पद्मश्री किसान चाची का एक सपना, पूरा होना अभी बाकी है

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KKN न्यूज ब्यूरो। भगवान महावीर के जन्मस्थान वासोकुंड गांव से सटे आनन्दपुर गांव अब किसी पहचान की मुहताज नहीं है। मुजफ्फरपुर जिला के सरैया प्रखंड का यह गांव आज पूरे बिहार में मशहूर है। बल्कि, देश और दुनिया में मशहूर है। इस मुश्किल कार्य को आसान करके दिखाया है, पद्मश्री राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची ने। मुफ्फलिशी में जीवन की शुरुआत करके पद्मश्री तक का सफर आसान नहीं था। आर्थिक तंगी के बीच बच्चो का भविष्य निर्माण करना आसान नहीं था। जमीन की छोटे से टुकड़ो पर सूबे में पहचान स्थापित करना आसान नहीं था और पुरुष की प्रधानता वाले कृषि क्षेत्र में महिला को स्थापित करना भी आसान नहीं था। पर, यह सभी कुछ आसान हो गया। सवाल उठता है, कैसे? सुनिए, खुद किसान चाची की जुबानी। KKN लाइव के ‘’इनसे मिलिए’’ सेगमेंट में किसान चाची ने स्वयं बताया, अपने सफर की पूरी दास्तान। शोहरत और कामयाबी के बूते पहचान बना चुकी किसान चाची, क्या अब राजनीति में कदम बढ़ायेगी? इस सवाल पर किसान चाची ने क्या कहा? देखिए, इस इंटरव्यू में…

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