KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में आरक्षण (Reservation in Bihar) को लेकर बड़ा सियासी बवाल खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इस मुद्दे पर बड़े आंदोलन (Protest) की घोषणा कर दी है। उन्होंने Social Media Platform X (Twitter) पर पोस्ट कर कहा कि वह पटना में धरना प्रदर्शन (Dharna in Patna) करेंगे।
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बिहार विधानसभा सत्र (Bihar Assembly Session) के दौरान भी यह मुद्दा गरमाया हुआ है। विपक्षी नेताओं ने विधानसभा परिसर (Bihar Vidhan Sabha) में आरक्षण बहाल करने (Reservation Reinstatement) की मांग को लेकर प्रदर्शन (Protest) किया। अब तेजस्वी यादव जनता को mobilize कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने क्यों किया विरोध प्रदर्शन का ऐलान?
आरजेडी (RJD) नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि बिहार सरकार द्वारा आरक्षण की सीमा 65% तक बढ़ाई गई थी, लेकिन अब इसे रोक दिया गया है। इससे SC, ST, OBC, और EBC वर्ग के अभ्यर्थियों को 16% आरक्षण का नुकसान हो रहा है।
तेजस्वी यादव ने X (Twitter) पर लिखा:
- 16% आरक्षण हटने की वजह से 50,000 से ज्यादा युवा सरकारी नौकरी से वंचित हो गए हैं।
- TRE-3 शिक्षक भर्ती (Teacher Recruitment TRE-3) के तीसरे चरण में भी आरक्षण लागू नहीं किया गया।
- हजारों अभ्यर्थियों को नौकरियों का नुकसान (Job Loss) हुआ है।
इस फैसले से बिहार के युवाओं और पिछड़े वर्गों (Youth & Backward Communities) में नाराजगी बढ़ रही है।
बिहार विधानसभा में आरक्षण को लेकर हंगामा
बिहार विधानसभा में आरक्षण (Reservation in Bihar Government Jobs) को लेकर विरोध तेज हो गया है। विपक्षी दलों ने विधानसभा परिसर में धरना प्रदर्शन (Protest in Bihar Vidhan Sabha) कर सरकार से इस फैसले को वापस लेने (Rollback of Reservation Cap) की मांग की।
विपक्ष के मुख्य तर्क:
🔹 आरक्षण सामाजिक न्याय (Social Justice in Bihar) की जरूरत है।
🔹 65% आरक्षण बहाल नहीं होने से नौकरी में पिछड़े वर्गों की हिस्सेदारी घटेगी।
🔹 सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
इस मुद्दे पर बिहार की सियासत (Bihar Politics) गरमा गई है, और यह युवाओं के बीच बड़ा मुद्दा (Election Issue for Youth in Bihar) बनता जा रहा है।
आरक्षण हटने से बिहार के युवाओं पर क्या असर पड़ेगा?
सरकारी नौकरियों (Government Jobs in Bihar) में आरक्षण न होने से हजारों उम्मीदवार प्रभावित होंगे।
मुख्य प्रभाव:
✅ SC/ST/OBC/EBC वर्ग के उम्मीदवारों को नौकरी पाने में कठिनाई होगी।
✅ TRE-3 Teacher Recruitment में पिछड़ा वर्ग के हजारों छात्रों को मौका नहीं मिलेगा।
✅ Social Justice और Equal Opportunity का वादा कमजोर होगा।
✅ बेरोजगारी (Unemployment in Bihar) में इजाफा होगा।
बिहार सरकार के इस फैसले से युवाओं के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है।
तेजस्वी यादव की मांग: आरक्षण बहाल किया जाए
तेजस्वी यादव ने सरकार से तुरंत 65% आरक्षण लागू करने (Restore 65% Reservation in Bihar) की मांग की है।
उनका कहना है कि:
- TRE-3 समेत सभी सरकारी भर्तियों में आरक्षण को तत्काल लागू किया जाए।
- SC, ST, OBC, और EBC वर्ग के अधिकारों की रक्षा की जाए।
- सरकार को संविधान में दिए गए सामाजिक न्याय के सिद्धांत का पालन करना चाहिए।
आरक्षण नीति (Reservation Policy in Bihar) को लेकर तेजस्वी यादव जनता को लामबंद (Mass Mobilization) कर रहे हैं और सरकार पर दबाव बढ़ाने की रणनीति अपना रहे हैं।
बिहार में आरक्षण विवाद पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस मुद्दे पर बिहार में राजनीतिक दलों (Political Reactions on Reservation) की अलग-अलग राय सामने आ रही है।
विभिन्न दलों की प्रतिक्रिया:
🔹 आरजेडी (RJD) और विपक्ष: इस फैसले को जनविरोधी और सामाजिक अन्याय (Anti-People Decision) करार दे रहे हैं।
🔹 बिहार सरकार: कानूनी पहलुओं की समीक्षा का हवाला देकर समस्या के समाधान की बात कर रही है।
🔹 युवा और छात्र संगठन: सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन (Student Protest on Reservation Issue) कर रहे हैं।
यह विवाद बिहार की राजनीति (Bihar Politics) को अगले कुछ हफ्तों में और गर्मा सकता है।
क्या बिहार चुनाव पर पड़ेगा असर?
बिहार में आरक्षण विवाद (Reservation Controversy in Bihar) आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों (Bihar Elections 2025) में बड़ा चुनावी मुद्दा (Major Election Issue) बन सकता है।
🔹 तेजस्वी यादव अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए इस मुद्दे को भुना सकते हैं।
🔹 सरकार पर पिछड़ा वर्ग के वोटर्स (OBC & EBC Voters in Bihar) का दबाव बढ़ सकता है।
🔹 आरक्षण की बहाली पर सरकार की प्रतिक्रिया तय करेगी कि आगे क्या होगा।
युवाओं, छात्रों और नौकरियों के उम्मीदवारों के लिए यह मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है।
बिहार में आरक्षण विवाद (Reservation Politics in Bihar) तेजी से राजनीतिक मुद्दा (Political Debate) बनता जा रहा है।
तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के आंदोलन और सरकार के फैसले के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमाने वाला है।
क्या सरकार आरक्षण की बहाली करेगी, या यह मुद्दा राजनीतिक लड़ाई (Political Battle) का केंद्र बना रहेगा? यह देखना दिलचस्प होगा।
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