राजकिशोर प्रसाद
महागठबंधन टूटने के बाद से शरद यादव नीतीश कुमार से खफा चल रहे है। इतना ही नही शरद और नितीश आर पार के मूड में है। बिहार दौरे पर आये शरद ने नीतीश पर जो वार किये इससे खफा जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने शरद यादव को संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया और उनके जगह पर आर.सी. पी सिंह को नियुक्त कर दिया है। इससे शरद की नाराजी और चरम पर पहुँच गई और यहाँ तक कह डाले की इस तरह की बातो पर हम ध्यान नही देते। मतलब नेता पद से हटाये जाने से उन्हें कोई मलाल नही है। किन्तु ये उनके सिर्फ कहने भर है। नितीश के बयान से की शरदजी अपना फैसला लेने में स्वत्रंत्र है। इससे तिमतिमाये शरद ने अपने को असली जदयू कहते हुये नितीश को सलाह दी है की वे जदयू पर कब्जा छोड़े और दूसरी नई पार्टी बना ले। आगे शरद ने यह भी कहा कि नीतीश कह चुके है की जदयू का बिहार के बाहर कोई वजूद नही है। तो बिहार में अपना अलग दल बना ले। जदयू हमारा है। वही शरद के समर्थन में जदयू के संसद अरुण श्रीवास्तव ने कहा है कि शरदजी के समर्थन में 14 राज्य इकाई ने पत्र भेजकर अपना समर्थन दिया है। नीतीश को बिहार के बाहर कोई समर्थन नही है। नीतीश समता पार्टी को जदयू में विलय शरद जी के नेतृत्व में उनके अध्यक्षता में किये थे। इसलिये असली जदयू शरद की है। नीतीशजी को जदयू पर कोई हक नही है।