28 जनवरी को होगी सजा पर बहस
KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में सोमवार को फैसला आ गया है। दिल्ली के साकेत स्थित विशेष कोर्ट ने गुनाहगारों के खिलाफ फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सहित 19 आरोपियों को दोषी करार दिया है। जबकि, साक्ष्य के अभाव में एक को बरी कर दिया है। मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर इस वक्त तिहाड़ जेल में बंद है। हालांकि, 28 जनवरी को दोषियों के सजा को लेकर कोर्ट में बहस होनी है।
बीस आरोपित जेल में हैं
दिल्ली के साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ की अदालत के द्वारा चौथी तारीख पर यह फैसला आते ही पीड़ितो ने राहत की सांस ली है। इससे पहले सीबीआई ने इस मामले में 21 आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर और साइस्ता परवीन उर्फ मधु सहित 20 आरोपित इस वक्त तिहाड़ जेल में हैं।
पॉक्सो के तहत दी गई है सजा
सीबीआई की ओर से कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में इन आरोपितों पर बलात्कार व बाल यौन शोषण रोकथाम अधिनियम यानी पॉक्सो की धारा 6 के तहत आरोप लगाए गए हैं। चार्जशीट में लगाए गए इल्जाम के आधार पर आरोपितों को कम से कम दस साल कैद व अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है। पूर्व में 14 नंवबर व 12 दिसंबर 2019 को फैसले की तारीख मुकर्रर थी। अधिवक्ताओं की हड़ताल व विशेष कारणों की वजह से सुनवाई की तारीख को आगे बढ़ाना पड़ा था।
सरकारी कर्मचारी भी थे शामिल
सीबीआई जांच में पाया गया था कि बालिका गृह में पीड़िताओं के साथ केवल बालिका गृह के कर्मचारी गलत काम नहीं कर रहे थे, बल्कि बिहार सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारी भी इसमें शामिल रहे। जांच में पाया गया है कि बच्चियों का यौन शोषण हुआ। हालांकि, आरोपितों ने अदालत में सुनवाई के दौरान अपने आप को बेकसूर बताने की भरपुर कोशिश की। साथ ही उन्होंने अदालत में मुकदमे का सामना करने की मंशा भी जाहिर की थी।