जिसके जिम्मे कानून बनाने का अधिकार है, जब वही कानून तोड़ने लगे तो सुसाशन का क्या होगा? आपको जान कर हैरानी होगी कि भारत में सर्वाधिक अपराधिक पृष्टभूमि के सांसद और विधायक बिहार के है। आंकड़ा बताता है कि बिहार के सांसद और विधायकों के खिलाफ सबसे ज्यादा 260 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल के सांसद और विधायक का नम्बर आता है। जबकि, केरल तीसरे नंबर पर है। पिछले दिनो केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है।
माननीय पर दर्ज है एक हजार से अधिक केस
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गठित की गई विशेष अदालतों में इस तरह के 1,233 मामलो का खुलाशा होते ही राजनीति के गलियारे में खामोशी छा गई हैं। बतातें चलें कि इस विशेष अदालत में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज मामलों की तत्काल सुनवाई होनी हैं। हालांकि, अभी तक केवल 136 मामलों पर ही अदालत में फैसला हो सका है और 1,097 मामलो पर सुनवाई चल रही हैं।
बिहार से है 260 मामले
बिहार से जुड़े 260 मामले विशेष अदालत में विचाराधीन है। इनमें से 11 पर पिछले छह महीने में फैसला भी आ चुका है और 249 मामलों में अभी फैसला होना बाकी है। आपराधिक मामलों के निपटारे में पश्चिम बंगाल की सरकार का सहयोग काफी धीमा रहा है। यहां पर मार्च 2018 में सांसदों व विधायकों पर 215 मामले चल रहे है और अभी तक एक में भी फैसला नहीं हो सका है। इसी प्रकार केरल के 178 मामलों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। केरल के बाद बारी दिल्ली की आती है। यहां पर 157 मामले मजिस्ट्रेट के सामने हैं और पिछले छह महीने में इनमें से 44 का फैसला हुआ है। दिल्ली में ही 45 अन्य मामले सेशन कोर्ट के पास हैं। इनमें से छह पर अभी तक फैसला हो चुका है।
अन्य राज्यों की स्थिति
कर्नाटक में सांसदों व विधायकों पर 142 मामले दर्ज है। इनमें से 19 का निपटारा हो गया है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 64, महाराष्ट्र में 50 और मध्य प्रदेश में 28 केस दर्ज हैं। केंद्र सरकार की ओर से दिए गए एफिडेविट में बताया गया है कि सांसदों व विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए 12 विशेष अदालतें गठित की गई हैं। इनमें से छह सेशन कोर्ट और पांच मजिस्ट्रेट कोर्ट हैं। तमिलनाडु से स्पेशल कोर्ट के बारे में जानकारी आना अभी बाकी है। इलाहाबाद और चेन्नई में जो विशेष अदालतें गठित की गई हैं, उनसे बकाया मामलों की जानकारी कानून मंत्रालय को नहीं मिली है।
विशेष अदालत के लिए अधिसूचना जारी
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि कुल 11 राज्यों ने अपने यहां राजनेताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए 12 स्पेशल कोर्ट बनाए जाने की अधिसूचना जारी कर दी है। इनमें से दो अदालतों का गठन दिल्ली में किया जाएगा। ऐसी अदालतों का गठन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में होना है। इन अदालतों का सीमा क्षेत्र संपूर्ण राज्य होगा। जिन राज्यों में सांसदों विधायकों पर 65 से कम मामले होंगे वहां सुनवाई समान्य अदालतों में होनी है।
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