राहुल गांधी का बिहार दौरा: छात्र संवाद, ‘फुले’ फिल्म की स्क्रीनिंग और 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक विवाद

Bihar Political Row: Congress Alleges Rahul Gandhi’s Darbhanga Event Blocked on ‘Super CM’s Orders’

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राज्य में एक और राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की है। इस बार का दौरा सिर्फ चुनावी भाषणों तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा, सामाजिक न्याय और जातिगत जनगणना जैसे मुद्दों पर केंद्रित है।

राहुल गांधी का यह पांच महीनों में चौथा दौरा है, जिससे यह साफ है कि कांग्रेस पार्टी बिहार में रणनीतिक रूप से सक्रिय हो चुकी है।

 दरभंगा में ‘शिक्षा न्याय संवाद’: छात्रों से सीधे संवाद

राहुल गांधी ने अपने बिहार दौरे की शुरुआत दरभंगा से की, जहां उन्होंने एक विशेष कार्यक्रम ‘शिक्षा न्याय संवाद’ के तहत दलित, पिछड़े, अति पिछड़े और ओबीसी छात्रों से मुलाकात की। इस संवाद का मुख्य उद्देश्य था:

  • छात्रों की शिक्षा से जुड़ी समस्याएं सुनना

  • रोजगार, डिग्री में देरी और छात्रवृत्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा

  • जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय की भूमिका को समझना

 आयोजन स्थल पर विवाद: छात्रावास से नगर भवन तक

यह संवाद पहले डॉ. आंबेडकर कल्याण छात्रावास परिसर में आयोजित होना था, लेकिन जिला प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी। जिला अधिकारी राजीव रौशन ने स्पष्ट किया कि छात्रावास शैक्षणिक स्थल है और वहां राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति नहीं है। प्रशासन ने विकल्प के रूप में नगर भवन की अनुमति दी।

कांग्रेस का आरोप: लोकतांत्रिक संवाद में बाधा

प्रशासन द्वारा आयोजन स्थल बदलने के फैसले को कांग्रेस ने “दमनकारी कार्रवाई” बताया है। AICC के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक अभय दुबे ने कहा कि यह फैसला जानबूझकर लिया गया, ताकि राहुल गांधी छात्रों से संवाद न कर सकें।

कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी शेयर किया जिसमें पुलिस द्वारा छात्रों को लौटाने और विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं को हटाने का दावा किया गया।

 पटना में ‘फुले’ फिल्म की खास स्क्रीनिंग

दरभंगा के कार्यक्रम के बाद राहुल गांधी पटना पहुंचे, जहां उन्होंने दलित-बहुजन मुद्दों पर आधारित चर्चित फिल्म ‘फुले’ की एक विशेष स्क्रीनिंग में हिस्सा लिया। फिल्म महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है, जो शिक्षा और सामाजिक न्याय के प्रतीक माने जाते हैं।

इस कार्यक्रम में करीब 250 बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और छात्रों को आमंत्रित किया गया था। राहुल गांधी इस दौरान कांग्रेस नेताओं के बिना उपस्थित रहे, ताकि कार्यक्रम का फोकस राजनीतिक नहीं, सामाजिक संदेशों पर बना रहे।

शिक्षा न्याय अभियान: कांग्रेस का नया जन आंदोलन

इस दौरे के साथ कांग्रेस ने बिहार में ‘शिक्षा न्याय’ अभियान की शुरुआत की। बिहार कांग्रेस ने छात्रों से जुड़ने के लिए www.naukrido.in पोर्टल और 99110 414 24 पर मिस्ड कॉल कैंपेन लॉन्च किया है।

इसका उद्देश्य है:

  • छात्रों की समस्याओं को सुनना

  • घोषणापत्र में शिक्षा, रोजगार और आरक्षण के मुद्दों को शामिल करना

  • निजी संस्थानों में भी आरक्षण लागू करने की मांग

 बिहार कांग्रेस अध्यक्ष का बयान

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा,

“राहुल गांधी जातिगत जनगणना, 50% आरक्षण की सीमा को खत्म करने और निजी क्षेत्र में आरक्षण की वकालत कर रहे हैं। अब वक्त है छात्रों और युवाओं को उनका हक दिलाने का।”

जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय पर केंद्रित रणनीति

राहुल गांधी ने बार-बार जातिगत जनगणना की मांग को प्रमुखता दी है। अब जब केंद्र सरकार ने इसे स्वीकार किया है, कांग्रेस इसका श्रेय राहुल गांधी की जन आवाज़ को दे रही है।

इसके साथ ही कांग्रेस यह भी मांग कर रही है कि:

  • निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू हो

  • 50% की सीमा को हटाया जाए

  • दलित, ओबीसी और ईबीसी वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा में प्राथमिकता मिले

 राहुल गांधी की बिहार यात्रा का टाइमलाइन

राहुल गांधी का यह दौरा पिछले 5 महीनों में चौथी बार बिहार आने का उदाहरण है। उनके पूर्व दौरे इस प्रकार रहे:

  • 18 जनवरी 2025

  • 4 फरवरी 2025

  • 7 अप्रैल 2025

हर बार उन्होंने सामाजिक न्यायरोजगार, और शिक्षा जैसे मुद्दों को केंद्र में रखा है।

बिहार चुनाव 2025 की तैयारी में कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह सक्रिय हो गई है। राहुल गांधी की यात्राएं दर्शाती हैं कि पार्टी ग्राउंड लेवल पर संपर्कयुवा संवाद, और सांस्कृतिक प्रतीकों के माध्यम से जन समर्थन जुटाने की कोशिश में लगी है।

राहुल गांधी की बिहार यात्रा चुनावी नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और जन संवाद पर आधारित नजर आती है। शिक्षा, रोजगार और आरक्षण जैसे मुद्दों पर उनका फोकस उन वर्गों में प्रभाव डाल सकता है जो वर्षों से उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

अब देखने वाली बात होगी कि क्या यह अभियान बिहार के राजनीतिक समीकरणों को नई दिशा दे सकेगा।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply