किसानों की बैठक में मुआवजे के लिए बनी रणनीति/ अधिकारियों पर गुमराह करने का लगाया गया आरोप
मुजफ्फरपुर। मीनापुर के चांदपरना में किसानो की गोलबंदी से अधिकारी सकते में आ गये हैं। पिछले 35 वर्षों तक विभागों के चक्कर काट कर हताश हो चुके चांदपरना के किसानों में अब आक्रोश गहराने लगा है। किसान अब गोलबंद होने लगे हैं। किसानों ने मंगलवार को गांव में बैठक कर शीघ्र मुआवजा देने की मांग की। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन करने का निर्णय भी लिया।
किसान जयनंदन प्रसाद की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में किसानों ने प्रस्ताव पास कर सरकार से फसल व मकान का मुआवजा भी देने की मांग की है। किसानों ने मुआवजा के नाम पर अधिकारियों द्वारा गुमराह किए जाने का आरोप लगाया। यदि दो सप्ताह के भीतर विभाग के द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की गई तो पांच मार्च को मुजफ्फरपुर समाहरणालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
बैठक का नेतृत्व अनिल कुमार व उमेश प्रसाद ने संयुक्त रूप से किया है। मौके पर किसान शंभू राय, चुल्हाई राम, धर्मेन्द्र कुमार, हरिशरण ठाकुर, दशरथ बैठा, जगन्नाथ प्रसाद, भगवान दास, नथुनी मियां, शिवजी सहनी व प्रणव कुमार समेत करीब सौ से अधिक किसान बैठक में मौजूद थे।
वर्तमान दर से जमीन का नौ करोड़ होगा मुआवजा
विदित हो कि चांदपरना के 95 किसानों का 9.49 एकड़ जमीन पर वर्ष 1982 में जलपथ प्रमंडल के द्वारा रिंग बांध का निर्माण कर दिया गया। लेकिन जमीन मालिकों को मुआवजा नहीं मिला। किसान अनिल कुमार ने बताया कि वर्तमान दर व भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से करीब नौ करोड़ रुपये किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए।
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