उत्तर प्रदेश के एटा जिले से एक दुखद और दर्दनाक घटना सामने आई है। जहां एक युवक ने अपनी पत्नी से आए दिन के विवाद और शराब की लत से परेशान होकर ज़हर खा लिया और अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। यह घटना थाना अवागढ़ क्षेत्र के वीरनगर गांव की है, जहां युवक के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
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घटना का विवरण
मृतक की पहचान 36 वर्षीय अजय प्रताप के रूप में हुई है, जो कोतवाली नगर क्षेत्र के मोहल्ला आंबेडकर नगर में रहता था। अजय पेशे से कैफे पर काम करता था और कचहरी रोड पर उसकी दुकान थी। परिवार के अनुसार, अजय की शादी 2011 में मलावन क्षेत्र की रहने वाली नीता से हुई थी। शादी के कुछ सालों बाद ही अजय और नीता के बीच विवाद शुरू हो गए थे। अजय को शराब पीने की आदत थी, और नशे में वह अपनी पत्नी के साथ मारपीट करता था।
पत्नी के मायके जाने के बाद विवाद बढ़ा
शराब की लत के कारण नीता ने अपने तीन बच्चों के साथ घर छोड़ दिया और गंगनपुर गांव में किराए के मकान में रहने लगी। वह वहीं ब्यूटी पार्लर चला कर अपना और बच्चों का पालन-पोषण कर रही थी। अजय कई बार अपनी पत्नी को वापस घर लाने गया, लेकिन शराब की लत के कारण नीता ने वापस जाने से इनकार कर दिया। इससे अजय मानसिक रूप से परेशान रहने लगा।
आत्महत्या की दुखद घटना
रविवार की रात अजय घर वापस आया और गुस्से में आकर ज़हर खा लिया। थोड़ी देर बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी, और उसे तुरंत मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद परिवार में गहरा शोक है, और यह सब देखकर आसपास के लोग भी हैरान हैं।
पुलिस कार्रवाई और प्रारंभिक जांच
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक कार्रवाई शुरू की। पुलिस के अनुसार, इस मामले में कोई नया विवाद सामने नहीं आया है और इसे आत्महत्या का मामला माना जा रहा है। कोतवाली नगर पुलिस ने बताया कि मृतक शराब का आदी था, और इस पर पहले भी विवाद हुए थे। मृतक के खिलाफ पत्नी द्वारा इस साल अप्रैल महीने में शराब पीने के बाद मारपीट का मामला दर्ज कराया गया था। पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने की कोशिश की थी, लेकिन मामला जटिल हो गया और चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी।
शराब की लत और घरेलू हिंसा का असर
यह घटना इस बात को स्पष्ट करती है कि शराब की लत और घरेलू हिंसा किस हद तक एक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकती है। अजय की शराब की लत ने न सिर्फ उसकी पत्नी के साथ उसके रिश्ते को प्रभावित किया, बल्कि पूरे परिवार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। नीता का अपने बच्चों के साथ घर छोड़ने का निर्णय इस बात का संकेत था कि वह अब इस स्थिति को और बर्दाश्त नहीं कर सकती थी।
समाज और सरकार की जिम्मेदारी
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि शराब की लत और घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों पर समाज और सरकार को और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। अगर अजय को समय पर सही मदद मिलती, तो शायद यह घटना नहीं होती। शराब के आदी व्यक्तियों के लिए उपचार और पुनर्वास केंद्रों का विस्तार जरूरी है, ताकि वे अपने जीवन को फिर से पटरी पर ला सकें।
इस तरह की घटनाओं के निवारण के लिए समुदाय स्तर पर जागरूकता फैलाने की जरूरत है, ताकि लोग जल्दी ही इन समस्याओं का समाधान खोज सकें। शराब की लत और घरेलू हिंसा पर नियंत्रण पाने के लिए परिवारों को भी सही मार्गदर्शन और सहायता की आवश्यकता होती है।
अजय प्रताप की दुखद मौत ने यह साबित कर दिया कि शराब की लत और घरेलू हिंसा जैसे गंभीर मुद्दों पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो इसका असर किसी के जीवन को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इस घटना से यह स्पष्ट हो जाता है कि ऐसे मामलों में अधिक संवेदनशीलता और समुचित हस्तक्षेप की आवश्यकता है। सरकार और समाज को इस मुद्दे पर गहरी सोच-विचार और उपायों की दिशा में काम करना चाहिए, ताकि आने वाले समय में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
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