रोहतास। बिहार में रोहतास के बिक्रमगंज में गोली लगने से एक बच्ची की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह ने रविवार को जमीन विवाद में गोली चला दी। इससे गांव के ही एक बच्ची की मौत हो गयी और चार अन्य घायल हो गए। चारों को बिक्रमगंज के निजी अस्पताल करुणा नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है। दो की हालत गंभीर बतायी जा रही है।
मीनापुर में उपेक्षित है महापुरुषो की प्रतिमाएं
राजकिशोर प्रसाद
क्रान्तिकारियों की जब चर्चा हो तो मीनापुर का नाम अनायास आ ही जाता है। आखिर आये क्यों नही, यहां के माटी के कण कण में जो हमारे शहीदों, वीर सपूतो और महापुरुषों की आत्मा जो बसी है। चाहे देश की आजादी में भारत माता को अंग्रेजो की जंजीर से मुक्ति दिलाना हो या सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आमूल परिवर्तन हो, सबो में यहां के सपूतो ने अपने कृतित्व और अहम भूमिका की अमिट छाप इतिहास के पन्नों में छोड़ी है।
आजादी के बाद देश में इन महापुरुषो की संयोजने की प्रक्रिया में हम जरूर पीछे रहे है। इसमें हमारी नई पीढ़ी और राजनेताओं की भूमिका की शिथिलता जरूर झलकती है। इतना ही नही कुछ राज नेताओ के साजिश के शिकार भी हुये। जिस कारण मीनापुर हुसैनाबाद नही बन सका।
पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री हिंदकेशरी यादव ने इस दिशा में भरसक प्रयास किया। किन्तु, राजनितिक सियासिकरण की भेंट चढ़ गई। उनका मीनापुर को हुसैनाबाद बनाने का सपना पूरा नही हो सका और न मीनापुर के सपूतो की संसद में कोई नाम ही दर्ज हो सका। हालांकि, पूर्व सांसद डा0 रघुवंश प्रसाद ने इसके लिये भरसक प्रयास किया कि मीनापुर के शहीद सपूतो की तस्वीरें नाम सहित संसद भवन में लगे किन्तु आज तक उनका यह सपना भी पूरा नही हुआ।
शहीदों के नाम पर मीनापुर में खूब राजनीती होती है। जब कोई नेता आये, चाहे वह राष्ट्रीय स्तर के हो या क्षेत्रीय स्तर के, सभी ने शहीदो के नाम को सियासी फायदे के खातिर खूब भुनाते है। लेकिन, यहां से जाते ही उन्हें भूल जाते है। मीनापुर में राजनीती करने वालो के साथ साथ हमारी नई पीढ़ी भी हमारे महापुरुषो को भूलने में पीछे नही है। यही कारण है की मीनापुर में दर्जनो महापुरुषो की लगी प्रतिमाएं आज भी उपेक्षा के शिकार है। ये प्रतिमाएं भी सियासी राजनीती के शिकार बन गये है।
कहते है हिंदकेशरी ने अपने कार्यकाल में मीनापुर में दो दर्जन से अधिक शहीदों और महापुरुषो के नाम पर क्षेत्र के विभिन्न चौक चौराहो पर तोरण द्वार बनाया। इसे संयोजने में मीनापुर के कोई जन प्रतिनिधि ने रूचि नही दिखाई। 2015 में हिंदकेशरी यादव ने करीब दो दर्जन से अधिक महापुरुषो की प्रतिमाये क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर लगा दी। कहते है इसे लगाने में भी इन्हें सियासी कोपभाजन का शिकार बनना पड़ा। प्रशासन ने इन महापुरुषो को रखने तक की जगह नही दी। आखिकार हिंदकेसरी ने इसे क्षेत्र के विभिन्न चौक चैराहे और सड़क किनारे लगा कर अपने कर्तव्यो की इतिश्री कर ली। इन प्रतिमाओं को कोई पूछनेवाला नही। उनपर पुष्प चढ़ना तो दूर, लोग उनपर लगे धूल और गन्दगी को साफ करना भी मुनासिफ नही समझते। झंपहा चौक पर इंदिरा गाँधी, नेउरा में भामा साह, रामपुरहरि में केशवर शाही, थाना पर बांगुर सहनी, मुस्तफागंज पर शहीद जगदेव प्रसाद और पूर्व प्रमुख चन्देश्वर राय, हाई स्कुल गेट पर महात्मा गाँधी, हॉस्पिटल चौक पर सत्येंद्र नारायण सिंह, शनिचरा स्थान चौक पर कर्पूरी ठाकुर, खुटौना चौक पर महात्मा बुद्ध, हरपुर बक्स चौक पर महात्मा बुद्ध, मंगिया चौक पर बीपी मण्डल, सिवाईपट्टी चौक पर भगवान महावीर, पानापुर चौक पर सरदार बल्लभ भाई पटेल, गरहां चौक पर राम मनोहर लोहिया, कफेन चौक पर जुब्बा सहनी, रघई में बांगुर सहनी, गोरीगमा हाई स्कुल पर महाराणा प्रताप, चैनपुर में जुब्बा और बांगुर सहनी, बहवल बाजार चौक पर बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर व हरका में पं. शहदेव झा की प्रतिमायें लगी है। जो उपेक्षा के शिकार है। इन्हें संजोजने की जरूत है।
पेंड से गिरे युवक की मौत
मुजफ्फरपुर। मनियारी थाना के सोनवरसा गांव में खजुर के पेंड से गिर कर एक युवक की मौत हो गई है। घटना के बाद से गांव में कोहराम मच गया है।
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य के साथ लोकआस्था का महापर्व चैती छठ शुरू
मुजफ्फरपुर। चैती छठ के अवसर पर रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य दिया गया। इस दौरान छठ घाटो को दुल्हन की तरह सजाया गया। पोखर, तालाब व कृत्रिम छठ घाटो पर महिलाओ ने पानी मे खड़े हो कर भगवान भाष्कर को अर्घ्य अर्पित किया।इस दौरान बच्चो मे उत्साह दिखा। पटाखे छोड़े व फुलझड़िया उड़ायी। मारवो रे सुगवा धनुष से….छठी मैया अइहे अंगना… गीतो से छठ घाट गूंज उठा। इसके पूर्व छठ व्रतियो ने पवित्र तरीके से पकवान तैयार किया। इसके बाद सिर पर डाला लेकर छठ घाट पहुंचे।
सीएम का निकाला शव यात्रा
मुजफ्फरपुर। जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद पप्पू यादव के गिरफ्तार से गुस्साए पार्टी नेताओं ने छाता चौक से कल्याणी चौक तक बिहार के सीएम के शव यात्रा निकाला और पुतला दहन किया है।
जेल और कोर्ट को तकनीक की मदद से जोड़ने का समय आ गया: पीएम
यूपी। पीएम मोदी ने कहा कि हमने 1200 कानून खत्म कर दिए हैं। लिहाजा अब केस की तारीख मिलने में दिक्कत नहीं आएगी। एक एसएमएस से मुकदमों की तारीख मिलेगी। आधुनकि तकनीक के सहारे जेल और कोर्ट को यदि आपस में जोड़ दिया जाये तो कैदी भाग नहीं पाएंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के 150वीं वर्षगांठ का समापन समारोह के मौके पर मंच पर नरेंद्र मोदी के साथ, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर, यूपी के राज्यपाल राम नाईक और सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कानून का मकसद सबका कल्याण करना होता है। कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार सीजीआई के संकल्पों के साथ है। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी ने एयरपोर्ट पर गुलदस्ता देकर पीएम का स्वागत किया।
दुसरा कामरूप कामख्या है भटौलिया का मनोकामनापूर्ण देवी
संतोष कुमार गुप्ता
वासंतिक नवरात्रा मे देवी श्लोक से मुजफ्फरपुर जिला अन्तर्गत मीनापुर का भटौलिया का कोना कोना गूंज उठा है। इस बार भटौलिया गांव मे देवलोक व दानवलोक का युद्ध आकर्षण का केंद्र होगा।बीच समुंद्र मे मां दुर्गा व महिषासुर राक्षस की लड़ाई लोगो के लिए कौतूहल का केंद्र बनेगा।कोलकत्ता आसनसोल के के मूर्ति कारीगर राखोहरी सुत्रधर प्रतिमा को अंतिम रूप देने मे दिन रात एक किये हुए है।मंदिर परिसर मे अष्टयाम की धुन से इलाका का कोना कोना गूंज उठा है।यहां अष्टयाम कराने वालो की भी लम्बी कतारे है।आचार्य अरूण मिश्र के वैदिक मंत्रोच्चारण से क्षेत्र का

कोना कोना गूंज उठा है
मुरादे पुरी करती है भटौलिया की मां
गांव मे नवरात्रा देखने विदेश से भी लोग यहा पहुंच रहे है। भटौलिया गांव के रोम रोम मे देवी श्लोक गूंज रहे है.लोगो का कहना है की मनोकमनापूर्ण देवी मां दुर्गा का यह प्रताप है।
दुसरा कामरुप कामख्या है भटौलिया का मां दुर्गा
उम्र के अंतिम पड़ाव मे चल रहे मुख्य यजमान रामसरेख राणा बताते है की भटौलिया मे 17 वर्षो से धुमधाम से पूजा होती है।उनके पूर्वज राजस्थान के मेवाड़ जिले के गढ़ गंगवार गांव से आकर बसे है।यहां सभी भाव राणा के वशंज है। गांव के लोगो की कुल देवता ट्रीपल सुंदरी है। भाव राणा ने ही भटौलिया गांव मे कामरुप कामख्या से ज्योतिर्लिँग लाकर स्थापना की थी। आज भी नवरात्रा समाप्ति के बाद भी सवा महिने तक देवी का पाठ किया जाता है। देश मे कामरुप कामख्या के बाद भटौलिया मे ही सवा महिने तक पाठ होता है। पूजा समिति के अध्यक्ष धनरंजन राणा व पूर्व अध्यक्ष प्रभुनाथ राणा बताते है की भटौलिया की जमीन कभी परसौनी स्टेट की संपति थी। किँतु कालांतर मे स्टेट ने ताम्रपत्र पर सात सौ एकड़ जमीन दान मे दे दिया गया।
दानवीरो की है लंबी कतारे
धर्मपुर गांव के देवेंद्र साह ने पिछले साल सरकारी नौकरी के लिए मन्नते मांगी थी। उनका नौकरी रेलवे मे लग गया तो उन्होने मंदिर मे तेरह हजार रूपया का आर्थिक सहायता की है।आर्मी मे नौकरी लगने पर दशरथ राणा व परमेश्वर ठाकुर की ओर से अष्टयाम कराया जा रहा है।इतना ही नही यहां कई ऐसे लोगो ने भी मंदिर मे सहयोग किया है जिनका सूना गोद भर गया है।जिनकी आंख की रौशनी लौट गयी है.कई अस्पतालो से लौटने के बाद उनका पुत्र स्वस्थ्य हो गया है। ऐसे लोगो की संख्या सैकड़ो मे है। पुरा गांव सात्विक आहार लेकर भक्ति भावना की मिसाल पेश की है।
एक रूपये की सहयोग राशि पर पांच लोग जायेंगे वैष्णो देवी
भटौलिया गांव मे इस बार एक रूपये की सहयोग राशि जमा करने वाले भाग्यशाली साबित हो सकते है। श्रद्धालु एक रूपये की सहयोग राशि जमाकर अपना नाम दर्ज करा सकते है.अंतिम दिन पांच भाग्यशाली विजेताओ का नाम लॉटरी से निकाला जायेगा। सभी पांच लोगो को पूजा समिति अपने खर्च से वैष्णो देवी दर्शन के लिए परिभ्रमण पर भेजेगी। साथ ही मेले मे भोजपुरी स्टार गुड्डु रंगिला सहित कई कालाकारो को पहुचने की सम्भावना है।
भटौलिया गांव एक नजर में
– थाना क्षेत्र के सुदुर देहाती इलाके मे एक छोटा सा गांव है भटौलिया
– गांव के करीब तीन सौ जवान सेना मे है
– सौ से अधिक लोग कर्नल से लेकर सिपाही पद पर है
– सउदी अरब मे चार्टेड एकांउटेँट है जयदीप राणा इनकी
– सोनिया राणा बहरीन मे उच्चाधिकारी है।
– सुबोध कुमार राणा दक्षिण अफ्रिका के कांगो मे संयुक्त राष्ट्र संघ का शांतिदूत है
– गांव के कई लोग रेजिमेँट का कमांडेट है
चुपके से शादी की हैट्रिक लगाना पड़ा महंगा
दोनों पत्नियों ने तीसरी को दबोचा
संतोष कुमार गुप्ता
जयपुर।राजस्थान के लोकेश प्रजापत ने पहले से दो पत्निया रहते हुए चुपके से शादी की हैट्रिक लगा ली है। पहली दो पत्नियों को बिना तलाक दिए नई शादी कर तीसरी पत्नी के साथ रह रहे पति को दोनों पत्नियों ने शनिवार को पकड़ लिया। जब मामला रामगंज थाने पहुंचा तो पुलिस इस मामले को देख चौंक गई। पुलिस ने पहली दोनों पत्नियों संतोष व संगीता प्रजापत की शिकायत के आधार पर पति लोकेश प्रजापत और उसके परिजनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली। पुलिस आरोपी पति को तलाश रही है।
पुलिस ने बताया कि लोकेश प्रजापत सांगानेर का रहने वाला है और सीतापुरा इलाके की फैक्ट्री में काम करता है। लोकेश की 15 साल पहले संतोष प्रजापत से शादी हुई थी। लोकेश के एक 12 साल का बेटा भी है, लेकिश संतोष के साथ मारपीट करता था। ऐसे में वह अपने पिता के घर पर रहती थी। इसके बाद साल 2016 में लोकेश ने प्रताप नगर निवासी संगीता प्रजापत से पहली पत्नी संतोष को बिना तलाक दिए शादी कर ली। जब संगीता को पहली शादी का तीन महीने बाद पता चला तो दोनों में विवाद हो गया। लोकेश ने संगीता को बताया कि उसका संतोष से तलाक होने वाला है। इस बात पर संगीता प्रजापत भी उससे अलग रहने लग गई। लोकेश ने छह दिन पहले शारदा नाम की एक युवती से शादी कर ली और रामगंज इलाके में कमरा किराये से लेकर रहने लग गया। जब लोकेश की तीसरी शादी के बारे में संतोष और संगीता को पता चला तो दोनों ने उस पर नजर रखना शुरू कर दिया। शनिवार दोपहर संगीता और संतोष लोकेश का पीछा करते हुए रामगंज इलाके में एक मकान में पहुंची, वहां पर लोकेश के कमरे में एक महिला को देख चौंक गईं। जब दोनों से उस महिला से जानकारी ली तो उसने अपना नाम शारदा बताते हुए लोकेश की पत्नी होना बताया। इस बात पर पहली दोनों पत्नियों ने हंगामा खड़ा दिया और लोकेश को थाने ले जाने की बात करने लगी, जहां से लोकेश मौका देख कर भाग निकला। जहां पहली दोनों पत्नियां शारदा को थाने लेकर पहुंचीं और हंगामा कर दिया। दोनों ने लोकेश और उसके परिजनों के खिलाफ रिपोर्ट दी। पुलिस लोकेश को तलाश रही है।
बहन के जन्म पर भाई ने माता को चढ़ाया 31 हजार का नगद भेंट
संतोष कुमार गुप्ता
मुजफ्फरपुर: वासंतिक नवरात्रा मे यह खबर उन पिताओ के लिए बानगी है,जो की कन्या के जन्म से पहले ही हम उसे कोख मे ही मार देते है । हम उसे धरती पर आने से पहले ही भ्रूण हत्या कर देते है ।मुजफ्फरपुर जिले के मीना

पुर थाना क्षेत्र के भटौलिया गांव के ज्ञान राणा ने अपने बहन के जन्म की खुशी मे मां मनोकामना पूर्ण देवी को 31 हजार रूपया का भेंट चढाया है।ज्ञान राणा के पिता शम्भू राणा भटौलिया गांव के मां दुर्गा से वर्ष 2001 मे बेटी के लिए मन्नत मांगी थी.उन्होने कहा था कि अगर उन्हे पुत्री की मनोकामना पुरी होती है तो वह मां दुर्गा को चढावा चढायेगा।वर्ष 2005 मे उनके घर मे वह खुशियो का पल आ ही गया.उनकी पत्नी जानपी देवी के कोख से पुत्री की प्राप्ति हुई।उसका नाम निधि कुमारी रखा गया।अगले ही वर्ष निधि के पिता चल बसे।अब उसके लालन पालन से लेकर आगे की पुरी जिम्मेदारी भाई ज्ञान राणा पर आ गयी.निधि अब बड़ी हो गई है।वह मध्य विधालय हरका मे आठंवा वर्ग मे पढती है।भाई ज्ञान राणा को 34 राष्ट्रीय रायफल जम्मू काश्मीर मे आर्मी के पद पर बहाल हो गये है।वह अपनी पत्नी रूपा राणा के साथ अपने गांव भटौलिया पहुंच चुके है।उन्होने आते ही अपने पिता के वायदो को पुरा किया।उन्होने अपने बहन के जन्म की खुशी मे भटौलिया के मां दुर्गा के मंदिर मे 31 हजार रूपया का चढावा चढाया है।वह अपनी बहन को उच्च शिक्षा दिलाकर किसी बड़े पद पर देखना चाहते है।
लोहा तोड़ती है चूड़ी वाली नरम कलाई से
अहले सुबह हाथ में थाम लेती है हथौड़ा
खुद भट्टी मे़ं तपकर बच्चो के पेट की ज्वाला करती है शांत
मध्य प्रदेश के घूमंतु जातियो ने गंजबाजार पर डाला डेरा
लोहे के कृषि यंत्रो को खुद करते हैं तैयार
संतोष कुमार गुप्ता
वह तोड़ती पत्थर,
देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर-
वह तोड़ती पत्थर.
कोई न छायादार
पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार;
श्याम तन, भर बँधा यौवन,
नत नयन प्रिय, कर्म-रत मन,
गुरू हथौड़ा हाथ,
करती बार-बार प्रहार :-
सामने तरू-मालिका अट्टालिका, प्राकार।
सुर्यकांत त्रिपाठी निराला के तोडती पत्थर कविता को मुस्तफागंज बाजार पर मध्य प्रदेश के घूमंतू जाति के महिलाओ ने सच्च साबित कर दिया है। मप्र के विदिशा जिले के सिरौने गांव से आने वाले इन परिवारो की हालत सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे। सरकारी सुविधाओ से मरहूम धर्मेंद्र लोहार का परिवार दर दर भटकने को विवश है। धर्मेंद्र लोहार भले ही आर्थिक तंगी व परिवार के समस्याओ के चलते दर दर भटक रहा हो। किंतु इसके कलाकृति के लोग कायल है। धर्मेंद्र पुरा देश भ्रमण करते हुए मुस्तफागंज बाजार पर डेरा डाला है। वह लोहे को तोड़ कर किसानो के लिए यंत्र बनाता है। जहां एक ओर जिलास्तरीय किसान मेले मे स्टॉल पर बड़े बड़े कम्पनी मक्खी मार रहे थे। ठीक उसी समय मुस्तफागंज बाजार के फुटपाथ पर इनके द्वारा तैयार यंत्र खरीदने को मारामारी थी।
पांच बजे सुबह से शाम सात बजे तक हथौड़ा थामती है हीना
मप्र विदिशा के धर्मेंद्र सुबह चार बजे बिछावन छोड़ देता है। वह सुबह मे ही आग की भट्टी तैयार करता है। पांच बजे से उसकी पत्नी हीना बाई घन(बड़ा वाला हथौड़ा) थाम लेती है। दिन मे एक घंटे के मध्यांतर को छोड़ दे तो वह शाम सात बजे तक हथौड़ा चलाती रहती है.वह भट्टी पर तपकर भी गोद का बच्चा अजय दो साल को आंचल मे समेट कर दूध पिलाकर पेट की ज्वाला को शांत करती है.उसका बखूबी साथ उसकी देवरानी कमलाबाई निभाती है। वह चूड़ी वाले नरम कलाई से पसीना बहाकर किसानो के काम आने वाले यंत्र को तैयार करती है। हीना के जेठानी बजरी बाई के फटाफट हथौड़ा चलाने के अंदाज को देख कर दंग रह जायेंगे आप। हालांकि उसको इस बात का कसक है कि आर्थिक तंगी के कारण उसने कुछ वर्ष पूर्व पति को खो दिया है। तीन बच्चो की चिंता हमेशा सताती रहती है। धर्मेंद्र अपना पुरा परिवार लेकर रविवार की शाम मुस्तफागंज बाजार पर पहुंचा है। दस लोग है टीम मे.कोई आग की भट्टी पर तपता है,तो कोई हथौड़ा चलाता है। तो कोई तैयार समान को बेचता है। धूप,ठंड और बारिश मे भी खुले आसमान के नीचे काम करना पड़ता है।
बाजार से कम दाम पर मिलते है खुबसूरत यंत्र
जहां बाजार मे लोहे का तैयार यंत्र चार सौ रूपये किलो मिलता है.वही ये लोग महज दो सौ रूपये किलो खुबसूरत यंत्र बेचते है.हसिया,फसूल,दबिया,हथौड़ा,छेनी,सुम्मा,वसूली,व अन्य यंत्रो को कुछ मिनट मे ही तैयार कर देता है।बिक्री भी खूब हो रही है।इस काम मे धर्मेंद्र के भाई शेर सिंह लोहार व कपिल लोहार भी सहयोग करते है.किंतु धर्मेंद्र को मलाल है कि महगांई के इस दौर मे इतनी मेहनत के बाद भी बड़ी मुश्किल से दाल रोटी का दाम निकल पाता है।
नही मिला सरकारी कोई सुविधा
धर्मेंद्र का परिवार छह माह तक देश के विभिन्न जगहो पर रूक कर परम्पारिक यंत्र तैयार कर बेचता है। छह माह घर पर ही बीतता है.विदिशा मे सरकारी जमीन मे फूस का घर है.सरकारी सुविधा कुछ नही मिला। राशन व किरासन भी नही.खाने से पैसा नही बचता है कि वह बच्चो को पढाये.इतने पैसे नही की जमीन खरीद कर घर बनाये। बस अपना पेशा को आगे बढा रहे है।
बिहार के बूचड़खानों पर भी गिरी गाज
रोहतास
देश में अब अवैध बूचड़खाना चलाने का जमाना गये दिनो की बात होने वाली है। यूपी में योगी की सरकार ने अवैध बूचड़खानों के खिलाफ अभियान क्या शुरू किया, इसका असर देश के अन्य राज्यो पर भी दिखने लगा है। विशेष कर भाजपा शासित प्रदेशो में। हालांकि, यूपी की तर्ज पर ही बिहार में भी ऐक्शन हुआ है। पटना हाईकोर्ट के आदेश पर रोहतास जिले के सात अवैध बूचड़खानों को सील कर दिया गया है।
पिछड़ा वर्ग आयोग को मिलेगा संवैधानिक दर्जा
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नवघोषित आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का फैसला लिया गया है। कहा गया है कि संविधान के उद्देश्य एवं अनुच्छेद के अनुरूप अभी तक पिछड़े वर्ग के लिए ठोस कोई काम नहीं किया था। काका काकेलकर कमीशन और मंडल आयोग की रिपोर्ट के बाद भी उनके सुझावों पर महज राजनीति होती रही और कोई संज्ञान नहीं लिया गया। यही कारण रहा कि देश में सभी वर्गों को न्याय का पूर्ण अवसर नहीं मिला। कहा कि संसद की विभिन्न कमेटियों ने भी कई बार अनुमोदन किया कि पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए।
उपद्रवियों ने काटे जम कर बवाल बेबस दिखी पुलिस
बोधगया
बिहार का बोधगया पुलिस और पब्लिक के बीच संघर्ष का गवाह बन गया। शनिवार को करीब पांच घंटे तक पुलिस के अधिकारी उपद्रवियों के आगे बेबस बनी रही। इस दौरान उपद्रवियों ने कई पुलिस अधिकारी को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। उपद्रवियों ने राह चलते महिला यात्रियों से भी दुर्व्यवहार किया गया और इस सब के बीच पुलिस तमाशबीन बनी रही।
हुआ ये कि बोधगया के सर्वोदयपुरी की 17 वर्षीया एक किशोरी से मारपीट व दुष्कर्म की घटना के बिरोध में पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन उर्फ संतोष मांझी दुमुहान में धरना कर रहे थे। इसी बीच करीब 250 युवाओं का एक जत्था धरनास्थल के करीब आया और उपद्रव मचाने लगा।
उपद्रवियों ने सबसे पहले बोधगया ट्रैफिक थाना प्रभारी संजय कुमार की पिटायी कर दी। इसके बाद पुलिस वाले भागने लगे। पुलिस को पीछे हटते देख उपद्रवी बेकाबू होने लगे। इसके बाद इनका तांडव वाहनों पर शुरू हुआ। कई वाहनों में आग लगा दी। करीब पांच घंटे के चली इस हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी सतीश कुमार की पहल पर मामला शांत हुआ।