KKN गुरुग्राम डेस्क | दिल्ली विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद भाजपा (BJP) अब मुख्यमंत्री और मंत्रियों के चयन पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह चुनाव भाजपा के लिए ऐतिहासिक रहा, क्योंकि 26 साल बाद दिल्ली में सरकार बनाने का अवसर मिला है। अब भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा और मंत्रिमंडल में कौन-कौन सी अहम जिम्मेदारियां निभाएगा।
Article Contents
माना जा रहा है कि रविवार तक मुख्यमंत्री का नाम तय कर लिया जाएगा और फिर अगले हफ्ते शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जा सकता है। इसके लिए दिल्ली में शपथ ग्रहण का स्थल भी तय करने का काम शुरू हो गया है।
भा.ज.पा. की ऐतिहासिक जीत और सरकार गठन
दिल्ली में भाजपा ने विधानसभा चुनावों में जबरदस्त प्रदर्शन किया और अब राजधानी में अपनी सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। हालांकि, अब पार्टी को मुख्यमंत्री और मंत्रियों के चयन को लेकर कई अहम फैसले लेने हैं। कई बड़े नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में हैं। इनमें प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, और रेखा गुप्ता जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं।
इसके अलावा, मंत्रिमंडल को लेकर भी काफी चर्चा हो रही है और पार्टी कई पहलुओं पर विचार कर रही है, जैसे कि पार्टी की चुनावी रणनीति, क्षेत्रीय संतुलन और चुनावी नतीजों का असर।
मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए चर्चित नाम
मुख्यमंत्री के नाम को लेकर जहां कई नेताओं की संभावनाएं हैं, वहीं कुछ नेताओं के नाम मंत्रिमंडल में अहम पदों पर चर्चित हो रहे हैं। इनमें रवि नेगी (पटपड़गंज सीट से विधायक) और मोहन सिंह बिष्ट (मुस्तफाबाद सीट से विधायक) प्रमुख हैं।
दोनों ही विधायक चुनावों में चर्चा में थे और इनके नाम मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल में अहम जिम्मेदारी मिलने के संकेत मिल रहे हैं। इन दोनों नेताओं के बीच एक कॉमन फैक्टर है – दोनों नेता उत्तराखंड के रहने वाले हैं और इनकी जीत में पहाड़ी वोटर्स का अहम योगदान माना जा रहा है।
रवि नेगी की बढ़ती लोकप्रियता
रवि नेगी, जो पटपड़गंज सीट से पहली बार विधायक बने हैं, भाजपा के लिए एक अहम नेता बनकर उभरे हैं। पटपड़गंज सीट पर उत्तराखंड के लोगों की अच्छी खासी आबादी है, और भाजपा ने इसी आबादी को ध्यान में रखते हुए रवि नेगी को मैदान में उतारा था।
2019 के उपचुनावों में भी रवि नेगी ने भाजपा के लिए ऐतिहासिक जीत हासिल की थी, जब उन्होंने आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता मनीष सिसोदिया को कड़ी टक्कर दी थी। इस जीत के बाद पार्टी ने उन्हें महत्वपूर्ण उम्मीदवार के रूप में देखा है।
पीएम मोदी का रवि नेगी के प्रति सम्मान
रवि नेगी उस वक्त चर्चा में आए थे, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा में तीन बार उनके पैर छुए थे। यह घटना सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी। पीएम मोदी का यह सम्मान रवि नेगी को युवा भाजपा नेता के रूप में स्थापित कर रहा है और उनकी लोकप्रियता में इजाफा कर रहा है। यह एक दुर्लभ घटना थी, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी को अक्सर वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करते देखा जाता है, लेकिन यह पहली बार था जब उन्होंने किसी युवा नेता के प्रति ऐसा आदर दिखाया।
मोहन सिंह बिष्ट: एक सीनियर लीडर की अहम भूमिका
वहीं, मोहन सिंह बिष्ट का नाम भी भाजपा मंत्रिमंडल में अहम भूमिका के लिए चर्चित है। मोहन सिंह बिष्ट छठी बार विधायक बने हैं और उनकी सीनियरिटी पार्टी के लिए एक बड़ी ताकत मानी जा रही है। वह पहले करावल नगर से विधायक थे, लेकिन इस बार भाजपा ने वहां कपिल मिश्रा को टिकट दिया। इससे मोहन सिंह बिष्ट पार्टी नेतृत्व से नाराज हो गए थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें मुस्तफाबाद सीट से टिकट दिया और वह जीत गए।
मुस्तफाबाद सीट मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के बावजूद मोहन सिंह बिष्ट की जीत में पहाड़ी वोटर्स का अहम योगदान माना जा रहा है। मुस्तफाबाद में भी 22% पहाड़ी मतदाता हैं, जो उनकी जीत में सहायक बने।
जब मोहन सिंह बिष्ट से मुख्यमंत्री पद के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा था कि वह पार्टी के सीनियर लीडर हैं और छठी बार विधायक बने हैं, इसलिए वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं।
भा.ज.पा. का पहाड़ी वोटरों पर फोकस
भा.ज.पा. ने जो दो नाम सुझाए हैं, यानी रवि नेगी और मोहन सिंह बिष्ट, ये दोनों ही उत्तराखंड से हैं और दिल्ली में पहाड़ी वोटरों के बीच इनका अच्छा असर है। दरअसल, दिल्ली में पहाड़ी वोटर्स की संख्या काफी ज्यादा है और भाजपा इन दोनों नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह देकर पहाड़ी वोटर्स को एक तरह से ‘रिटर्न गिफ्ट’ दे सकती है।
भा.ज.पा. का यह कदम यह दर्शाता है कि पार्टी क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखते हुए अपनी चुनावी रणनीति को मजबूती से आगे बढ़ा रही है। उत्तराखंड के लोगों की दिल्ली में अच्छी खासी संख्या है और इन नेताओं को पद देने से भाजपा को पहाड़ी समुदाय में अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका मिलेगा।
आगे की राह: भाजपा के लिए आगामी फैसले
भा.ज.पा. के लिए दिल्ली में सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के गठन की प्रक्रिया एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। पार्टी को यह सुनिश्चित करना होगा कि कौन से नेता पार्टी के लिए सबसे उपयुक्त होंगे, जो न सिर्फ पार्टी की नीतियों को आगे बढ़ा सकें, बल्कि जनता में भी लोकप्रियता हासिल कर सकें।
इसके अलावा, दिल्ली के चुनावी परिणामों के बाद मंत्रिमंडल के गठन में कई बातें ध्यान में रखी जा रही हैं, जैसे कि पार्टी की मजबूत उपस्थिति, वरिष्ठ नेताओं का अनुभव, और क्षेत्रीय संतुलन।
दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। अब सवाल यह है कि पार्टी के लिए सबसे उपयुक्त नेता कौन होगा, जो मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्टी की नीतियों को सही दिशा में आगे बढ़ा सके। रवि नेगी और मोहन सिंह बिष्ट जैसे नाम मंत्री पदों के लिए सबसे चर्चा में हैं और इनका चयन भाजपा की पहाड़ी वोटर्स को ध्यान में रखते हुए किया जा सकता है।
जैसे-जैसे यह निर्णय अंतिम रूप ले रहे हैं, दिल्ली की राजनीति में भाजपा के अगले कदम के बारे में तमाम कयास लगाए जा रहे हैं।
अंत में, भाजपा को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के चुनाव के बाद दिल्ली में एक स्थिर और मजबूत सरकार बनेगी, जो जनता की उम्मीदों पर खरी उतरेगी।
KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।
Similar Contents
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.