बसुधैव कुटुम्बकम वाली भारत की समृद्ध संस्कृति को नष्ट करने के लिए अन्तराष्ट्रीय रैकेट का खुलाशा हुआ है। इस रैकेट से जुड़े लोग बिहार और झारखंड के ग्रामीण अंचलो से अनपढ़ बच्चो को पंजाब ले जाकर उनका धर्मान्तरण करा रहें हैं। नाबालिगों को पहले लुधियाना के एक बालगृह में भेजा जाता है और यहां पैस्किम मैरी क्रास बालगृह, इंद्रनगर में इन बच्चो का धार्मान्तरण कर दिया जाता है।
30 बच्चो का नहीं मिला कोई सुराग
बहरहाल, पुलिस ने जब इसका खुलाशा किया तो सरकार सकते में आ गई है। पुलिस ने उक्त बालगृह से झारखंड के 34 और बिहार के चार बच्चों के रखे जाने की पुष्टि कर दी है। फिलहाल, पुलिस ने जिन बच्चो को बरामद किया है, उनमें झारखंड के 34 में से 30 बच्चे चाईबासा के है। जबकि, दो खूंटी और दो रांची जिले से लाए गए थे। पुलिस इनमें चार बच्चों को झारखंड वापस ला रही है। लेकिन बाकी बच्चों का फिलहाल कोई सुराग नहीं मिला है। बतातें चलें कि इसमें चार बच्चे बिहार के है।
धर्मान्तरण के बाद ही रखने की है इजाजत
लुधियाना स्थित बाल कल्याण समिति के संजय माहेश्वरी की मानें तो पैस्किम मैरी क्रास बालगृह में बच्चों का धर्मान्तरण करने के बाद ही रखा जाता है। पुलिस ने इस मामले में चाईबासा के एक संदिग्ध को भी चिन्हित किया है। वह अपने जिले के बच्चों को लाकर लुधियाना के पैस्किम मैरी क्रास बालगृह में पहुंचाने का काम करता है। इधर, पुलिस ने बिहार के सत्येंद्र प्रकाश मूसा नामक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। बाल कल्याण समिति के मुताबिक अच्छी शिक्षा व बेहतर परवरिश का प्रलोभन देकर बच्चों के परिजनों को झांसे में लिया जाता था। इसके बाद उनका धर्मांतरण कराया जाता था।
ऐसे हुआ खुलाशा
भारखंड के चाईबासा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के थाना प्रभारी बनारसी राम अपनी टीम के साथ लुधियाना पहुंचे। वे पहले एक सरकारी शेल्टर होम पहुंचे। यहां का नजारा देख कर पुलिस के अधिकारी भौचक हो गए। फिलहाल, पुलिस ने पैस्किम मैरी क्रास बालगृह को सील कर दिया है। वहां के आठ बच्चों को समीप के सरकारी शेल्टर होम में रखा गया है। सवाल सिर्फ पैस्किम मैरी क्रास बालगृह का नहीं है। बल्कि, खुफिया सूत्रों की माने तो समूचे भारत में इस वक्त कई चर्च धर्मान्तरण के लिए अत्यधिक सक्रिय हो चुकें हैं। कई जगह दलित और अति पिछड़ो को प्रलोभन देकर तेजी से उनका धर्मान्तरण किया जा रहा है। माना यह भी जा रहा है कि इस कार्य में सलिप्त चर्च को विदेशो से बड़े पैमाने पर आर्थिक मदद दी जाती है।
स्थानीय लोगो को बनाते है मददगार
बतातें चलें कि बीते 9 अगस्त को ही पुलिस को भनक मिल चुकी थी कि बच्चों को पैस्किम मैरी बालगृह में रखने के बाद उनका धर्मान्तरण कर दिया जाता है। इसके बाद झारखंड पुलिस ने लुधियाना के डिप्टी कलक्टर को पत्र लिखकर पुलिस सुरक्षा की मांग की थी। हालांकि, स्थानीय पुलिस ने उस वक्त इसमें रुचि नहीं दिखाई और कोई भी कार्रवाई नहीं की। इसके बाद 16 अगस्त को चाईबासा के अधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई। इसके बाद 21 अगस्त को सीडब्ल्यूसी की टीम को पैस्किम मैरी क्रास बालगृह भेजी गई। किंतु, टीम के पहुंचते ही वहां के स्थानीय लोगों ने बवाल शुरू कर दिया। हालांकि, हंगामे की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस वहां पहुंच गई। इसके बाद बालगृह के लोगों ने थाना और सीडब्ल्यूसी को लिखित दिया था कि बच्चों को वहां से हटाया नहीं जाएगा। लेकिन, इसके बाद चोरी छिपे 30 बच्चों को वहां से हटा दिया गया है।
रिकार्ड खंखागलने का काम शुरू
स्मरण रहें कि लुधियाना में पैस्किम मैरी बालगृह का संचालन वर्ष 2006 से हो रहा है। सीडब्ल्यूसी ने 2006 से अबतक के सारे कागजात जब्त कर लिए हैं। हालांकि, अभी यह पता नहीं चला है कि इस अवधि में झारखंड और बिहार के अतिरिक्त और किन राज्यो से कितने बच्चो को यहां लाकर धर्मान्तरण किया गया है। बहरहाल, इन पहलुओं की जांच की जा रही है। ताज्जुब की बात यह है कि इस बालगृह के जेजे एक्ट के तहत निबंधित नहीं होने की भी बात सामने आई है।
खबरो की खबरो के लिए पेज को फॉलो कर लें और शेयर जरुर कर लें। आपके सुझाव का इंतजार रहेगा।
This post was published on अगस्त 25, 2018 15:06
KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के राजगीर पुलिस अकादमी में शहीद स्मारक का निर्माण कार्य पूरा… Read More
संविधान सभा में दिए अपने आखिरी भाषण में बाबा साहेब डॉ. बीआर आंबेडकर ने कई… Read More
KKN न्यूज ब्यूरो। वर्ष 2023 का आगाज हो चुका है। वर्ष का पहला महीना जनवरी शुरू… Read More
गुलाम भारत की महत्वपूर्ण कहानी संक्षेप में...। ईस्ट इंडिया कंपनी के आने से लेकर भारत… Read More
KKN न्यूज ब्यूरो। कुछ साल पहले की बात है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो… Read More
कुढनी विधानसभा, मुजफ्फरपुर जिला में आता है। विधानसभा के उपचुनाव को लेकर यह इलाका बिहार… Read More