चीन के लिए सोमवार की आधी रात तबाही का सबक लेकर आया। गांसू और किनघई प्रांत में भूकंप के तेज झटकों ने तबाही मचा दी। मीडिया सूत्रों के मुताबिक अब तक करीब 118 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, 200 से ज्यादा लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है। भूकंप के कारण कई इमारतें ढह गईं और लोग मलबे में दब गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई है। भूकंप का केंद्र लियुगोऊ शहर में था जो गांसू में जिशिशान काउंटी से करीब आठ किलोमीटर दूर है। चीन के सरकारी मीडिया शिन्हुआ के अनुसार दोनों प्रांतों में इमरजेंसी मैनेजमेंट और फायर विभाग को तैनात कर दिया गया है।
चीन का गांसु सबसे गरीब क्षेत्रों में से एक है। यह तिब्बती और लोएस पठारों के बीच स्थित है। इसकी सीमा मंगोलिया से लगती है। चीन के भूगर्भ में कई टेक्टोनिक प्लेटें है। विशेष रूप से यूरेशियन, भारतीय और प्रशांत प्लेटें आपस में टकराती है। चीन में सितंबर के महीने में दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में 6.6 तीव्रता का भूकंप आने से 60 से अधिक लोग मारे गए थे। इससे पहले 1920 में गांसु के भूकंप में दो लाख से अधिक लोग मारे गए थे। इसको 20वीं सदी में दुनिया का सबसे घातक भूकंप माना गया था1
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