दरभंगा। लहेरियासराय थाना क्षेत्र के साहसुपन मोहल्ले में रसोई गैस का सिलेंडर फटने से बड़ा हादसा होते होते बचा। हालांकि, इस दौरान भड़की आग से घर सहित घर में रखे सारा सामान जल जाने की सूचना है। जो सिलेंडर फटा है, वह छोटा सिलेंडर था। किंतु, इससे सुनीता देवी के फूस के घर व कचरी-मूढ़ी की दुकान जल कर राख हो चुकी है। आग बुझाने के दौरान महिला का भगिना दशरथ साह झुलस गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रामनवमी को लेकर सुनीता देवी ने अपने घर के सामने कचरी-मूढ़ी की दुकान लगाई थी।
दरभंगा नगर निगम चुनाव की उल्टी गिनती शुरू
इसी महीने की 19 तारीख को जारी होगी अधिसूचना
दरभंगा। दरभंगा नगर निगम चुनाव की उल्टी गिनती शुरू गई है। राज्य निर्वाचन आयुक्त के द्वारा मिली संकेत के बाद दरभंगा में राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है। सूत्र बतातें हैं कि राज्य निर्वाचन आयुक्त इसी महीने की 19 तारीख को अधिसूचना जारी करने का मन बना लिया है। इससे पहले राज्य निर्वाचन आयुक्त अशोक कुमार चौहान ने वीडियो कॉंफ्रेंस करके दरभंगा नगर निगम चुनाव कार्यों की समीक्षा की और स्थानीय अधिकारी को चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा है।
महिला समता संघर्ष में वर्ग चेतना का आभाव
राजकिशोर प्रसाद
आधुनिक शिक्षा स्वत्रंत्रता आंदोलन की चेतना महात्मा गांधी के रचनात्मक कार्यक्रम तथा विभिन्न सामाजिक एव सांस्कृतिक संगठनो के लगातार प्रयासों के कारण समता के लिये महिलाओ को संघर्ष का एक आधार प्राप्त हुआ। अपने देश में बहुल समाज की भरमार है। जिसके सामाजिक संरचना में बहुल संस्कृति के तत्व मौजूद है। विभिन्न जाति प्रजाति धर्म तथा क्षेत्र के लोग भारत में रहते है। फलतः महिला समता के लिये संघर्ष अधिक धारदार नही हो सका।
भारत में मुस्लिम समाज की एक विशिष्ट पहचान एंव संस्कृति है। इसी तरह अन्य धार्मिक समूहों का भी अपना अलग अलग सरोकार, संस्कृति तथा पहचान है। इन विशिष्टताओं के कारण महिलाओ के समता संघर्ष की दिशा सुसंगठित नही हुई। सांस्कृतिक मानसिकता पितृसत्तात्मक के कारण पैतृक सम्पति में महिलाओ की उचित भागीदारी के सवाल पर समाज में स्पष्टता एव एक सीमा तक ईमानदारी का आभाव है। ग्रामीण क्षेत्रो में अभी भी समता के लिये महिलाओ में जुझारू संघर्ष का आभाव है।
जाति पंचायत नातेदारी रिश्तो के नियमो का उलंघन समान्यतः असम्भव है। जो महिलाओ ले लिये एक लक्षण रेखा है। उन्हें इस लक्षण रेखा की याद बार बार दिलाई जाती है। जिससे अशिक्षित, अर्थहीन, धार्मिक मतवाद पुरानी परम्पराओं में उलझी महिलाओ को कोई स्पष्ट मंजिल दिखाई नही पड़ता। इन परम्पराओ और वर्ग भेद को खत्म किये बगैर महिलाओ के समता संघर्ष न सबल होगी और न सफल।
अज्ञात व्यक्ति का शव, सनसनी
मुजफ्फरपुर। कुढनी के तुर्की ओपी अन्तर्गत खाखरा गाँव के बसवारी में एक एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला है। वह पुरुष और उसका उम्र करीब 45 वर्ष का बताया जाता हैं तुर्की पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेचर पोस्टमार्डम के लिए भेज दिया है।
भारत और चीन के बीच डैमेज कंट्रोल होगा क्या ?
चीन के मुकाबले कहां खड़ा है भारत ?
पढिए- KKN Live की एक्सक्ल्यूसिव रिपोर्ट
कौशलेन्द्र झा
भारत 1947 में आजाद हो गया था। वही, आधुनिक चीन की नींव 1949 में रखी गई। हमसे दो साल बाद अस्तित्व में आया आधुनिक चीन आज हमसे कई दशक आगे का सफर तय कर चुका है। यकीन नहीं होता तो इन तथ्यों पर गंभीरता से गौर फरमाइये :-
चीन ने भारत की मौजूदा 2 ट्रिलियन डॉलर की हैसियत 11 साल पहले ही हासिल कर ली थी। यानी अर्थव्यवस्था के मामले में भारत चीन से 11 साल पीछे है। पिछले साल भारत का प्रतिव्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 3,851 डॉलर था, जबकि, चीन का 9,146 डॉलर। भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट औसत 5.3 रहा, वही, चीन का 7.7। है। चीन की अर्थव्यवस्था अनुमानत: 8 फीसदी के हिसाब से बढ़ रही है। जबकि, हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का अनुमान 5 फीसदी लगाया जा रहा है। भारत में बेरोजगारी दर 9.8 फीसदी है। जबकि, चीन में 4.1 फीसदी।
इसी प्रकार भारत का बजट घाटा कुल जीडीपी का 7.2 फीसदी औसत है। जबकि, चीन का 1.1 फीसदी। भारत अपनी जीडीपी का महज 36 फीसदी निवेश कर पाता हैं। वही, चीन अपनी जीडीपी का 48 फीसदी निवेश में लगाता है। भारत की आबादी का लगभग 32.7 फीसदी लोग अभी भी गरीब हैं। वही, चीन में यह स्थिति साल 2002 में ही थी। वहां अब गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले यानी रोज सवा डॉलर से कम खर्च करनेवालों का प्रतिशत एक के नीचे आ गया है।
करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2012 के मुताबिक दुनिया के भ्रष्टतम देशों में भारत का स्थान 94वां था, जबकि चीन का 80वां। 33 प्रतिशत भारतीयों को बिजली उपलब्ध नहीं है। जबकि चीन की आबादी के महज एक फीसदी लोगों तक ही बिजली की पहुंच नहीं है। विश्व व्यापार में भारत की भागीदारी महज 0.6 फीसदी है। जबकि चीन और हांगकांग मिलकर 6 फीसदी भागीदारी रखते हैं।
इसी तरह वैश्विक क्रय शक्ति में भारतीयों का प्रतिशत 1.3 है। जबकि चीन का 3.2 है। भारत में दुनिया भर के 0.38 फीसदी पयर्टक आते हैं। जबकि, चीन में 11.5 फीसदी। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में दुनिया का 0.25 फीसदी है। वही, चीन में 10.25 फीसदी निवेश होता है। छह महीनों में औसत 3 लाख 44 हजार 700 भारतीये चीन की यात्रा करतें हैं। जो पूर्व के दशक की समान अवधि से 14.26 फीसदी अधिक है। वही, चीन से औसत एक लाख पर्यटक ही भारत आतें हैं।
औसत 31 फीसदी भारतीय शहरों में रहते है। लेकिन, चीन की इतनी ही प्रतिशत आबादी 1980 के दशक से पहले ही शहरों में आ कर बस चुकी थी।
चीन में औसत 12 फीसदी वेतन वृद्धि होती है। वही, भारत में बृध्दि दर महज 2.5 फीसदी है। काम के उत्पादन की कीमत लगायी जाय तो औसतन एक भारतीय कामगार सालाना 8,401 डॉलर उत्पादित करता है। चीन ने इस आंकड़े को 2006 में ही छू लिया था। भारत में धान की प्रति हेक्टेयर पैदावार चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया की तुलना में करीब आधी है। अगर भारत की पैदावार बढ़ाकर चीन के बराबर कर ली जाए तो खाद्यान्न के लिए जल और भूमि की व्यवस्था आसानी से हो जाएगी।
मानव संसाधन
चीन भारत
1, 344,130,000 कुल आबादी 1,241,491,960
749,610,775 उपलब्ध मानव संसाधन 615,201,057
618,588,627 सैन्य सेवा के लायक मानव संसाधन 489,571,520
19,538,534 हर साल सैन्य सेवा में जाने लायक 22,896,956
तैयार हो रही आबादी
चीन भारत
2,285,000 कार्यरत सैनिक 1,325,000
800,000 कार्यरत सैन्य रिजर्व 1,747,000
795,500,000 श्रम शक्ति 487,600,000
-0.33 फीसदी नेट पलायन दर 0.05 फीसदी
6.5 फीसदी बेरोजगारी दर 9.8 फीसदी
2,494 सूचीबद्ध घरेलू कम्पनियां 5,191
आधारभूत ढांचा
चीन भारत
3,860,800 कि.मी. सड़क मार्ग 3,320,40 कि.मी.
86,000 कि.मी. रेल मार्ग 63,947 कि.मी.
110,000 कि.मी. जल मार्ग 14,500 कि.मी.
14,500 कि.मी. समुद्रतटीय मार्ग 7,000 कि.मी.
22, 117 कि.मी. दूसरे देशों से लगी सीमाएं 14, 103 कि.मी.
9,596,961 कि.मी. वर्गीय भूमि क्षेत्र 3,287,263 कि.मी.
थल सेना
चीन भारत
7,950 कुल टैंक क्षमता 3,555
18,700 साजो-सामान से लैस युद्धक वाहन 2,293
2,500 कुल एसपीजी क्षमता 330
25,000 टाउड आर्टिलरी 6,585
2,600 मल्टिपल रॉकेट लॉंच सिस्टम 292
10,500 कुल मोर्टार 5,000
31,250 एंटी टैंक विपनरी 51,800
75,850 ढुलाई वाहन 70,000
वायु सेना
चीन भारत
5,048 कुल लड़ाकू विमान 1, 962
901 कुल सैन्य हेलीकॉप्टर 620
497 सेवा योग्य हवाई अड्डे 352
नौ सेना
चीन भारत
2,032 व्यापारिक जहाज 340
8 बड़े बंदरगाह और टर्मिनल 7
972 नौसैनिक जहाज 170
1 विमान वाहक 1
63 पनडुब्बी बेड़ा 15
47 पोतों की संख्या 14
25 विनाशक पोत 8
0 लड़ाकू जलपोत 24
52 इन वारफेयर क्राफ्ट 8
322 समुद्र तटीय पेट्रोलिंग वाहन 31
228 एम्फीबियस असॉल्ट क्राफ्ट 16
सीरिया में घमासान युध्द
रासायनिक हमले से बौखलाया अमेरिका
सीरिया। सीरिया में अमेरिका ने 59 टॉमहॉक मिसाइलें दाग कर अपने गुस्से का इजहार किया। इससे पहले बिद्रोहियो द्वारा रासायनिक हमला कर देने से यहां युध्द भयावह स्थिति में पहुंच गई है। टॉमहॉक मिसाइल दुनिया की दस सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक है। इसे 1600 किलोमीटर की दूरी से लांच किया जा सकता है। टार्गेट को निशाना बनाने के लिए किसी पायलट की जरूरत भी नहीं होती। जानकार बतातें हैं कि टॉमहॉक का जवाब सिर्फ रूस के पास है। रूस की आर -35 को दुनिया का सबसे खतरनाक मिसाइल माना गया है। यह मिसाइल 10200 किमी से लेकर 16000 किमी की दूरी तक मार करने में सक्षम है। यह एक बार में 10 ठिकानों को निशाना बना सकती है। हालांकि, भारत का अग्नि-5 मिसाइल भी इसी रेंज में शामिल बताया जा रहा है। इसकी मारक क्षमता 5500 किलोमीटर है जिसे बढ़कार 7000 किमी तक किया जा सकता है। इस मिसाइल ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। बहरहाल, अमेरिकी मिसाइल की आग से पुरा सीरिया धू- धू कर जल रहा है।
महिला फुटबॉल टीम का हुआ चयन
बेतिया। पश्चिमी चंपारण जिला महिला फुटबॉल टीम का चयन हो गया है। यह टीम अगले 14 अप्रैल को बेगूसराय में आयोजित अंतर जिला महिला प्रतियोगिता में हिस्सा लेगी। इससे पहले महाराजा स्टेडियम में महिला फुटबॉल मैच का आयोजन किया गया। इसमें महिला फुटबॉल क्लब बेतिया और नरकटियागंज महिला क्लब के बीच मैच खेला गया।
पुलिस के खिलाफ फूटा गुस्सा, अखाड़ाघाट में आगजनी
मुजफ्फरपुर। पिछले 24 घंटे के भीतर शहर में बेखौफ अपराधियों के तांडव को रोक पाने में विफल रही पुलिस के खिलाफ के आज लोगो का गुस्सा फुट पड़ा। गुस्साए लोगो ने अखाड़ाघाट-जीरोमाइल रोड में आगजनी कर बवाल काटा और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सड़क पर उतरे लोग राहगीरों के साथ भी बदसलूकी की है। गुस्साए लोग अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। अखाड़ाघाट रोड स्थित एक पेट्रोल पंप संचालक ने एहतियात के तौर पर पेट्रोल पंप को बंद कर दिया। हत्या के विरोध में अखाड़ाघाट के दुकानदारों में भी रोष है।
युवक को जिंदा जलाया
बांका। बौंसी थाना के गोलहट्टी गांव में मामुली विवाद के दौरान बिट्टू कुमार नामक युवक को गांव के ही दो युवकों ने किरोसिन डालकर जिंदा जला दिया। करीब तीन चौथाई जलने के बाद वहां मौजूद लोगो ने आग को बूझाया और जख्मी युवक को इलाज के लिए बौंसी रेफरल अस्पताल ले गये। किंतु, युवक के गंभीर हालत को देख स्थानीय डॉक्टरो ने उसे बोकारो बर्न हॉस्पिटल रेफर कर दिया। अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी है।
आधुनिक शिक्षा प्रणाली और दम तोड़ती मानवीय चेतना
जयनारायण प्रसाद
मानव शुरु से ही चिन्तनशील प्राणी रहा है। ये चिंतन ही दर्शन का मूल है। कोई भी चिन्तन कितना ही प्राचीन क्यों न हो उसकी उपादेयता कभी समाप्त नहीं होती। शिक्षा और दार्शनिक चिंतन में अविछिक संबंध है। दर्शन हमारे जीवन के लक्ष्य को निर्धारित करता है। शिक्षा उस लक्ष्य को प्राप्त करने का साधन है। अब सवाल यह उठता है कि शिक्षा क्यों जरूरी है? क्या सिर्फ अर्थ अर्जन के लिए शिक्षा आवश्यक है? अगर नही तो आज की शिक्षा प्रणाली मानवीयता से दूर बाजारू क्यों है? आज के परिदृश्य में शिक्षा किसी समाज में एक निश्चित समय तथा निश्चित स्थानों (विद्यालय, महाविद्यालय) में औपचारिक ढंग से चलने वाली एक सामाजिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा छात्र शिक्षकों के माध्यम से निश्चित पाठ्यक्रम को पढ़कर सिर्फ परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना सीखाता है। ताकि, वह अच्छा पैसा कमा सके।
जबकि शिक्षा व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्त्व को विकसित करने वाली प्रक्रिया होनी चाहिए । जो उसे समाज में एक वयस्क की भूमिका निभाने के लिए समाजीकृत करे तथा समाज के सदस्य एवं एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए व्यक्ति को आवश्यक ज्ञान तथा कौशल उपलब्ध कराए।
आज व्यवहारिकता से कोशों दूर शिक्षा को स्कूली बंधनो में जकड़ कर उसकी गुणवत्ता और ध्येय को बदला जा चुका है। विद्यार्थी अब स्कूलीया होकर रह गए। और गुरु जी अब शिक्षक हो कर जो अमूल्य ज्ञान का मूल्य तय कर गुरु की परिभाषा बदल बैठे। शिक्षक का दर्जा समाज में बड़ा ही सम्माननीय तथा उच्च माना गया है। वह नैतिकता व आदर्शों का प्रेरणास्रोत तथा जीवन-मूल्यों के सतत नियामक रूप में भी जाना गया है। शिक्षक के रूप में एक विनयशील, अनुशासनबद्ध और आदर्श जीवन पर चलने वाले व्यक्ति को मान्य किया गया है तथा माना गया है कि उस पर समाज, राष्ट्र तथा मानव जीवन की सभी नैतिक जिम्मेदारियां हैं। समय के साथ ‘गुरु’ के आदर्श रूप की व्यवस्था मिटने लगी है तथा जीवन के दूसरे क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की तरह ही शिक्षक भी बनता चला गया। गिरते जीवन-मूल्यों की इस आंधी ने शिक्षक के आदर्श स्वरूप को झिंझोड़ कर रख दिया और आज तो हालत यह है कि शिक्षक जगत में भी भ्रष्टता ने अपना घर बना लिया है।
हाल के दशकों में जहाँ एक ओर शिक्षक की लगातार गिरती सामाजिक हैसियत, उसकी तैयारी व उसके साथ हो रहे प्रशासनिक व्यवहार पर चिन्ता जाहिर की जा रही है, उस पर और ध्यान देने व इस दिशा में यथोचित खर्च करने की बात हो रही है। वहीं, दूसरी ओर शिक्षक समुदाय के प्रति गहरा रोष व आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जगह-जगह उन पर नकेल कसने और ज्यादा निगरानी से आगे जाकर शिक्षक की काबलियत से निरपेक्ष (टीचर प्रूफ) शैक्षिक व अन्य सामग्री विकसित करने की बात हो रही है। शिक्षक के प्रति जो रुख है वह उन्हें नकारा मानने और कर्णधार के रूप में उनके आलंकारिक गुणगान के बीच झूलता रहता है।
यह बात बार-बार कही जाती है कि भारत में शिक्षक की योग्यता और कार्य कुशलता आवश्यकता के अनुरूप नहीं हैं। नियुक्ति-प्रक्रिया के संदर्भ में भी यह कहा जाता है कि हमें योग्य शिक्षकों को ही चुनना चाहिए। इसी सन्दर्भ में यह सवाल उठता है कि योग्य शिक्षक से हमारा तात्पर्य क्या है? शिक्षक की योग्यता को देखने का हमारा मापदंड क्या होना चाहिए? एक योग्य और सक्षम शिक्षक बनने की प्रक्रिया क्या होगी? क्या स्कूल स्तर पर पढ़ाने के लिए उस स्तर पर पढ़ाए जाने वाले विषय को ठीक से जान लेना ही काफी है? इसके पहले कि इस सवाल को उठाने का कोई साहस करे फौरन यह मुद्दा उठ जाता है कि क्या आज बहुत सारे शिक्षकों को प्राथमिक स्तर की विषय-वस्तु की भी पर्याप्त समझ है?
कई राज्यों में शिक्षक योग्यता परीक्षा के परिणाम भी चौंकाने वाले हैं। सवाल यह है कि इन सबसे निपटने के लिए क्या-क्या किया जा रहा है? इनसे निपटने के लिए आज जल्दीबाजी में जो कदम उठाए जा रहे हैं क्या उनसे इस स्थिति से पार पाने में मदद मिलेगी या वे इसे और जटिल बनाएँगे? प्रशासकों और सामान्य लोगों का एक वर्ग ऐसा भी है जो मानता है कि शिक्षा के स्तर में जो गिरावट देखी जा रही है उसका ताल्लुक शिक्षक की क्षमता से ज्यादा प्रशासनिक तत्परता से है? उनकी शिकायत रहती है कि शिक्षक स्कूल से अनुपस्थित रहते हैं, देर से पहुँचते हैं और जल्दी चले जाते हैं। उनके अनुसार प्रशासनिक निगरानी का अभाव ही शिक्षा के स्तर के गिरने का कारण है। प्रशासनिक निगरानी ठीक हो जाए तो क्या सब कुछ पटरी पर आ जाएगा ?
इस सबके बीच शिक्षकों के भी कई सवाल हैं। वे अपने साथ हो रहे प्रशासनिक व्यवहार से तो चिंतित हैं ही, सरकारी स्कूल के शिक्षक इससे भी परेशान हैं कि उन्हें स्कूल में और स्कूल के बाहर भी शिक्षकीय काम के अलावा बहुत कुछ करना पड़ता है। उनका आकलन पढ़ाने के प्रति उनकी तत्परता व गुणवत्ता के आधार पर नहीं वरन गैर शिक्षकीय कार्य और कार्यालयी कामों में उनकी दक्षता के आधार पर होता है। हालाँकि सीखने और न सीखने का पूरा ठीकरा उन्हीं के सिर फोड़ा जाता है। उन्हें यह छूट नहीं होती कि वे सिखाने का कार्य गंभीरता से कर पाएँ।
कुछ शिक्षक दूसरे प्रकार के सवाल भी उठाते हैं। वे कहते हैं कि शिक्षक को न तो किसी भी तरह की परीक्षा लेने की और न ही विद्यार्थियों के साथ किसी प्रकार की सख्ती की इजाजत है। उन्हें बहुत देर तक विद्यार्थियों को किसी वर्ग में रोकने की इजाजत भी नहीं है। ऐसी परिस्थिति में शिक्षक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को कैसे सुनिश्चित करें? सरकारी स्कूलों में जिन सामाजिक समूहों के बच्चे आ रहे हैं उनमें पढ़ने-लिखने की कोई पारिवारिक परम्परा नहीं है और वे अपने बच्चों की न तो घर में मदद कर पाते हैं और न ही पढ़ने-लिखने का परिवेश ही मुहैया करवा पाते हैं। ऐसे में हम क्या करें?
कुल मिलाकर देखा जाए तो आज शिक्षा का वास्तविक रूप दम तोड़ रहा है। विज्ञानवाद का हवाला देकर आधुनिक शिक्षा प्रणाली को सरकारों द्वारा उन्नत बताया जा रहा लेकिन ये सही नहीं। आज की पूरी शिक्षण प्रणाली ही विद्यार्थी को मानवीय चेतना से दूर ले जा रही है और शिक्षक भी धनार्जन के लिए इस प्रणाली का गुलाम बनकर विलेन की तरह कार्य कर रहे हैं। शिक्षको को जब इतनी समझ है तब वे इस प्रणाली का विरोध न कर उनकी गुलामी करना क्या दर्शाता है? क्या केवल वे पैसों के लिए शिक्षण का कार्य करते हैं? हाँ तो उनका शिक्षक होना कितना सार्थक है? जिस तरह से वे अपने वेतन-भत्ते के लिए आंदोलन कर रहें है तो क्या वैज्ञानिक समाजवाद से लैस शिक्षा के लिए आंदोलन नही कर सकते ताकि आने वाला भविष्य मानवता का प्रहरी बने? अगर नही तो वे भी ठीक उसी तरह के एक गुलाम ही हैं जो बाजारू शिक्षिय प्रणाली में पैसों के लिए कुछ भी कर दे।
सिंहेश्वर में चिकेन पॉक्स ने मचाया कहर
अब तक एक सौ से अधिक लोग आये चपेट में
मधेपुरा। सिंहेश्वर प्रखंड के गौरीपुर पंडा टोला चिकेन पॉक्स की चपेट में आ गया है। गांव के 100 से अधिक लोगो के इस बीमारी के चपेट में आने के बाद स्वास्थ्य महकमा में हड़कंप मच गया। दुसरी ओर अधिकांश पीड़ित परिवार झाड़-फूंक और पूजा पाठ के सहारे इसका इलाज करने में लगे हैं। चिकेन पॉक्स फैलने की सूचना मिलते ही मेडिकल टीम प्रभावित टोला में पहुंचकर पीड़ितों का इलाज शुरू कर दिया है। हालांकि अब तक इस बीमारी से किसी की मौत होने की खबर नहीं है।
समस्तीपुर में खुला निषाद विकास संघ का जिला कार्यालय
समस्तीपुर। निषाद विकास संघ के जिला कार्यालय का शुभारम्भ सन ऑफ़ मल्लाह मुकेश सहनी द्वारा विधिवत रूप से किया गया। उन्होंने ने कहा कि जिला कार्यालय खुल जाने से संगठन का विस्तार और तेजी से होगा और समाज के लोगों को अपनी समस्या जिलाध्यक्ष के समक्ष रखने में सुविधा होगी। कहा कि लोगों का काम आसान हो जाएगा। मौके पर जिलाध्यक्ष श्री अर्जुन सहनी, मुजफ्फरपुर जिलाध्यक्ष विरेन्द्र सहनी, निर्मला सहनी समेत समाज के कई बुद्धिजीवी मौजूद थे।
व्हाटस एप पर प्रेमिका से मांगी नहाती हुई फोटो
सोशल मीडिया पर खुल कर हो रही बाते
शहर ही नही गांवो मे भी बढा व्हाटस एप का क्रेज
संतोष कुमार गुप्ता
सोशल मीडिया के आने के बाद शहर ही नही ग्रामीण इलाको मे भी बहुत कुछ बदला है। वह जोड़ी भी आमने सामने होने पर भी खुलकर बाते नही कर सकते, किंतु व्हाटस एप पर कुछ भी बातें कर लेते है। जो बाते दिल की गहराइयो से जुड़ा होता है। स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के इस दौर में लोगों की लाइफ भी काफी सोशल हो गई है। न जाने कितने ही एप्प है जिनके जरिए आप जब चाहे अपनों से बातें कर सकते हैं।
इसमें लोग सबसे ज्यादा वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, समझदारी से इस्तेमाल ना करने पर ये एप्स आपके लिए मुसीबत भी बन सकते हैं। वैसे तो इन एप्स को लोगों को करीब लाने के लिए बनाया गया है, लेकिन कई लोग इसके जरिए ऊटपटांग हरकतें करने से भी बाज नहीं आते। कई लड़के अपनी मीठी-मीठी बातों में फंसा कर लड़कियों से चैटिंग के दौरान कुछ ऐसी फोटोज की डिमांड कर बैठते हैं, जिसे पूरा करने के बाद अक्सर लड़कियों को पछताना पड़ जाता है। सोशल साइट्स पर एक लड़की ने अपने साथ हुई ऐसी ही घटना शेयर की है।
हालांकि, इस लड़की ने अपनी पहचान गुप्त रखी है। लड़की ने अपने एक दोस्त के साथ चैट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिसमें लड़के ने हाय-हैलो से बातचीत शुरू कर अश्लील बातें करना शुरू कर दिया। लड़के ने लड़की से उसकी नहाती हुई फोटो मांगी, जिसके जवाब में लड़की ने उसे अपनी बाथटब में बैठी फोटो भेज दी। लड़के ने इस फोटो को सोशल साइट पर वायरल कर दिया है। अब वह लड़की लोगो से मुंह छिपाती फिर रही है।
इंसान ही नही, रिश्ते का भी हुआ कत्ल
गोली मारने से पहले मां के हाथो से बनी चाय भी पी
लखीसराय। लखीसराय के मेदनीचौकी थाना के देवघरा गांव में एक जिगरी दोस्त ने ही घर में घुस कर अपने ही दोस्त को करीब से सीने में गोली मार दी। ताज्जुब की बात ये कि गोली मारने से पहले दोस्त के मां के हाथो से बनी चाय भी पी। जानकारी के मुताबिक इत्मिनान से करीब आधा घंटा तक बात चीत करने के बाद बेहद करीब से सीने में गोली मार कर वह फरार हो गया।
मृतक 25 वर्षीय संजय ठाकुर मिल्की चौक स्थित एक सैलून दुकान में काम करता था। संजय की मां सीता देवी ने गांव के ही मुकेश साह पर हत्या का एफआईआर करा दिया है। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस के द्वारा की गई आरंभिक छानबीन में पता चला है कि आरोपित मुकेश अपराधी प्रवृति का था और हाल के दिनो में ही वह अवैध हथियार तस्करी के कारोबार से भी जुड़ चुका था। दोस्त होने के नाते संजय इसका बिरोध करता था।
किसमे है कितना दम,आमने सामने होंगे गम्भीर और रैना
केकेआर के लिए स्पिन होगी बड़ी ताकत
संतोष कुमार गुप्ता
राजकोट।आइपीएल मे शुक्रवार को गुजरात लायंस और केकेआर के बीच मुकाबला होगा।इसमे भारतीय क्रिकेट टीम के दो बड़े सितारे अपनी अपनी टीमो की अगुवाई कपेंगे। दो बार के चैंपियन केकेआर का मुकाबला गुजरात लायंस के साथ शुक्रवार को आईपीएल के 10वें सीजन का तीसरा मैच खेला जाएगा। 2016 में केकेआर सुरेश रैना की अगुवाई वाली गुजरात टीम से दोनों मैच हार गई थी, ऐसे में केकेआर गुजरात के खिलाफ अपना पुराना हिसाब चुकाना चाहेगी।
पिछली बार जब केकेआर और गुजरात की टीमें आमने-सामने आई थी तो गुजरात की टीम ने केकेआर को 20 ओवर में महज 124 रन पर रोक दिया था, जबकि गुजरात की टीम ने इस लक्ष्य को आसानी से 4 विकेट गंवाकर हासिल कर लिया था, वहीं ईडेन गार्डेन में हुए मुकाबले में भी गुजरात की टीम ने केकेआर को 5 विकेट से हरा दिया था। पिछली बार गुजरात की टीम आईपीएल की लिस्ट में चौथे नंबर पर रही थी, लिहाजा इस बार टीम पूरी कोशिश करेगी कि वह खिताब के करीब पहुंचे।
गुजरात की टीम में ब्रैंडम मैक्कुलम, ड्वेन स्मिथ, एरोन फिंच, सुरेश रैना, दिनेश कार्तिक जैसे बड़े दिग्गज बल्लेबाज हैं। पिछले बार के आईपीएल के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो गुजरात की टीम एकमात्र ऐसी टीम थी जिसने पॉवरप्ले में 70 रन या इससे अधिक रन बनाए थे, गुजरात की टीम ने ऐसा सिर्फ एक बार नहीं बल्कि चार बार किया था। लेकिन इस मैच में ड्वेन ब्रावो टीम के लिए मौजूद नहीं होंगे, वह चोटिल होने की वजह से नहीं खेल सकेंगे, जबकि रवींद्र जडेजा भी चोटिल होने की वजह से मैदान में नहीं उतर सकेंगे।
गुजरात की टीम के लिए दिनेश कार्तिक भी अहम हो सकते हैं जिन्होंने देवधर ट्राफी में 12 पारियों में 854 रन बनाए थे। इस मैच में गुजरात की टीम सबसे ज्यादा रवींद्र जडेजा की कमी खलेगी, जोकि टेस्ट क्रिकेट में आईसीसी के नंबर एक गेंदबाज हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में आखिर मैच में 8 विकेट लिए थे।
इसके अलावा आंद्रे रसेल जिनपर डोप टेस्ट में फेल होने की वजह से एक साल का बैन है वह केकेआर की टीम से बाहर हो गए हैं। केकेआर के कप्तान गौतम गंभीर को रसेल की कमी महसूस होगी, रसेल ने पिछली सीजन में 12 मैच में 15 विकेट लिए थे और 188 रन भी बनाए थे। उनकी जगह पर रोमैन पॉवेल को टीम में शामिल किया गया है, ऐसे में उनके उपर बड़ी जिम्मेदारी है।
गुजरात लायंस
जेम्स फॉकनर, ब्रैंडम मैक्कुलम, ड्वेन ब्रावो, एरोन फिंच, ड्वेन स्मिथ, एंड्यू टे, सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा, दिनेश कार्तिक, धवल कुलकर्णी, प्रवीण कुमार, इशान कुमार, प्रदीपर सांगवान, शिविल कौशिक, शादाब जकाती, जयदेव शाह, जेसन रॉय, चिराग सूरी, बासिल थंपी, मनप्रीत गोनी, नाथू सिंह, तेजस सिंह, मुनाफ पटेल, आकाश दीप, शुभम अग्रवाल, प्रथम सिंह, शैली शौर्या
कोलकाता नाइट राइडर्स
सुनील नरेन, आंड्रे रसेल, शकीब अल हसन, क्रिस लिन, गौतम गंभीर, कुलदीप सिंह, मनीष पांडे, सूर्यकुमार यादव, पियूष चावला, रॉबिन उथप्पा, उमेश यादव, युसुफ पठान, शेल्डन जैकसन, सिंह राजपूत, ट्रेंट बोल्ट, क्रिस वोक्स, नाथन कूल्टर नाइल, रोमैन पॉवेल, डरेन ब्रावो, रिशि धवन, आर संजय यादव, इशान जग्गी, सयान घोष, कोलिन डे
हार्दिक पांडया के आतिशि पारी पर भारी पड़ा स्मिथ की बल्लेबाजी
पुणे सुपरजायंट ने मुम्बई इंडियन को हराया
इमरान ताहिर और रहाणे भी चमके
संतोष कुमार गुप्ता
मुंबई। पुणे सुपरजायंट की टीम के कप्तान भले ही महेंद्र सिंह धौनी ना हो किंतु उनकी टीम ने आइपीएल मे जीत से आगाज किया है।मुम्बई टीम के हार्दिक पांडया की आखिरी ओवर मे आतिशि बल्लेबाजी पर पानी फिर गया। पुणे सुपरजाइंट्स की टीम ने कप्तान स्टीव स्मिथ की नाबाद 78 रन की पारी की बदौलत मुंबई इंडियंस को 7 विकेट से हरा दिया।
पुणे को आखिरी ओवर में जीत के लिए 13 रनों की दरकार थी, लेकिन शुरुआती तीन गेंद में सिर्फ तीन रन बने। अब तीन गेंद में 10 रन चाहिए थे और मैच रोमांचक मोड़ ले चुका था। लेकिन स्मिथ ने यहां लगातार दो छक्के लगाते हुए अपनी टीम को शानदार अंदाज में जीत दिलाई।
पुणे ने शुरुआत तो तेज की, लेकिन मयंक अग्रवाल (6) के रूप में उसे पहला झटका चौथे ओवर की पहली ही गेंद पर 35 के कुल योग पर लग गया। मिशेल मैक्लेनघन की गेंद पर रोहित शर्मा ने मयंक का कैच लपका।
पुणे को हालांकि पहले झटके से कोई फर्क नहीं पड़ा। सलामी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (60) ने स्मिथ के साथ दूसरे विकेट के लिए 8.28 की औसत से 58 रनों की साझेदारी कर टीम को जीत की दिशा में बनाए रखा।
रहाणे 93 के कुल स्कोर पर आउट हुए। टिम साउदी की गेंद पर सीमारेखा के पास नीतीश राणा ने उनका बेहतरीन कैच लपका। रहाणे ने 34 गेंदों में छह चौके और तीन छक्के लगाए।
रहाणे के जाने के बाद स्मिथ को आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी इंग्लैंड के बेन स्टोक्स (21) का साथ मिला। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए नौ से अधिक के औसत से 50 रन जोड़े।
स्टोक्स 16वें ओवर की दूसरी गेंद पर 143 के कुल योग पर पवेलियन लौटे। 14 गेंदों में तीन चौका लगा चुके स्टोक्स, हार्दिक पांड्या की गेंद पर साउदी के हाथों लपके गए।
स्टोक्स के जाने के बाद पुणे के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (नाबाद 12) उतरे। धौनी ने धैर्यपूर्वक क्रीज पर समय बिताया और लगातार स्मिथ को स्ट्रोक देते रहे।
दोनों ने 44 रनों की नाबाद साझेदारी करते हुए टीम को जीत दिलाई।
मुंबई इंडियंस ने अंतिम ओवरों में केरन पोलार्ड (27) और हार्दिक पांड्या (नाबाद 35) की तूफानी पारियों की मदद से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10वें संस्करण के दूसरे मैच में राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के खिलाफ गुरुवार को 185 रनों का लक्ष्य रखा ।
खेले जा रहे इस मैच में मुंबई की टीम ने 20 ओवरों में आठ विकेट गंवा कर 184 रन बनाए।
पांड्या ने अंतिम ओवर में चार छक्कों और एक चौके की मदद से कुल 30 रन बटोरे, जिसमें तीन छक्के उन्होंने पहली तीन गेंद पर ही लगाए। यह आईपीएल के इतिहास का सबसे महंगा अंतिम ओवर साबित हुआ।
एक समय मुंबई का इस स्कोर तक पहुंचने मुश्किल लग रहा था, लेकिन अंतिम ओवरों में पोलार्ड और पांड्या ने उसके लिए जरूरी रन जुटाए।
पुणे के लिए सबसे ज्यादा तीन विकेट दक्षिण अफ्रीका के इमरान ताहिर ने लिए। उन्होंने अपने कोटे के चार ओवरो में 28 रन ही खर्च किए। उनके अलावा रजत भाटिया ने दो विकेट लिए।
बल्लेबाजी का आमंत्रण मिलने पर मैदान पर उतरी मुंबई की पार्थिव पटेल (19) और जोस बटलर (38) ने तेज शुरुआत दी और 4.2 ओवरों में 45 रन जोड़ डाले। इमरान ने पटेल को पीछे से बोल्ड कर पुणे को पहली सफलता दिलाई।
कप्तान रोहित शर्मा (3) कुछ खास नहीं कर पाए और इमरान की गुगली में फंस कर बोल्ड हो गए। एक रन बाद इमरान ने बटलर को भी पगबाधा आउट कर मुंबई को तीसरा झटका दिया। मुबंई की टीम 62 रनों पर ही अपने तीन विकेट खो चुकी थी।
अंबाती रायडु (10) ने टीम को संभालने की कोशिश की, लेकिन रजत ने उन्हें अपनी ही गेंद पर कैच कर पवेलियन भेज दिया। क्रुणाल पांड्या (3) को रजत ने अपना दूसरा शिकार बनाया।
लेकिन अंत में केरन पोलार्ड ने 17 गेंदों में तीन छक्के और एक चौका लगाकर मुंबई के बड़े स्कोर की उम्मीदों को जिंदा रखा। दूसरे छोर पर खड़े पांड्या ने अंतिम ओवर में खुलकर बल्लेबाजी कर उसे बड़ा स्कोर प्रदान किया।
रिलायंस जियो ने वापस लिया अपना समर सरप्राइज़ ऑफर
हाल ही में रिलायंस जियो ने समर सरप्राइज़ ऑफर का ऐलान किया था, जिसमें जियो प्राइम यूज़र को 303 रुपये या इसके उपर के पैक से रीचार्ज करने पर तीन महीने की फ्री सेवा दी जाने की बात कही गई थी। गुरुवार शाम को जियो ने ऐलान किया कि वह इस ऑफर को वापस ले रही है क्योंकि ट्राई ने जियो को जियो समर सरप्राइज़ ऑफर को वापस लेने का आदेश दिया है, जिसे जियो द्वारा मान लिया गया। हालांकि, जिन यूज़र ने जियो समर सरप्राइज़ के लिए पहले से रीचार्ज करवा लिया है वे इसका फायदा पाते रहेंगे। वहीं, जिन लोगों ने जियो समर सरप्राइज़ ऑफर अभी तक नहीं लिया है, उन्हें कंपनी की सेवाओं के लिए अब से भुगतान करना पड़ेगा !
उच्चस्तरीय जांच दल ने किया निरीक्षण
बगहा। बिहार के बगहा में भारत सरकार द्वारा गठित उच्चस्तरीय जांच दल ने टाईगर रिर्जव पहुंच कर जांच शुरू कर दी है। जांच दल यहां के जीवो का रेलवे ट्रैक से होने वाली क्षति व सुरक्षात्मक कार्य का अध्यन कर रहें हैं।
कोख में कत्ल के कारोबार का हुआ खुलाशा
यूपी। शहर छोटा हो या बड़ा या फिर कोई कस्बा ही क्यों नही? इससे इनकार नही किया जा सकता है कि आज भी कोख में कत्ल का कारोबार बदस्तुर जारी है। किंतु, यूपी की ताज नगरी आगरा तो इस कारोबार का बड़ा हब बन कर उभरा है। यहां पहने से झोला छाप लोगो के द्वारा इस तरह के केस सामने आते रहें है। किंतु, अब तो लिंग परीक्षण के मामले भी लगातार सामने आने लगे हैं। खास बात यह है कि इस बार कोख में कत्ल करने वाले एक बड़े गिरोह का खुलाशा हुआ है। इस गिरोह के तार राजस्थान से ही जुड़े मिले हैं। इसके बाद अचानक पुलिस के आलाधिकारी भी हरकत में आ गये। सूत्रों के मुताबिक राजस्थान पुलिस के रडार पर इस गिरोह के कई बड़े सफेद है। फिलहाल, पुलिस इनके गिरेबान पर हाथ डालने से पहले पुख्ता सबूत जुटा लेना चाहती है। इस बीच चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि पुलिस जल्द ही बड़ी छापामारी की तैयारी में जुटी है। अब देखना है कि कोख में कत्ल का यह कारोबार कब खत्म होगा?
बिहार में मिट्टी घोटाला को लेकर राजनीति गरमाई
मुख्य सचिव ने मांगी रिपोर्ट
पटना। बिहार एक बार फिर से घोटाले को लेकर चर्चा में है। आरोप भाजपा की ओर से लगा है और निशाने पर है सत्ता के प्रमुख घटक राजद सुप्रीमो का पुरा कुनबा। राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह के द्वारा पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह से इस बाबत रिपोर्ट तलब करने के बाद, बिहार की राजनीति में गरमाहट आ गई है। इस बीच उद्यान के निदेशक नंदकिशोर ने मिट्टी भराई में किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार कर दिया हैं। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने भी अपने उपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
बता दें कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने संजय गांधी जैविक उद्यान में मिट्टी भराई में अनियमितता का खुलाशा करते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने बिना टेंडर किए जैविक उद्यान के लिए 90 लाख की मिट्टी की खरीद किए जाने और इसमें राजद प्रमुख लालू प्रसाद के परिवार को आर्थिक लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी कि माने तो डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड में 26 जून 2014 को तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव व चंदा यादव को निदेशक बनाया। बतातें चलें कि पटना स्थित डिलाइट कंपनी की जमीन पर बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनाया जा रहा है। इसका निर्माण राजद के सुरसंड के विधायक सैयद अबु दौजाना की कंपनी मेरिडियन कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड कर रही है। दरअसल, सच क्या है और झुठ क्या? इसका पता तो जांच पुरी होने के बाद ही चलेगा। बहरहाल, मिट्टी घोटाले को लेकर बिहार एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है।