आखिर क्यों मनाया जाता है बिहार दिवस ?

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बिहार आज अपनी 108वीं वर्षगांठ मना रहा है। भले ही कोरोना के कारण इस बार का बिहार दिवस थोड़ा फीका पर गया है लेकिन चलिये जानते है इसके बारे मे…बिहार दिवस को 22 मार्च के दिन मनाने का प्रमुख कारण है कि इसी दिन बिहार राज्य की स्थापना हुई थी। असल में अंग्रेजों ने सन 1912 में इसी दिन बिहार को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग कर नए राज्य के रूप में मान्यता दी थी। इसके बाद से ही बिहार दिवस को पारंपरिक रूप से मनाया जाने लगा। बिहार शब्द संस्कृत और पाली शब्द “विहार मठ” से बना है। बिहार बौद्ध संस्कृति का जन्म स्थान है, जिस वजह से इस राज्य का नाम पहले विहार और उससे बिहार बना। बिहार को पहले मगध के नाम से जाना जाता था। बिहार की राजधानी पटना का नाम पहले पाटलिपुत्र हुआ करता था भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद बिहार से ही थे। हिंदु पुराणों के अनुसार माता सीता का जन्म भी बिहार में हुआ। इसी राज्य में भगवान राम और माता सीता का मिलन भी हुआ। बिहार से ही बुद्ध और जैन धर्म की उत्पत्ति हुई. बिहार में ही दुनिया के सबसे पुराना विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय है। बिहार में ही एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है।

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