बिहार सरकार लगातार बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं का नारा बुलंद कर रही है। जबकि, समाज के मुट्ठी भर रसूखदार लोग बेटियों की अस्मत को तार-तार करके सरकार के प्रयासो को धत्ता बताने में लगें हैं। ताजा मामला बिहार के ही मुजफ्फरपुर जिला से जुड़ा है। दरअसल, मुजफ्फरपुर जिले के बालिका गृह या अल्पावास गृह में रहने वाली बच्चियों के साथ जो घिनौना कर्म हुआ है, उससे पूरा समाज शर्मसार है। इन मासूम किशोरियों के कथित रखवाले ने ही उनकी आबरू को तार-तार कर दिया। अब जांच में जो खुलाशे हुए है, वह और भी चौकाने वाला है।
21 में से 18 बच्चियों के साथ हुआ दुष्कर्म
बतातें चलें कि मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में कुल 29 किशोरियां रह रही थी। इसमें से 21 की जांच रिपोर्ट आ चुकी है। चौकाने वाली बात ये कि 21 में से 18 बच्चियों के साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि से हड़कंप मच गया है। चंद लोगो की खातिर सभ्यता का दंभ भरने वाला पूरा समाज शर्मसार है। पुलिस की तफ्तीश के तपीस में कई सफेदपोश चेहरा बेनकाब हो चुका है और कई ऐसे भी है, जिनके चेहरे से नकाब उतरना अभी बाकी है। बिहार की इस घटना ने पूरे सिस्टम को हिला कर रख दिया है। बालिका गृह में बेटियों के साथ शर्मनाक और घिनौना काम हुआ, कल तक इसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। हालांकि, अभी और कई खुलाशे होने बाकी है।
बिहार में गरमाई राजनीति
मुजफ्फरपुर की इस घटना के बाद से सुबे के सभी बालिका गृह की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। बिहार की राजनीति में तूफान आ गया है। बात विधानसभा तक पहुंच चुकी है। विरोधी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है और सरकार बैकफूट में खड़ी दिखाई पड़ रही है। इस कांड के एक आरोपित रसूखदार की उंची पहुंच की जांच चल रही है। जांच की तपीस राजनीति का गलियारे तक पहुंच जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होगा। सूत्र बतातें है कि इस तपीस में कई और सफेदपोश के झुलसने की आशंका प्रबल होती जा रही है।
किशोरियों की शोषण में शामिल थी एक महिला
धीरे-धीरे कई खुलासे हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इस कारनामे में मुख्य किरदार निभाने वाली किरण नाम की महिला थी, जो बच्चियों के साथ रहती थी। महिला खुद भी इस घिनौने काम में शामिल थी और बच्चियों को भी दलदल में घसीट रही थी। पुलिस की डायरी में दर्ज मासूमों की दर्द चींख-चींख कर बयां कर रही है कि एक महिला ने उन्हें उसे गंदा काम को करने के लिए मजबूर किया था। पुलिस की तफ्तीश में खुलाशा हुआ कि किशोरियों के साथ हैवानियत का नंगा नाच किया जा रहा था। ताज्जुब की बात तो ये कि बालिका गृह संचालक ब्रजेश ठाकुर का भी उसे संरक्षण प्राप्त था। किशोरियों ने अपने बयान में ब्रजेश ठाकुर का भी जिक्र किया है।
संचालक ने स्वयं भी की दरिंदगी
जांच के दौरान किशोरियों ने पुलिस को बताया कि बालिका गृह के मुख्य संचालक ब्रजेश ठाकुर ने स्वयं भी किशोरियों को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया और इनकार करने पर किशोरियों को लाठी-डंडे पीटकर उसका मुंह बंद करा दिया जाता था। किशोरियों को हिदायत दी गई थी कि किसी से कुछ भी नही कहे। ताज्जुब की बात है कि पिछले छह साल के भीतर यहां से आधा दर्जन किशोरियां लापता हो चुकी है। बावजूद इसके किसी को इसकी भनक कैसे नहीं लगी। फिलहाल, इसमें से एक किशोरी की हत्या का भी खुलाशा हुआ है और मजिस्टेट की देखरेख में आज उसके शव की तलाशी के लिए खुदाई का काम शुरू हो चुका है। समझा जा रहा है कि यहां रहने वाली किशोरियों को कई बड़े रसूखदारो के पास पड़ोसा भी जाता रहा है। हालांकि, अभी इसका खुलाशा होना बाकी है।
इन लोगो पर गठित हो चुका है आरोप
बालिका गृह दुष्कर्म के मामले में जिन लोगो पर अभी तक आरोप गठित हुआ है, उनमें इंदू कुमारी, आवास अधीक्षिका, मंजू देवी, काउंसेलर, चंदा देवी, गृह माता, किरण कुमारी, हेल्पर, नेहा कुमार, नर्स, हेमा मसीह, प्रोबेशन पदाधिकारी का नाम शामिल है। इसी प्रकार मीनू देवी, गृह माता, विकास कुमार, काउंसेलर, दिलीप वर्मा, अध्यक्ष, बाल विकास समिति पर आरोप गठित हो चुका है। स्मरण रहें कि इसमें से एक मात्र दिलीप वर्मा फरार है। जबकि, बाकी आरोपितो को पुलिस गिफ्तार कर चुकी है। इस बीच दिलीप वर्मा के घर की कुर्की जब्ती की तैयारी भी शुरू हो चुकी है।