किसानो ने बदला आंदोलन का तरीका
सोशल मीडिया मे सरकार की किड़किड़ी
संतोष कुमार गुप्ता
नई दिल्ली। भारत को कृषि प्रधान देश कहा गया है। यहां के खेतो से निकले अनाज से ही देश के लोगो का भोजन चलता है। किंतु देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले 38 दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों का सब्र शायद अब जवाब दे चुका है। वे अब अपने पीड़ा की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए दिल दहलाने वाली कोशिशें कर चुके हैं। वह अपनी पीड़ा से इस तरह व्यथित है कि कुछ भी कर गुजरने को तैयार है। इसी कड़ी में आंदोलनकारी किसानो ने शनिवार को मानव मूत्र (पेशाब) पीकर अपना विरोध जताया। इसी के साथ इन किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी अब भी नहीं सुनी गई, तो वे रविवार को मानव मल खाने की हद पार कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। तमिलनाडु के ये किसान जंतर मंतर पर सूख राहत राशि देने और कर्जमाफी को की मांग को लेकर धरने बैठे हैं। सूखे के कारण उनकी फसल खत्म हो गई है। इन किसानों की मांग है कि सरकार उनके लिए सूखा राहत पैकेज जारी करे।
किसान जंतर-मंतर में प्लास्टिक की बोतलों में मूत्र के साथ सामने आए। इससे पहले, नेशनल साउथ इंडियन रिवर लिंकिंग फॉर्मर्स एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष पी अय्याकनकु ने कहा, ‘तमिलनाडु में पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा और प्रधानमंत्री मोदी हमारी प्यास की अनदेखी कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार हमें इंसान ही नहीं समझती है।’सोशल मीडिया मे भी सरकार की खूब आलोचना हो रही है।
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.