बिहार में पंचायत चुनाव पूरे सबाब पर है। कर्तव्य परायण, इमानदार और स्वच्छ छवि वालों की आवाजाही से गांव की गलियां गुलजार है। विकास अपने नए तलेवर के साथ चौपाल में चर्चा बटोर रही है। गांव में समाज सेवा करने वालों की इतनी बड़ी टोली को देख कर यकीन हो गया है कि अब सभी कुछ ठीक ही होगा। गांव का नए सिरे से कायाकल्प होगा और समाजिक समरसता फिर से बहाल हो जायेगा। दरअसल, भारतीय समाज की गौरवशाली परंपरा रही है। इस परंपरा में पंचायत की भूमिका के प्रचीन इतिहास से किसी को इनकार नहीं है। गुलामी की दौर में कई बार हमारे इस प्रचीन परंपरा को नुकसान पहुंचाया गया। सवाल उठता है कि ऐसा किसने, कब और क्यों किया। देखिए, इस रिपोर्ट में…
This post was published on नवम्बर 5, 2021 17:00
भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 को भले खत्म कर दिया। पर, अभी भी कई राज्यों… Read More
इन दिनो भारत में आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा है। यह बात हम सभी… Read More
हम सभी भारतवंशी अपने आजादी का अमृत महोत्सव मना रहें है। यह बात हम सभी… Read More
सूचनाएं भ्रामक हो तो गुमराह होना लाजमी हो जाता है। सोशल मीडिया के इस जमाने… Read More
सूचनाएं भ्रामक हो तो गुमराह होना लाजमी हो जाता है। सोशल मीडिया के इस जमाने… Read More
अपनी खास सांस्कृतिक विरासत के लिए दुनिया में विशिष्ट पहचान रखने वाले भारत की अधिकांश… Read More