दिनकर की चंद पक्तियों में छिपा है उनका विराट शख्सियत

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रामधारी सिंह दिनकर। नाम ही काफी है। इस धरा की वह इकलौता शख्सियत। जिनको लोग राष्ट्रकवि के साथ-साथ जनकवि भी मानते है। उनकी कविता में इकबाल का अंदाज है। टैगोर की सोच है। मार्क्स और गांधी का दर्शन भी है। हिन्दी नभ के नक्षत्र को स्वयं में समाहित करने वाला। दिनकर’ जी का जन्म 23 सितंबर 1908 को बिहार के बेगूसराय जिला के सिमरिया गांव में हुआ था और 24 अप्रैल 1974 को वो हम सबको छोड़ कर बहुत दूर चले गए। उन्होंने संस्कृत, बांग्ला, अंग्रेजी और उर्दू का गहराई से अध्ययन किया था। खबरो की खबर के इस सेगमेंट में लीक से हट कर। देखिए, पूरी रिपोर्ट…।

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