KKN गुरुग्राम डेस्क | कंगना रनौत द्वारा निर्देशित फिल्म ‘इमरजेंसी’, जो 1975-77 के आपातकालीन युग पर आधारित है, अपनी रिलीज़ से पहले और बाद में कई विवादों, प्रोडक्शन में देरी और वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर चुकी है। बावजूद इसके, फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अपनी जगह बनाई है और इसे दर्शकों और आलोचकों से सराहना मिल रही है।
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फिल्म का विवादों से भरा सफर
‘इमरजेंसी’ शुरू से ही विवादों में घिरी रही। यह फिल्म भारत के राजनीतिक इतिहास के एक संवेदनशील दौर को चित्रित करती है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू किया था। इस विषय पर फिल्म बनाने का निर्णय लेते ही राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं।
कई लोगों ने कंगना की राजनीतिक विचारधारा को लेकर सवाल उठाए और माना कि यह फिल्म एकतरफा हो सकती है। हालांकि, कंगना ने स्पष्ट किया कि यह एक ऐतिहासिक ड्रामा है, न कि इंदिरा गांधी की जीवनी।
जब फिल्म रिलीज़ हुई, दर्शकों ने इसे सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। सोशल मीडिया पर दर्शकों ने इसे एक निष्पक्ष और ईमानदार प्रस्तुति बताया।
एक यूजर ने X (पहले ट्विटर) पर लिखा:
“इमरजेंसी एक नई मिसाल है कि ऐतिहासिक ड्रामा कैसे बनाया जाना चाहिए। कंगना ने निर्देशक और अभिनेता दोनों के रूप में अपनी काबिलियत साबित की है।”
दूसरे ने कहा:
“#इंदिरा गांधी की एक पूरी तरह निष्पक्ष प्रस्तुति। कंगना ने वाकई में बेहतरीन काम किया है।”
प्रोडक्शन में बाधाएं और वित्तीय चुनौतियां
फिल्म की शूटिंग और प्रोडक्शन के दौरान कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। ‘इमरजेंसी’ पर काम महामारी के समय शुरू हुआ था, जब लॉकडाउन के कारण प्रोडक्शन रोकना पड़ा। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को भारत लाना मुश्किल हो गया था, जिससे लागत बढ़ गई।
कंगना ने एक साक्षात्कार में बताया:
“प्रोडक्शन के मामले में मुझसे कुछ मत सीखो। मैंने सुनिश्चित किया कि हर किसी को उनकी मेहनत का भुगतान मिले, भले ही मुझे व्यक्तिगत रूप से नुकसान उठाना पड़ा।”
इसके अलावा, फिल्म की स्क्रिप्ट को परिपूर्ण बनाने में लगभग एक साल का समय लगा। कंगना ने कहा:
“मुझे हमेशा डर था कि अगर सही कलाकार नहीं मिले तो क्या होगा। लेकिन ईश्वर की कृपा से सब कुछ ठीक हुआ।”
कास्टिंग और षड्यंत्र
फिल्म में अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, महिमा चौधरी, और दिवंगत सतीश कौशिक जैसे बेहतरीन कलाकारों को शामिल किया गया। हालांकि, इन सभी को साथ लाना आसान नहीं था। कंगना ने खुलासा किया कि उनके खिलाफ साजिशें रची गईं।
उन्होंने कहा:
“कई लोगों ने जिन कलाकारों को मैं लेना चाहती थी, उन्हें मुझसे काम करने से मना किया। यहां तक कि मेरे सिनेमाटोग्राफर ने भी शुरू में काम करने से मना कर दिया। लेकिन जो लोग अंततः टीम में शामिल हुए, उन्होंने मुझे बहुत सम्मान और प्यार दिया।”
CBFC से देरी और कटौती
फिल्म की रिलीज़ पहले 2023 के लिए तय की गई थी, लेकिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) के कारण इसमें देरी हुई। कंगना ने खुलासा किया कि उन्हें कई सीन हटाने पड़े।
उन्होंने कहा:
“कुछ सीन राजनीतिक और धार्मिक संवेदनशीलता के कारण हटाने पड़े। यह दुखद था, लेकिन मुख्य कहानी पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा।”
पंजाब में बैन और विवाद
हालांकि CBFC ने फिल्म को हरी झंडी दे दी थी, लेकिन पंजाब सहित कुछ राज्यों में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया। सिख संगठनों ने दावा किया कि फिल्म उनके समुदाय का गलत चित्रण करती है। कंगना ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“पंजाब में मेरी फिल्मों को हमेशा सबसे ज्यादा प्यार मिला है। लेकिन इस बार मेरी फिल्म को वहां रिलीज़ नहीं होने दिया गया। यह मेरे लिए बहुत दर्दनाक है।”
दर्शकों की प्रतिक्रिया
रिलीज़ के बाद, फिल्म को दर्शकों से भरपूर सराहना मिली। कंगना की निर्देशन और अभिनय की तारीफ की जा रही है। कई समीक्षकों ने कहा कि ‘इमरजेंसी’ ने ऐतिहासिक ड्रामा की शैली में एक नई मिसाल कायम की है।
फिल्म की सफलता से मिले सबक
- दृढ़ संकल्प का महत्व: कंगना ने दिखाया कि मेहनत और विश्वास के साथ बड़ी से बड़ी बाधाओं को पार किया जा सकता है।
- कहानी की ताकत: फिल्म ने यह साबित किया कि सच्ची और संतुलित कहानी दर्शकों से सीधे जुड़ती है।
- सकारात्मक दृष्टिकोण: विवादों के बावजूद, कंगना का सकारात्मक रवैया फिल्म की सफलता में एक बड़ी भूमिका निभाता है।
कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ चुनौतियों और विवादों के बावजूद एक सफल फिल्म के रूप में उभरी है। यह फिल्म न केवल एक ऐतिहासिक घटना को जीवंत करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कला और कहानी की शक्ति क्या कर सकती है।
‘इमरजेंसी’ की सफलता उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य को पाने का सपना देखते हैं। लेटेस्ट बॉलीवुड खबरों के लिए हमारे पोर्टल पर जुड़े रहें!
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