औरंगाबाद। युवा किसानो ने परंपरागत कृषि के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव का आगाज कर दिया है। जी हां… स्ट्राबेरी की खेती से औरंगाबाद के कुटुम्बा प्रखंड अन्तर्गत चिल्हकी बिगहा में खुशहाली आई है। यहां के कई किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। जिससे किसानो को अच्छा मुनाफा मिलने लगा है। स्ट्राबेरी के मात्र 7 पौधों से किसान बृजकिशोर मेहता के द्वारा शुरू हुई खेती, आज करीब आठ एकड़ में फैल चुकी है। कोलकाता, दिल्ली आदि बड़े शहरों में स्ट्राबेरी की जबरदस्त मांग है। एक बीघे में दो लाख की लागत आती है और उत्पादन चार से पांच लाख का होता है। डीएम व डीएओ ने स्ट्राबेरी की खेती को लेकर इस गांव को कृषि के क्षेत्र का आदर्श गांव घोषित किया है और यहां के किसानों को कई तरह की सुविधाएं भी मुहैय्या करा दी है। बहरहाल, स्ट्राबेरी ने चिल्हकी बिगहा गांव को सुर्खियों में ला दिया है। स्ट्राबेरी की खेती को देखने के लिए देश के कई राज्यों से किसान यहां पहुंचने लगे है।
This post was published on अप्रैल 22, 2017 20:25
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