KKN न्यूज ब्यूरो। कोरोना वायरस से उत्पन्न वैश्विक महामारी की वजह से प्रवासी मजदूरो के बिहार लौटने का सिलसिला अभी थमा भी नहीं था कि बिहार से मजदूरो का पलायन शुरू हो गया है। मुजफ्फरपुर जिला के मीनापुर थाना के तुर्की शनिचरा स्थान से मजदूरों को लेने के लिए 31 मई को पंजाब से आयी बस यहां कौतुहल का विषय बन गयी है। ताज्जुब की बात ये कि बस आयी, करीब नौ घंटे तक मीनापुर में रुकी और करीब 20 मजदूरों को लेकर पंजाब के लिए रवाना भी हो गई। लेकिन, किसी भी सक्षम अधिकारी को इसकी भनक नहीं मिली। अलबत्ता थानेदार राज कुमार को इसकी जानकारी थीं। किंतु, उच्चाधिकारी से दिशा निर्देश के इंतजार में वह भी कुछ नहीं कर सके।
हुआ ये कि दोपहर 12 बजे के बाद पंजाब नंबर की एक बस मीनापुर थाना क्षेत्र के तुर्की शनिचरा स्थाना आयी। यह बस शनिचरा स्थान के एक दलित टोला के 20 लोगों को अपने साथ पंजाब ले गई। बताया जाता है कि बस के चालक और खलासी के अतिरिक्त एक स्थानीय युवक इस काम में लगा हुआ था। जिस परिवार के लोग पंजाब गए हैं। वे कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं। किंतु, इलाके में चर्चा जोरो पर है। लोगो ने बताया कि इससे पहले गंगा धरमपुर सहित कई अन्य गांवो से भी मजदूरो का पलायन हो चुका है।
स्थानीय मुखिया अनिता कुमारी के पति अरुण कुमार ने पंजाब से बस आने और महादलित बस्ती के 20 लोगों को पंजाब जाने की पुष्टि की है। हालांकि, पूछने पर उन्होंने बताया कि प्रशासन को इसकी सूचना नहीं दी गई है। मुखिया पति इसको गंभीर मामला नहीं मानते है। उनका कहना है कि रोजगार की तलाश में मजदूरो का पलायन कर जाना सामान्य बात है। बहरहाल, पंजाब गये सभी मजदूर वार्ड संख्या सात के रहने वाले है और महादलित परिवार से ताल्लुक रखते है। यहां आपको बतातें चलें कि कोरोनाकाल में अकेले मीनापुर प्रखंड में करीब छह हजार प्रवासी मजदूर दूसरे प्रदेश से लौट कर घर आये हैं। मजदूरों के लौटने का सिलसिला एक माह से जारी है। इनमें से करीब ढ़ाई हजार मजदूर अभी भी विभिन्न क्वारंटाइन सेंटर पर है और क्वारंटाइन चक्र पूरा कर रहे है। ऐसी हालात में मजदूरों का एक जत्था फिर से प्रदेश लौट गया। यह गंभीर चिन्ता का विषय है। मुजफ्फरपुर के डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने बताया कि वे इस मामले की जांच करायेंगे।
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