प्रवासी मजदूर बने बाहक
KKN न्यूज ब्यूरो। कोरोना की दस्तक से बिहार में हड़कंप मच गया है। अब तक कोरोना से बिहार में एक व्यक्ति कि मौत हो गई है। जबकि, दो अन्य लोगो की मौत अभी संदिग्ध है। जांच में अब तक तीन अन्य लोगो में कोरोना की पुष्टि होते ही राज्य की सरकार हरकत में आ गई है। विदेशो के अतिरिक्त महाराष्ट्र और दिल्ली से बड़ी संख्या में बिहार लौट रहे लोग प्रशासन के लिए चुनौती बन गये है। राज्य के कई बड़े अस्पतालो में कोरोना वायरस के जांच की सुविधा नहीं होने की वजह से डॉक्टर ऐसे लोगो को सेल्फ कोरंटाइन में रहने की सलाह देकर उसको घर भेज रहें हैं। इससे बिहार के गांवों में दहशत का आलम है।
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कोरोना से एक मौत की हुई पुष्टि

बिहार में कोरोना वायरस से पहली मौत की पुष्टि होते ही हड़कंप मच गया है। पटना एम्स में भर्ती मुंगेर के चुरम्बा गांव निवासी युवक सैफ अली 38वर्ष ने शनिवार को दम तोड़ दिया। वह कतर से किडनी का इलाज कराकर 13 मार्च को लौटा था। बाद में कोरोना की जांच की गई, जिसमें पॉजीटिव पाया गया। पटना एम्स में ही भर्ती एक अन्य महिला की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। यह महिला स्कॉटलैंड से पटना आई थी। बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। इस वायरस से संक्रमित होकर सबसे कम उम्र में मौत का देश में यह पहला मामला है। अब स्वास्थ्य विभाग ने मुंगेर में मृतक के परिवार को आइसोलेट कर दिया है। मेडिकल टीम चुरम्बा गांव पहुंचकर उसके साथ ही अन्य लोगों की जांच कर रही है। बिहार के आरएमआरएई स्थित जांच केंद्र में रविवार दोपहर तक 170 सैंपल की जांच हुई है। इसमें तीन में कोरोना वायरस की पुष्टि हो गई है।
संदिग्ध मौत, कही कोरोना तो नहीं
बिहार के औरंगाबाद जिले के मनोज कुमार की इलाज के दौरान संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई है। हालांकि, पटना के एनएमसीएच में भर्ती मनोज के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। अनुमान है कि मनोज की मौत कोरोना वायरस से हुई है। हालांकि, इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है। इधर, मनोज की पत्नी भी एनएमसीएच में भर्ती हैं। दोनों हाल ही में उड़ीसा से लौटे थे। पटना के एनएमसीएच में शनिवार रात एक अन्य महिला की मौत हुई है। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इसकी कोरोना जांच की प्रक्रिया अभी चल रही है। इस बीच मुजफ्फरपुर के कांटी थाना के कोठियां गांव में एक मधु कारोबारी की भागलपुर के नवगछिया में संदिग्ध मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि सर्दी, खांसी और तेज बुखार के बाद उल्टी होने से उसकी मौत हुई है। हालांकि, उसकी जांच नहीं की गई और इस बीच शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इधर, परिजन कोरोना होने से इनकार कर रहें हैं। बताया जा रहा है कि मामला प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अब मृतक के साथ रहने वाले मीनापुर के दो अन्य मधु कारोबारी की तलाश में जुट गयें है।
आपातकालीन बैठक
बिहार में तीन मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है। राज्य सरकार ने आपातकालीन बैठक के बाद राज्य में आने वाले सभी प्फ्लाइट पर रोक लगाने की सिफारिश कर दी है। ट्रेन के परिचालन पर पहले ही रोक लगा हुआ है। एम्स, एनएमसीएच के अलावा अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी आपात बैठक चल रही है। माना जा रहा है कि सरकार कुछ इलाको को आइसोलेट कर सकती है। इधर, मरीज की मौत के बाद एम्स प्रशासन विशेष सतर्कता बरतने लगा है। जो संदिगध हैं, उन्हें अलग वार्ड में रखकर विशेष नजर रखी जा रही है। बिहार सरकार की नजर मुंबई और पुणे से बिहार लौट रहे पांच हजार लोगों पर है। विशेष सतर्कता बरतते हुए दानापुर स्टेशन पर ही दो स्कूलों में पंडाल लगाकर सरकार उनकी चिकित्सकीय जांच करवा रही है। इनमें से संदिग्ध पाए जाने पर उन्हें राजधानी में चार जगहों पर बने आइसोलेशन वार्ड में भेजने की तैयारी है।
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