीक्रॉन वैरिएन्ट – इस वैरिएन्ट को बहुत सारे देशों मे 2021 के नवम्बर महीने मे देखा गया था। यह डेल्टा वैरिएन्ट के मुकाबले कम घातक है पर इसके फैलने और म्यूटेट करने की क्षमता काफी तेज है। यह वायरस हमारे इम्यून सिस्टम को बुरी तरह से प्रभावित करता है। ओमीक्रोन वायरस से एक बार संक्रमित होने के बाद दोबारा भी संक्रमण का खतरा रहता है पर इसकी रिकवरी रेट ज्यादा है।
  • नियोकोव वैरिएन्ट – यह भी कोरोना फैमिली का ही एक न्यू वैरिएन्ट है। मगर निओकोव वायरस का फैलाव सिर्फ जंतुओं मे देखा गया है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है की यह वैरिएन्ट आगे चलकर म्यूटेट होकर खतरनाक रूप लेगा या नहीं।

WHO ने कोरोना का वर्गीकरण दो भागों मे किया है।

(1) VOC (Varient Of Concern) – अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, ओमीक्रॉन को इस वर्ग मे रखा गया है, क्योंकि इस वर्ग के वायरसो के फैलने की रफ्तार काफी तेज है तथा इसकी मारक क्षमता भी ज्यादा है।

(2) VOI (Varient Of Interest) – इटा, लोटा, कप्पा, लेम्डा, म्यू ।

कोरोना वायरस के लक्षण

अलग-अलग लोगों मे कोरोना के अलग-अलग लक्षण देखने को मिल रहे है। कोरोना से संक्रमित व्यक्ति मे आमतौर पर लक्षण 2-5 दिनों के भीतर दिखाई देने लगते है, पर कुछ केसों मे ये लक्षण दिखाई देने मे 14 दिन भी लग सकते हैं। साथ ही कुछ ऐसे भी लोग है जिसमे यह बीमारी होकर ठीक भी हो जाती है पर लक्षण दिखाई नहीं देते है। सर्दी, खांसी तथा बुखार कोरोना के कुछ सामान्य लक्षण है।

कोरोना के शुरुआती लक्षण

  • बुखार
  • खांसी
  • थकान
  • स्वाद और गंध का न पता चलना
  • सांस से जुड़ी समस्या

कोरोना (ओमीक्रॉन) के अभी के लक्षण

  • बहती नाक
  • गले मे खरास
  • सिरदर्द
  • थकान
  • मांशपेशियों मे जकड़न और दर्द
  • लंबे  समय तक खांसी
  • दस्त
  • त्वचा पर दाने पड़ना

कोरोना के गंभीर लक्षण

  • सीने मे दर्द होना
  • सांस लेने मे दिक्कत महसूस होना
  • आक्सीजन लेवल का कम हो जाना
  • कमजोरी महसूस होना

कोरोना वायरस का प्रभाव हर किसी पर पड़ा है पर वो लोग जो डायबिटीज, हृदय रोग, लो इम्यूनिटी जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं उनपर इसका प्रभाव ज्यादा हुआ है।

कोविड-19 के जांच के तरीके

1. RTPCR Test – इस टेस्ट के माध्यम से कोरोना के सभी वैरिएंट्स की जांच की जाती है। इसका रिजल्ट 24 घंटे के बाद आता है।

2. एंटीजेन टेस्ट – यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे रिपोर्ट के 100% सही आने की संभावना कम रहती है। कोरोना होने के बावजूद भी रिपोर्ट निगेटिव आ जाता है, पर रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर इसे सही माना जाता है। इस टेस्ट मे इन्फेक्शन के छूट जाने का खतरा रहता है।

3. एंटीबॉडी टेस्ट – यह टेस्ट इस बात का पता लगाता है की शरीर मे वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बना है या नहीं। कोरोना ठीक हो जाने के बाद भी शरीर मे एंटीबॉडी होने के कारण इसका टेस्ट पॉजिटिव ही आता है।

4. जीनोम सीक्वेंसिंग – यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा वायरस के वैरिएन्ट का पता लगाया जाता है।

कोरोना वायरस से बचाव का तरीका तथा कुछ सावधानियाँ

  • मास्क जरूर लगाएं
  •  सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें  (70% एल्कोहल )
  • सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
  • साबुन से बार-बार हाथ धोए
  • किसी के द्वारा मुंह पर खाँसने या छींकने से बचें
  • खांसी या छींक आने पर मुंह या नाक को रुमाल से ढकें
  • संतुलित आहार का सेवन करें
  • प्रतिदिन धूप सेंके
  • भीड़-भाड़ वाले स्थान पर जाने से बचें
  • इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़े का सेवन करें
  • वैक्सीन जरूर लगवाएं ।
  • कोरोना से संक्रमित हो जाने के बाद खुद को आईसोलेट करे ताकि यह संक्रमण दूसरे तक ना फैले

सावधानियाँ – 

कोरोना महामारी के इस दौर में फैल रहे अपवाहों से बचे। कोई भी दवा डॉक्टर के सलाह के बिना ना लें। विपरीत परिस्थिति मे भी धैर्य बनाए रखे। विटामिन-सी का सेवन जरूरत से ज्यादा ना करें (क्योंकि जरूरत से ज्यादा विटामिन-सी के सेवन से भी खट्टी ढकार तथा सीने  मे जलन जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है।)

कोरोना वायरस (Covid-19) के दो सालों का सफर

कोरोना वायरस (Covid-19) की शुरुआत दिसम्बर 2019 में चीन के वूहान से हो गई थी। भारत मे कोविड का पहला केस 30 जनवरी को केरल के थ्रीसूर मे देखने को मिला था। इसके बाद कोरोना का जो कहर शुरू हुआ वो आजतक चलता आ रहा है। शुरुआत मे कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश मे लॉकडाउन लगा दिया गया था।

लॉकडाउन

लॉकडाउन की शुरुआत 22 मार्च 2020 के जनता कर्फ्यू से हुई थी। इसके बाद 24 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया गया था। इसके बाद इसे बढ़ाकर 3 मई, फिर 17 मई और आखिर मे इसे बढ़ाकर 31 मई तक कर दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 19 मार्च के सम्बोधन के दौरान 22 मार्च को पहले जनता कर्फ्यू का अह्वाहन किया गया था। यह कर्फ्यू सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक लगाई गई थी, जिसमे शाम के 5 बजे थाली या ताली बजाकर कोरोना वीरों के प्रति सम्मान व्यक्त करना था। इसके बाद 5 अप्रैल 2020 को 9 बजकर 9 मिनट पर पीएम के आग्रह पर पूरे देश मे बिजली बुझाकर, दिया या मोमबत्ती जलाई गई थी। यह कार्य लोगों के हौसले को बढ़ाने तथा इस संकट मे देश की एकता को प्रकट करने के लिए था।

यह लॉकडाउन कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए लगाया गया था। इस दौरान कोरोना संक्रमण को देखते हए संक्रमित क्षेत्र को तीन जोन मे बाँटा गया था – 1. रेड जोन (हॉटस्पॉट), 2. ऑरेंज जोन(मिडीयम जोन) और 3. ग्रीन जोन (सेफ जोन)।

क्वारंटाइन सेंटर

बाहर से आए हुए मजदूर-श्रमिकों के लिए जगह-जगह कोरोना शिविर लगाए गए थे।जहां कोविड टेस्ट के बाद पॉजिटिव हुए मजदूरों के रहने से लेकर खाने-पीने का पूरा इंतजाम किया गया था। ताकि बाहर से आए लोगों के माध्यम से कोरोना का संक्रमण ना फैले। इस दौरान देश के बड़े-बड़े बिजनेशमैन, ऐक्टर सभी ने मिलकर उन मजदूरों को वापस घर पहुँचाया जो इस महामारी के चलते बाहर फंसे हुए थे। इस महामारी के चलते काफी सारे लोगों की जान गई। इस दौरान हमने अपने देश के बहुत सारे डॉक्टर तथा अन्य सेवाकर्मियों को खोया। देश की आर्थिक स्थिति मे भी गिरावट आई, और हम आज भी इस महामारी से जूझ रहे है।

यह दौर सिर्फ हमारे देश के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए कठिन है। हम आशा करते हैं कि कुछ ही समय बाद सब कुछ पहले जैसा हो जाए और आनेवाले समय मे कोरोना काल को एक इतिहास के तौर पर जाना जाए।

 

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