गुरूवार, अगस्त 14, 2025 1:46 अपराह्न IST
होमNew Delhiकेजरीवाल के संयमित चुनाव प्रचार की प्रचंड जीत

केजरीवाल के संयमित चुनाव प्रचार की प्रचंड जीत

Published on

Follow Us : Google News WhatsApp

सच साबित हुआ अनुमान

KKN न्यूज ब्यूरो। दिल्ली के मतदाताओं का फैसला भविष्य का संकेत है और सहजता से इसकी अनदेखी करना सभी के लिए आत्मघाती हो सकता है। आम आदमी पार्टी ने बड़े ही संयमित अंदाज में चुनाव प्रचार किया और राष्ट्रवाद व सामंजस्यवादी रवैया अपना कर बड़ी अंतर से चुनाव जीता। दरअसल, इससे भारतीय राजनीति को नया आयाम मिला है। हालांकि, दिल्ली की लड़ाई शुरू होने से पहले ही फैसला को लेकर कयास लगने शुरू हो गए थे, जो आखिरकार सच साबित हुआ। बावजूद इसके बीजेपी ने अंतिम क्षणो में भी हार को कबूल करना मुनासिब नहीं समझा। अब इसको बीजेपी का अति आत्म विश्वास कहें या अहंकार? ऐसा भी हो सकता है कि बीजेपी के रणनीतिकारो ने वोटर के मूड को समझने में भूल कर दी हो।

काम के बूते सत्ता के शीर्ष तक

कहतें हैं कि दिल्ली में बरसों बाद यह ऐसा चुनाव हुआ, जब कोई मुख्यमंत्री महज अपने काम-काज के बूते जनता के बीच गया था। यह जानते हुए कि बीजेपी को पराजित करना आसान नहीं है। पिछले छह महीने से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने तौर-तरीकों को तराशा और अपनी रणनीति में व्यापक परिवर्तन किए। पिछले चुनाव में आक्रमक रहने वाले केजरीवाल ने इस बार संयत रुख अपनाया। समूचे प्रचार में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के खिलाफ एक शब्द नहीं बोले और आखिरकार उनके इस शालिनता का उन्हें लाभ भी मिला। बीजेपी के लाख कोशिशो के बाद भी दिल्ली का चुनाव मोदी बनाम केजरीवाल नहीं हो सका। नागरिकता संशोधन कानून पर भी केजरीवाल की राय नपी-तुली बनी रही। शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी और उनके हमदर्द मानते रहे कि आम आदमी पार्टी हमारी खैरख्वाह है, पर केजरीवाल बीच का रास्ता निकालने की बात करते हुए आसानी से मंजिल तक पहुंच गए।

बीजेपी की कोशिशे नाकाम हुई

हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और राष्ट्रवाद की बासी कढ़ी में उबाल लाने की बीजेपी की तमाम कोशिशे नाकाम हो गई। बीच चुनाव में भगवान हनुमान की एंट्री हुई और केजरीवाल ने उतने ही चालाकी से हनुमान को भी अपने पाले में कर लिया और बीजेपी के धुरंधर हाथ मलते रह गये। शायद आपको याद हो, जब अन्ना आंदोलन के बाद अरविंद ने चुनाव जीत कर इंसान का इंसान से हो भाईचारा, यही पैगाम हमारा’ का संदेश दिया था। और आज ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करते हुए सिंहासन तक पहुंच गये। उनका यह राजनीतिक सफर बेहद ही दिलचस्प है।

रणनीतिकारो की बढ़ी मुश्किलें

बहरहाल, बीजेपी की राह धीरे-धीरे मुश्किल होती जा रही है। मई 2018 में हुए कर्नाटक चुनावों के बाद से आज तक राज्य के चुनाव में बीजेपी को सफलता नहीं मिलना। उनके रणनीतिकारो के पेशानी पर बल ला दिया होगा। अलबत्ता, महाराष्ट्र में शिवसेना की जुगलबंदी में बीजेपी ने बहुमत जुटाया था, पर वह जोड़ी ही टूट गई और बीजेपी को सत्ता के गलियारे से बाहर होना पड़ा। जिस जोड़-तोड़ के सहारे कर्नाटक और हरियाणा में बीजेपी ने सरकारें बनाई, वह फॉर्मूला महाराष्ट्र में उसके विरोधियों ने इस्तेमाल कर लिया। यानी विपक्ष ने अब बीजेपी के पींच पर बोल फेकना शुरू करके बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है।

विकास से इतर कुछ भी मंजूर नहीं

कहतें हैं कि सियासत में कोई भी रणनीति हमेशा कारगर नहीं होती। समय आ गया है, जब इसके नियंता इस बात पर गौर करें कि जनता-जनार्दन उन्हें राज्य-दर-राज्य पराजय का स्वाद क्यों चखा रही है? यह सही है कि राष्ट्रीय स्तर पर नरेंद्र मोदी का आज भी दूर-दूर तक कोई विकल्प नहीं है। मई, 2019 के चुनाव इसकी मुनादी कर चुका हैं। पर, भाजपा के खिवैयों को समझना होगा कि 2012 और 2013 के नरेंद्र मोदी भारतीय जनमानस के लिए क्या थे और आज क्या है? आप याद करिए, भारतीय राजनीति में विकास के एजेंटे पर नरेन्द्र मोदी की एंट्री हुई थी, जो आज महज राष्ट्रवाद तक सिमट कर रह गई है। अब यहां एक बार फिर से गौर करें। दरअसल, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राष्ट्रवाद के साथ विकास को बड़ा एजेंडा बनाया था। उनके द्वारा बनाए गए शौचालय, उज्ज्वला योजना, किसानों को छह हजार रुपये की रकम, पेंशनभोगियों के साथ राज्यकर्मियों की हित-चिंता, ऐसे कई कारक थे, जिसने लोगों के मन में यह बैठा दिया कि प्रधानमंत्री को दूसरा कार्यकाल मिलना ही चाहिए, ताकि वह अपना एजेंडा पूरा कर सकें। संदेश साफ है बीजेपी को विकास के साथ सकारात्म एजेंडा पर लौटना ही होगा।

बड़बोलेपन की मिली है सजा

एक बात और देश की राजनीति में बड़बोलेपन की वजह से कॉग्रेस आज अपनी दुर्गति की मुकाम पर है। पर, हालिया दिनो में बीजेपी के कई फायरब्रांड नेता उत्पन्न हो गए है, जो अपने बड़बोलेपन से अक्सर सुर्खियों में रहतें है। नुकसान का यह भी एक बड़ा कारण हो सकता है। मेरा स्पष्ट मानना है कि सत्ताधारियों को अपनी भाषा को संयत करना ही होगा। चुनाव के दौरान पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया, उसे सहजता से सवीकार करना आम आदमी के लिए कठिन होने लगा है। मतदान के बाद मीडिया और सर्वे एजेंसियों को हड़काने की प्रवृत्ति भी हालिया दिनो में बीजेपी में काफी बढ़ी है। कभी यही काम कॉग्रेसी किया करते थे और 90 के दशक में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद भी। कॉमन मैन इसे राजनीतिज्ञो का अहंकार समझ कर कालांतर में इसकी सजा देते रहें हैं। कॉग्रेस और राजद दोनो इसकी मिशाल है। बहरहाल, बीजेपी को आत्ममंथन करना चाहिए। जाहिर है, वे करेंगे भी। अंत में जबरदस्त बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता पर दुबारा आसिन होने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल को बधाई…।

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

KKN Public Correspondent Initiative


Discover more from KKN Live

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Latest articles

एशिया कप 2025: पाकिस्तान क्यों चाहता है कि भारत से न हो भिड़ंत?

एशिया कप 2025 का आगाज 9 सितंबर से होने जा रहा है और क्रिकेट...

यूपी में बाढ़ का कहर: फर्रुखाबाद में गंगा ने तोड़ा 20 साल का रिकॉर्ड, 100 से ज्यादा गांव डूबे

फर्रुखाबाद में गंगा नदी ने दो दशकों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए रौद्र रूप धारण...

Beauty Influencer Sandeepa Virk ED Custody में, ₹18 करोड़ के Money Laundering केस में गिरफ्तारी

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और Hybookare स्किनकेयर ब्रांड की फाउंडर संदीपा विर्क को प्रवर्तन निदेशालय...

Shilpa Shetty और Raj Kundra पर ₹60.4 करोड़ की धोखाधड़ी का केस, EOW ने संभाली जांच

बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके बिजनेसमैन पति राज कुंद्रा एक बार फिर कानूनी...

More like this

Supreme Court का आदेश: दिल्ली-NCR से तुरंत हटाए जाएं Stray Dogs

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने के लिए सख्त...

Independence Day 2025 : दिल्ली बनी किले जैसी सुरक्षा व्यवस्था, लाल किला और आसपास चौकसी

स्वतंत्रता दिवस 2025 को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतज़ाम...

Jaya Bachchan के वायरल वीडियो पर Kangana Ranaut का तीखा हमला

दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुई एक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी...

विपक्ष का Protest March ECI से पहले ही रोका गया, राहुल-प्रियंका समेत कई नेता हिरासत में

दिल्ली में विपक्षी गठबंधन INDIA Alliance का protest march चुनाव आयोग (ECI) पहुंचने से...

दिल्ली Weather Update: Independence Day से पहले होगी झमाझम बारिश,

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली के लिए इस हफ्ते का मौसम पूर्वानुमान जारी...

रजौली में प्रशांत किशोर का तीखा हमला, नीतीश-लालू और NDA सरकार को घेरा

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने नवादा जिले के रजौली में आयोजित...

दिल्ली को फिल्म उद्योग का नया हब बनाने की तैयारी

दिल्ली सरकार ने राजधानी को फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा केंद्र बनाने की दिशा में...

चुनाव आयोग आज दोपहर 12 बजे करेगा विपक्षी नेताओं से मुलाकात

चुनाव आयोग (ECI) ने विपक्षी नेताओं से मुलाकात के लिए आज दोपहर 12 बजे...

ECI ने राहुल गांधी से मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप पर शपथपत्र मांगा

Election Commission of India (ECI) ने एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से...

तेजस्वी यादव के आरोपों पर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा का जवाब

बिहार में दो वोटर आईडी कार्ड के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। नेता...

राहुल गांधी का नया वीडियो: ‘वोट चोरी’ पर आरोप और क्या है सच?

लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में सोशल...

कौन बनेगा भारत का अगला उपराष्ट्रपति? रेस में दो नए नाम, जल्द होगा ऐलान

भारत में अगला उपराष्ट्रपति कौन बनेगा, इस सवाल पर राजनीति के गलियारों में चर्चा...

अमृत भारत एक्सप्रेस: दिल्ली और सीतामढ़ी के बीच नई रेल सेवा

बिहार के लोग दिल्ली और सीतामढ़ी के बीच नई शुरू होने वाली रेल सेवा,...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया: केंद्रीय सचिवालय पुनर्विकास योजना के तहत एक महत्वपूर्ण कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अगस्त 2025 को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर...

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले डोमिसाइल नीति पर प्रशांत किशोर का हमला, नीतीश सरकार को बताया छलावा

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, बिहार के जाने-माने राजनीतिक रणनीतिकार और जन सुराज के...