KKN गुरुग्राम डेस्क | प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में राम नवमी 2025 के अवसर पर ऐतिहासिक उत्सव देखने को मिला। पूरा शहर भक्ति, आस्था और श्रद्धा की लहरों में डूबा नजर आया। लाखों श्रद्धालु रामलला के जन्मोत्सव में भाग लेने के लिए अयोध्या पहुंचे, जहां उन्होंने सरयू नदी में स्नान, रामलला के दर्शन, और दीपों से सजा दीपोत्सव का हिस्सा बनकर इस पर्व को अविस्मरणीय बना दिया।
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राम नवमी पर रामलला के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़
सुबह होते ही अयोध्या के घाटों और सड़कों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने सबसे पहले सरयू नदी में आस्था की डुबकी लगाई, फिर राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचकर रामलला के दर्शन किए। इस बार की राम नवमी खास इसलिए भी रही क्योंकि यह प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार मनाया गया राम जन्मोत्सव था।
श्रद्धालुओं ने पूरे जोश और श्रद्धा के साथ भगवान राम के जन्म का उत्सव मनाया। “ऐसा लग रहा है जैसे साक्षात त्रेतायुग लौट आया हो,” एक श्रद्धालु ने कहा।
दीपों से जगमगाया सरयू घाट, दीपोत्सव ने बांधा समां
पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित भव्य दीपोत्सव शाम को चौधरी चरण सिंह घाट पर आयोजित किया गया। इस समारोह में 2 लाख 51 हजार दीपक जलाए गए, जिससे पूरा सरयू घाट स्वर्णिम रोशनी से नहाया हुआ प्रतीत हुआ।
इस दीपोत्सव में 15 विद्यालयों के बच्चों ने भाग लिया और घाट की सीढ़ियों को दीपों से सजाया। घाट पर बिछे हजारों दीपों की रौशनी सरयू नदी की लहरों में प्रतिबिंबित होती रही, जो एक दिव्य दृश्य बन गई।
घाट पर तिल रखने की जगह नहीं, आरती में उमड़ा जनसैलाब
शाम होते-होते घाट पर इतनी भीड़ हो गई कि पैर रखने की भी जगह नहीं बची। श्रद्धालु जहां जगह मिली, वहां बैठकर गंगा आरती का आनंद लेते दिखाई दिए। भजन-कीर्तन, मंत्रोच्चार और ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच माहौल पूरी तरह आध्यात्मिक बन गया।
श्रद्धालु आरती के बाद दीयों को जलाकर अपने-अपने ईष्ट को अर्पित कर रहे थे। घाट की सजावट और भक्तों का उत्साह देखकर ऐसा लग रहा था जैसे अयोध्या खुद प्रकाश से जगमग होकर भगवान राम का स्वागत कर रही हो।
सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम, ड्रोन से निगरानी
अत्यधिक भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए थे। पूरे सरयू घाट क्षेत्र में ड्रोन से निगरानी रखी गई, साथ ही पुलिस बल और सुरक्षाकर्मी भी भारी संख्या में तैनात थे।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह मेडिकल कैम्प, जल सेवा, और प्रवेश/निकास मार्गों पर वॉलंटियर्स की टीम मौजूद थी। यातायात को नियंत्रित करने के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाए गए थे।
राम नवमी 2025: सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक
इस वर्ष की राम नवमी केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता और आध्यात्मिक समरसता का उदाहरण बन गई। अयोध्या में देशभर से श्रद्धालु पहुंचे और एक साथ मिलकर इस पावन उत्सव में भाग लिया।
राम जन्मभूमि मंदिर की भव्यता, दीपों की जगमगाहट, और श्रद्धा से भरे चेहरों ने यह साबित कर दिया कि राम अयोध्या ही नहीं, भारत की आत्मा में बसे हैं।
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अयोध्या पर्यटन 2025
अयोध्या की राम नवमी 2025 एक ऐतिहासिक पर्व बनकर उभरी है। इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि आस्था में कितनी शक्ति होती है। लाखों दीपों की रौशनी, भक्तों की श्रद्धा, प्रशासन की तैयारियां और पूरे शहर का समर्पण — सब मिलकर अयोध्या को एक बार फिर आध्यात्मिक राजधानी बना गए।
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