KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी जोरों पर है और इसी क्रम में मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने भी पूरी सक्रियता के साथ कार्य शुरू कर दिया है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार कर्मचारियों का सत्यापन कार्य जारी है और नवीनतम तकनीक से लैस एम-3 ईवीएम मशीनों के उपयोग की भी तैयारी की जा रही है।
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चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर सावधानी बरती जा रही है।
कर्मचारियों का व्यापक सत्यापन कार्य
चुनाव प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए सबसे पहले सभी विभागों के कर्मचारियों का सत्यापन किया जा रहा है।
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जिला निर्वाचन कार्यालय ने विभिन्न सरकारी विभागों को कर्मचारियों की सूची भेजी है।
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सभी कर्मचारियों के बारे में निम्नलिखित जानकारी मांगी गई है:
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वर्तमान पदस्थापना स्थल
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सेवा स्थिति (कार्यरत या सेवानिवृत्त)
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स्वास्थ्य स्थिति (कोई गंभीर बीमारी तो नहीं)
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यह सत्यापन यह सुनिश्चित करेगा कि चुनावी ड्यूटी के लिए उपयुक्त और सक्षम कर्मचारियों को ही जिम्मेदारियां सौंपी जाएं।
डाटाबेस तैयार करने का कार्य तेज
सत्यापन प्रक्रिया के साथ-साथ कर्मचारियों का विस्तृत डेटाबेस भी तैयार किया जा रहा है।
इसके लिए:
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कार्मिक कोषांग (Personnel Cell) में दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
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ये कर्मचारी कर्मचारियों का विवरण संकलित कर रहे हैं और डेटा बेस तैयार कर रहे हैं।
यह डेटाबेस मतदान केंद्रों पर ड्यूटी लगाने में सहायता करेगा जैसे:
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मतदान अधिकारी
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मतदान केंद्र प्रभारी
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सहायक कर्मचारी
बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार होगा एम-3 ईवीएम का इस्तेमाल
2025 के विधानसभा चुनाव में बिहार में पहली बार M-3 EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का उपयोग किया जाएगा।
यह मशीन नवीनतम तकनीक से लैस है और चुनाव प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित, तेज और पारदर्शी बनाएगी।
एम-3 ईवीएम की प्रमुख विशेषताएं:
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बेहतर सुरक्षा व्यवस्था
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तेज़ बूटिंग और संचालन
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उन्नत डाटा स्टोरेज
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छेड़छाड़ पहचानने की क्षमता
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फास्ट और सटीक वोटिंग और काउंटिंग प्रोसेस
यह कदम भारतीय निर्वाचन आयोग के तकनीकी उन्नयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
एम-3 ईवीएम की खासियतें
एम-3 ईवीएम पिछले मॉडलों से कई मामलों में बेहतर है:
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सेल्फ-डायग्नोस्टिक्स: मशीन खुद ही किसी भी तकनीकी खराबी का पता लगा सकती है।
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पब्लिक की क्रिप्टोग्राफी: डेटा को सुरक्षित रखने के लिए उन्नत एन्क्रिप्शन।
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बेहतर बैटरी बैकअप: दूरस्थ और ग्रामीण इलाकों में भी निर्बाध संचालन।
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रियल टाइम क्लॉक: वोटिंग गतिविधियों का सटीक समय रिकॉर्ड।
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आसान डेटा रिकवरी: भविष्य में किसी भी ऑडिटिंग के लिए सुरक्षित डाटा स्टोरेज।
चुनाव आयोग की व्यापक तैयारी
भारतीय निर्वाचन आयोग बिहार में इस बार पूरी गंभीरता से काम कर रहा है ताकि चुनाव:
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स्वतंत्र
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निष्पक्ष
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पारदर्शी और
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तकनीक आधारित
हो सकें।
चुनाव आयोग निम्नलिखित कदम उठा रहा है:
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ईवीएम और वीवीपैट के बारे में जागरूकता अभियान
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चुनाव कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम
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वोटर लिस्ट को शुद्ध करना
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दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराना
चुनाव प्रबंधन से जुड़ी चुनौतियाँ
हालांकि तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां भी सामने आ रही हैं:
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सभी कर्मचारियों का समय पर सत्यापन और प्रतिनियुक्ति
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सभी ईवीएम की टेस्टिंग और स्टोरेज
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आपातकालीन स्थिति में कर्मचारियों का विकल्प उपलब्ध कराना
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कम मतदान प्रतिशत वाले क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाना
जिला निर्वाचन अधिकारी का मानना है कि पहले से की गई तैयारियों और आधुनिक तकनीक के सहयोग से इन चुनौतियों पर आसानी से काबू पाया जा सकेगा।
कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच और तैनाती नीति
चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि:
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गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी से छूट दी जाए।
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महिला कर्मचारियों, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग कर्मचारियों को ड्यूटी सौंपते समय उनकी सुविधा और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।
इससे यह सुनिश्चित होगा कि चुनावी प्रक्रिया में सभी कर्मचारियों को समान अवसर और सम्मान मिले।
मुख्य कीवर्ड: बिहार चुनाव ड्यूटी कर्मचारियों का स्वास्थ्य सत्यापन, चुनाव कर्मचारियों का डेटा संग्रहण बिहार 2025
ईवीएम तैनाती और लॉजिस्टिक्स
जल्द ही मुजफ्फरपुर में ईवीएम मशीनें पहुँच जाएंगी। उसके बाद:
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सुरक्षित स्थानों पर इनका भंडारण किया जाएगा।
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प्रथम स्तरीय जांच (First Level Checking – FLC) की जाएगी, जिसमें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे।
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मॉक पोल्स कराए जाएंगे ताकि मशीनों की कार्यक्षमता का परीक्षण हो सके।
यह सभी गतिविधियां सुनिश्चित करेंगी कि चुनावी दिन किसी भी प्रकार की तकनीकी बाधा उत्पन्न न हो।
मतदाता जागरूकता अभियान
जिला प्रशासन ने नए एम-3 ईवीएम के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाने का भी निर्णय लिया है:
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स्कूल, कॉलेज और सामुदायिक केंद्रों में वोटर अवेयरनेस फोरम (VAF) बनेंगे।
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मॉक पोल और डेमो का आयोजन किया जाएगा।
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सोशल मीडिया पर भी विशेष अभियान चलाया जाएगा।
इसका उद्देश्य मतदाताओं को:
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मतदान प्रक्रिया से परिचित कराना
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मतदान के महत्व को समझाना
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ईवीएम और वीवीपैट की कार्यप्रणाली के प्रति विश्वास जगाना है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को सफल बनाने के लिए मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
कर्मचारियों का सत्यापन, डाटाबेस निर्माण, एम-3 ईवीएम का उपयोग और व्यापक जागरूकता अभियान — ये सभी कदम चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी, सुरक्षित और प्रभावी बनाने की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण प्रयास हैं।
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