मशहूर गायिका लता मंगेशकर को कौन नहीं जानता उनकी आवाज ही उनकी पहचान थी। हमारी सुर साम्राज्ञी ‘भारत रत्न’ सम्मानित लता मंगेशकर आज हमारे बीच नहीं रही। आज सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल मे इनका निधन हो गया है।
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की मौत से देश मे शोक की लहर। कैसे बीता लता जी का बचपन? लता मंगेशकर ने कहाँ से की अपने करियर की शुरुआत? लता मंगेशकर द्वारा गाये गए कुछ बेहतरीन गाने। लता जी की उपलब्धियां तथा अवॉर्ड। लता जी के जिंदगी की कुछ आखिरी घटनाएं। लता जी का अंतिम संस्कार।
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की मौत से देश मे शोक की लहर।
‘भारत रत्न’ सम्मानित स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने आज इस दुनिया को अलविदा कह दिया। लता दीदी ने आज मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल मे आखिरी सांस ली। यह अस्पताल लता दीदी के घर से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। लता दीदी के निधन पर पूरे देश मे राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया गया है। ‘भारत की स्वर कोकिला’ (India’s Nightingale) के नाम से मशहूर लता मंगेशकर ने लगभग 5 दशक तक हिन्दी सिनेमा मे प्लेबैक सिंगर के तौर पर एकछत्र राज किया।
कैसे बीता लता दीदी का बचपन?
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर, मध्य प्रदेश मे हुआ था। लता जी एक महराष्ट्रीयन ब्राह्मण परिवार से आती थी। इनके पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर तथा माता का नाम शेवन्ती मंगेशकर था। अपने पाँच भाई-बहनों मे लता सबसे बड़ी थी। इन सभी भाई-बहनों ने बचपन से ही अपने पिता से संगीत की शिक्षा ली थी। लता की तीन बहने मीना, उषा, आशा तथा एक भाई, हृदयनाथ था। इनके पिता एक कुशल शास्त्रीय गायक और मंच अभिनेता थे। जब लता 13 वर्ष की हुई तभी उनके पिता का निधन हो गया था। अपने भाई-बहनों मे सबसे बड़े होने के कारण सारी जिम्मेदारी लता के कंधे पर आ गई थी।
लता मंगेशकर का पहला नाम
लता जी के बचपन का नाम हेमा मंगेशकर था। जन्म के पश्चात उनका नाम हेमा रखा गया था लेकिन उनके पिता के नाटक मे एक महिला चरित्र का नाम लतिका सुनने के बाद उनके पिता ने हेमा का नाम बदलकर लता कर दिया। हेमा तब से लता के नाम से ही जानी जाने लगी।
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने कहाँ से की अपने करियर की शुरुआत?
लता ने 5 साल की उम्र से ही अपने पिता के संगीत नाटकों मे अभिनेत्री के तौर पर अभिनय करना शुरू कर दिया था। लेकिन 13 साल के उम्र मे, पिता के मृत्यु के पश्चात परिवार की वित्तीय जिम्मेदारी लता के कंधों पर आ गयी। जिस वजह से इनकी औपचारिक शिक्षा अधूरी रह गयी। बचपन मे ही लता ने अपने पिता से संगीत मे महारत हासिल कर ली थी। लता को संगीत मे ज्यादा रुचि होने की वजह से उन्होंने अभिनय को छोड़ दिया और एक गायिका के रूप मे शुरुआत की। लता भारतीय संगीत के क्षेत्र मे एक नए चेहरे की तरह उभरी और सभी को अपने मधुर स्वर से मोहित कर लिया। लता जी ने अभी तक लगभग 25-30 हजार गाने रिकॉर्ड किये थे जिसमे से ज्यादातर हिन्दी और मराठी मे है। लता जी ने अपने मधुर संगीत के जरिए लोगों के दिल पे एक अमिट छाप छोड़ दी है।
लता मंगेशकर द्वारा गाये गए कुछ बेहतरीन गाने।
- मेरी आवाज ही मेरी पहचान है
- आज फिर जीने की तमन्ना है
- ऐ मेरे वतन के लोगों
- होंठों मे ऐसी बात मै दबा के चली आई
- पिया तोसे नैना लागे
- आप की नज़रों ने समझा
- जिंदगी प्यार का गीत है
- ऐसा देश है मेरा
- एक प्यार का नगमा है
- जिंदगी की ना टूटे लड़ी
लता जी की उपलब्धियां तथा अवॉर्ड
लता जी को मिले अवार्डों की संख्या बहुत ज्यादा है। इसमे से कुछ प्रमुख अवॉर्ड –
- भारत रत्न (भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, 2001)
- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, 1989
- पद्म भूषण, 1969
- पद्म विभूषण और जी सीने अवॉर्ड (1999)
- फिल्म फेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (1993)
लता जी के जिंदगी की कुछ आखिरी घटनाएं
कुछ दिनों पहले ही लता जी कोरोना पाॅजीटिव हुई थी लेकिन इसके बाद वो ठीक भी हो गई। अभी ही कुछ दिनों पहले 8 जनवरी को निमोनिया हो जाने के कारण लता जी को अस्पताल मे भर्ती कराया गया था। जिसके बाद उनकी तबीयत मे कुछ सुधार देखा गया था। आज अचानक स्वास्थ्य बिगड़ने की वजह से 92 वर्ष की उम्र मे उनका निधन हो गया।
लता जी का अंतिम संस्कार
लता जी का अंतिम संस्कार आज शाम मुंबई के शिवाजी पार्क मे होना है। लता जी को श्रद्धांजली देने मुंबई के शिवाजी पार्क पँहुचेंगे पीएम मोदी। फिल्म जगत की बड़ी-बड़ी हस्तियाँ लता जी के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए पहुँच रही हैं। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने लता जी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का आदेश दिया है। वहीं लता जी के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है।
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) जी द्वारा गाया गया हर गाना जैसे – जिंदगी की ना टूटे लड़ी, मेरी आवाज ही मेरी पहचान है, ऐ मेरे वतन के लोगों, आज फिर जीने की तमन्ना है और भी अन्य ऐसे गाने है जिसे लोग कभी भूल नहीं पाएंगे। उनकी आवाज उनकी पहचान के रूप मे हमेशा लोगों के जुबां पर रहेगी।