बिहार में पुलिस पर हमला और भिड़ की हिंसा बर्दाश्त नहीं : मुख्यमंत्री

बिहार के सुशासन को बालू माफिया, भू माफिया और शराब माफिया से मिल रही जबरदस्त चुनौती को राज्य की सरकार ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसे लोगो की पहचान करके सख्त और त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दे दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून का राज स्थापित करना राज्य सरकार का संवैधानिक दायित्व है।

मुख्यमंत्री ने की समीक्षा बैठक

राजधानी पटना के एक अणे मार्ग में बुधवार को छह घंटे तक विधि-व्यवस्था की मैराथन समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एक-एक बिंदु पर सभी से जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रमंडलीय आयुक्त, डीआईजी, डीएम और एसपी से मुखातिब हुए थे। जबकि, मुख्यालय के आलाधिकारी मुख्यमंत्री के साथ में बैठे थे।

अनुसंधान और विधि-व्यवस्था अलग

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने शीर्ष अधिकारी को निर्देश दिया कि राज्य में विधि व्यवस्था और केसों के अनुसंधान को अलग-अलग करने के प्रावधान को सुनिश्चित किया जाए। समीक्षा बैठक में पाया गया कि बिहार में 60 फीसदी से अधिक मामले भूमि विवाद से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से इसका तत्काल समाधान सुनिश्चित करने को कहा। इसी के साथ खुफिया जानकारी इखट्ठा करने के काम में लगे लोगों द्वारा सही जानकारी दिये जाने पर उन्हें पुरस्कृत करने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने वाहनों के फर्जी कागजात बनाने वाले रैकेटियरों को चिह्नित कर उन पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के भी आदेश दे दिएं हैा

इन विषयो पर हुई समीक्षा

मुख्यमंत्री ने बैठक में अपराध नियंत्रण, विधि व्यवस्था में सुधार, आर्थिक अपराध, लूट, हत्या, दुष्कर्म, रेल व बैंक डकैती, वाहन चोरी, वायरल वीडियो, एससी-एसटी के विरुद्ध आपराधिक घटनाओं समेत कई मुद्दों पर समीक्षा की। पुलिस मुख्यालय ने अपराध नियंत्रण और विधि व्यवस्था के संधारण के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। बताया गया कि थाने से लेकर आईजी कार्यालय तक कितने वाहनों की आवश्यकता है? कितने और किस तरह के अपराध हो रहे हैं?

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