संतोष कुमार गुप्ता
आज हनुमान जयंती है। आज का दिन कई मायनो मे खास है। आखिर क्यो ना हो आज जो मंगलवार का दिन है। चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जी का जन्मदिवस यानि हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस खास दिन पर यदि हनुमान जी की कृपा प्राप्त हो जाएगी तो शनिदेव और मंगलदेव भी प्रसन्न हो कर आपके जीवन में मंगल ही मंगल करेंगे। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य व राहु के दोषों के निवारण हेतु हनुमान आराधना विशेष मानी जाती है। चैत्र मास की पूर्णिमा पर हस्त नक्षत्र मिलने पर हनुमान जयंती का आध्यात्मिक प्रभाव बढ़ जाता है। इस दिन विशेष रूप से की गई हनुमान साधना रोग, शोक व दुखों को मिटाकर विशिष्ट फल देती है।
संध्या पांच बजे के बाद आपके लिए शुभ हो सकता है यह कार्य
पारद शिवलिंग, पुरुषाकार शनि यंत्र की स्थापना करें। काले घोड़े की नाल घर या दुकान में लगाएं।
हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं और इसी वजह से उनका चित्र बैडरूम में नहीं बल्कि घर के मंदिर में या किसी अन्य पवित्र स्थान पर रखना शुभ रहता है।
खजूर और हनुमान चालीसा को किसी नए लाल कपड़े में बांधकर शाम 5 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।
घर पर पीपल के पत्तों की माला बनाएं, उन पर कुमकुम से श्रीराम लिख कर हनुमान जी को अर्पित करें।
शुद्ध घी के लड्डू बनाकर हनुमान जी को भोग लगाएं।
हनुमान जी के चित्रपट अथवा प्रतिमा पर नीले फूलों की माला चढ़ाएं।
पान के पत्ते पर कत्था लगाकर हनुमान जी को अर्पित करें।
हनुमान जी के मंदिर में लौकी चढ़ाएं।
दूध में शहद मिलाकर हनुमान जी के चित्र पर भोल लगाएं।
हनुमान जी के मंदिर में 7 केले चढ़ाएं।
हनुमान जी को गुड़ चने का प्रसाद चढ़ाएं।
पीपल के नीचे उत्तराभिमुख होकर तेल का दीपक जला कर मध्यकाल में 11 पाठ हनुमान चालीसा के करें।
नीले कपड़े में तिल बांधकर हनुमान जी के मंदिर में चढ़ाएं।