KKN गुरुग्राम डेस्क | भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए ट्रेन में ATM लगाने का ट्रायल शुरू किया है। यह सुविधा फिलहाल एक विशेष रूट पर टेस्टिंग के तौर पर शुरू की गई है। इस नई पहल का उद्देश्य यात्रियों को यात्रा के दौरान भी बैंकिंग सुविधा देना है, जिससे उन्हें किसी भी आपात स्थिति में पैसे निकालने के लिए परेशान न होना पड़े।
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रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ट्रायल सफल रहने पर इसे अन्य प्रमुख ट्रेनों में भी शुरू किया जाएगा।
ATM कहां लगाया गया है? जानिए कोच की जानकारी
रेलवे ने यह ATM मशीन ट्रेन के कोच के पिछले हिस्से में एक विशेष क्यूबिकल में स्थापित किया है। यह स्थान पहले अस्थायी पैंट्री के रूप में प्रयोग में लाया जाता था। इस क्यूबिकल को अब पूरी तरह ATM उपयोग के लिए तैयार कर दिया गया है।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस स्थान पर शटर दरवाजा लगाया गया है, ताकि यात्रा के दौरान मशीन सुरक्षित रहे और सिर्फ अधिकृत व्यक्ति ही अंदर जा सके।
किस रूट पर शुरू हुआ है यह ट्रायल?
हालांकि रेलवे ने अभी तक आधिकारिक रूप से उस रूट का नाम नहीं बताया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह सुविधा उत्तर रेलवे क्षेत्र की एक लंबी दूरी की ट्रेन में शुरू की गई है। इस रूट को इसलिए चुना गया क्योंकि यहां यात्री संख्या अधिक होती है और लंबी यात्रा के दौरान नकद की जरूरत अधिक पड़ती है।
यात्रियों को क्या सुविधा मिलेगी?
ट्रेन में लगे इस ATM के जरिए यात्री:
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नकद पैसा निकाल सकेंगे
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बैलेंस चेक कर सकेंगे
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मिनी स्टेटमेंट प्राप्त कर सकेंगे
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डिजिटल ट्रांजेक्शन की जानकारी पा सकेंगे
यह सुविधा उन यात्रियों के लिए भी उपयोगी होगी, जो दूर-दराज के क्षेत्रों में यात्रा कर रहे होते हैं और जहां ATM या बैंक की सुविधा नहीं होती।
कैसे काम करेगा ट्रेन में ATM?
ट्रेन में लगे इस ATM को कोच की सहायक पावर सप्लाई से जोड़ा गया है। यह मशीन GPS और 4G इंटरनेट कनेक्टिविटी के माध्यम से काम करती है। ताकि यात्रियों को रीयल-टाइम बैंकिंग सुविधा मिल सके।
सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम:
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CCTV कैमरा
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मोशन सेंसर
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बायोमेट्रिक एक्सेस (कैश लोडिंग के लिए)
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टाइम-लॉक फीचर
इस मशीन का रखरखाव और संचालन एक सरकारी बैंक और तकनीकी कंपनी द्वारा किया जा रहा है।
डिजिटल इंडिया की दिशा में एक कदम और
ट्रेन में ATM लगाने की योजना सरकार की डिजिटल इंडिया पहल से प्रेरित है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि हर भारतीय नागरिक को डिजिटल बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं, चाहे वह कहीं भी हो — शहर में या ट्रेन में।
रेलवे इस पहल के जरिए गांव, कस्बों और दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले यात्रियों को भी बैंकिंग सुविधा देने का प्रयास कर रही है।
विशेषज्ञों की राय: ये प्रयोग कितना सफल हो सकता है?
बैंकिंग और ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह एक नवीन लेकिन चुनौतीपूर्ण पहल है।
“यह विचार स्वागत योग्य है, खासकर उन यात्रियों के लिए जो लंबे रूट पर यात्रा करते हैं। लेकिन इस तरह की सुविधा को सफल बनाने के लिए सुरक्षा, नेटवर्क और रखरखाव पर विशेष ध्यान देना जरूरी है,” कहते हैं डिजिटल पॉलिसी विश्लेषक रवि मिश्रा।
यात्रियों की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर मिली सराहना
ट्रेन में ATM की शुरुआत की खबर के बाद सोशल मीडिया पर यात्रियों ने इस फैसले की सराहना की। कई यात्रियों ने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर फोटो और वीडियो पोस्ट करते हुए रेलवे को धन्यवाद दिया।
एक यूजर ने लिखा:
“अब ट्रेन में भी ATM! रेलवे का ये कदम वाकई काबिले तारीफ है।”
हालांकि कुछ यात्रियों ने नेटवर्क और प्राइवेसी को लेकर चिंता जताई है, लेकिन रेलवे ने कहा है कि ट्रायल के दौरान मिलने वाले फीडबैक के आधार पर सुधार किए जाएंगे।
क्या भविष्य में अन्य ट्रेनों में भी लगेगा ATM?
अगर यह ट्रायल सफल रहा, तो भारतीय रेलवे इस सेवा को अन्य ट्रेनों में भी शुरू कर सकती है, जैसे:
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राजधानी एक्सप्रेस
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शताब्दी
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दूरंतो
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मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें
रेलवे भविष्य में इस ATM क्यूबिकल में यूपीआई किओस्क, मोबाइल चार्जिंग स्टेशन, टिकट प्रिंटिंग मशीन जैसे अन्य डिजिटल सर्विसेज भी जोड़ने की योजना बना रही है।
रेलवे और बैंकिंग का आधुनिक मेल
भारत में हर साल लगभग 8 अरब यात्री ट्रेन से यात्रा करते हैं। ऐसे में अगर 10% लंबी दूरी की ट्रेनों में भी ATM सुविधा शुरू की जाती है, तो यह देशभर में फाइनेंशियल इनक्लूजन को नई ऊंचाई तक ले जा सकती है।
यह रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है, जिसमें स्मार्ट कोच, ऑनबोर्ड वाई-फाई, और एआई आधारित निगरानी शामिल हैं।
भारतीय रेलवे द्वारा शुरू किया गया यह ATM ट्रायल, यात्री सुविधा की दृष्टि से एक क्रांतिकारी पहल है। यदि यह सफल रहता है, तो आने वाले वर्षों में यह देश के डिजिटल और वित्तीय क्षेत्र को और मजबूत कर सकता है।
हालांकि चुनौतियाँ मौजूद हैं — जैसे नेटवर्क की स्थिरता, मशीन की सुरक्षा और संचालन की लागत — लेकिन अगर रेलवे इन बिंदुओं पर काम करती है, तो यह योजना एक स्थायी समाधान बन सकती है।
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