उपचुनाव के वोटिंग प्रतिशत में छिपा है जीत हार के संकेत

बिहार और यूपी में लोकसभा के तीन और विधानसभा के दो सीटो पर हुए उपचुनाव को लेकर सभी प्रत्याशी जीत के दावे करने लगे है। किंतु, यहां पड़े वोट का प्रतिशत कुछ और ही संकेत दे रहा है। चुनावी राजनीति पर करीब से नजर रखने वाले जानते है कि जब 60 प्रतिशत से कम मतदान हो, तो लाभ किसको मिलता है और औसत यानी 60 प्रतिशत से अधिक मतदान होने पर लाभ किसको मिलता है? अभी हाल ही में हुए उपचुनाव के दौरान जबरदस्त वोटिंग प्रतिशत का परिणाम अप देख चुकें हैं।

बहरहाल, बिहार के अररिया लोकसभा सीट एवं जहानाबाद और भभुआ के विधानसभा सीट के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण ठंग से मतदान संपन्न होने के बाद बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अजय नायक ने बताया कि अररिया, भभुआ और जहानाबद में मतदान का प्रतिशत क्रमश: 59, 48 एवं 48 रहा। नायक ने बताया कि मतदान के दौरान अररिया लोकसभा क्षेत्र एक व्यक्ति को और भभुआ विधानसभा क्षेत्र में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र में मतदान प्रभावित करने के लिए शकूराबाद थाना क्षेत्र में फायरिंग की जो खबरे आई थी, जांच के बाद वह गलत साबित हुई है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के गोरखपुर लोकसभा सीट के लिए 43 प्रतिशत और फूलपुर लोकसभा सीट के लिए 37.39 प्रतिशत मतदान होने की बात सामने आई है। यहां आपको बतातें चलें कि लाकसभा के तीन सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान सर्वाधिक मतदान बिहार के अररिया में हुई है। हालांकि, यहां भी औसत से कम ही मतदान दर्ज किया गया है।
बतातें चलें कि गोरखपुर लोकसभा सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और फूलपुर सीट से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सांसद थे और दोनों के इस्तीफे के बाद ये सीटें रिक्त हुई थीं। वही, बिहार के अररिया से सांसद रहे मो. तस्लीमुद्दीन के निधन से यह सीट खाली हो गया था। बतातें चलें कि सभी सीटो के लिए 14 मार्च को मतगणना होने है और शाम तक परिणाम स्पष्ट होना भी लाजमी है।


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