साहूकार का कर्ज और परिवार चलाने की चिंता

बर्बाद हो रही है तैयार फसल

KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के किसान लॉकडाउन से पेशोपेश में है। गेंहू की फसल तैयार है और मजदूर नही मिल रहा है। सब्जी उत्पादक किसान की मुश्किले इससे भी बड़ी है। खेत में फसल तैयार है और खरीदार नहीं है। बाजार लग भी जाये तो बाहर के व्यापारी यहां तक पहुंच नहीं रहें है। लिहाजा, बैगन, टमाटर और कद्दू को औने-पौने की मोल बेच कर किसान नाउम्मीद हो रहें है।

कर्ज में डूबे किसान

बैगन की खेती

मुजफ्फरपुर के सिवाईपट्टी थाना के रामनगर गांव में साहूकार से 50 हजार रुपये कर्ज लेकर बैगन की खेती करने वाला किसान रामजी राम की तैयार हो चुकी बैगन की फसल लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया है। रामजी के मेहनत से इस समय 16 कट्ठा जमीन पर बैगन की फसल लहलहा रही है। पर खरीदार नहीं है। अमूमन 20 रुपये प्रति किलो बिकने वाला बैगन, इस वक्त बमुश्किल से 2 रुपये प्रति किलो में भी बिक नहीं रहा है। बाजार में कोई खरीदार नहीं मिल रहा है। नतीजा, भारी मात्रा में तैयार बैगन अब खेतो में ही सड़ने लगा है।

उम्मीदो पर फिरा पानी

रामजी को उम्मीद था कि बैगन बेच कर साहूकार का कर्ज चुका देंगे। साथ ही अपने तीन बच्चो को अच्छे स्कूल में दाखिला कराने का रामजी ने सपना देखा था। किंतु, कोरोना वायरस की वजह से की गई लॉकडाउन में उसके सभी अरमान धरे के धरे रह गये। बतातें चलें कि मार्च और अप्रैल के महीने में बैगन का फसल होता है। ठीक इसी समय लॉकडाउन हो जाने से किसानो की कमर टूट गई है। नतीजा, रामजी का पूरा परिवार आर्थिक संकट में फंस चुका है। साहूकार का कर्ज बढ़ रहा है और तैयार फसल का कोई खरीदार नही है।

बर्बाद होने की कगार पर है टमाटर

टमाटर की खेती

मुजफ्फरपुर जिला के ही मीनापुर थाना के सहजपुर गांव के किसान नीरज कुमार बतातें हैं कि एक एकड़ जमीन पर टमाटर की खेती की थी। फसल तैयार है। पर, कोई खरीदार नहीं है। अब टमाटर खेतो में ही खराब होने लगा है। नीरज बतातें हैं कि मीनापुर के टमाटर की मांग पूरे उत्तर बिहार में है। यहां के किसान बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती करते है। किंतु, लॉकडउाउन की वजह से बाजार में बाहर से व्यपारी के नहीं आने से टमाटर का कोई खरीदार नही मिल रहा है। यहीं हाल कद्दू उत्पादक किसानो की है।

गांव की आर्थिक व्यवस्था पर संकट

सिवाईपट्टी के किसान रामजी और मीनापुर के किसान नीरज तो महज एक बानगी है। ऐसे और हजारो किसान है, जो कर्ज लेकर सब्जी की खेती करते है। बैगन के अतिरिक्त टमाटर और कद्दू सहित कई अन्य सब्जी की खेती करते है। सब्जी की यह फसल मार्च और अप्रैल के महीने में तैयार होता है और किसानो को इससे बहुत उम्मीद लीगी रहती है। स्मरण रहें कि मीनापुर सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में जिले में अव्वल है और यहां से तैयार सब्जी उत्तर बिहार के कई जिलो की जरुरतो को पूरा करता रहा है। किंतु, लॉकडाउन की वजह से बाहर के व्यापारी के नहीं आने से सब्जी उत्पादक किसानो के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न होने का खतरा मंडराने लगा है।

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