Society

भारत के पांच बुद्धिजीवी, जिनके हिरासत पर मचा है बवाल

नक्सलियों से संबंध रखने और हिंसा फैलाने का है आरोप

भारत की राजनीति इन दिनो देश के पांच बुद्धिजिवियों की गिरफ़तारी या यू कह लें कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद नजरबंद रखने से सुलग रहा है। वामपंथ समर्थक इस गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति के आजादी का हनन बता कर इसका विरोध कर रहें है। वहीं, दक्षिणपंथी विचारधारा के लोग इसे राष्ट्रीय अखंडता के लिए खतरा बता रहें हैा राजनीतिक पार्टियां अपने नफा-नुकसान के हिसाब से विरोध या समर्थन करने पर तुली है। ऐसे में देश का बड़ा तबका यह समझ नहीं पा रहा है कि कौन सही है और कौन गलत? बहरहाल, जिन लोगो की गिरफ्तारी हुई है, उनमें वामपंथी विचारक सुधा भारद्वाज, वरवर राव, अरुण परेरा, गौतम नवलखा और वर्णन गोन्साल्वेज का नाम शामिल है।

 

पुलिस ने लगाए हिंसा फैलाने का आरोप

दरअसल, महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा के मामले में पिछले मंगलवार को पुणे पुलिस की कई टीमों ने देश के कई शहरों में अलग-अलग छापामारी करके एक साथ पांच लोगो को गिरफ्तार किया था। इसमें मानवाधिकार कार्यकर्ता, लेखक, व वकील का लिवादा ओढ़़े लोग शामिल थे। पुलिस ने इनके घरो से फोन, कैमरा, लैपटॉप, सिम कार्ड आदि बरामद किया है और बाद में उनके लैपटॉप से कई आपत्ति जनक दस्ताबेज मिलने का भी दावा किया जा रहा है। पुलिस की माने तो 31 दिसंबर 2017 को पुणे में यलगार परिषद के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इन प्रमुख कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के बाद भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़क गया था।

वकील सुधा भारद्वाज

पुलिस के हथ्थे चढ़े 57 साल की सुधा भारद्वाज एक नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और वकील भी हैं। बताया जा रहा है कि उनका जन्म अमेरिका में हुआ था लेकिन 11 वर्ष की उम्र में ही वह भारत चली आई और यहीं रहने लगी। सात साल बाद उन्होंने अपनी अमेरिकी नागरिकता को सरेंडर कर दिया और भारत की नागरिकता ले ली। दरअसल, सुधा भारद्वाज प्रख्यात शिक्षाविद् और अर्थशास्त्री रंगनाथ भारद्वाज और कृष्णा भारद्वाज की संतान हैं और भारत में रहते हुए कमजोर और उपेक्षित वर्ग के अधिकार के लिए संघर्ष करती है। पुलिस का आरोप है कि सुधा भारद्वाज यह सभी कुछ अपनी असलियत को छिपाने के लिए करती है। दरअसल, उनका संबंध प्रतिबंधित संगठन माओवादी से जुड़ा है और वह भारत को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा बन चुकी है। सुधा भारद्वाज करीब तीन दशक तक छत्तीसगढ़ में सक्रिय रही और छत्तीसगढ़ के पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की महासचिव भी हैं। सुधा भारद्वाज ने मजदूरों के अधिकारों के लिए काम किया है। वह दलित और जनजातीय अधिकारों के एडवोकेट भी हैं। फिलवक्त, वह दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में लॉ पढ़ाती हैं। इससे पहले वर्ष 2017 में हरियाणा के फरीदाबाद शिफ्ट हो गईं थी।

प्रो. वरवर राव

तेलंगाना के वारंगल के रहने वाले 78 साल के वरवर राव एक क्रांतिकारी लेखक है और सार्वजनिक मंच से जोरदार भाषण देने के लिए जाने जातें हैा उन्हें तेलुगू साहित्य के एक प्रमुख मार्क्सवादी आलोचक भी कहा जाता है। बतातें चलें कि पिछले पिछले दशक में राव ने स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्रों को यही विषय पढ़ाया भी है। राव पर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी सहित देश की कई प्रमुख हस्ती की हत्या का साजिश रचने का आरोप है और इस आरोप में पुणे की पुलिस इससे पहले भी वरवर राव के घर की तलाशी ले चुकी है। आपको बताना जरुरी है कि वरवर राव के भड़काउ लेखन और राजनीतिक गतिविधियों के लिए मई 1971 में आंध्र प्रदेश की सरकार ने उनकी गिरफ्तारी कर लिया था। हालांकि, बाद में हाईकोर्ट ने उन्हें इस आरोप से बरी कर दिया था।

प्रो.अरुण परेरा

मुंबई के रहने वाले अरुण परेरा नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और लेखक हैं। वह बिजनेस ऑर्गनाइजेशन के पूर्व प्रोफेसर भी रह चुके हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें केंद्रीय समिति के सदस्य और नक्सलियों के महाराष्ट्र राज्य समिति के पूर्व सचिव के रूप में चिन्हित किया है। इससे पहले वह उनपर करीब 20 मामले दर्ज हो चुकें है और सबूत नहीं मिलने की वजह से इसमें से 17 मामलों में उनको बरी भी किया जा चुका है। पुलिस की माने तो वर्ष 2007 में परेरा को प्रतिबंधित संगठन माओवादी की प्रचार और संचार शाखा का नेता बताया गया था। किंतु, साक्ष्य जमा नहीं करने के बाद कोर्ट ने वर्ष 2014 में उन्हें इस आरोपों से बरी कर दिया गया है। अपनी किताब ‘कलर्स ऑफ दि केज: ए प्रिजन मेमॉयर’ में परेरा ने जेल में बिताए अपने करीब 5 साल का ब्योरा लिखा है।

प्रो. वर्णन गोन्साल्वेज

महाराष्ट्र के मुंबई में रहने वाले समाजि कार्यकर्ता वर्णन गोन्साल्वेज को उनके दोस्तों की ओर से चलाए जा रहे एक ब्लॉग में न्याय, समानता और आजादी का जोरदार पैरोकार बताया गया है। वह मुंबई विश्वविद्यालय से स्वर्ण पदक विजेता रहे हैं और रूपारेल कॉलेज एंड एचआर कॉलेज के लेक्चरर भी रह चुकें है। वर्नोन के बारे में सुरक्षा एजेंसियों का आरोप है कि वह नक्सलियों की महाराष्ट्र राज्य समिति के सचिव और केंद्रीय कमेटी के सदस्य रह चुकें हैं। बतातें चलें कि 60 वर्षीय गोन्साल्वेज को वर्ष 2007 में गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहने और शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है। उस वक्त उन्हें करीब 20 मामलों में आरोपित किया गया था और सबूतों के अभाव में बाद में बरी कर दिया गया। हालांकि उन्हें लगभग 6 साल जेल में बिताने पड़े थे।

पत्रकार गौतम नवलखा

ग्वालियर में जन्मे 65 वर्षीय गौतम नवलखा एक जनवादी पत्रकार है और नागरिक अधिकार लिए लंबे समय से पीपुल्स यूनियन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स के सक्रिय सदस्य रहे हैं। नवलखा ने मुंबई यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र और समाज शास्त्र की पढ़ाई की है। उन्होंने लंबे समय तक बतौर पत्रकार भी काम किया है। वो राजनीतिक और आर्थिक विषयों पर वीकली कॉलम लिखते रहें हैं। यहां आपको जानना जरुरी है कि नवलखा ने कश्मीर और छत्तीसगढ़ रह कर मानव अधिकारों के मुद्दों पर काम किया है। बहरहाल, कश्मीर में उनकी बहुत बड़ी पहचान है।

लैपटॉप से मिला आपत्ति जनक दस्ताबेज

बहरहाल, जांच में जुटी पुलिस को इन लोगो के यहां जब्त की गई लैपटॉप से कई आपत्तिजनक दस्ताबेज मिला है। इसमें पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की हत्या की साजिश रचने के अतिरिक्त भारत में जातीय दंगा को भड़काने और भीमा कारेगांव हिंसा को सरकारी दमनकारी नीति बताते हुए प्रचारित करने की बात कही गई है। इस कार्य के लिए इन लोगो ने सोशल मीडिया और कुछ चुनिंदा मीडिया हाउस को हथियार की तरह इस्तेमाल करने के प्रयास का भी खुलाशा हुआ है। बहरहाल, चांच चल रही है और इस जांच के पूरा होने का हम सभी को इंतजार करना चाहिए।

खबरो की खबर के लिए केकेएन लाइव को फॉलो कर लें, शेयर जरुर करें और अपना सुझाव भी दें।

This post was published on सितम्बर 1, 2018 15:32

KKN लाइव टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Show comments
Published by
KKN न्‍यूज ब्यूरो

Recent Posts

  • Bihar

राजगीर में बना पुलिस का शहीद स्मारक

KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के राजगीर पुलिस अकादमी में शहीद स्मारक का निर्माण कार्य पूरा… Read More

जनवरी 25, 2023
  • Videos

बाबा साहेब ने इन खतरों की ओर किया था इशारा

संविधान सभा में दिए अपने आखिरी भाषण में बाबा साहेब डॉ. बीआर आंबेडकर ने कई… Read More

जनवरी 22, 2023
  • World

ऐसे हुआ कैलेंडर का निर्माण

KKN न्यूज ब्यूरो। वर्ष 2023 का आगाज हो चुका है। वर्ष का पहला महीना जनवरी शुरू… Read More

जनवरी 2, 2023
  • Videos

गुलाम भारत की अनकही दास्तान

गुलाम भारत की महत्वपूर्ण कहानी संक्षेप में...। ईस्ट इंडिया कंपनी के आने से लेकर भारत… Read More

दिसम्बर 27, 2022
  • National

वैज्ञानिकों के खिलाफ किसने रची साजिश

KKN न्यूज ब्यूरो। कुछ साल पहले की बात है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो… Read More

दिसम्बर 23, 2022
  • Videos

कुढनी उपचुनाव जनादेश में छिपा है कई संकेत

कुढनी विधानसभा, मुजफ्फरपुर जिला में आता है। विधानसभा के उपचुनाव को लेकर यह इलाका बिहार… Read More

दिसम्बर 9, 2022