KKN न्यूज ब्यूरो। एक सवाल है, जो मन को कचोटता है और वह ये कि यह संत, साबरमती का है या भितिहरवा का? कहतें है कि भारत में बापू के कई आश्रम है। किंतु, अहमदाबाद के साबरमती आश्रम और महाराष्ट्र के वर्धा आश्रम को अधिक प्रसिद्धि मिली। जबकि,चंपारण के भितिहरवा आश्रम को उतनी प्रसिद्धि क्यों नहीं मिली? जबकि, भितिहरवा गांधी आश्रम से ही गांधीजी ने आजादी के आंदोलन का पहला शंखनाद किया था। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि हमारे अपने ही रहनुमाओं ने भितिहरवा आश्रम को तबज्जो क्यों नहीं दिया? देखिए पूरा रिपोर्ट …
This post was last modified on मार्च 17, 2020 4:41 अपराह्न IST 16:41
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