मिशाल: लड़कियों ने ही पुरा कर दिए मां बाप के सपने

भोजपुर। एक दंपत्ति ने दुनिया की परवाह किए बिना अपनी तीन बेटियों को पढ़ा लिखा कर अधिकारी बना दिया। अब वही बेटियां मां बाप के सपनो को पंख लगाने में जुटी है। दरअसल, यह एक मिशाल […]

दम तोड़ता लोकतंत्र और धूंध में राष्ट्रीय विकल्प

जय नारायण प्रसाद भारत के आधा से अधिक भूभाग पर भाजपा नीत केन्द्र सरकार का प्रभुत्व है। पिछले चुनावों में मिली भारी जीत से भाजपा का मनोबल उंचा हुआ है। देश के सबसे बड़े राज्य […]

बाहरी लोगो देखते ही मार देतें हैं नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड के आदिवासी

कौशलेन्द्र झा नई दिल्ली। एक ओर 21वीं सदी की चकाचौध और दुसरी ओर हमारी परंपरा। कहतें हैं कि आज हम वैश्विीकरण की दौर में है। दुसरी ओर एक ऐसा समाज, जहां पहुंचतें ही बाहरी लोगो […]

लोहा तोड़ती है चूड़ी वाली नरम कलाई से

​अहले सुबह हाथ में थाम लेती है हथौड़ा खुद भट्टी मे़ं तपकर बच्चो के पेट की ज्वाला करती है शांत मध्य प्रदेश के घूमंतु जातियो ने गंजबाजार पर डाला डेरा लोहे के कृषि यंत्रो को […]

वामपंथ और दक्षिणपंथ के बीच फंसा राष्ट्रवाद

कौशलेन्द्र झा राजनीति बामपंथ की हो या दक्षिणपंथ की। पर, राजनीति तो राष्ट्र के लिए ही होनी चाहिए। कही, ऐसा तो नही कि बाम और दक्षिण वाले अपने अपने लिए दो अलग राष्ट्र चाहतें हो? […]

कश्मीर समस्या का अनकही सच

कौशलेन्द्र झा यह एक दिलचस्प बात है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 111 सीटें हैं लेकिन चुनाव यहां सिर्फ 87 सीटों पर ही होता है। क्या आप जानतें हैं कि 24 सीटें खाली क्यों रहती […]

टूटी कुर्सी, कहीं विचारधाराओं में बदलाव का संकेत तो नही?

कौशलेन्द्र झा मुजपफ्फरपुर। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का दंभ भरने वाले, हम भारतवंशियों को आखिर ऐसा क्या हो गया है? क्यों हम अपने ही आचरणों से अपना ही जगहसाई होने के बावजूद गौरवान्वित महसूस […]