मीनापुर। बिहार जातिवाद के दलदल से बाहर निकलने की पुरजोर कोशिश में है। यह किसी भी समाज के विकास की पहली शर्त मानी जाती है। ये बातें एलेग्जिया पेट्री (अंतर्राष्ट्रीय संस्था ऑक्सफेम की अंतर्राष्ट्रीय इम्पैक्ट कॉर्डिनेटर) ने शनिवार को प्रखंड के खरहर गांव में कही। एलेग्जिया के नेतृत्व में ऑक्सफेम की तीन सदस्यीय टीम ने गांव में बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा की। टीम में नई दिल्ली से आये ऑक्सफेम के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर मानस भट्टाचार्य और प्रोग्राम कॉर्डिनेटर नीरज आनंद भी शामिल थे।
इससे पहले टीम ने खरहर गांव के बाढ़ पीड़ितों से मिल कर उनकी समस्याओं का अध्ययन किया। टीम ने बाढ़ पूर्व तैयारी के लिए लोगों से सवाल पूछे। बाढ़ पीड़ितों से आपदा प्रबंध, राहत और बचाव के अलावा बाढ़ के दौरान स्वास्थ्य सेवा, शुद्ध पेयजल व शौचालय प्रबंधन आदि की जानकारी ली। बाढ़ से जान-माल और कृषि को हुए नुकसान के साथ इससे निपटने के लिए सरकार की ओर से उठाये गये कदम की भी जानकारी इकट्ठा की गई। टीम ने बाढ़ के दौरान लोगों की जीवनशैली, आजीविका और रहन-सहन की स्थिति पर विस्तार से रिपोर्ट तैयार की।
टीम ने बताया कि उनकी संस्था कोलकाता में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। एलेग्जिया लंदन से आई थीं। उन्होंने दुभाषिए की मदद से लोगों से बातचीत की। गांव के लोगों ने भी विदेशी मेहमान का स्वागत किया। मौके पर संस्था के प्रखंड कॉर्डिनेटर सुनील कुमार, बबिता कुमारी, सरपंच रतन राय, अनिरुद्ध झा, सुनील कुमार झा, प्रदीप पासवान, पार्वती देवी, रामसकल राय, पूनम देवी भी मौजूद थीं।
This post was published on दिसम्बर 3, 2017 08:55
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