आज कोरोना महामारी से पुरा विश्व जूझ रहा है। इंसान की मौतों की खबर सुनकर ऐसा लगता है मानों गृष्म ऋतु में मौत की बारिश हो रही है। इन सब के बीच हमारा मुल्क हिन्दुस्तान भी इस महामारी से जूझ रहा है। इस भयावह बीमारी से संक्रमित लोगों की संख्या में उछाल जारी है। मौत का आंकड़ा रूह कपा रही है । देश लॉकडाउन में है और क्वारेंटाइन सेन्टर की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। कई लोगो के जेहन में रोजी-रोटी की चिंता भी है। सोशल डिस्टेश की समझ पर सवाल उठने लगा है। मौत से अधिक अपनों की याद से पीड़ा हो रही है ।
Article Contents
हिन्दुस्तान के आत्मा पर चोट
इस बीच हिन्दुस्तान में एक नया मुद्दा जोर पकड़ने लगा है । खुलासों से इस मुद्दे की गंभीरता बढती ही जा रही है । जीहां, मैं बात रहा हूँ दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकजी जमात की। जिसने आज पुरे हिन्दुस्तान की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है। पुरा देश स्तब्ध है । इस मामले के उजागर होने के बाद, कोरोना जैसे भीषण त्रासदी में ऐसा लगता है मानों, नेताओं को संजीवनी बूटी हासिल हो गयी है। राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर चलेगा।
जाहिल है या जिहादी
बेशक, मरकजी जमात एवं उसके आका मौलाना साद के करतूतों को इस समय जायज नहीं ठहराया जा सकता है । जमाती मौलानाओं के कारनामे भी इन दिनों खुब सुर्खियाँ बटोर रही है। कोई इन्हें जाहिल, तो कोई जिहादी जैसे शब्दों के सहारे अपनी भरास निकाल रहा है। परंतु, इन सबके बीच हमें इस बात से भी नहीं इनकार करना चाहिए कि, यदि ये जाहिल और जिहादी आतंकवादी हैं तो हमारी हुकूमतें और तमाम सुरक्षा एजेंसियां इतने दिनों तक हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी रही? आखिर देश की सुरक्षा जैसे गंभीर एवं संवेदनशील मुद्दे पर क्यों संवेदनहीनता दिखाई जा रही है ? ऐसी कौन सी मजबूरी है कि हमारी हुकूमत को सख्त कार्रवाई करने से रोक रही है?
वोट बैंक की राजनीति
इन तमाम सवालों के बीच हम फिर से उसी मुहाने पर खड़े हैं, जहां हमारे सरकार की नरम रवैये और गोल-मटोल निर्णय की वजह से भविष्य में राष्ट्र विरोधी ताकतों का मनोबल फिर से सिर चढ़कर बोलता रहेगा और इस प्रकार की घटनाएं देश में घटित होती रहेंगी। आज जरूरत है कि वोट बैंक की राजनीति से उपर उठकर राष्ट्रहित को राजनीतिक हित से उपर समझते हुए तमाम दोषियों के खिलाफ सरकार द्वारा ऐतिहासिक कदम उठाई जाए जो भावी हिन्दुस्तान के लिए नजीर बनकर पेश हो ।

इस आर्टिकल को “KKN पब्लिक कॉरेस्पॉन्डेंट” इनिश्यटिव के तहत ऋषिकेश राज (मुजफ्फरपुर) ने लिखा है।
Discover more from KKN Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.