गुरूवार, जुलाई 17, 2025

हिना खान बनीं कोरिया टूरिज्म की ब्रांड एम्बेसडर, कहा- यह मेरे लिए गर्व की बात है

Hina Khan becomes brand ambassador of Korea Tourism,

KKN गुरुग्राम डेस्क | टीवी और फिल्म इंडस्ट्री की चर्चित अभिनेत्री हिना खान एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह न कोई शो है, न फिल्म प्रमोशन — बल्कि उन्हें मिला है एक अंतरराष्ट्रीय पहचान का सम्मान। हिना खान को कोरिया टूरिज्म का ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया गया है। इस उपलब्धि को उन्होंने “गर्व का पल” बताया है और सोशल मीडिया पर इसके बारे में जानकारी साझा की है।

🇰🇷 हिना खान बनीं कोरिया टूरिज्म की ब्रांड एम्बेसडर

हिना खान ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कोरिया से कुछ खूबसूरत तस्वीरें साझा करते हुए इस सम्मान की घोषणा की। उन्होंने लिखा:

“कोरिया टूरिज्म की ब्रांड एम्बेसडर बनना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। कोरिया की संस्कृति, खूबसूरत वादियां, K-ड्रामा और K-पॉप ने मुझे हमेशा प्रभावित किया है। अब मैं इस खूबसूरत जर्नी को अपने फैंस के साथ साझा कर सकती हूं।”

इस पोस्ट के साथ हिना ने कई आकर्षक तस्वीरें भी शेयर कीं, जिनमें उन्हें कोरिया की परंपरागत पोशाकों और मॉडर्न लाइफस्टाइल का अनुभव लेते देखा जा सकता है।

 कोरिया की यात्रा: संस्कृति, स्वाद और स्टाइल का संगम

कोरिया टूरिज्म की ब्रांड एम्बेसडर बनने के बाद हिना खान ने साउथ कोरिया की यात्रा की, जहां उन्होंने कोरियन संस्कृति का भरपूर आनंद लिया। इस दौरान उन्होंने:

  • ऐतिहासिक स्थलों का दौरा किया

  • कोरियन स्ट्रीट फूड का स्वाद चखा

  • लोकल परिधानों और ब्यूटी रिचुअल्स को अपनाया

  • K-पॉप और K-ड्रामा संस्कृति को करीब से जाना

हिना ने अपनी यात्रा की झलकियां इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साझा कीं, जिसे देखकर उनके प्रशंसक खासे उत्साहित नजर आए।

 कोरिया टूरिज्म की रणनीति: भारतीय युवाओं को लक्ष्य

कोरिया टूरिज्म का मानना है कि हिना खान की लोकप्रियता और सोशल मीडिया पर उनकी गहरी पकड़ के चलते वे भारत में कोरिया को एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में पेश कर सकती हैं। खासकर:

  • 18-45 आयु वर्ग की महिला यात्रियों के बीच

  • K-ड्रामा और K-पॉप प्रेमियों के बीच

  • ट्रेंडिंग सोशल मीडिया ऑडियंस तक पहुंच बनाने में

हिना खान के माध्यम से कोरिया टूरिज्म भारत में संस्कृति, सौंदर्य और पर्यटन को जोड़ने की रणनीति पर काम कर रहा है।

सोशल मीडिया पर प्रशंसकों की प्रतिक्रिया

हिना की पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़ आ गई। फैंस ने उन्हें “प्रेरणा की प्रतीक”, “गर्व की बात” और “ग्लोबल स्टार” जैसे नामों से संबोधित किया।

कुछ चुनिंदा टिप्पणियां:

  • “हिना, आप हर दिन एक नई ऊंचाई छू रही हैं। आप पर गर्व है!”

  • “कोरिया के लिए आप एक परफेक्ट चॉइस हैं — सुंदरता, आत्मविश्वास और संस्कृति से जुड़ाव।”

  • “कैंसर से लड़ाई और अब इंटरनेशनल पहचान — आप सच में मजबूत महिला हैं।”

 कैंसर से जंग: हिना खान की हिम्मत ने जीता दिल

हिना खान इस समय स्टेज 3 ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही हैं। इसके बावजूद उन्होंने अपने काम को न केवल जारी रखा है, बल्कि अपने फैंस को लगातार जागरूक भी किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स के ज़रिए:

  • नियमित हेल्थ चेकअप्स की अहमियत बताई

  • ट्रीटमेंट प्रोसेस और भावनात्मक उतार-चढ़ाव को साझा किया

  • महिलाओं को आत्म-जागरूक और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया

हिना की ये पारदर्शिता और ईमानदारी उन्हें एक रोल मॉडल बनाती है।

प्रोफेशनल सफर: टीवी से लेकर ग्लोबल आइकन तक

हिना खान के प्रमुख उपलब्धियां:

  • ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ से टीवी डेब्यू

  • ‘बिग बॉस’ और ‘खतरों के खिलाड़ी’ में दमदार उपस्थिति

  • कई फिल्मों और वेब सीरीज में प्रमुख भूमिका

  • कान्स फिल्म फेस्टिवल में भारत का प्रतिनिधित्व

अब कोरिया टूरिज्म की ब्रांड एम्बेसडर बनकर हिना ने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है, जो उन्हें इंटरनेशनल लेवल पर स्थापित करती है।

 हिना का संदेश: यात्रा और संस्कृति जोड़ती है दिलों को

एक प्रमोशनल इवेंट में हिना ने कहा:

“यात्रा, संस्कृति और लोग — यही तीन तत्व दुनिया को जोड़ते हैं। कोरिया टूरिज्म के साथ जुड़कर मैं भारत और कोरिया के बीच सांस्कृतिक पुल बनाना चाहती हूं।”

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में वो इंडो-कोरियन प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बन सकती हैं, जिसमें फिल्में या वेब कंटेंट शामिल हो सकते हैं।

हिना खान का कोरिया टूरिज्म की ब्रांड एम्बेसडर बनना सिर्फ एक पद नहीं है — यह उनके कड़े संघर्ष, अटूट साहस और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव का प्रमाण है। एक ओर वह कैंसर से लड़ रही हैं, दूसरी ओर एक ग्लोबल कैम्पेन का चेहरा बनकर लाखों महिलाओं को प्रेरणा दे रही हैं।

पीएम मोदी और आमिर खान की मुलाकात: मां के स्वास्थ्य का हालचाल पूछकर जीता दिल

PM Narendra Modi and Aamir Khan meet: Won hearts by asking about his mother's health

KKN गुरुग्राम डेस्क | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की एक खास मुलाकात ने सोशल मीडिया पर लोगों का दिल जीत लिया है। दोनों एक प्रतिष्ठित न्यूज चैनल के मीडिया कॉनक्लेव में आमने-सामने हुए, जहां पीएम मोदी ने आमिर से उनके निजी जीवन से जुड़ा एक सवाल पूछकर सभी को भावुक कर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने आमिर से बेहद आत्मीयता से पूछा, “आपकी अम्मी कैसी हैं?” — इस एक वाक्य ने दर्शकों के बीच भावनात्मक लहर दौड़ा दी। आमिर ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “अब वो बिल्कुल ठीक हैं, सर।” पीएम मोदी ने कहा कि पिछली मुलाकात में आमिर ने बताया था कि उनकी मां का इलाज दोबारा शुरू हुआ था। इस पर आमिर ने सिर हिलाकर पुष्टि की।

 नेताओं और सितारों की मुलाकात में भावनाओं की गर्मजोशी

देश के सबसे व्यस्त नेता और बॉलीवुड के ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ आमिर खान की यह छोटी-सी बातचीत इंसानियत और याददाश्त का बेहतरीन उदाहरण बन गई। सोशल मीडिया पर लोग पीएम मोदी की इस व्यक्तिगत जुड़ाव वाली शैली की प्रशंसा कर रहे हैं।

इस बातचीत ने यह भी दिखाया कि पीएम मोदी न केवल औपचारिक तौर पर मुलाकात करते हैं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी लोगों की बातों को याद रखते हैं — चाहे वो आमिर खान जैसे सितारे ही क्यों न हों।

 तस्वीर वायरल, लोगों ने की पीएम मोदी की सराहना

इस मुलाकात की तस्वीर जैसे ही सोशल मीडिया पर सामने आई, यूज़र्स ने तारीफों की बाढ़ ला दी। आम लोगों से लेकर पत्रकारों तक सभी ने माना कि यह मुलाकात भारतीय राजनीति और सिनेमा की दुनिया में संवेदनशीलता और इंसानियत की मिसाल है।

कई यूज़र्स ने लिखा,

“ऐसे नेता विरले ही होते हैं जो अपनी व्यस्तता के बावजूद व्यक्तिगत बातों को याद रखते हैं।”

 आमिर खान की अगली फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ चर्चा में

पीएम मोदी से मुलाकात के अलावा, आमिर खान इन दिनों अपनी नई फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ को लेकर भी सुर्खियों में हैं। फिल्म का ट्रेलर हाल ही में रिलीज हुआ है और इसे दर्शकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।

फिल्म की प्रमुख बातें:

  • नाम: सितारे जमीन पर

  • निर्देशक: आर.एस. प्रसन्ना

  • रिलीज डेट: 20 जून 2025

  • कहानी: आमिर खान एक बास्केटबॉल कोच की भूमिका में हैं, जिन्हें विशेष रूप से सक्षम बच्चों को ट्रेनिंग देने की सजा मिलती है।

 फिल्म की कहानी: सीख, संवेदनशीलता और सफलता

‘सितारे जमीन पर’ में आमिर का किरदार एक ऐसा कोच है जो शुरू में अनुशासनहीन और अहंकारी होता है। लेकिन जब उसे दिव्यांग बच्चों को बास्केटबॉल सिखाने की जिम्मेदारी मिलती है, तो उसकी सोच और ज़िंदगी पूरी तरह बदल जाती है।

यह फिल्म सम्मान, संघर्ष और बदलाव की एक भावनात्मक यात्रा को दर्शाती है — और आमिर एक बार फिर अपनी सामाजिक सरोकार से जुड़ी फिल्मों की सूची में एक और नाम जोड़ते हैं।

 पीएम मोदी और बॉलीवुड का संबंध

यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने बॉलीवुड के साथ भावनात्मक रूप से संवाद किया हो। इससे पहले भी वे कई मौकों पर फिल्मी हस्तियों से मुलाकात कर चुके हैं, चाहे वो सांस्कृतिक कार्यक्रम हो, स्वच्छता अभियान हो या सामाजिक संदेश वाली फिल्मों का प्रमोशन।

लेकिन आमिर खान से इस बार की मुलाकात इसलिए खास है क्योंकि यह व्यक्तिगत चिंता और गहरी स्मरण शक्ति का प्रतीक है।

 जनता और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की खबर आते ही लोग पीएम मोदी और आमिर खान — दोनों की तारीफ कर रहे हैं। कुछ चर्चित प्रतिक्रियाएं:

  • “देश का प्रधानमंत्री इतनी बारीकी से याद रखता है, यह गर्व की बात है।”

  • “आमिर खान ने भी जितना सम्मान और विनम्रता दिखाई, वह तारीफ के काबिल है।”

  • “ऐसे लम्हे राजनीति को मानवीय बनाते हैं।”

 आमिर खान का आगामी कार्यक्रम

आमिर खान आने वाले हफ्तों में ‘सितारे जमीन पर’ के प्रमोशन के लिए देशभर में कई जगह कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा, वे विकलांगों की शिक्षा और खेलों से जुड़े इवेंट्स में भी शामिल होने की योजना बना रहे हैं।

उनकी यह रणनीति केवल प्रमोशन नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश देने वाली पहल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आमिर खान की यह मुलाकात केवल एक तस्वीर या बयान तक सीमित नहीं है। यह दिखाता है कि राजनीति और सिनेमा में, जब दिल से जुड़ाव हो तो साधारण से लम्हे भी असाधारण बन जाते हैं

2025 जैसे चुनावी साल में यह मुलाकात हमें यह याद दिलाती है कि राजनीति में मानवता, और सिनेमा में सामाजिक जिम्मेदारी अब भी जिंदा है।

राहुल गांधी का बिहार दौरा: छात्र संवाद, ‘फुले’ फिल्म की स्क्रीनिंग और 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक विवाद

Bihar Political Row: Congress Alleges Rahul Gandhi’s Darbhanga Event Blocked on ‘Super CM’s Orders’

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राज्य में एक और राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की है। इस बार का दौरा सिर्फ चुनावी भाषणों तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा, सामाजिक न्याय और जातिगत जनगणना जैसे मुद्दों पर केंद्रित है।

राहुल गांधी का यह पांच महीनों में चौथा दौरा है, जिससे यह साफ है कि कांग्रेस पार्टी बिहार में रणनीतिक रूप से सक्रिय हो चुकी है।

 दरभंगा में ‘शिक्षा न्याय संवाद’: छात्रों से सीधे संवाद

राहुल गांधी ने अपने बिहार दौरे की शुरुआत दरभंगा से की, जहां उन्होंने एक विशेष कार्यक्रम ‘शिक्षा न्याय संवाद’ के तहत दलित, पिछड़े, अति पिछड़े और ओबीसी छात्रों से मुलाकात की। इस संवाद का मुख्य उद्देश्य था:

  • छात्रों की शिक्षा से जुड़ी समस्याएं सुनना

  • रोजगार, डिग्री में देरी और छात्रवृत्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा

  • जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय की भूमिका को समझना

 आयोजन स्थल पर विवाद: छात्रावास से नगर भवन तक

यह संवाद पहले डॉ. आंबेडकर कल्याण छात्रावास परिसर में आयोजित होना था, लेकिन जिला प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी। जिला अधिकारी राजीव रौशन ने स्पष्ट किया कि छात्रावास शैक्षणिक स्थल है और वहां राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति नहीं है। प्रशासन ने विकल्प के रूप में नगर भवन की अनुमति दी।

कांग्रेस का आरोप: लोकतांत्रिक संवाद में बाधा

प्रशासन द्वारा आयोजन स्थल बदलने के फैसले को कांग्रेस ने “दमनकारी कार्रवाई” बताया है। AICC के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक अभय दुबे ने कहा कि यह फैसला जानबूझकर लिया गया, ताकि राहुल गांधी छात्रों से संवाद न कर सकें।

कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी शेयर किया जिसमें पुलिस द्वारा छात्रों को लौटाने और विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं को हटाने का दावा किया गया।

 पटना में ‘फुले’ फिल्म की खास स्क्रीनिंग

दरभंगा के कार्यक्रम के बाद राहुल गांधी पटना पहुंचे, जहां उन्होंने दलित-बहुजन मुद्दों पर आधारित चर्चित फिल्म ‘फुले’ की एक विशेष स्क्रीनिंग में हिस्सा लिया। फिल्म महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है, जो शिक्षा और सामाजिक न्याय के प्रतीक माने जाते हैं।

इस कार्यक्रम में करीब 250 बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और छात्रों को आमंत्रित किया गया था। राहुल गांधी इस दौरान कांग्रेस नेताओं के बिना उपस्थित रहे, ताकि कार्यक्रम का फोकस राजनीतिक नहीं, सामाजिक संदेशों पर बना रहे।

शिक्षा न्याय अभियान: कांग्रेस का नया जन आंदोलन

इस दौरे के साथ कांग्रेस ने बिहार में ‘शिक्षा न्याय’ अभियान की शुरुआत की। बिहार कांग्रेस ने छात्रों से जुड़ने के लिए www.naukrido.in पोर्टल और 99110 414 24 पर मिस्ड कॉल कैंपेन लॉन्च किया है।

इसका उद्देश्य है:

  • छात्रों की समस्याओं को सुनना

  • घोषणापत्र में शिक्षा, रोजगार और आरक्षण के मुद्दों को शामिल करना

  • निजी संस्थानों में भी आरक्षण लागू करने की मांग

 बिहार कांग्रेस अध्यक्ष का बयान

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा,

“राहुल गांधी जातिगत जनगणना, 50% आरक्षण की सीमा को खत्म करने और निजी क्षेत्र में आरक्षण की वकालत कर रहे हैं। अब वक्त है छात्रों और युवाओं को उनका हक दिलाने का।”

जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय पर केंद्रित रणनीति

राहुल गांधी ने बार-बार जातिगत जनगणना की मांग को प्रमुखता दी है। अब जब केंद्र सरकार ने इसे स्वीकार किया है, कांग्रेस इसका श्रेय राहुल गांधी की जन आवाज़ को दे रही है।

इसके साथ ही कांग्रेस यह भी मांग कर रही है कि:

  • निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू हो

  • 50% की सीमा को हटाया जाए

  • दलित, ओबीसी और ईबीसी वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा में प्राथमिकता मिले

 राहुल गांधी की बिहार यात्रा का टाइमलाइन

राहुल गांधी का यह दौरा पिछले 5 महीनों में चौथी बार बिहार आने का उदाहरण है। उनके पूर्व दौरे इस प्रकार रहे:

  • 18 जनवरी 2025

  • 4 फरवरी 2025

  • 7 अप्रैल 2025

हर बार उन्होंने सामाजिक न्यायरोजगार, और शिक्षा जैसे मुद्दों को केंद्र में रखा है।

बिहार चुनाव 2025 की तैयारी में कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह सक्रिय हो गई है। राहुल गांधी की यात्राएं दर्शाती हैं कि पार्टी ग्राउंड लेवल पर संपर्कयुवा संवाद, और सांस्कृतिक प्रतीकों के माध्यम से जन समर्थन जुटाने की कोशिश में लगी है।

राहुल गांधी की बिहार यात्रा चुनावी नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और जन संवाद पर आधारित नजर आती है। शिक्षा, रोजगार और आरक्षण जैसे मुद्दों पर उनका फोकस उन वर्गों में प्रभाव डाल सकता है जो वर्षों से उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

अब देखने वाली बात होगी कि क्या यह अभियान बिहार के राजनीतिक समीकरणों को नई दिशा दे सकेगा।

आदमपुर से उठा शौर्य का तूफान

13 मई, आदमपुर एयरबेस, पंजाब – एक दिन जब भारत ने सिर्फ अपनी ताकत नहीं दिखाई… बल्कि दुनिया को ये भी बता दिया कि अब भारत किसी भी परमाणु ब्लैकमेलिंग से नहीं डरता। क्या ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान के लिए था सीधा संदेश? क्या ये भारत की नई सैन्य नीति का आगाज़ है? क्या ये विज़िट केवल एक निरीक्षण था या कुछ बड़ा चल रहा है पर्दे के पीछे? इस वीडियो में जानिए: प्रधानमंत्री मोदी और सेना का कड़ा संदेश ऑपरेशन सिंदूर के छिपे रहस्य भारत की बदलती रणनीति और पड़ोसी देशों को सख्त संकेत

आज का राशिफल 15 मई 2025: मालव्य राजयोग

Daily Horoscope for 29th June 2025

KKN गुरुग्राम डेस्क | गुरुवार, 15 मई को आकाश में एक विशेष ग्रह योग बन रहा है जिसे मालव्य राजयोग कहा जाता है। यह योग शुक्र ग्रह के कारण बनता है और ज्योतिष शास्त्र में इसे राजयोगों में से एक माना जाता है। इस योग के प्रभाव से कई राशियों को करियर में सफलता, व्यापार में लाभ, पदोन्नति और आर्थिक समृद्धि प्राप्त हो सकती है।

विशेष रूप से मिथुन, तुला, मीन, कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ रहने वाला है। आइए जानते हैं आज का विस्तृत राशिफल और मालव्य राजयोग का किस राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

मालव्य राजयोग क्या है?

मालव्य राजयोग तब बनता है जब शुक्र ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली के केंद्र (1, 4, 7 या 10वें भाव) में अपने स्वगृही राशि (वृषभ या तुला) या उच्च राशि (मीन) में स्थित हो। यह योग जातक को ऐश्वर्य, प्रसिद्धि, विलासिता, आकर्षक व्यक्तित्व और भौतिक सुखों की प्राप्ति कराता है।

आज यह योग कई राशियों को नई शुरुआत, निर्णय में सफलता, पदोन्नति और लाभदायक यात्रा का संकेत दे रहा है।

मेष राशि (Aries)

मेष राशि के लोगों के लिए आज का दिन करियर में प्रगति का संकेत दे रहा है। कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान मिलेगा और आपकी मेहनत रंग लाएगी। सीनियर्स की सराहना मिलेगी और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।

  • लाभ: पदोन्नति, ऑफिस में सपोर्ट

  • सलाह: अपने विचारों को सकारात्मक तरीके से रखें।

 वृषभ राशि (Taurus)

वृषभ राशि वालों को आज भूमि या संपत्ति से जुड़े मामलों में सावधानी बरतनी होगी। हालांकि व्यक्तिगत स्तर पर कुछ भौतिक सुखों की प्राप्ति संभव है, लेकिन खर्च बढ़ सकते हैं।

  • लाभ: निजी जीवन में स्थिरता

  • चेतावनी: कानूनी मामलों में सतर्कता रखें।

 मिथुन राशि (Gemini)

मिथुन राशि के लिए मालव्य राजयोग बेहद लाभकारी रहेगा। नई योजनाएं सफल होंगी, नौकरी में तरक्की के योग बन रहे हैं और निवेश से लाभ हो सकता है। भाग्य पूरी तरह साथ देगा।

  • लाभ: करियर ग्रोथ, आय में वृद्धि

  • सलाह: अनावश्यक खर्च से बचें।

कर्क राशि (Cancer)

कर्क राशि के लोगों को आज भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। ऑफिस में सहयोग मिलेगा और अधूरे काम पूरे होंगे। विवाह समारोह या सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिल सकता है।

  • लाभ: टीम वर्क में सफलता, समाजिक सराहना

  • सलाह: अपने व्यवहार में विनम्रता बनाए रखें।

 सिंह राशि (Leo)

सिंह राशि के लिए दिन व्यस्तता से भरा रहेगा। कार्य का दबाव रह सकता है, लेकिन शाम तक राहत मिलने की संभावना है। धार्मिक या आध्यात्मिक गतिविधियों से मानसिक संतुलन बना रहेगा।

  • लाभ: कार्य में गति, आंतरिक संतुलन

  • सलाह: वरिष्ठों से संवाद करते समय संयम रखें।

 कन्या राशि (Virgo)

कन्या राशि के लिए आज धैर्य और समझदारी से फैसले लेने का दिन है। किसी के साथ बहस करने से बचें। संयम और भरोसे से कार्य करेंगे तो परिणाम अनुकूल होंगे।

  • लाभ: मानसिक स्पष्टता, नई सोच

  • सलाह: जल्दबाजी में निर्णय न लें।

 तुला राशि (Libra)

तुला राशि के जातकों के लिए आज का दिन विजय और लाभ का दिन है। कारोबार में लाभ होगा, कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी। परामर्श लेकर कोई बड़ा निर्णय लें।

  • लाभ: आर्थिक लाभ, सामाजिक मान्यता

  • सलाह: कानूनी पक्षों का ध्यान रखें।

 वृश्चिक राशि (Scorpio)

वृश्चिक राशि वालों को आज नई जिम्मेदारी मिल सकती है, जिसे आप अच्छी तरह से निभाएंगे। अधूरे काम पूरे होंगे और पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा।

  • लाभ: पदोन्नति, रोमांटिक आउटिंग

  • सलाह: कार्य के प्रति ईमानदारी रखें।

 धनु राशि (Sagittarius)

धनु राशि के लोगों को आज आर्थिक लाभ की संभावना है। पुराने कर्ज से मुक्ति मिल सकती है। किसी भी खरीदारी के समय बजट का ध्यान रखना जरूरी है।

  • लाभ: कर्ज मुक्ति, बजट संतुलन

  • सलाह: अनावश्यक चीजों में पैसा न लगाएं।

 मकर राशि (Capricorn)

मकर राशि के लिए आज का दिन आत्मचिंतन और आत्म-प्रेम का है। किसी काम का दबाव न लें, वरना मानसिक थकावट हो सकती है। खर्चे बढ़ सकते हैं, पर बचत के उपाय भी निकलेंगे।

  • लाभ: आत्मबल में वृद्धि

  • सलाह: काम के साथ आराम को भी समय दें।

कुंभ राशि (Aquarius)

कुंभ राशि के लिए यह दिन अवसरों को पहचानने और रिश्तों को सुधारने का है। जीवनसाथी के साथ मतभेद दूर हो सकते हैं। गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास करें।

  • लाभ: संबंधों में सुधार, करियर में लाभ

  • सलाह: संवाद में पारदर्शिता रखें।

मीन राशि (Pisces)

मीन राशि वालों के लिए आज का दिन रचनात्मकता और प्रसन्नता से भरा रहेगा। पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों क्षेत्रों में विकास होगा। शुभ समाचार मिल सकते हैं।

  • लाभ: दोहरी उन्नति, सकारात्मक सोच

  • सलाह: अपने विचारों को सबके सामने लाने में संकोच न करें।

 आज की टॉप 5 भाग्यशाली राशियाँ

  1. मिथुन – करियर ग्रोथ और नई योजनाओं में सफलता

  2. तुला – आर्थिक लाभ और सामाजिक प्रतिष्ठा

  3. मीन – क्रिएटिविटी और निजी विकास

  4. कर्क – भाग्य का साथ और टीम वर्क

  5. वृश्चिक – जिम्मेदारियों में सफलता और खुशी

15 मई 2025 को बन रहा मालव्य राजयोग कई राशियों के लिए जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला है। यह दिन उन लोगों के लिए खास है जो अपने करियर, रिश्तों और धन की स्थिति में सुधार चाहते हैं। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह समय सही निर्णय लेने और आगे बढ़ने का है।

लखनऊ के किसान पथ पर चलती बस में लगी आग, दो बच्चों सहित पांच की जलकर मौत

Deadly Explosion at Telangana Pharma Factory: At Least 8 Workers Dead, Many Injured

KKN गुरुग्राम डेस्क | उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के किसान पथ पर गुरुवार सुबह एक चलती बस में भीषण आग लग गई, जिससे दो बच्चों सहित पांच लोगों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई। यह बस बिहार के बेगूसराय से दिल्ली जा रही थी, और हादसे के समय बस में लगभग 80 यात्री सवार थे। मृतकों की पहचान बिहार के निवासियों के रूप में की गई है।

हादसे का समय और स्थान

हादसा सुबह करीब 5:30 बजे हुआ, जब यूपी रजिस्ट्रेशन संख्या UP17 AT 6372 वाली एक प्राइवेट बस लखनऊ-रायबरेली रोड पर मोहलालगंज के पास किसान पथ से गुजर रही थी। अचानक बस में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि बस कुछ ही मिनटों में जलकर राख हो गई।

ड्राइवर और कंडक्टर हादसे के बाद फरार

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही बस में आग लगी, ड्राइवर और कंडक्टर बस से कूदकर मौके से फरार हो गए। उनके इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये ने कई जानें खतरे में डाल दीं। इस बीच, जलती हुई बस लगभग एक किलोमीटर तक दौड़ती रही, जिससे स्थिति और भयावह हो गई।

आग में झुलसे पांच लोगों की मौत

दमकल की टीम द्वारा आग बुझाने के बाद, बस से पांच शव बरामद किए गए, जिनमें दो छोटे बच्चे भी शामिल हैं। मरने वालों की पहचान इस प्रकार हुई है:

  1. लक्ष्मी देवी, पत्नी अशोक मेहता, उम्र लगभग 55 वर्ष

  2. सोनी, पुत्री अशोक मेहता, उम्र लगभग 26 वर्ष

  3. देवराज, पुत्र रामलाल, उम्र लगभग 3 वर्ष

  4. साक्षी कुमारी, पुत्री रामलाल, उम्र लगभग 2 वर्ष

  5. एक अज्ञात पुरुष

यात्री खुद को बचाने के लिए तोड़ने लगे खिड़कियां

आग लगते ही बस में अफरा-तफरी मच गई। कई यात्री खिड़कियों से कूदने की कोशिश करने लगे, लेकिन अधिकांश खिड़कियों पर लोहे की रॉड लगी हुई थीं, जिससे बाहर निकलना मुश्किल हो गया। लोगों की चीख-पुकार सुनकर राहगीरों ने तुरंत पुलिस और दमकल को सूचना दी

रेस्क्यू ऑपरेशन: दमकल और पुलिस की तत्परता

मौके पर पीजीआई फायर स्टेशन से दमकल की गाड़ियां और सुशांत गोल्फ सिटी थाना पुलिस पहुंची। बस की खिड़कियों को तोड़कर यात्रियों को बाहर निकाला गया। झुलसे यात्रियों को ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां पांच लोगों को मृत घोषित कर दिया गया

बस में सवार थे करीब 80 यात्री

बचाव के दौरान यात्रियों ने बताया कि बस में करीब 80 यात्री सवार थे, जिनमें अधिकांश लोग बिहार से दिल्ली काम के लिए जा रहे थे। आग लगने के समय अधिकतर यात्री सो रहे थे, जिससे बचाव में देरी हुई। राहत की बात यह है कि अन्य यात्रियों को समय रहते बाहर निकाल लिया गया।

प्रारंभिक जांच: शॉर्ट सर्किट बनी हादसे की वजह

पुलिस और फॉरेंसिक टीम की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि बस में लगी आग का कारण संभवतः इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट था, जो ड्राइवर के डैशबोर्ड के पास हुआ। बस में आग से सुरक्षा के लिए जरूरी अग्निशमन यंत्र मौजूद नहीं थे।

बस कंपनी पर लापरवाही के आरोप

यह बस एक निजी ट्रैवल कंपनी द्वारा चलाई जा रही थी, जिसके खिलाफ अब गंभीर लापरवाही और यात्री सुरक्षा में चूक के आरोप लग रहे हैं। लोगों ने प्रशासन से ड्राइवर और कंडक्टर की गिरफ्तारी की मांग की है। साथ ही, बस में मौजूद यात्रियों ने यह भी बताया कि बस में कोई आपातकालीन निकास व्यवस्था नहीं थी।

प्रशासन की कार्रवाई: जांच और सहायता शुरू

लखनऊ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और ड्राइवर व कंडक्टर की तलाश की जा रही है। साथ ही, डीसीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को सूचित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

बिहार सरकार से संपर्क में यूपी प्रशासन

चूंकि सभी मृतक बिहार निवासी हैं, इसलिए उत्तर प्रदेश प्रशासन ने बिहार सरकार से संपर्क किया है ताकि शवों को उनके गृह जिलों तक भेजा जा सके। मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा मुआवजा दिए जाने की संभावना है।

भविष्य के लिए सबक: सुरक्षा मानकों की अनदेखी खतरनाक

इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत में सड़क परिवहन में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कितनी जानलेवा हो सकती है। सरकार को चाहिए कि:

  • निजी बसों में फायर सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य किया जाए

  • सभी बसों में अग्निशमन यंत्र और आपातकालीन निकास हों

  • लंबी दूरी की बसों में डिजिटल निगरानी प्रणाली लागू की जाए

लखनऊ के किसान पथ पर हुआ यह हादसा मानव लापरवाही और प्रशासनिक चूक का परिणाम है। अब जरूरत है कि सरकार और प्रशासन ऐसे हादसों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं और बस ऑपरेटरों की जवाबदेही तय करें

बिहार में मौसम का कहर: दक्षिणी हिस्सों में भीषण गर्मी, उत्तर बिहार के सात जिलों में वज्रपात का यलो अलर्ट

Delhi Weather Update: Warmer Days Expected as Temperatures Approach 30°C

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। खासकर पटना और दक्षिण बिहार के जिलों में तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। राजधानी पटना में बुधवार को तापमान 40.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं दूसरी ओर, उत्तर बिहार के सात जिलों में तेज हवा, मेघगर्जन और वज्रपात को लेकर मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। कुछ जिलों में हल्की बारिश से गर्मी से थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन दक्षिण बिहार अब भी तप रहा है।

बिहार में दो तरह का मौसम, उत्तर में राहत तो दक्षिण में कहर

राज्य में फिलहाल दो प्रकार के मौसम का प्रभाव देखा जा रहा है। उत्तर बिहार के जिलों में हल्की बारिश और आंधी से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, दक्षिण बिहार के जिलों में तापमान 40 डिग्री के पार चला गया है। पटना, गया, डेहरी, औरंगाबाद जैसे जिलों में दिन और रात दोनों समय गर्मी ने लोगों को बेहाल कर रखा है।

सात जिलों में वज्रपात का यलो अलर्ट

मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार, सुपौल, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज में अगले 24 घंटों के दौरान तेज हवा (30-40 किमी प्रति घंटा), मेघगर्जन और वज्रपात की संभावना है। इन जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।

लोगों को सलाह दी गई है कि वे खुले स्थानों में जाने से बचें, विशेषकर खेतों में कार्य करते समय सतर्क रहें। राज्य में वज्रपात से हर साल सैकड़ों लोगों की जान जाती है, इसलिए यह चेतावनी बेहद गंभीर है।

उत्तर बिहार में बारिश से मिली आंशिक राहत

पिछले 24 घंटे में उत्तर बिहार के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई, जिससे तापमान में हल्की गिरावट आई:

  • किशनगंज (पोठिहा): 11.4 मिमी (राज्य में सबसे अधिक)

  • अररिया (सिकटी): 4.6 मिमी

  • अररिया (पलासी): 4.2 मिमी

  • किशनगंज (मुख्य शहर): 2.6 मिमी

  • अररिया (जोकिहाट): 2.4 मिमी

  • पूर्णिया (बैसा): 2.4 मिमी

हालांकि बारिश से तापमान थोड़ा गिरा है, परंतु आद्र्रता में वृद्धि के कारण गर्मी का असर बना हुआ है।

डेहरी में प्रदेश का सबसे अधिक तापमान

डेहरी बुधवार को बिहार का सबसे गर्म शहर रहा, जहां अधिकतम तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पटना में तापमान 3.2 डिग्री बढ़कर 40.9 डिग्री तक पहुंच गया। इसके अलावा गया (42.6), औरंगाबाद (41.7), बक्सर (42.7) और भोजपुर (41.6) जैसे शहरों में भी भीषण गर्मी का असर देखा गया।

प्रमुख शहरों का तापमान

शहरतापमान वृद्धि (°C)अधिकतम तापमान (°C)
पटना3.240.9
गया0.942.6
औरंगाबाद3.641.7
डेहरी1.243.2
बक्सर1.542.7
भोजपुर2.141.6
बांका3.241.1

न्यूनतम और अधिकतम तापमान

शहरअधिकतम तापमान (°C)न्यूनतम तापमान (°C)
पटना40.928.4
गया42.627.6
मुजफ्फरपुर36.626.4
भागलपुर37.227.3

रात का तापमान भी सामान्य से ऊपर बना हुआ है, जिससे लोगों को रात में भी गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही है।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने राज्य के लोगों को आगाह किया है कि:

  • सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक धूप में बाहर न निकलें

  • खूब पानी पिएं और हल्के, सूती कपड़े पहनें

  • बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें

  • वज्रपात के समय पेड़ों या खुले मैदान में न रहें

  • मौसम अपडेट के लिए आधिकारिक सूत्रों से जानकारी लेते रहें

आने वाले चार दिन: गर्मी और वज्रपात दोनों से सतर्क रहने की जरूरत

आगामी चार दिनों तक दक्षिण बिहार में गर्मी का प्रकोप जारी रहने की संभावना है। वहीं उत्तर बिहार में मौसम थोड़ा मेहरबान रह सकता है, लेकिन वज्रपात और तेज हवाओं का खतरा बना रहेगा। राज्य में अभी मॉनसून की कोई स्पष्ट दस्तक नहीं दिख रही है।

स्वास्थ्य चेतावनी: लू और गर्मी से सावधान

डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि लगातार बढ़ती गर्मी से लू, डिहाइड्रेशन और त्वचा संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित उपचार मिल सके। एंबुलेंस सेवा और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सतर्क कर दिया गया है।

सरकारी उपाय और जनजागरूकता अभियान

बिहार सरकार ने:

  • प्रभावित जिलों में आपातकालीन हेल्पलाइन सक्रिय की है

  • स्कूलों की दोपहर की शिफ्ट को बंद करने का निर्देश दिया है

  • बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का आदेश जारी किया है

  • पंचायत स्तर पर लोगों को सतर्क करने के लिए अभियान शुरू किया है

बिहार इस समय दोहरे मौसम संकट का सामना कर रहा है — दक्षिण में भीषण गर्मी और उत्तर में वज्रपात का खतरा। ऐसे में जनता को चाहिए कि वे सरकारी निर्देशों का पालन करें, मौसम अपडेट पर नजर रखें और सतर्क रहें। थोड़ी सी सावधानी से हम खुद को और अपने परिवार को इस मौसम के प्रकोप से बचा सकते हैं।

पीओके..150 की रोटी, 200 का दूध और सड़कों पर फौज की लरजती लाठी

जब रोटी 150 की हो जाए और दूध 200 रुपये लीटर बिके, तो यह सिर्फ महंगाई नहीं… एक बगावत की शुरुआत होती है।
पीओके यानी पाक अधिकृत कश्मीर — जिसे पाकिस्तान ‘आज़ाद कश्मीर’ कहता है, वहां सड़कों पर खून बह रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीओके में क्या बदला? क्या पाकिस्तान सरकार अब पीओके को जबरन चुप करा पाएगी?
क्या वाकई भारत के पास पीओके को वापस लेने का मौका था… जिसे खो दिया गया?

कपिल शर्मा क्यों नहीं जाते बॉलीवुड पार्टियों में? अर्चना पूरन सिंह ने बताई असली वजह

Navjot Singh Sidhu Returns to Kapil Sharma’s Show, Leaves Archana Puran Singh Shocked

KKN गुरुग्राम डेस्क | कपिल शर्मा आज भारत के सबसे मशहूर और पसंदीदा कॉमेडियन में गिने जाते हैं। उन्होंने कॉमेडी सर्कस जैसे शो से करियर की शुरुआत की और आज The Great Indian Kapil Show जैसे पॉपुलर शो के मेज़बान हैं। उनके मंच पर शाहरुख खान से लेकर विराट कोहली तक हर बड़ा नाम आता है।

लेकिन एक चीज़ जो फैंस को अक्सर खटकती है वो ये कि कपिल शर्मा शायद ही कभी बॉलीवुड की बड़ी पार्टियों में नज़र आते हैं। हाल ही में अर्चना पूरन सिंह ने इस पर खुलकर बात की और बताया कि आखिर कपिल क्यों बॉलीवुड पार्टियों से दूरी बनाए रखते हैं।

 अर्चना पूरन सिंह ने खोला राज

SCREEN को दिए एक इंटरव्यू में अर्चना पूरन सिंह ने बताया कि कपिल एक बहुत ही प्राइवेट और रिज़र्व्ड इंसान हैं। वह बाहर ज्यादा नहीं दिखना पसंद करते।

“कपिल अब मेरे साथ बहुत सहज हैं, लेकिन वह हर किसी के साथ ऐसे नहीं हैं। वह अपनी निजी ज़िंदगी में बहुत रिज़र्व रहते हैं। आप उन्हें सिर्फ उनके शो में ही देखेंगे।”

उन्होंने यह भी बताया कि कपिल को बॉलीवुड की चकाचौंध भरी पार्टियां पसंद नहीं हैं। वह पब्लिक इवेंट्स और पार्टीज से जितना हो सके दूर रहते हैं।

 शुरुआत से गहरा रिश्ता

अर्चना और कपिल का रिश्ता कॉमेडी सर्कस से शुरू हुआ था, जहां कपिल एक प्रतियोगी थे और अर्चना जज थीं। उस समय से ही दोनों के बीच एक आपसी सम्मान पर आधारित संबंध बन गया जो आज एक पारिवारिक रिश्ते में बदल चुका है।

“मैंने कपिल में शुरू से ही असाधारण प्रतिभा देखी थी। जैसे-जैसे हम एक साथ काम करते गए, यह रिश्ता और गहरा होता गया।”

 कपिल का निजी स्वभाव: शो ऑन, कैमरा ऑफ

टीवी पर हमेशा हँसते-मुस्कराते दिखने वाले कपिल शर्मा असल जिंदगी में बहुत शांत और सीमित दायरे में जीने वाले व्यक्ति हैं। वे सोशल मीडिया पर भी तब ही एक्टिव होते हैं जब कुछ जरूरी हो।

अर्चना कहती हैं:

“कपिल को खुद को प्रचारित करना पसंद नहीं है। आप उन्हें अवॉर्ड फंक्शन, रेड कार्पेट या सेलिब्रिटी डिनर में नहीं देखेंगे। वह सिर्फ अपने काम पर फोकस करते हैं।”

 पार्टियों से दूरी: विकल्प, मजबूरी नहीं

कई लोग यह मानते हैं कि कपिल शर्मा शायद अपनी फेम का आनंद नहीं लेते। लेकिन हकीकत यह है कि वे खुद को अनावश्यक सामाजिक आयोजनों से दूर रखते हैं, ताकि वो अपने मानसिक स्वास्थ्य और परिवार पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

अर्चना बताती हैं:

“कपिल जब मेरे घर आते हैं, तब बहुत सहज रहते हैं। हम आराम से बैठते हैं, बातें करते हैं। यही वजह है कि हमारा रिश्ता एक सामान्य दोस्ती जैसा है।”

 केवल मंच ही है उनकी असली जगह

कपिल शर्मा ने खुद को हमेशा मंच तक सीमित रखा है। चाहे वो कॉमेडी नाइट्स हो या द कपिल शर्मा शो या The Great Indian Kapil Show, उन्होंने अपने फैंस से जुड़ाव अपने मंच के ज़रिए ही बनाए रखा है

“हम दोनों एक-दूसरे के साथ रहना पसंद करते हैं। हम एक जैसे हास्य की सराहना करते हैं, चाहे हमारी परवरिश अलग रही हो,” अर्चना ने बताया।

 मानसिक स्वास्थ्य और संतुलन का महत्व

कपिल शर्मा ने पहले भी स्वीकार किया है कि उन्हें डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याएं रही हैं। संभवतः यही कारण है कि वे अब अपनी ऊर्जा को केवल जरूरी चीजों में खर्च करते हैं।

पार्टीज, अवॉर्ड फंक्शन्स और प्रचार-प्रसार की दुनिया से दूर रहकर वे खुद को मानसिक और भावनात्मक रूप से संतुलित बनाए रखते हैं।

 परिवार और सादगी है प्राथमिकता

कपिल का जीवन अब उनके परिवार और काम के इर्द-गिर्द घूमता है। वे अपने बच्चों और पत्नी गिन्नी के साथ अधिक से अधिक समय बिताना पसंद करते हैं। इसके अलावा उन्हें संगीत और अध्यात्म से भी लगाव है।

यह साफ है कि कपिल शर्मा एक ऐसे कलाकार हैं जो ग्लैमर और लाइमलाइट से ज्यादा सादगी और निजी जीवन को महत्व देते हैं।

 फैंस के लिए असली हीरो

कपिल शर्मा की यही सादगी और स्पष्टता उन्हें आम जनता के करीब लाती है। उनके फैंस उन्हें इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि वह:

  • बनावटी नहीं हैं

  • अपनी जड़ों से जुड़े हैं

  • पब्लिक इवेंट्स में दिखने की होड़ में नहीं रहते

  • कॉन्टेंट से खुद को साबित करते हैं, प्रचार से नहीं

कपिल शर्मा का बॉलीवुड पार्टियों से दूर रहना कोई संयोग नहीं, बल्कि उनकी सोच और जीवनशैली का हिस्सा है। वह खुद को लोगों की नज़रों में रखने के बजाय अपने काम से उन्हें हँसाने में विश्वास रखते हैं।

अर्चना पूरन सिंह के शब्दों में:

“कपिल जैसा कोई नहीं है। वह अपने काम के लिए जीते हैं और बाकी सब को अपने तरीके से संभालते हैं।”

इसलिए भले ही कपिल शर्मा बॉलीवुड की चमक-धमक से दूर हों, लेकिन जब कैमरा रोल करता है, तो वही हर महफ़िल के सितारे बन जाते हैं।

गुम है किसी के प्यार में में 7 धमाकेदार ट्विस्ट: नील के साथ सई का इमोशनल पल, खुला रजत का राज

Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin: Will Vaibhavi Hankare Return?

KKN गुरुग्राम डेस्क | स्टार प्लस का हिट टीवी शो गुम है किसी के प्यार में (GHKKPM) एक बार फिर दर्शकों को झकझोरने के लिए तैयार है।14 मई 2025 के एपिसोड में ऐसे 7 महाट्विस्ट आने वाले हैं जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से झकझोर देंगे। सई और नील का इमोशनल मोमेंट, सवि के सपनों का टूटना, और रजत की सच्चाई उजागर होने जैसे मोड़ इस शो को नई दिशा देंगे।

यहां हम आपको बताते हैं गुम है किसी के प्यार में के 13 मई के एपिसोड में दिखाए जाने वाले इन 7 बड़े ट्विस्ट के बारे में विस्तार से:

1. सई की भावुक बातों से नील की आंखें होंगी नम

एपिसोड की शुरुआत एक इमोशनल सीन से होती है जब सई नील से अपने पापा को याद करते हुए कहती है कि उसके पापा अब तारा (स्टार) बन चुके हैं और वह उनके पास जाना चाहती है। नील उसे समझाता है कि तारा बनने के बाद वापसी नहीं होती। इस बातचीत में सई का अपने पिता के लिए प्यार और नील की कोमलता दर्शकों को भावुक कर देगी।

2. सवि नील के लिए छोड़ेगी भावनात्मक नोट

सवि जब सई को ढूंढते हुए अस्पताल पहुंचती है तो नील से मुलाकात नहीं हो पाती। ऐसे में वह उस केबिन में एक छोटा सा नोट छोड़ती है, जिसमें नील को अपनी बेटी की जान बचाने के लिए धन्यवाद देती है। यह छोटा लेकिन भावनात्मक पल दर्शाता है कि नील और सवि के बीच एक खास रिश्ता पनप रहा है।

3. भाग्यश्री का ताना चुभेगा सवि को

सवि जब सई को लेकर घर लौटती है, तब सई उसे मदर्स डे का गिफ्ट देती है। सवि भावुक होकर कहती है कि शुक्र है सई को उसका नंबर याद था। तभी भाग्यश्री तंज कसती है कि अब तो सई के पास तुम्हारे लिए वक्त ही नहीं है, आगे चलकर मदर्स डे की बधाई देना भी भूल जाएगी। यह सीन मां-बेटी के रिश्ते में खटास को उजागर करता है।

4. सवि को आएगा डरावना सपना

रात को सवि अपने बच्चों के साथ बैठी होती है तभी वह सपना देखती है कि रजत उससे दूर जा रहा है और धीरे-धीरे गायब हो जाता है। डर से सवि चौंककर उठ जाती है। यह सपना दर्शाता है कि रजत की यादें अब भी सवि के दिल में जिंदा हैं और उसका खो जाना सवि को अंदर से तोड़ रहा है।

5. सवि को मिलेगा रजत की कंगाली का सच

सवि को पता चलता है कि रजत ने रिद्धि की कॉलेज फीस नहीं भरी है। तारा से बातचीत के दौरान यह सामने आता है कि पैसों की तंगी है। अगले दिन सवि जब रजत के ऑफिस पहुंचती है, तो उसे बताया जाता है कि रजत की कंपनी दिवालिया हो चुकी है और अब उनके पास कोई फंड नहीं बचा है। यह चौंकाने वाला खुलासा सवि को झकझोर कर रख देता है।

6. सई बन सकती है नील और सवि को जोड़ने वाली कड़ी

स्कूल में एक सीन में सई अपनी मां सवि के साथ जाती है, जहां नील वेदांत से मिलने आता है। वेदांत नील को देखकर दौड़कर गले लग जाता है। सई भी पास जाने लगती है लेकिन रुक जाती है। इस सीन में यह संकेत मिलते हैं कि सई शायद नील और सवि को एक करने की दिशा में भूमिका निभाएगी।

7. सवि लेगी रजत के कातिल का पता लगाने की कसम

एपिसोड के अंत में सवि रोती हुई कहती है कि रजत ने सब कुछ अकेले सहा और किसी को कुछ नहीं बताया। वह यह कसम खाती है कि रजत के कातिल का पता लगाकर उसे इंसाफ दिलाएगी। इस ट्विस्ट के बाद शो में सस्पेंस और थ्रिल की एंट्री होगी जो दर्शकों को एक नए रोमांच से जोड़ देगा।

अरुणाचल प्रदेश का नाम बदलने के कदम पर भारत ने चीन को दिया कड़ा संदेश

India Sends Strong Message to China Amid Pakistan Tensions Over Arunachal Renaming Move

KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत ने चीन की उस कार्रवाई को सख्ती से खारिज कर दिया है, जिसमें उसने अरुणाचल प्रदेश के कई स्थानों के नाम बदलने की कोशिश की है। विदेश मंत्रालय ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक व्यर्थ और बेतुका प्रयास है, जिससे भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

भारत ने साफ शब्दों में कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, था और रहेगा। यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब भारत पहले से ही पाकिस्तान के साथ सीमा और आतंकी मुद्दों पर तनाव से जूझ रहा है।

 विदेश मंत्रालय का बयान: स्पष्ट और कड़ा रुख

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा:

“हमने देखा है कि चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के नाम बदलने की अपनी व्यर्थ और बेतुकी कोशिशें जारी रखी हैं। हम इस तरह के प्रयासों को अपनी सैद्धांतिक स्थिति के अनुसार स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा:

“नाम बदलना उस निर्विवाद सच्चाई को नहीं बदल सकता कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न हिस्सा है।”

 चीन के नाम बदलने का इतिहास: रणनीति या मनोवैज्ञानिक युद्ध?

यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने की कोशिश की हो। इससे पहले भी वह कई बार ऐसी सूचियाँ जारी कर चुका है:

  • 2017: 6 स्थानों के नाम

  • 2021: 15 स्थानों की सूची

  • 2023: 11 और स्थानों के नाम

  • 2025: नई सूची में 30 स्थानों को नया नाम दिया गया

इन नामों में शामिल हैं:

  • 12 पहाड़ियाँ

  • 4 नदियाँ

  • 1 झील

  • 1 पहाड़ी दर्रा

  • 11 आवासीय क्षेत्र

  • 1 भूमि का टुकड़ा

बीजिंग द्वारा अपनाई गई यह नीति एक प्रकार की “नाम देकर दावा ठोकने” (Naming and Claiming) की रणनीति मानी जाती है।

अरुणाचल प्रदेश क्यों है विवाद का केंद्र?

अरुणाचल प्रदेश भारत के उत्तर-पूर्व में स्थित एक महत्वपूर्ण राज्य है, जिसकी 1,129 किलोमीटर लंबी सीमा चीन के साथ लगती है। चीन इसे “दक्षिण तिब्बत” (South Tibet) बताकर अपना क्षेत्र मानता है, जबकि भारत इसे संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त पूर्ण राज्य के रूप में देखता है।

यह वही क्षेत्र है जहां 1962 का भारत-चीन युद्ध लड़ा गया था। आज भी यहां LAC (Line of Actual Control) पर तनाव की स्थिति बनी रहती है।

भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया: शब्दों से ज्यादा काम पर जोर

भारत ने बीते वर्षों में अरुणाचल प्रदेश में:

  • सड़कें और सुरंगें (जैसे सेला टनल) बनाई हैं

  • बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया है

  • सैन्य तैनाती को सुदृढ़ किया है

  • स्थानीय प्रशासन और चुनावी प्रक्रिया को गति दी है

इन कदमों से यह स्पष्ट होता है कि भारत केवल कागज़ी दावों पर नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर अपनी संप्रभुता को स्थापित कर चुका है।

 विशेषज्ञों की राय: चीन की नीति और भारत की प्रतिक्रिया

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राकेश शर्मा कहते हैं:

“चीन की ये नामकरण की रणनीति केवल एक मनोवैज्ञानिक दबाव है। लेकिन भारत की स्थिति मजबूत है क्योंकि उसके पास प्रशासनिक और कानूनी नियंत्रण है।”

रणनीतिक मामलों के जानकार ब्रह्मा चेल्लानी का मानना है:

“यह बीजिंग की ‘लो-कॉस्ट, हाई-विजिबिलिटी’ रणनीति है। भारत की बार-बार अस्वीकृति ही इसे निष्प्रभावी बनाती है।”

 अंतरराष्ट्रीय कानून में नाम बदलने की कोई मान्यता नहीं

Montevideo Convention और अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार:

  • किसी स्थान का नाम बदलने से उस पर अधिकार सिद्ध नहीं होता

  • अधिकार तब मान्य होता है जब देश का उस क्षेत्र पर प्रभावी प्रशासन और नियंत्रण हो

  • भारत अरुणाचल प्रदेश में लोकतांत्रिक सरकार, न्याय प्रणाली और चुनाव संचालित करता है

इसलिए, भारत का दावा वास्तविक और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरता है।

🇮🇳 भारत की एकजुट राजनीतिक प्रतिक्रिया

अरुणाचल पर भारत का रुख राजनीतिक रूप से भी मजबूत रहा है:

  • कांग्रेस और भाजपा दोनों ने इसे भारत का अभिन्न हिस्सा माना है

  • संसद में कई बार चीन के दावों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए गए हैं

  • अमेरिका, जापान, फ्रांस जैसे देश भी अरुणाचल को भारत का हिस्सा मानते हैं

चीन की मंशा: अंदरूनी राजनीति या वैश्विक दबाव?

कुछ विश्लेषक मानते हैं कि चीन का यह कदम:

  • भारत को कूटनीतिक रूप से परेशान करने का प्रयास

  • आंतरिक राजनीतिक असंतोष से ध्यान हटाने की कोशिश

  • वैश्विक स्तर पर अपने दबदबे का प्रदर्शन
    हो सकता है।

लेकिन भारत की ठोस प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ नाम बदलने से जमीनी हकीकत नहीं बदलती।

भारत ने चीन को यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अरुणाचल प्रदेश को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। चाहे चीन कितनी भी बार नाम बदले, वह न तो भारत की सीमाएं बदल सकता है और न ही लोगों की राष्ट्रीय भावना।

यह भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का प्रमाण है, जो हर प्रकार की सीमा उल्लंघन या दबाव की राजनीति के खिलाफ मजबूती से खड़ी रहती है।

ऑपरेशन केलर: भारतीय सेना ने शोपियां में लश्कर के तीन आतंकियों को मार गिराया, टॉप कमांडर शाहिद कुट्टे भी शामिल

Operation Keller: Indian Army killed three Lashkar terrorists in Shopian, including Shahid Kutte

KKN गुरुग्राम डेस्क | 13 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में स्थित शोएकल केलर इलाके में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और खुफिया एजेंसियों ने मिलकर एक संयुक्त अभियान शुरू किया। इस अभियान का नाम ‘ऑपरेशन केलर’ रखा गया था। खास बात यह रही कि इस ऑपरेशन के तहत लश्कर-ए-तैयबा के तीन कट्टर आतंकियों को ढेर किया गया।

भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान में बताया:

“13 मई को राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट की खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन शुरू किया गया। आतंकियों की तरफ से भारी गोलीबारी की गई, जिसका मुंहतोड़ जवाब देते हुए सेना ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया।”

 मारे गए आतंकी: जानिए कौन थे वो तीन

1. शाहिद कुट्टे (लश्कर कमांडर – श्रेणी A)

  • वर्ष 2023 में लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था

  • कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 के आतंकी हमले में संलिप्त था

  • वह इस समय लश्कर का दक्षिण कश्मीर क्षेत्र का टॉप कमांडर था

  • 26 अप्रैल को उसके घर को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया था

2. अदनान शफी (श्रेणी C का आतंकी)

  • शोपियां के वांडूना मेलहोरा क्षेत्र का निवासी

  • अक्टूबर 2024 में आतंकी संगठन से जुड़ा

  • हाल ही में भर्ती हुआ था और आत्मघाती दस्ते के लिए प्रशिक्षण ले रहा था

3. एक अज्ञात आतंकी

  • उसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है

  • शुरुआती जांच में अंदेशा है कि वह पाकिस्तानी नागरिक हो सकता है

  • बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से यह पुष्टि की जा रही है

 बरामद सामग्री: भारी हथियार और संचार उपकरण

मुठभेड़ स्थल से सेना ने भारी मात्रा में आतंकियों से जुड़ा सामग्री बरामद किया:

  • 3 AK-47 राइफलें

  • 5 ग्रेनेड

  • 200 से ज्यादा कारतूस

  • बैकपैक और खाद्य सामग्री

  • मोबाइल फोन, वायरलेस सेट और संदिग्ध दस्तावेज

इन सभी सामग्रियों को जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के पास भेजा गया है, जिससे इन आतंकियों के पाकिस्तान कनेक्शन और नेटवर्क की पुष्टि हो सके।

 ऑपरेशन सिंदूर के समानांतर ऑपरेशन केलर

ऑपरेशन केलर, ऑपरेशन सिंदूर के समानांतर चलाया गया एक विशेष अभियान है। ऑपरेशन सिंदूर को 7 मई 2025 को शुरू किया गया था, जिसका लक्ष्य दक्षिण कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का सफाया करना है।

ऑपरेशन केलर विशेष रूप से शोपियां जिले को केंद्र बनाकर शुरू किया गया था, जहां हाल के दिनों में आतंकी गतिविधियों और हथियारों की तस्करी में इजाफा हुआ है।

सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिक्रिया

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ए.के. भट्ट ने कहा:

“शाहिद कुट्टे का मारा जाना रणनीतिक रूप से एक बड़ी सफलता है। वह केवल कमांडर नहीं, बल्कि एक कट्टर विचारधारा वाला प्रशिक्षक और स्लीपर सेल संचालक भी था।”

एसएसपी शोपियां, राजेश कुमार ने बताया:

“यह ऑपरेशन बेहद रणनीतिक रूप से अंजाम दिया गया, जिसमें कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ। अभियान अभी भी जारी है।”

 सर्च ऑपरेशन और इंटरनेट सेवा बंद

ऑपरेशन केलर के बाद सेना ने विस्तृत तलाशी अभियान शुरू किया है। शोपियां के कई गांवों — हर्मन, ज़ैनापोरा, केलर आदि में:

  • रातभर कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (CASO)

  • ड्रोन से निगरानी

  • स्लीपर सेल की पहचान

  • अज्ञात संदिग्धों की पूछताछ

सुरक्षा की दृष्टि से कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।

 पाकिस्तान से आतंकी फंडिंग की जांच

सूत्रों के मुताबिक, शाहिद कुट्टे और उसके साथियों को पाकिस्तान के हवाला नेटवर्क और राहत संगठनों से 14 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी। इन पैसों का उपयोग:

  • हथियारों की खरीद

  • युवाओं की भर्ती

  • नेटवर्क विस्तार
    के लिए किया गया।

इस फंडिंग चैनल की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।

 भारत का रुख: अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठेगी बात

भारत सरकार इस मुठभेड़ की जानकारी संयुक्त राष्ट्र, ओआईसी, और वैश्विक मानवाधिकार संगठनों को देने की तैयारी कर रही है। इसका उद्देश्य है कि पाकिस्तान की भूमिका को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया जाए, जिससे उस पर दबाव बने।

 स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया: सुरक्षा बलों पर भरोसा

शोपियां और आसपास के ग्रामीण इलाकों में लोगों ने इस ऑपरेशन को साहसिक और आवश्यक कार्रवाई बताया। लोग:

  • स्कूलों में अतिरिक्त सुरक्षा की मांग कर रहे हैं

  • युवा वर्ग के लिए काउंसलिंग की मांग कर रहे हैं

  • सेना को जानकारी देकर सहयोग कर रहे हैं

यह दर्शाता है कि आम लोग शांति और स्थायित्व चाहते हैं, और आतंकी गतिविधियों से उनका मोहभंग हो चुका है।

ऑपरेशन केलर भारतीय सेना और सुरक्षा बलों की सटीक रणनीति और निडरता का प्रमाण है। तीन आतंकियों को ढेर करना, जिनमें लश्कर का टॉप कमांडर शाहिद कुट्टे भी शामिल था, घाटी में शांति बहाल करने की दिशा में बड़ा कदम है।

बिहार में 22089 नर्सों की होगी भर्ती, स्वास्थ्य मंत्री ने इंटरनेशनल नर्स डे पर किया ऐलान

Bihar to Recruit 22,089 Nurses: Health Minister Announces Major Hiring Drive on International Nurses Day

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार सरकार ने स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने 14 मई 2025 को पटना के अधिवेशन भवन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस समारोह में घोषणा की कि राज्य में 22089 नर्सों की नियुक्ति की जाएगी।

इस बहाली के माध्यम से राज्य के सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य उपकेंद्रों में नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी को दूर किया जाएगा

 भर्ती प्रक्रिया का विवरण

मंत्री ने बताया कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC) द्वारा 11,389 ग्रेड-ए नर्स (GNM) पदों के लिए विज्ञापन पहले ही जारी किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, 10,700 नर्सों की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, जो तकनीकी कारणों से फिलहाल लंबित है। अब इनकी बहाली भी शीघ्र की जाएगी।

भर्ती का संक्षिप्त सारांश:

  • कुल पद: 22,089

  • GNM पद (BTSC के माध्यम से): 11,389

  • लंबित नियुक्तियाँ: 10,700

  • विज्ञापन जारी: BTSC द्वारा

  • नियुक्ति प्रक्रिया शुरू: शीघ्र

 114 नर्सों को मिला फ्लोरेंस नाइटिंगेल नर्स अवॉर्ड 2025

इस अवसर पर राज्य के विभिन्न जिलों से चयनित 114 नर्सों को उनके स्वास्थ्य सेवाओं में असाधारण योगदान के लिए फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया गया।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा:

“इन नर्सों ने न केवल मरीजों की सेवा में निष्ठा दिखाई, बल्कि कोविड-19 जैसी आपदाओं के दौरान अग्रिम पंक्ति में रहकर मानवता की सेवा की।”

यह पुरस्कार राज्य सरकार की ओर से नर्सिंग प्रोफेशन को सम्मान देने और प्रोत्साहित करने की एक महत्वपूर्ण पहल है।

इस साल का थीम: ‘हमारी नर्से, हमारा भविष्य’

2025 के अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का थीम था – “Our Nurses, Our Future”। मंत्री मंगल पांडेय ने इस थीम पर बात करते हुए कहा कि यह विषय नर्सों के स्वास्थ्य सेवाओं में प्रभाव और आर्थिक-सामाजिक योगदान को दर्शाता है।

उन्होंने कहा:

“नर्सें सिर्फ मरीजों की देखभाल नहीं करतीं, बल्कि वे हमारे स्वास्थ्य तंत्र की रीढ़ होती हैं। उनका सशक्तिकरण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।”

 नर्सिंग शिक्षा में सुधार की दिशा में सरकार का फोकस

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार नर्सिंग शिक्षा को वैश्विक मानकों तक ले जाने के लिए मिशन मोड में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘मिशन उन्नयन’ के तहत:

  • नर्सिंग कॉलेजों का आधुनिकीकरण किया जाएगा

  • डिजिटल और सिमुलेशन आधारित शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा

  • योग्य फैकल्टी की नियुक्ति होगी

  • पाठ्यक्रम को WHO मानकों के अनुरूप किया जाएगा

 लक्ष्य: बिहार को नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र में ‘ब्रांड बिहार’ के रूप में स्थापित करना।

कोविड काल में नर्सों की भूमिका को किया याद

मंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान नर्सों की भूमिका को याद करते हुए कहा:

“जब पूरा विश्व इस जानलेवा वायरस से जूझ रहा था, तब हमारी नर्सों ने अपने प्राणों की परवाह किए बिना सेवा दी। उनके साहस और समर्पण को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।”

राज्य सरकार का मानना है कि महामारी ने यह सिद्ध कर दिया कि नर्सिंग स्टाफ को मजबूती देना स्वास्थ्य तंत्र की रीढ़ को मजबूत करना है

 नीतीश कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार

मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में बिहार सरकार लगातार स्वास्थ्य विभाग में भर्ती, संसाधन विस्तार और सेवा सुधार के लिए प्रयासरत है। आने वाले समय में:

  • चिकित्सकों,

  • पैरा-मेडिकल स्टाफ,

  • लैब टेक्नीशियन,

  • और सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों की भी बहाली की जाएगी।

 कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख अधिकारी

इस भव्य कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे:

  • मनोज कुमार, स्वास्थ्य सचिव

  • डॉ. आदित्य प्रकाश, अपर सचिव

  • सुहर्ष भगत, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक

सभी अधिकारियों ने नर्सिंग सेवा की सराहना की और इस क्षेत्र को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता जताई।

 आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

22,000 से अधिक नर्सों की बहाली के प्रभाव होंगे:

  • हज़ारों युवाओं को रोजगार मिलेगा

  • स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा

  • ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ होंगी

  • महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता को मिलेगा प्रोत्साहन

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम बिहार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों की ओर तेजी से ले जाएगा

बिहार सरकार का यह निर्णय केवल एक बहाली नहीं है, बल्कि यह एक दूरदर्शी रणनीति है, जिसका लक्ष्य है — एक मजबूत, प्रशिक्षित और सशक्त नर्सिंग कार्यबल तैयार करना।

जैसा कि इंटरनेशनल नर्स दिवस 2025 का थीम कहता है:

“हमारी नर्सें, हमारा भविष्य” — और बिहार सरकार अब इस भविष्य को आकार देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।

कराटे किड: लीजेंड्स के हिंदी वर्जन में अजय देवगन और बेटे युग की दमदार आवाज़

Ajay Devgn and son Yug debut together in Hindi version of Karate Kid: Legends

KKN गुरुग्राम डेस्क | बॉलीवुड के सुपरस्टार अजय देवगन और उनके बेटे युग देवगन एक खास प्रोजेक्ट के साथ सुर्खियों में हैं। दोनों पहली बार किसी फिल्म में एक साथ काम कर रहे हैं, लेकिन कैमरे के सामने नहीं बल्कि आवाज़ के ज़रिए। अजय और युग ने अंतरराष्ट्रीय एनिमेटेड फिल्म ‘कराटे किड: लीजेंड्स’ के हिंदी संस्करण में मुख्य किरदारों को अपनी आवाज़ दी है। फिल्म 30 मई 2025 को हिंदी, तमिल और तेलुगू भाषाओं में भारत के सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

पहली बार एक साथ काम कर रहे अजय और युग देवगन

यह पहली बार है जब अजय देवगन और उनका बेटा युग देवगन किसी फिल्म प्रोजेक्ट में एक साथ शामिल हुए हैं। इस फिल्म में अजय देवगन ने जैकी चैन द्वारा निभाए गए किरदार मिस्टर हान को अपनी आवाज दी है, जबकि युग देवगन ने मुख्य पात्र ली फोंग की आवाज में डबिंग की है। ली फोंग का किरदार फिल्म में बेन वांग निभा रहे हैं।

सोनी पिक्चर्स इंडिया ने इस खबर की पुष्टि करते हुए इंस्टाग्राम पर एक प्यारी सी तस्वीर साझा की, जिसमें अजय और युग साथ नजर रहे हैं। कैप्शन में लिखा गया,
मास्टर की आवाज़ नई है। और स्टूडेंट की भी! अजय देवगन और युग देवगन कराटे किड: लीजेंड्स (हिंदी) में जैकी चैन और बेन वांग की जर्नी को जीवंत करने के लिए तैयार हैं।”

युग देवगन की फिल्मी दुनिया में एंट्री

यह फिल्म युग देवगन की आधिकारिक फिल्म इंडस्ट्री में पहली एंट्री है। अब तक युग लाइमलाइट से दूर रहे हैं, लेकिन अब वह अपनी आवाज़ के ज़रिए अपने पिता के साथ पर्दे पर कदम रख रहे हैं। जहां कई स्टार किड्स बड़े पर्दे पर ग्रैंड लॉन्च पाते हैं, वहीं युग की यह शुरुआत कुछ अलग और रचनात्मक है।

अजय देवगन, जो कि शक्तिशाली डायलॉग डिलीवरी और गहरी आवाज़ के लिए जाने जाते हैं, ने इससे पहले दक्षिण भारतीय फिल्मों के लिए डबिंग की है, लेकिन यह पहली बार है जब वे किसी हॉलीवुड फिल्म के लिए हिंदी डबिंग कर रहे हैं।

कराटे किड: लीजेंड्स की कहानी

कराटे किड: लीजेंड्स’ की कहानी न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले ली फोंग नामक एक कुशल मार्शल आर्टिस्ट के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक नए स्कूल में एडमिशन लेने के बाद कई तरह की चुनौतियों का सामना करता है। उसकी जिंदगी तब बदलती है जब वह कराटे मास्टर मिस्टर हान से मिलता है।

फिल्म में ली फोंग और हान के बीच गुरु-शिष्य के रिश्ते को बेहद भावनात्मक ढंग से दर्शाया गया है। फिल्म में एक्शन, भावना और आत्म-खोज का खूबसूरत मिश्रण देखने को मिलेगा।

सेलेब्रिटी डबिंग का बढ़ता ट्रेंड

बॉलीवुड में अब यह एक नई ट्रेंड बनती जा रही है कि बड़े सितारे अपने बच्चों के साथ डबिंग प्रोजेक्ट में काम कर रहे हैं। इससे पहले शाहरुख खान और उनके बेटे आर्यन खान ने 2019 में लायन किंग’ के हिंदी वर्जन में मुफासा और सिम्बा को अपनी आवाज दी थी।

अब उसी राह पर चलते हुए, अजय और युग ने कराटे किड: लीजेंड्स’ में एक मजबूत छाप छोड़ने की तैयारी की है।

लोकलाइजेशन में बढ़ती दिलचस्पी

सोनी पिक्चर्स इंडिया जैसे अंतरराष्ट्रीय स्टूडियो अब भारतीय बाजार के महत्व को समझते हुए अपनी फिल्मों को स्थानीय भाषाओं में डब करवा रहे हैंहिंदी, तमिल और तेलुगू में फिल्म की डबिंग से यह साफ है कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों के दर्शकों को ध्यान में रखकर रणनीति बनाई जा रही है।

इसके साथ ही लोकप्रिय भारतीय सितारों को आवाज़ देने के लिए लाना इस रणनीति को और प्रभावी बना रहा है। इससे दर्शक पात्रों से बेहतर जुड़ाव महसूस करते हैं और फिल्में ज्यादा लोकप्र‍िय बनती हैं।

अजय देवगन: आवाज़ की ताकत

अजय देवगन की गूंजती और दमदार आवाज़ उनके फैंस के बीच बेहद प्रसिद्ध है। एक्शन से लेकर इमोशन तक, उनकी आवाज़ में एक खास गहराई होती है जो किसी भी किरदार को प्रभावशाली बना देती है।

मिस्टर हान, जो एक गाइड और कराटे गुरु हैं, के लिए अजय की आवाज़ एकदम उपयुक्त है। उनकी आवाज़ इस किरदार को भारतीय दर्शकों के लिए अधिक विश्वसनीय और प्रभावशाली बना देती है।

युग देवगन: भविष्य के सुपरस्टार?

युग देवगन, भले ही अभी पर्दे के पीछे से शुरुआत कर रहे हैं, लेकिन उनका आत्मविश्वास और प्रस्तुति फिल्म में देखने लायक है। उन्होंने ली फोंग जैसे कठिन किरदार को अपनी आवाज़ के ज़रिए जीवंत किया है, जिसमें मासूमियत, साहस और आत्मविश्वास का मेल है।

फिल्म की डबिंग के लिए अजय और युग ने कई दिनों तक स्टूडियो में अभ्यास किया, ताकि हर शब्द और भाव सही तरीके से दर्शकों तक पहुंचे।

रिलीज की तारीख और भाषाएं

कराटे किड: लीजेंड्स 30 मई 2025 को हिंदी, तमिल और तेलुगू भाषाओं में पूरे भारत के थिएटर्स में रिलीज होगी। साथ ही, फिल्म का अंग्रेज़ी संस्करण भी चुनिंदा मल्टीप्लेक्स में उपलब्ध रहेगा।

यह फिल्म केवल बच्चों के लिए बल्कि वयस्कों के लिए भी प्रेरणादायक और मनोरंजक अनुभव प्रदान करेगी।

अजय देवगन और युग देवगन की यह डबिंग परियोजना सिर्फ एक फिल्म नहीं है, बल्कि एक पारिवारिक विरासत और भारतीय सिनेमा में नए प्रयोग का प्रतीक है। यह दिखाता है कि कैसे भारतीय सितारे अब अंतरराष्ट्रीय कहानियों को स्थानीय भाषा में लाकर एक नया आयाम दे रहे हैं

यदि आप कराटे किड फ्रेंचाइजी के प्रशंसक हैं, या अजय देवगन की दमदार आवाज़ और युग की नई शुरुआत देखना चाहते हैं, तो इस मई ‘कराटे किड: लीजेंड्स’ जरूर देखें – जब मास्टर और स्टूडेंट दोनों भारतीय अंदाज़ में बोलेंगे।

विराट कोहली बनाम सचिन तेंदुलकर: 123 टेस्ट मैचों के बाद आंकड़ों में कौन रहा आगे?

Virat Kohli vs Sachin Tendulkar in Tests: How Far Behind Did King Kohli Finish After 123 Matches?

KKN गुरुग्राम डेस्क |  विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से आधिकारिक संन्यास की घोषणा कर दी। भारत के लिए 123 टेस्ट खेल चुके कोहली को लंबे समय से सचिन तेंदुलकर का उत्तराधिकारी माना जाता रहा है। खासकर, नंबर-4 बल्लेबाज के रूप में उन्होंने उम्मीदों से कहीं ज्यादा प्रदर्शन किया।

हालांकि, कोहली ने खुद भी माना है कि सचिन जैसे खिलाड़ी की बराबरी कोई नहीं कर सकता। लेकिन क्या आंकड़े भी यही कहते हैं? चलिए, जानते हैं कि 123 टेस्ट मैचों के बाद दोनों खिलाड़ियों के आंकड़े कैसे रहे।

टेस्ट रन: तेंदुलकर को पछाड़ नहीं पाए कोहली

विराट कोहली:

  • मैच: 123

  • पारी: 210

  • रन: 9,230

  • औसत: 46.85

  • सर्वोच्च स्कोर: 254*

सचिन तेंदुलकर (123 टेस्ट के बाद):

  • मैच: 123

  • पारी: 198

  • रन: 10,134

  • औसत: 57.25

  • सर्वोच्च स्कोर: 248*


सचिन तेंदुलकर ने विराट कोहली से करीब 900 रन ज्यादा बनाए और उनका बल्लेबाजी औसत भी करीब 10 रन बेहतर था। यह अंतर यह दर्शाता है कि कोहली का टेस्ट करियर भले ही शानदार रहा हो, लेकिन सचिन टेस्ट क्रिकेट में उनसे एक स्तर ऊपर थे

 शतक और अर्धशतक: कोहली का कन्वर्जन रेट बेहतर

विराट कोहली:

  • शतक (100s): 30

  • अर्धशतक (50s): 31

सचिन तेंदुलकर (123 टेस्ट के बाद):

  • शतक (100s): 34

  • अर्धशतक (50s): 41

 ध्यान देने योग्य:
विराट कोहली की शुरुआत में फिफ्टी को शतक में बदलने की कला काबिले तारीफ थी। लेकिन 2019 के बाद से उनके प्रदर्शन में गिरावट आई, और उन्होंने पिछले पांच वर्षों में केवल 3 शतक लगाए। वहीं, सचिन ने इस समय में भी स्थिरता बनाए रखी।

नॉट आउट पारियां: सचिन का संयम दिखता है

  • कोहली: 210 पारियों में 13 बार नाबाद

  • तेंदुलकर: 198 पारियों में 21 बार नाबाद

यह आंकड़े दर्शाते हैं कि सचिन पारी को अंत तक ले जाने में माहिर थे, जबकि कोहली का खेलने का तरीका ज्यादा आक्रामक रहा, जो कभी-कभी जोखिम भरा साबित हुआ।

 फिफ्टी को शतक में बदलने की दर

  • कोहली: 61 बार 50+ स्कोर में से 30 बार शतक → ~49.1% कन्वर्जन रेट

  • तेंदुलकर: 75 बार 50+ स्कोर में से 34 बार शतक → ~45.3% कन्वर्जन रेट

यहां कोहली थोड़े बेहतर दिखते हैं। उनका कन्वर्जन रेट सचिन से थोड़ा ऊपर है, जो उन्हें फॉर्म में रहने पर एक खतरनाक बल्लेबाज बनाता था।

 कप्तानी बनाम बल्लेबाजी: कोहली पर कप्तानी का असर?

कोहली ने 68 टेस्ट में कप्तानी की, जबकि सचिन ने केवल सीमित समय के लिए टीम की कमान संभाली।

  • कप्तान के रूप में कोहली: 68 मैच, 20 शतक

  • बिना कप्तानी के: 55 मैच, 10 शतक

कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि कप्तानी की जिम्मेदारी ने कोहली के बल्लेबाजी फॉर्म पर असर डाला, खासकर जब वे ऑफ-फॉर्म दौर से गुजर रहे थे।

 तुलनात्मक सारणी: कोहली बनाम तेंदुलकर (123 टेस्ट के बाद)

मापदंडविराट कोहलीसचिन तेंदुलकर
मैच123123
रन9,23010,134
औसत46.8557.25
शतक3034
अर्धशतक3141
सर्वोच्च स्कोर254*248*
नॉट आउट पारियां1321

 विशेषज्ञों की राय: दोनों दिग्गज, अपनी-अपनी शैली में

हर्षा भोगले कहते हैं:

“तेंदुलकर स्थिरता के प्रतीक थे, जबकि कोहली ने भारतीय क्रिकेट को आक्रामकता और आत्मविश्वास सिखाया।”

सुनील गावस्कर का कहना है:

“सचिन तकनीकी परफेक्शन थे, वहीं कोहली जुनून और ऊर्जा का मिश्रण। दोनों का अपना अलग प्रभाव है।”

 कोहली का खुद सचिन के बारे में क्या कहना है?

विराट कोहली ने कई बार कहा है:

“मेरे लिए क्रिकेट का मतलब हमेशा सचिन तेंदुलकर ही रहा है। मैंने उन्हें देखकर बल्ला उठाया था। उनके जैसा कोई नहीं हो सकता।”

विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर से आंकड़ों के लिहाज से पीछे जरूर हैं, लेकिन उनकी लीडरशिप, फिटनेस कल्चर और आक्रामक सोच ने भारतीय टीम को एक नई पहचान दी है।

जहां सचिन ने 90 के दशक में भारत को क्रिकेट से जोड़ा, वहीं कोहली ने उसे दुनिया में डर पैदा करने वाली टेस्ट टीम बनाया।

दोनों ही खिलाड़ी अपने युग के चैंपियन हैं — एक ने उम्मीद दी, तो दूसरे ने विश्वास।

Cannes 2025 में उर्वशी रौतेला का ग्लैमरस अवतार, तोता क्लच बना सुर्खियों का कारण

Urvashi Rautela stuns at Cannes 2025 with a parrot clutch

KKN गुरुग्राम डेस्क | हर साल की तरह इस बार भी उर्वशी रौतेला ने Cannes Film Festival 2025 में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और अपने बोल्ड तथा अनूठे लुक से चर्चा का विषय बन गईं। उन्होंने रेड कार्पेट पर एक रंग-बिरंगे फिशटेल गाउन में एंट्री की, जिसे एक चमकदार टियारा और ₹4.68 लाख का तोते के आकार का क्रिस्टल क्लच पूरी तरह से कॉम्प्लिमेंट कर रहा था।

यह एक्सेसरी न केवल उनकी ड्रेस को यूनिक बना रही थी बल्कि यही उनकी चर्चा का मुख्य केंद्र भी बन गई।

 ₹4.68 लाख का ‘तोता क्लच’ – जानिए क्या है खास

उर्वशी के हाथ में देखा गया तोते के आकार का क्लच अमेरिकन डिज़ाइनर ब्रांड Judith Leiber Couture द्वारा डिजाइन किया गया है। यह हैंडक्राफ्टेड बैग स्वारोवस्की क्वालिटी के क्रिस्टल्स से जड़ा हुआ है और दुनिया भर की सेलिब्रिटीज इसे रेड कार्पेट पर कैरी कर चुकी हैं।

प्रमुख विशेषताएं:

  • ब्रांड: Judith Leiber

  • स्टाइल: क्रिस्टल बीडेड मिनाउडीयर

  • शेप: 3D तोता (Parrot)

  • कीमत: ₹4.68 लाख (लगभग $5,600)

  • एक्सक्लूसिव ग्लोबल स्टाइल स्टेटमेंट

 सोशल मीडिया पर वायरल, मिले-जुले रिएक्शन

जैसे ही उर्वशी के फोटोज़ और वीडियोज़ सोशल मीडिया पर सामने आए, X (पूर्व में ट्विटर), इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर मीम्स और कमेंट्स की बाढ़ आ गई। यूजर्स के कुछ मजेदार रिएक्शन्स:

  • “मौलिन रूज मीट्स मयूर विहार!”

  • “उसे तोते के साथ चिड़ियाघर भेज दो।”

  • “Cannes में पहली महिला जो ₹4.68 लाख का तोता लेकर गई।”

  • “शायद वो भविष्य बताने गई हैं – तोता लेकर।”

जहां कुछ यूजर्स ने उर्वशी को ट्रोल किया, वहीं उनके फैंस ने इस लुक को ‘साहसिक और इनोवेटिव’ बताया।

 हर साल की तरह इस बार भी चर्चा में रहीं उर्वशी

उर्वशी रौतेला हर साल Cannes Film Festival में शामिल होती हैं और अपने स्टाइल स्टेटमेंट के लिए सुर्खियां बटोरती हैं। पिछले वर्षों में भी उनके फेदर गाउन, लंबी ट्रेल वाली ड्रेस और हाई-ड्रामा लुक्स चर्चा में रहे हैं।

इस साल उनका उद्देश्य सिर्फ रेड कार्पेट की शोभा बढ़ाना नहीं था, बल्कि एक ऐसा फैशन संदेश देना था जो परंपरागत सौंदर्य मानकों को चुनौती दे।

 फैशन एक्सपर्ट्स की राय: क्रिएटिविटी या ओवरडोज़?

फैशन इंडस्ट्री में उर्वशी के लुक को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है।

स्टाइलिस्ट नेहा भल्ला कहती हैं:

“तोते जैसे नॉवेल्टी क्लच को कैरी करना एक जोखिम भरा फैसला होता है, लेकिन अगर स्टाइल के साथ किया जाए तो यह शानदार दिखता है। उर्वशी ने इस लुक को आत्मविश्वास से कैरी किया।”

फैशन समीक्षक रिया दत्ता के अनुसार:

“इस तरह के लुक का उद्देश्य ही है — चर्चा शुरू करना। और अगर लोग बात कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि लुक ने काम कर दिया।”

🇮🇳 भारतीय प्रतिनिधित्व और ग्लोबल मंच पर उर्वशी की छाप

इस साल Cannes 2025 में भारतीय सिनेमा का प्रभावशाली प्रतिनिधित्व देखने को मिला। जहां एक ओर HomeboundTanvi The Great जैसी फिल्मों ने फेस्टिवल में भारतीय सिनेमा की शक्ति को दर्शाया, वहीं उर्वशी जैसे सेलेब्स ने फैशन के माध्यम से भारतीय ग्लैमर को ग्लोबल मंच पर पेश किया।

यह दिखाता है कि भारत अब केवल कंटेंट में ही नहीं, बल्कि फैशन और स्टाइल के क्षेत्र में भी वैश्विक पहचान बना रहा है

 ब्रांडिंग और मार्केटिंग का मजबूत संदेश

Judith Leiber जैसे हाई-एंड ग्लोबल ब्रांड्स का इस्तेमाल केवल स्टाइल स्टेटमेंट नहीं, बल्कि ब्रांड एलायंसेज और फ्यूचर एंडोर्समेंट्स का संकेत भी होता है।

उर्वशी के इस क्लच के फायदे:

  • इंटरनेशनल फैशन मीडिया में हाईलाइट

  • ब्रांड को भारतीय बाजार में प्रमोशन

  • ग्लोबल फैशन इंफ्लुएंसर के रूप में पहचान

 पब्लिसिटी बनाम ट्रोलिंग: फायदे का सौदा

फिल्म इंडस्ट्री में एक कहावत मशहूर है — “कोई भी पब्लिसिटी, बुरी पब्लिसिटी नहीं होती।”

उर्वशी रौतेला:

  • सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं

  • इंटरनेशनल फैशन पोर्टल्स पर जगह बना रही हैं

  • अपनी डिजिटल फॉलोइंग को तेजी से बढ़ा रही हैं

यानि ट्रोल्स से परे, यह लुक उन्हें विजिबिलिटी और ब्रांड वैल्यू दोनों दे रहा है।

Cannes 2025 में उर्वशी रौतेला का ₹4.68 लाख का तोते वाला क्लच और उनका स्टाइलिश गाउन एक बार फिर यह साबित करता है कि वह फैशन से समझौता नहीं करतीं। वह रिस्क लेती हैं, चर्चा में रहती हैं, और यही उन्हें भीड़ से अलग करता है।

यह लुक सिर्फ एक कपड़ा या बैग नहीं था — यह एक संदेश था कि भारतीय महिलाएं अब ग्लोबल मंच पर सिर्फ पारंपरिकता नहीं, बल्कि बोल्डनेस के साथ भी खड़ी हो रही हैं।

स्मार्टफोन बाजार में गिरावट के बीच भारत में एप्पल की ऐतिहासिक ग्रोथ, टॉप 5 में पहली बार एंट्री

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KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत का स्मार्टफोन बाजार 2025 की पहली तिमाही में एक नया ट्रेंड दिखा रहा है। जहां कुल स्मार्टफोन बिक्री में 5.5% की गिरावट आई है, वहीं Apple ने इस मंदी के बीच 23% की ग्रोथ दर्ज की है। पहली बार, एप्पल भारत के शीर्ष 5 स्मार्टफोन ब्रांड्स की सूची में शामिल हुआ है।

इससे यह साफ होता है कि भारतीय यूजर्स अब केवल सस्ते फोनों के बजाय ब्रांड, गुणवत्ता और भरोसे को महत्व देने लगे हैं।

स्मार्टफोन मार्केट में गिरावट क्यों?

स्मार्टफोन बिक्री में गिरावट के प्रमुख कारण:

  • उपभोक्ताओं द्वारा फोनों को लंबे समय तक उपयोग करना: अब यूजर्स हर साल फोन बदलने की बजाय, 2-3 साल तक एक ही डिवाइस का उपयोग कर रहे हैं।

  • नई टेक्नोलॉजी में ठहराव: फोल्डेबल या AI-इंटीग्रेटेड जैसे बड़े बदलाव कम दिख रहे हैं, जिससे अपग्रेड का कारण नहीं बन रहा।

  • महंगाई और बजट का दबाव: आर्थिक दबाव और खर्च में कटौती के चलते लोग नया फोन खरीदने से बच रहे हैं।

  • बजट सेगमेंट का संतृप्त होना: अब हर घर में एक स्मार्टफोन है, खासकर ₹15,000 से कम वाले सेगमेंट में।

Apple की भारत में ग्रोथ: कैसे बदली रणनीति?

एप्पल की ग्रोथ के प्रमुख कारण:

  1. लोकल मैन्युफैक्चरिंग और PLI स्कीम
    Apple ने भारत में iPhones का निर्माण बढ़ा दिया है, जिससे कस्टम ड्यूटी कम हुई और कीमतों में संतुलन आया।

  2. ऑफलाइन रिटेल का विस्तार
    मुंबई और दिल्ली में एक्सक्लूसिव Apple स्टोर खोलने के साथ-साथ अधिकृत विक्रेताओं के नेटवर्क को मजबूत किया गया।

  3. ई-कॉमर्स पर शानदार ऑफर
    Flipkart, Amazon और Croma जैसे प्लेटफॉर्म पर आकर्षक छूट, नो-कॉस्ट EMI और एक्सचेंज ऑफर ने ग्राहकों को आकर्षित किया।

  4. ब्रांड लॉयल्टी और Apple इकोसिस्टम
    iPhone खरीदने वाला यूजर अक्सर iPad, Mac, और Watch जैसे अन्य डिवाइस भी अपनाता है, जिससे ब्रांड से जुड़ाव बढ़ता है।

  5. बेहतर सॉफ्टवेयर और सर्विस सपोर्ट
    Apple के लंबे समय तक मिलने वाले iOS अपडेट और बेहतर कस्टमर सर्विस ने विश्वास जीत लिया है।

Xiaomi और Poco का गिरता ग्राफ

कभी बाजार के किंग, अब टॉप 5 से बाहर

चाइनीज ब्रांड Xiaomi और उसका सब-ब्रांड Poco एक समय भारत के स्मार्टफोन बाजार में शीर्ष पर थे। लेकिन अब ये दोनों ब्रांड टॉप 5 की सूची से बाहर हो चुके हैंIDC रिपोर्ट के अनुसार, Xiaomi अब छठे स्थान पर है और Poco उससे भी नीचे फिसल चुका है।

गिरावट के कारण:

  • बार-बार एक जैसे डिजाइन और फीचर्स से उपभोक्ता बोर हो गए हैं।

  • इन ब्रांड्स में टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन की कमी दिखी है।

  • ब्रांड के प्रति विश्वास में कमी और जियोपॉलिटिकल टेंशन ने भी असर डाला है।

  • प्रीमियम अनुभव की कमी, जो Apple और Samsung दे रहे हैं।

Realme की वापसी: मिड-रेंज में धमाल

Realme ने मारी बाज़ी

जहां Xiaomi और Poco फिसले, वहीं Realme ने वापसी करते हुए टॉप 5 में जगह बना ली हैखासकर मिड-रेंज खरीदारों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ी है।

लोकप्रिय मॉडल्स जैसेRealme 14, Narzo 80 और P3 सीरीज ने लोगों का ध्यान खींचा है। ये फोन बेहतरीन प्रोसेसर, कैमरा और बैटरी के साथ कम कीमत में उपलब्ध हैं, जो युवाओं के बीच इसे पसंदीदा बनाते हैं।

भारत में टॉप 10 स्मार्टफोन ब्रांड्स (Q1 2025)

IDC की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही में भारत के टॉप 10 स्मार्टफोन ब्रांड्स निम्नलिखित हैं:

  1. Samsung

  2. Apple

  3. Vivo

  4. Oppo

  5. Realme

  6. Xiaomi

  7. Motorola

  8. Poco

  9. OnePlus

  10. Infinix/Itel

विशेष बातें:

  • Samsung अपनी व्यापक रेंज के दम पर शीर्ष पर बना हुआ है।

  • Apple की टॉप 2 में एंट्री एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

  • Vivo और Oppo का ऑफलाइन मार्केट में दबदबा कायम है।

  • OnePlus की रैंकिंग में गिरावट हुई है, जो ब्रांड पोजिशनिंग में भ्रम का संकेत देती है।

  • Infinix और Itel जैसे ब्रांड्स अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय हैं।

2025 का स्मार्टफोन बाजार अब एक बजट-सेंट्रिक से वैल्यू-सेंट्रिक मार्केट में बदल रहा है। अब ग्राहक केवल सस्ता फोन नहीं चाहते, बल्कि:

  • ब्रांड की साख,

  • लंबी अवधि का उपयोग,

  • स्मूद सॉफ्टवेयर,

  • और बेहतर सर्विस को प्राथमिकता दे रहे हैं।

Apple की ग्रोथ यह साबित करती है कि अब भारत में भी लोग प्रीमियम ब्रांड्स की ओर झुकाव दिखा रहे हैं। स्मार्टफोन कंपनियों के लिए यह एक संकेत है – सिर्फ सस्ता होने से काम नहीं चलेगा, अब ग्राहकों को भरोसा और अनुभव भी चाहिए।

BSF जवान पूर्णम कुमार शॉ को पाकिस्तान ने छोड़ा, अटारी बॉर्डर से भारत लौटे सकुशल

BSF constable PK Shaw talks about mental torture he faced during his detention in Pakistan,

KKN गुरुग्राम डेस्क | बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ 23 अप्रैल 2025 को पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में गश्त के दौरान गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गए थे। पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें अपने क्षेत्र में पकड़ लिया और हिरासत में ले लिया। जैसे ही यह सूचना बीएसएफ और भारतीय एजेंसियों को मिली, जवान की सुरक्षित वापसी के प्रयास तेज कर दिए गए।

14 मई को अटारी-वाघा बॉर्डर से वापसी

लगभग 21 दिनों की हिरासत के बाद, 14 मई की सुबह करीब 10:30 बजे, पाकिस्तान रेंजर्स ने अमृतसर स्थित अटारी-वाघा संयुक्त चेक पोस्ट के माध्यम से जवान को भारत को सौंप दिया। इस दौरान बीएसएफ अधिकारियों की टीम और जवान का परिवार भी मौजूद था।

बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया:

“बीएसएफ कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को आज सुबह 10:30 बजे पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से अटारी-वाघा बॉर्डर पर सौंपा गया। यह हैंडओवर पूर्व निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार हुआ।”

 परिवार की पीड़ा और पत्नी का संघर्ष

पूर्णम कुमार की पत्नी रजनी शॉ, जो इस समय गर्भवती हैं, पिछले कुछ हफ्तों से अपने पति की वापसी के लिए विभिन्न स्तरों पर गुहार लगा रही थीं। उन्होंने फिरोजपुर में बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात की थी और आश्वासन मिलने के बाद अपने बेटे और परिजनों के साथ कोलकाता लौट गई थीं

उनकी अपीलें मीडिया में सामने आने के बाद जनता और राजनीतिक दलों का ध्यान इस मामले पर केंद्रित हुआ, जिससे भारत सरकार पर तेजी से कार्रवाई करने का दबाव बना।

 भारत सरकार की कूटनीतिक पहल

जवान की वापसी के पीछे भारत सरकार की सक्रिय कूटनीतिक पहल भी अहम रही। विदेश मंत्रालय (MEA) ने पाकिस्तान के साथ डिप्लोमैटिक चैनलों के ज़रिए उच्च स्तरीय संवाद शुरू किया और स्पष्ट किया कि जवान की सीमा पार करना अनजाने में हुआ था, इसलिए उन्हें शीघ्र रिहा किया जाना चाहिए।

भारत की ओर से लगातार दबाव बनाए रखने के बाद, पाकिस्तान को जवान को सकुशल वापस भेजना पड़ा

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया

इस घटना पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी 5 मई को चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी जवान के परिवार के संपर्क में हैं और राज्य सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर है।

राज्य स्तर पर मिले इस समर्थन ने भी केंद्र सरकार को जल्दी कार्रवाई के लिए प्रेरित किया।

 बीएसएफ की सतर्कता और भविष्य के निर्देश

बीएसएफ ने इस घटना के बाद सभी जवानों को सीमा पर गश्त के दौरान अधिक सतर्क रहने की सख्त हिदायत दी है। फिरोजपुर सेक्टर जैसे इलाकों में प्राकृतिक सीमांकन की कमी और रात में गश्त के दौरान दृश्यता में गिरावट जैसी परिस्थितियों में इस प्रकार की घटनाएं पहले भी हुई हैं।

अब BSF इन क्षेत्रों में बॉर्डर सेंसिंग टेक्नोलॉजीस्मार्ट फेंसिंग, और बॉर्डर मैपिंग को और बेहतर बनाने पर विचार कर रही है।

 क्या होगा अब: मेडिकल चेकअप और डिब्रीफिंग

जवान के भारत लौटने के बाद उन्हें बीएसएफ द्वारा:

  • स्वास्थ्य परीक्षण (Medical Checkup)

  • डिब्रीफिंग और मानसिक परामर्श

  • अनुशासनात्मक जांच (if any)

  • परिवार से मिलवाने के लिए छुट्टी
    प्रदान की जाएगी।

BSF की एक टीम जवान के साथ हुई पूरी प्रक्रिया का दस्तावेज तैयार करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए रिपोर्ट सौंपेगी।

 ऐसे मामले पहले भी हो चुके हैं

यह कोई पहली बार नहीं है जब भारत का कोई सैनिक या नागरिक गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गया हो। पहले भी कई बार भारत-पाकिस्तान सीमा पर:

  • BSF जवानों का गलती से सीमा पार जाना

  • किसानों या पशुपालकों का भटक जाना

  • नाविकों का समुद्री सीमा पार करना
    जैसे मामले सामने आए हैं।

इन मामलों में दोनों देशों के बीच स्थापित प्रोटोकॉल के तहत हस्तांतरण (handover) की प्रक्रिया होती है।

 कोलकाता में खुशी का माहौल

पूर्णम शॉ के कोलकाता स्थित निवास स्थान पर जश्न और राहत का माहौल है। पड़ोसियों और परिजनों ने मिठाइयां बांटी और सरकार का आभार जताया। रजनी शॉ ने मीडिया से बातचीत में कहा:

“मैं भारत सरकार और बीएसएफ की आभारी हूं, जिन्होंने मेरे पति को सुरक्षित वापस लाने के लिए दिन-रात मेहनत की। यह मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं।”

BSF जवान पूर्णम कुमार शॉ की वापसी एक बार फिर यह साबित करती है कि सही कूटनीतिक रणनीतिपरिवार की आवाज और मीडिया व जन समर्थन मिलकर असंभव को भी संभव बना सकते हैं। साथ ही यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि सीमाओं की सुरक्षा में लगे जवानों की प्रशिक्षण और सुरक्षा तकनीक को और सशक्त करने की जरूरत है।

Dhadkan Re-Release 2025: 25 साल बाद फिर बड़े पर्दे पर गूंजेगी ‘धड़कन’, जानें कब और कहां देख सकेंगे फिल्म

Dhadak Re-release: Akshay Kumar's romantic film

KKN गुरुग्राम डेस्क | बॉलीवुड प्रेमियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। साल 2000 में रिलीज हुई अक्षय कुमार, शिल्पा शेट्टी और सुनील शेट्टी की सुपरहिट फिल्म ‘धड़कन’ अब 25 साल बाद फिर से सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। यह फिल्म 23 मई 2025 को चुनिंदा थिएटरों में री-रिलीज की जाएगी।

फिल्म के निर्माता रतन जैन और निर्देशक धर्मेश दर्शन हैं। फिल्म ने अपने समय में न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया था, बल्कि आज भी यह रोमांस, बलिदान और भावनाओं की मिसाल मानी जाती है।

धड़कन की कहानी: प्यार, जुदाई और बलिदान

फिल्म की कहानी अंजलि (शिल्पा शेट्टी)देव (सुनील शेट्टी) और राम (अक्षय कुमार) के त्रिकोणीय प्रेम पर आधारित है। अंजलि देव से बेहद प्यार करती है लेकिन उसका अमीर और रुतबेदार परिवार इस रिश्ते के खिलाफ होता है। , अंजलि की शादी राम से करा दी जाती है, जो कि एक शांत, समझदार और संवेदनशील व्यक्ति है।

समय के साथ अंजलि को राम की अच्छाई समझ आती है और वह देव को भूलने की कोशिश करती है। लेकिन जब देव एक सफल और ताकतवर बिजनेसमैन बनकर लौटता है, तब कहानी में नया मोड़ आता है।

 कलाकारों का योगदान: यादगार अभिनय

  • अक्षय कुमार (राम):
    एक सौम्य और सहनशील पति के रूप में अक्षय का अभिनय बेहद प्रभावशाली रहा। यह रोल उनके करियर के शुरुआती गंभीर भूमिकाओं में से एक था।

  • शिल्पा शेट्टी (अंजलि):
    एक ऐसी महिला के किरदार में जो प्यार और कर्तव्य के बीच फंसी है, शिल्पा ने दिल जीत लेने वाला अभिनय किया।

  • सुनील शेट्टी (देव):
    एक भावुक प्रेमी से बदले की आग में जलते बिजनेसमैन की भूमिका में सुनील ने अपने करियर का सबसे दमदार प्रदर्शन दिया। उन्हें इसके लिए फिल्मफेयर बेस्ट विलेन अवॉर्ड भी मिला था।

 संगीत: धड़कन की आत्मा

फिल्म का संगीत इसकी सबसे बड़ी ताकत रही है। नदीम-श्रवण द्वारा संगीतबद्ध किए गए गीत आज भी लोगों की जुबान पर हैं।

प्रसिद्ध गीतों में शामिल हैं:

  • “तुम दिल की धड़कन में”

  • “दिल ने ये कहा है दिल से”

  • “ना ना करते प्यार”

  • “दूल्हे का सेहरा”

ये गीत न केवल चार्टबस्टर थे, बल्कि आज भी शादियों और प्रेम गीतों की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं।

 फिल्म की री-रिलीज क्यों?

हाल के वर्षों में कई बॉलीवुड क्लासिक फिल्मों को दोबारा सिनेमाघरों में रिलीज किया गया है। जैसे गदरदिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे और कुछ कुछ होता है। इसी कड़ी में अब ‘धड़कन’ को 25वीं वर्षगांठ के मौके पर दोबारा प्रदर्शित किया जा रहा है।

इसका उद्देश्य है:

  • नई पीढ़ी को इस क्लासिक प्रेम कहानी से जोड़ना

  • पुराने दर्शकों के लिए नॉस्टेल्जिया का अनुभव

  • सिनेमाघरों में भावनात्मक और पारिवारिक फिल्म देखने का मौका देना

फैंस की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर खुशी की लहर

री-रिलीज की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर #DhadkanReturns ट्रेंड करने लगा। फैंस ने उत्साह के साथ अपनी भावनाएं जाहिर कीं:

  • “इस फिल्म को थिएटर में फिर से देखना सपना सच होने जैसा है।”

  • “धड़कन की कहानी आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी 25 साल पहले थी।”

  • “देव, अंजलि और राम की त्रिकोणीय प्रेम कहानी आज भी दिल को छू जाती है।”

संस्कृतिक महत्व और बॉलीवुड में योगदान

धड़कन ने बॉलीवुड में रोमांटिक ड्रामा की परिभाषा बदल दी। इस फिल्म ने दिखाया कि प्यार सिर्फ जुनून नहीं, बल्कि समझदारी, त्याग और सम्मान भी होता है।

फिल्म के डायलॉग्स, संगीत और अभिनय ने इसे पॉप कल्चर का हिस्सा बना दिया। कॉलेज के नाटकों से लेकर म्यूजिक रियलिटी शोज तक, ‘धड़कन’ का प्रभाव आज भी बना हुआ है।

कब और कहां देख सकते हैं ‘धड़कन’?

फिल्म 23 मई 2025 को भारत के चुनिंदा सिनेमाघरों में री-रिलीज की जाएगी। बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता में इसकी स्क्रीनिंग की संभावना ज्यादा है।

कुछ मल्टीप्लेक्स श्रृंखलाएं इसे Nostalgia Package के तहत रिलीज करेंगी, जिसमें पुराने पोस्टर, थीम-आधारित टिकट्स और विशेष शो शामिल हो सकते हैं।

धड़कन जैसी फिल्मों की री-रिलीज क्यों हो रही है?

  • कम प्रमोशन लागत

  • परिवार के साथ देखने योग्य कंटेंट

  • सिनेमाघरों को वीकेंड फुटफॉल बढ़ाने का मौका

  • ओटीटी और थिएटर का संतुलन

री-रिलीज फिल्में अब एक रणनीतिक ट्रेंड बन चुकी हैं, जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ती हैं और बॉक्स ऑफिस को भी फायदा देती हैं।

अगर आप 2000 के दशक की यादों में लौटना चाहते हैं, या कभी ‘धड़कन’ नहीं देखी तो यह मौका हाथ से न जाने दें। यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, एक भावनात्मक यात्रा है।

23 मई 2025 को, देव, अंजलि और राम की यह कहानी फिर से आपके दिल को छूने आ रही है — इस बार एक नई पीढ़ी के साथ।

Gold Silver Rate Today (14 May 2025): आज सोने के दाम में बड़ी गिरावट, चांदी के भाव स्थिर

Gold and Silver Prices Surge on 12 July 2025

KKN गुरुग्राम डेस्क | बुधवार 14 मई को सर्राफा बाजार से आई जानकारी के अनुसार, आज सोने की कीमतों में ₹540 प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं चांदी की कीमतों में कोई बदलाव नहीं आया है।

18 कैरेट सोना (10 ग्राम):

  • दिल्ली: ₹72,170

  • मुंबई और कोलकाता: ₹71,040

  • भोपाल और इंदौर: ₹72,080

  • चेन्नई: ₹72,200

 22 कैरेट सोना (10 ग्राम):

  • दिल्ली, जयपुर, लखनऊ: ₹88,200

  • भोपाल और इंदौर: ₹88,100

  • हैदराबाद, केरल, मुंबई, कोलकाता: ₹88,050

 24 कैरेट सोना (10 ग्राम):

  • दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, चंडीगढ़: ₹96,210

  • भोपाल और इंदौर: ₹96,110

  • मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, केरल: ₹96,060

 आज की चांदी की कीमत (Silver Rate Today – 14 May 2025)

1 किलो चांदी का भाव देशभर में अलग-अलग शहरों में कुछ इस प्रकार रहा:

  • दिल्ली, मुंबई, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ: ₹97,900

  • भोपाल और इंदौर: ₹97,900

  • चेन्नई, मदुरै, हैदराबाद, केरल: ₹1,09,000

दक्षिण भारत में चांदी के भाव अपेक्षाकृत अधिक चल रहे हैं, जो स्थानीय मांग और ट्रांसपोर्टेशन लागत के कारण हो सकता है।

 सोने की कीमतों में गिरावट का कारण क्या है?

सोने की कीमतों में आई इस गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं:

  • अंतरराष्ट्रीय बाजारों में दबाव

  • रुपये की मजबूती

  • अमेरिका में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें स्थिर रखने का संकेत

  • घरेलू आभूषण बाजार में मांग में अस्थायी गिरावट

विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अल्पकालिक है और आने वाले शादी-ब्याह और त्योहारों के सीजन में मांग फिर से बढ़ सकती है।

 क्या आज सोना खरीदना फायदेमंद रहेगा?

सोने में निवेश करना हमेशा से भारतीय परिवारों के लिए सुरक्षित और लाभकारी विकल्प रहा है। आज की गिरावट उन लोगों के लिए सुनहरा मौका हो सकती है जो:

  • शादी या त्योहार के लिए आभूषण खरीदने की सोच रहे हैं

  • लॉन्ग टर्म निवेश के लिए सोना खरीदना चाहते हैं

  • गोल्ड ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना चाहते हैं

विशेषज्ञों के अनुसार, ₹96,000 की रेंज में 24 कैरेट सोना खरीदने योग्य स्तर पर है।

 सोने की शुद्धता कैसे पहचानें? जानिए हॉलमार्किंग के संकेत

भारत में अब अधिकांश ज्वैलर्स BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) हॉलमार्किंग का पालन करते हैं। सोने की शुद्धता को पहचानने के लिए निम्न संकेतों पर ध्यान दें:

 हॉलमार्क कैरेट और उसकी शुद्धता:

  • 24 कैरेट – 999 (99.9%)

  • 23 कैरेट – 958 (95.8%)

  • 22 कैरेट – 916 (91.6%)

  • 21 कैरेट – 875 (87.5%)

  • 18 कैरेट – 750 (75%)

 ध्यान रखें:

  • 24 कैरेट सोने से आभूषण नहीं बनाए जाते, यह ज्यादा तर सिक्कों और बार्स के रूप में मिलता है।

  • आभूषणों में आमतौर पर 22 या 18 कैरेट का प्रयोग होता है।

  • खरीदते समय BIS हॉलमार्क, कैरेट संकेत और ज्वैलर की यूनिक ID ज़रूर जांचें।

 बाजार विश्लेषण और भविष्य की संभावनाएं

 विश्लेषकों की राय:

  • “सोने में आई यह गिरावट सीमित समय के लिए है। ₹95,000 से ₹96,000 के बीच निवेश एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।” – अनिल बंसल, वरिष्ठ एनालिस्ट, इंडियन बुलियन एसोसिएशन

भविष्य की प्रवृत्तियां:

  • सोना: वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के चलते फिर से तेज़ी आ सकती है।

  • चांदी: वर्तमान स्तर पर स्थिर रहने की संभावना, लेकिन औद्योगिक मांग से भाव प्रभावित हो सकते हैं।

आपके शहर का आज का रेट – एक नजर में

शहर18K सोना (10g)22K सोना (10g)24K सोना (10g)चांदी (1kg)
दिल्ली₹72,170₹88,200₹96,210₹97,900
मुंबई₹71,040₹88,050₹96,060₹97,900
चेन्नई₹72,200₹88,050₹96,060₹1,09,000
कोलकाता₹71,040₹88,050₹96,060₹97,900
इंदौर₹72,080₹88,100₹96,110₹97,900
भोपाल₹72,080₹88,100₹96,110₹97,900
लखनऊ₹72,170₹88,200₹96,210₹97,900
हैदराबाद₹72,200₹88,050₹96,060₹1,09,000

14 मई 2025 को सोने की कीमतों में आई गिरावट आम उपभोक्ताओं और निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर है। वहीं चांदी के भाव स्थिर हैं लेकिन दक्षिण भारत में थोड़े ऊंचे हैं। यदि आप आभूषण खरीदने की योजना बना रहे हैं या निवेश के विकल्प तलाश रहे हैं, तो आज बाजार में कदम रखने से पहले दाम और शुद्धता की जानकारी जरूर ले लें।