KKN गुरुग्राम डेस्क | शारीरिक फिटनेस कैंसर मरीजों की जीवित रहने की दर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, उच्च मांसपेशियों की ताकत और कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस (CRF) कैंसर मरीजों में मृत्यु दर को काफी हद तक कम करती है। यह अध्ययन बताता है कि फिटनेस में छोटे-छोटे सुधार भी मरीजों को बड़ा लाभ पहुंचा सकते हैं, खासकर उन्नत कैंसर चरणों या फेफड़े और पाचन तंत्र जैसे विशेष प्रकार के कैंसर में।
अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष
ऑस्ट्रेलिया, यूके, इटली और ब्राजील के शोधकर्ताओं ने 42 अध्ययनों का विश्लेषण किया। यहां इसके प्रमुख बिंदु हैं:
- उच्च मांसपेशी ताकत या CRF वाले कैंसर मरीजों में मृत्यु दर का खतरा 31-46% तक कम पाया गया।
- मांसपेशियों की ताकत में हर छोटे सुधार से मृत्यु दर का जोखिम 11% तक कम हुआ।
- उन्नत कैंसर चरण वाले मरीजों में मृत्यु दर का जोखिम 8-46% तक कम देखा गया, जबकि फेफड़े और पाचन तंत्र के कैंसर वाले मरीजों में यह कमी 19-41% तक रही।
- CRF के प्रत्येक इकाई सुधार से कैंसर से संबंधित मौत का जोखिम 18% तक कम हुआ।
शारीरिक फिटनेस की भूमिका
- मांसपेशियों की ताकत: मजबूत मांसपेशियां रिकवरी में सुधार करती हैं और कैंसर और इसके उपचारों जैसे कीमोथेरेपी से लड़ने में शरीर की सहनशीलता बढ़ाती हैं।
- कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस: बेहतर CRF ऑक्सीजन को ऊतकों तक बेहतर तरीके से पहुंचाने में मदद करती है, जिससे थकान कम होती है और ऊर्जा स्तर बढ़ता है।
विशिष्ट कैंसर प्रकारों के लिए लाभ
- फेफड़ों का कैंसर: उच्च CRF जटिलताओं को कम करता है और जीवित रहने की दर बढ़ाता है।
- पाचन तंत्र के कैंसर: बेहतर फिटनेस स्तर उपचार परिणामों में सुधार करता है, मृत्यु दर के जोखिम को 41% तक कम करता है।
- उन्नत कैंसर चरण: छोटे-छोटे फिटनेस सुधार भी महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करते हैं, गंभीर स्थितियों में मरीजों को उम्मीद देते हैं।
व्यायाम की सिफारिशें
- हल्का शक्ति प्रशिक्षण, चलना, तैराकी जैसे कार्डियो व्यायाम, और योग जैसे तनाव कम करने वाले व्यायाम फिटनेस स्तर में सुधार कर सकते हैं।
- नियमित और मध्यम व्यायाम, जो व्यक्तिगत जरूरतों के अनुसार हो, रिकवरी और दीर्घकालिक परिणामों में सुधार कर सकता है।
यह अध्ययन कैंसर देखभाल में शारीरिक फिटनेस को शामिल करने के महत्व को रेखांकित करता है। ताकत बढ़ाने और CRF सुधारने के छोटे लेकिन लगातार प्रयास कैंसर मरीजों की जीवित रहने की दर और समग्र जीवन गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार कर सकते हैं।