भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) तक की यात्रा करने वाले सांसद और फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पटना जिले की कुम्हरार सीट से जन सुराज पार्टी (जेएसपी) के उम्मीदवार और प्रसिद्ध गणितज्ञ प्रोफेसर कृष्ण चंद्र सिन्हा उर्फ प्रो केसी सिन्हा को समर्थन दिया है। शत्रुघ्न सिन्हा ने खुलकर प्रोफेसर केसी सिन्हा के पक्ष में अपनी बात रखी और उन्हें वोट देने की अपील की।
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बीजेपी के टिकट पर कुम्हरार से पांच बार के विधायक रहे अरुण कुमार सिन्हा का टिकट कटने के बाद पार्टी ने इस बार संजय गुप्ता को टिकट दिया है। इस पर शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी असहमति जताई और पार्टी के फैसले को गलत बताया। इसके साथ ही, उन्होंने महागठबंधन से कांग्रेस के इंद्रदीप कुमार चंद्रवंशी को भी चुनावी मैदान में उतारा जाने पर टिप्पणी की।
प्रशांत किशोर की रणनीति पर शत्रुघ्न सिन्हा की सराहना
शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रशांत किशोर की भी तारीफ की है, जिन्होंने गणित के विद्वान प्रो. केसी सिन्हा को कुम्हरार से चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया था। शत्रुघ्न सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तीन ट्वीट किए, जिनमें से पहले ट्वीट में उन्होंने प्रशांत किशोर को धन्यवाद दिया और प्रोफेसर केसी सिन्हा को समर्थन देने की बात कही।
शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने दूसरे ट्वीट में प्रशांत किशोर के इंटरव्यू को शेयर किया और लोगों से इसे देखने का अनुरोध किया। उन्होंने इसे देखने के बाद किशोर की चुनावी रणनीति की सराहना की। शत्रुघ्न सिन्हा ने तीसरे ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की कि पार्टी में ‘अपने लोगों’ को टिकट नहीं मिल रहे हैं, और इस मुद्दे पर उन्होंने अरुण सिन्हा का टिकट कटने का उदाहरण दिया।
शत्रुघ्न सिन्हा का भाजपा से कांग्रेस और फिर टीएमसी तक का सफर
शत्रुघ्न सिन्हा का राजनीतिक करियर कई मोड़ों से भरा रहा है। वह पहले भाजपा से जुड़े थे और अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में उन्होंने पार्टी को बिहार में प्रचारित किया था। वह दो बार राज्यसभा सांसद बने और वाजपेयी सरकार में मंत्री भी रहे। इसके बाद 2009 में वह पटना साहिब से बीजेपी के टिकट पर लोकसभा सांसद बने और 2014 में फिर से जीत हासिल की।
लेकिन 2019 में भाजपा से टिकट न मिलने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और वहां कुछ समय तक काम किया। फिर, 2022 में उन्होंने टीएमसी में शामिल होकर आसनसोल से उपचुनाव लड़ा और तीसरी बार लोकसभा पहुंचे। 2024 में भी उन्होंने आसनसोल से जीत हासिल की।
कुम्हरार सीट पर चुनावी स्थिति
कुम्हरार सीट पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है और यह क्षेत्र राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। शत्रुघ्न सिन्हा, जो पटना के रहने वाले हैं और कायस्थ जाति से आते हैं, भाजपा का कोर वोट बैंक माने जाते हैं। 2020 में भाजपा ने कायस्थ जाति से जीतने वाले तीन विधायकों में से नितिन नबीन को छोड़कर बाकी दो का टिकट काट दिया था, जिनमें अरुण कुमार सिन्हा भी शामिल थे।
इसके बाद से शत्रुघ्न सिन्हा और उनके समर्थकों में पार्टी के भीतर हो रहे इस बदलाव को लेकर असंतोष बढ़ गया है। शत्रुघ्न सिन्हा के ट्वीट्स और उनके द्वारा प्रोफेसर केसी सिन्हा का समर्थन किए जाने से यह साफ हो गया है कि वह पार्टी की मौजूदा नीतियों से असहमत हैं।
प्रशांत किशोर का चुनावी रणनीतिकार के रूप में योगदान
प्रशांत किशोर, जो पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के लिए चुनाव रणनीति तैयार कर चुके हैं, अब बिहार में भी अपनी रणनीतिक सोच का प्रभाव दिखा रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने उन्हें सराहा और कहा कि उन्होंने प्रोफेसर केसी सिन्हा जैसे योग्य उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारकर बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में नई दिशा दी है।
प्रशांत किशोर का कार्यक्षेत्र अब केवल चुनाव प्रचार तक सीमित नहीं है, बल्कि वह शिक्षा, विकास और समाज सुधार के मुद्दों पर भी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। उन्होंने प्रोफेसर केसी सिन्हा के माध्यम से बिहार में फ्री और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एक विशेष योजना बनाई है, जिससे बिहार के छात्रों को फायदा होगा।
शत्रुघ्न सिन्हा का प्रोफेसर केसी सिन्हा का समर्थन और भाजपा के फैसलों पर असंतोष जाहिर करना बिहार की राजनीति में एक नई हवा का इशारा कर रहा है। उनकी आलोचनाओं और प्रशांत किशोर की रणनीति को लेकर उनके बयान यह दिखाते हैं कि बिहार में आगामी चुनावों के लिए राजनीतिक जमीन तेजी से बदल रही है। अब यह देखना होगा कि शत्रुघ्न सिन्हा और उनकी जैसी विचारधारा रखने वाले नेताओं का असर आगामी बिहार विधानसभा चुनावों पर कितना पड़ता है और क्या यह नए उम्मीदवारों के लिए राजनीति के दरवाजे खोलता है।



