गुरूवार, जुलाई 17, 2025

राज निदिमोरू और सामंथा रुथ प्रभु के डेटिंग अफवाहें: क्या उनके रिश्ते की शुरुआत फिल्मकार की पत्नी से अलगाव के बाद हुई?

Raj Nidimoru and Samantha Ruth Prabhu spark dating rumors

हाल ही में फिल्म निर्माता राज निदिमोरू और अभिनेत्री सामंथा रुथ प्रभु के रिश्ते को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहें तेजी से फैल रही हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, ये दोनों एक साथ रहने का प्लान बना रहे हैं, जबकि सामंथा के प्रबंधक ने इन दावों को नकारा किया है। इन अफवाहों के बीच, राज निदिमोरू की पूर्व पत्नी श्यामली डे द्वारा पोस्ट की गई एक गुप्त संदेश ने इस रिश्ते को लेकर और भी जिज्ञासा पैदा कर दी है। लेकिन क्या इन अफवाहों में कोई सच्चाई है? आइए जानते हैं, हम तक जो जानकारी पहुंची है।

राज और सामंथा के रिश्ते की अफवाहें

राज निदिमोरू और सामंथा रुथ प्रभु के रिश्ते को लेकर अफवाहें तेज हो गई हैं। कुछ रिपोर्ट्स का दावा है कि ये दोनों एक साथ रहने जा रहे हैं, जबकि सामंथा के प्रबंधक ने इसका खंडन किया है। इस बीच, राज की पूर्व पत्नी श्यामली डे ने एक गुप्त संदेश सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसे उनके और सामंथा के रिश्ते से जोड़ा जा रहा है। श्यामली ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक संदेश साझा किया जिसमें लिखा था, “मैं उन सभी को आशीर्वाद और प्यार भेजती हूं जो मुझे सोचते हैं, मुझे देखते हैं, मुझे सुनते हैं, मुझे जानते हैं, मुझसे बात करते हैं, मुझसे जुड़े रहते हैं।”

यह पोस्ट भले ही सीधे तौर पर किसी रिश्ते का उल्लेख नहीं करती हो, लेकिन इसे उनके पूर्व पति के नए रिश्ते से जोड़ा जा रहा है, जिससे अफवाहों को और बढ़ावा मिला है।

राज और सामंथा के रिश्ते की टाइमलाइन

कुछ विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, सामंथा और राज ने दो साल पहले उस समय अपने रिश्ते की शुरुआत की थी, जब राज की अपनी पत्नी श्यामली से अलगाव हो चुका था। एक सूत्र ने इस पर स्पष्ट रूप से कहा, “सामंथा कभी भी एक शादीशुदा आदमी से रिश्ता शुरू नहीं करतीं। उसने राज के साथ रिश्ता तब शुरू किया जब वह पहले ही अपनी पत्नी से अलग हो चुके थे और अकेले रह रहे थे।” यह स्पष्टीकरण यह स्पष्ट करता है कि सामंथा और राज का रिश्ता पूरी तरह से वैध था, और इसमें कोई अवैध पहलू नहीं था।

गलत सूचना का खंडन

राज और सामंथा के रिश्ते के साथ कई गलत सूचनाएं भी जुड़ी हुई हैं। एक ऐसी अफवाह है जिसमें दावा किया गया है कि राज और श्यामली डे की एक बेटी है, जबकि यह पूरी तरह से झूठ है। सूत्रों के अनुसार, राज और श्यामली के कोई संतान नहीं है। यह गलत जानकारी केवल अफवाहों को और बढ़ावा देती है।

सामंथा रुथ प्रभु इस मामले पर चुप रही हैं और अफवाहों के बारे में कुछ नहीं कहा है। एक सूत्र ने बताया, “सामंथा ने अपने रिश्ते के बारे में अब तक कुछ नहीं कहा क्योंकि वह महसूस करती हैं कि इस पर बात करने की कोई जरूरत नहीं है। वह हमेशा अपनी निजी जिंदगी को निजी रखना पसंद करती हैं और आगे भी ऐसा ही करेंगी।”

अफवाहों की शुरुआत: पेशेवर सहयोग

राज निदिमोरू और सामंथा रुथ प्रभु के रिश्ते के बारे में अफवाहें पहले उनके पेशेवर सहयोगों के कारण फैलने लगीं। राज निदिमोरू और उनके साथी कृष्णा डीके (राज और डीके) भारतीय OTT इंडस्ट्री में प्रमुख फिल्म निर्माता हैं। उनके द्वारा बनाई गई वेब सीरीज ‘द फैमिली मैन 2’ ने बहुत लोकप्रियता हासिल की, जिसमें सामंथा रुथ प्रभु ने अहम भूमिका निभाई। इस शो में सामंथा ने राजी के किरदार को निभाया, जो एक जटिल और डरावनी एंटागनिस्ट थी।

‘द फैमिली मैन 2’ की सफलता के बाद सामंथा और राज निदिमोरू ने फिर से एक साथ काम किया। उन्होंने ‘सिटाडेल: हनी बनी’ नामक प्रोजेक्ट में साथ काम किया, जिसमें वरुण धवन भी थे। इसके अलावा, सामंथा राज और डीके के आगामी प्रोजेक्ट ‘रक्त ब्रह्मांड’ में भी नजर आएंगी, जिसमें आदित्य रॉय कपूर मुख्य भूमिका में होंगे। यह लगातार पेशेवर सहयोग उनके बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा दे रहा था, जो अंततः व्यक्तिगत रिश्ते की अफवाहों का कारण बना।

राज और सामंथा के पेशेवर संबंध

जबकि राज निदिमोरू और सामंथा रुथ प्रभु के व्यक्तिगत रिश्ते की अफवाहें फैल रही हैं, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उनके बीच एक मजबूत पेशेवर संबंध भी है। राज और डीके भारतीय ओटीटी स्पेस में अपनी विशेष कहानी और किरदार-आधारित कथाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। सामंथा ने उनकी परियोजनाओं में अपने अद्वितीय अभिनय से साबित किया है कि वह एक बहुमुखी अभिनेत्री हैं।

राज और सामंथा का पेशेवर संबंध एक सम्मानजनक साझेदारी में विकसित हुआ है, जिसमें दोनों कलाकार एक दूसरे के काम की सराहना करते हैं। उनके व्यक्तिगत रिश्ते के बारे में जो भी अफवाहें चल रही हैं, उन्हें यह समझने की जरूरत है कि उनका पेशेवर रिश्ता सबसे पहले आता है, और यह निश्चित रूप से उन अफवाहों से परे है।

 क्या है असली सच?

अंत में, यह कहा जा सकता है कि राज निदिमोरू और सामंथा रुथ प्रभु के रिश्ते की अफवाहें पूरी तरह से सही नहीं हैं। सामंथा और राज ने अपना रिश्ता तब शुरू किया जब राज अपनी पत्नी से अलग हो चुके थे, और वे दो साल से एक-दूसरे के साथ हैं। अफवाहों में बसी गलत सूचनाओं को स्पष्ट किया गया है, और अब यह समय है कि हम उनकी व्यक्तिगत जिंदगी को उनके पेशेवर काम से अलग करके देखें।

अब तक, दोनों ने अपनी निजी जिंदगी के बारे में चुप्पी बनाए रखी है, और यह बात साफ है कि वे अपनी मेहनत से बनाए गए करियर को प्राथमिकता देते हैं। इसके बावजूद, उनका व्यक्तिगत रिश्ता किसी भी तरह की गलतफहमी से परे है, और अब समय आ गया है कि हम इस रिश्ते के बारे में और ज्यादा अनुमान न लगाएं।

सिक्किम राज्यत्व दिवस 2025: पीएम मोदी ने 50वीं वर्षगांठ पर सिक्किमवासियों को दी बधाई

Sikkim celebrates 50th statehood day

16 मई 2025 को सिक्किम ने अपनी राज्यत्व की 50वीं वर्षगांठ मनाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम के लोगों को शुभकामनाएं दीं और राज्य के सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक सुंदरता और विकास की सराहना की। यह दिन सिक्किम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो राज्य के नागरिकों और समग्र राष्ट्र के लिए गर्व का प्रतीक बन चुका है।

पीएम मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 मई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर सिक्किम के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, “सिक्किम के राज्यत्व दिवस पर सिक्किमवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं! इस वर्ष यह अवसर और भी खास है क्योंकि हम सिक्किम के राज्यत्व की 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “सिक्किम को शांतिपूर्ण सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और मेहनती लोगों से जोड़ा जाता है। इसने कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है। मैं कामना करता हूँ कि सिक्किम के लोग और अधिक समृद्ध हों।”

सिक्किम की राज्यत्व प्राप्ति का इतिहास

सिक्किम एक स्वतंत्र राजतंत्र था और 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद इसे भारत के संघ का संरक्षित राज्य बना दिया गया था। 1975 में एक जनमत संग्रह के बाद सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना। इसके बाद सिक्किम ने सामाजिक, राजनीतिक और आर्थ‍िक दृष्टि से तेजी से प्रगति की। सिक्किम के राज्य बनने से पूर्व यहाँ की स्थिति और विकास पर कई विवाद थे, लेकिन राज्यत्व प्राप्ति के बाद इस क्षेत्र में बड़े बदलाव आए।

आज सिक्किम को अपनी समृद्ध संस्कृति, जैविक कृषि पद्धतियों और हरित ऊर्जा के लिए जाना जाता है।

सिक्किम की उपलब्धियाँ और विकास

सिक्किम ने पिछले पांच दशकों में कई क्षेत्रों में असाधारण विकास किया है। यहाँ की प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं:

  1. जैविक कृषि में प्रगति: सिक्किम को भारत का पहला पूरी तरह से जैविक राज्य बनने का गौरव प्राप्त है। यहाँ की जैविक खेती मॉडल को न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी सराहा गया है।

  2. पर्यटन में वृद्धि: सिक्किम का इको-टूरिज्म तेजी से बढ़ा है। यहाँ के प्राकृतिक दृश्य, घाटियाँ और हिमालयी क्षेत्र पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

  3. शिक्षा और स्वास्थ्य: सिक्किम ने शिक्षा क्षेत्र में काफी प्रगति की है। यहाँ की साक्षरता दर में निरंतर वृद्धि हुई है, और राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी है।

  4. आधुनिक बुनियादी ढाँचा: सिक्किम के बुनियादी ढाँचे में निरंतर सुधार किया जा रहा है, विशेष रूप से सड़कों, हवाई यात्रा, और संचार के क्षेत्र में।

सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व

सिक्किम अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के विभिन्न समुदायों जैसे लेपचा, भूटिया और नेपाली अपनी-अपनी संस्कृतियों और परंपराओं को मानते हैं। इस राज्य का पर्यावरणीय महत्व भी बेहद बढ़ा हुआ है, क्योंकि यहाँ की जैव विविधता, हिमालयी वनस्पतियाँ और वन्यजीवों की अनूठी प्रजातियाँ दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं।

सिक्किम में हरित नीति को प्राथमिकता दी जाती है, और यहाँ के लोग पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं।

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता

सिक्किम को विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं, जिनमें से प्रमुख हैं:

  1. यूएन का खाद्य और कृषि स्वर्ण पुरस्कार (FAO Future Policy Gold Award): सिक्किम ने जैविक खेती के लिए इस पुरस्कार को जीता।

  2. उत्तरी-पूर्वी भारत में सर्वश्रेष्ठ राज्य: सिक्किम को कई सामाजिक और आर्थ‍िक सूचकों में उच्च स्थान प्राप्त है।

सिक्किम के इन पुरस्कारों ने न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर इसकी पहचान को मजबूत किया है।

सिक्किम का भविष्य और विकास

सिक्किम के 50 वर्षों की यात्रा को देखते हुए, राज्य का भविष्य और भी उज्जवल है। आगामी वर्षों में सिक्किम के विकास को और गति देने के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम कर रही हैं।

  • युवाओं के लिए अवसर: सिक्किम में युवा पीढ़ी के लिए रोजगार, शिक्षा और कौशल विकास के कई अवसर पैदा किए जा रहे हैं।

  • आधुनिक बुनियादी ढाँचा: सिक्किम का बुनियादी ढाँचा और बेहतर होगा, जिससे राज्य की आर्थ‍िक और सामाजिक स्थिति में और सुधार आएगा।

सिक्किम राज्यत्व दिवस 2025 न केवल एक राजनीतिक उत्सव है, बल्कि यह राज्य के लोगों की मेहनत, संघर्ष और सफलता का प्रतीक भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश इस राज्य के लोगों के प्रति सम्मान का प्रतीक है। सिक्किम अब एक उदाहरण बन चुका है कि कैसे एक छोटा राज्य पर्यावरणीय संरक्षण, सामाजिक समावेशी विकास और सांस्कृतिक विविधता में संतुलन बनाए रखते हुए प्रगति कर सकता है।

क्या बलूचिस्तान आज़ादी की दहलीज़ पर है?

क्या पाकिस्तान के टुकड़े होने जा रहे हैं? क्या बलूचिस्तान अब एक आज़ाद मुल्क बनने की ओर बढ़ चुका है? बलूच लिब्रेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तान आर्मी के वाहन को उड़ाने का वीडियो जारी कर दिया है। बलूच नेता ने आज़ादी का ऐलान करते हुए राष्ट्रीय झंडा फहराया और भारत समेत वैश्विक शक्तियों से समर्थन की गुहार लगाई है। बलूचिस्तान ने क्या अब पाकिस्तान से खुली बगावत कर दी है? क्या ये घटनाएं पाकिस्तान के विघटन की शुरुआत हैं? क्या भारत को बलूचियों का साथ देना चाहिए? इस वीडियो में देखिए: बलूचिस्तान का नया राष्ट्रीय झंडा भागती पाक आर्मी और BLA का पलटवार बलूच नेता का संदेश और पाक की बौखलाहट

Indian Army TGC 142 भर्ती 2025: बिना लिखित परीक्षा बनें भारतीय सेना में अधिकारी, जानिए पूरी प्रक्रिया, योग्यता, सैलरी और आवेदन की तारीख

Indian Army

KKN गुरुग्राम डेस्क | क्या आप एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं और भारतीय सेना में स्थायी कमीशन प्राप्त कर देश की सेवा करना चाहते हैं? भारतीय सेना ने जनवरी 2026 में शुरू होने वाले टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स (TGC-142) के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस भर्ती में किसी प्रकार की लिखित परीक्षा नहीं होगी, बल्कि उम्मीदवारों का चयन प्रत्यक्ष SSB इंटरव्यू के माध्यम से किया जाएगा। आइए जानते हैं Indian Army TGC 142 भर्ती 2025 से जुड़ी पूरी जानकारी – पात्रता, चयन प्रक्रिया, सैलरी, ट्रेनिंग, और आवेदन का तरीका।

 भर्ती का मुख्य विवरण

  • भर्ती का नाम: टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स (TGC-142)

  • भर्ती संगठन: भारतीय सेना (Indian Army)

  • प्रशिक्षण प्रारंभ: जनवरी 2026

  • कुल पद: अधिसूचना के अनुसार (विभिन्न इंजीनियरिंग शाखाओं में)

  • आवेदन की अंतिम तिथि: 29 मई 2025 (दोपहर 3 बजे तक)

  • आवेदन मोड: ऑनलाइन

  • आधिकारिक वेबसाइट: joinindianarmy.nic.in

 योग्यता मानदंड (Eligibility Criteria)

 शैक्षणिक योग्यता:

  • उम्मीदवार के पास मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से BE/B.Tech डिग्री होनी चाहिए।

  • अंतिम वर्ष के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते वे कोर्स शुरू होने से पहले अपनी डिग्री पूर्ण कर लें।

 आयु सीमा:

  • 1 जनवरी 2026 को उम्र 20 से 27 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

  • जन्म तिथि 2 जनवरी 1999 से 1 जनवरी 2006 के बीच होनी चाहिए (दोनों तिथियाँ सम्मिलित)।

 वैवाहिक स्थिति और लिंग:

  • केवल अविवाहित पुरुष उम्मीदवार इस कोर्स के लिए पात्र हैं।

 राष्ट्रीयता:

  • उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए। नेपाली नागरिक, भूटानी नागरिक, या 1 जनवरी 1962 से पहले भारत आए तिब्बती शरणार्थी भी पात्र हैं।

चयन प्रक्रिया: बिना परीक्षा सीधे SSB इंटरव्यू

Indian Army TGC 142 भर्ती 2025 की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें कोई लिखित परीक्षा नहीं होगी। उम्मीदवारों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सीधे SSB इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा।

SSB इंटरव्यू में शामिल चरण:

  1. चरण I: स्क्रीनिंग टेस्ट (OIR टेस्ट और PPNDT)

  2. चरण II: मनोवैज्ञानिक टेस्ट, ग्रुप टास्क, व्यक्तिगत इंटरव्यू

  3. चिकित्सा परीक्षण: सफल उम्मीदवारों के लिए मेडिकल जांच

  4. मेरिट लिस्ट: SSB और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर

 प्रशिक्षण और स्थायी कमीशन

SSB और मेडिकल में सफल उम्मीदवारों को भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), देहरादून में 12 महीने का कठिन सैन्य प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण करने के बाद उम्मीदवारों को स्थायी कमीशन के तहत लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त किया जाएगा।

 वेतन और भत्ते

 प्रशिक्षण के दौरान:

  • प्रशिक्षण के समय उम्मीदवार को प्रति माह 56,100 का वजीफा मिलेगा।

कमीशन के बाद:

  • बेसिक सैलरी: ₹56,100 – ₹1,77,500 प्रति माह

  • सैन्य सेवा वेतन (MSP): ₹15,500 प्रति माह

  • अन्य भत्ते: DA, HRA, ट्रांसपोर्ट भत्ता, यूनिफॉर्म भत्ता आदि

  • वार्षिक पैकेज: लगभग ₹17–18 लाख

अन्य लाभ:

  • मुफ्त मेडिकल सुविधा (स्वयं परिवार के लिए)

  • CSD कैंटीन सुविधा

  • रेलवे हवाई यात्रा में रियायत

  • पेंशन योजना

  • सेवा निवृत्ति के बाद आजीवन लाभ

 आवेदन प्रक्रिया: कैसे करें अप्लाई?

इच्छुक उम्मीदवार नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

आवेदन स्टेप-बाय-स्टेप:

  1. joinindianarmy.nic.in पर जाएं

  2. Officer Entry – Apply/Loginपर क्लिक करें

  3. नए उम्मीदवार पहले रजिस्ट्रेशन करें

  4. लॉगिन करके “TGC-142एंट्री चुनें

  5. सभी विवरण सावधानीपूर्वक भरें

  6. डिग्री सर्टिफिकेट, फोटो और हस्ताक्षर अपलोड करें

  7. फॉर्म जमा करके प्रिंट निकालें

ध्यान दें: आवेदन पत्र में सभी जानकारी सही-सही भरें, किसी भी गलती से आवेदन रद्द हो सकता है।

पात्र इंजीनियरिंग शाखाएं (अनुमानित)

TGC भर्ती में सामान्यतः निम्नलिखित इंजीनियरिंग विषयों से आवेदन मांगे जाते हैं:

  • सिविल इंजीनियरिंग

  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग

  • इलेक्ट्रिकल / इलेक्ट्रॉनिक्स

  • कंप्यूटर साइंस / आईटी

  • इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन

  • आर्किटेक्चर

  • टेली कम्युनिकेशन

  • इंस्ट्रूमेंटेशन

  • ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग

  • प्रोडक्शन / इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग

(नोट: अंतिम सूची आधिकारिक नोटिफिकेशन में देखें)

 महत्वपूर्ण तिथियाँ

गतिविधितिथि
आवेदन आरंभ30 अप्रैल 2025
अंतिम तिथि29 मई 2025 (3 बजे तक)
SSB इंटरव्यू कॉल लेटरशॉर्टलिस्टिंग के बाद
प्रशिक्षण प्रारंभजनवरी 2026

 क्यों चुनें Indian Army TGC 142?

  • बिना लिखित परीक्षा अधिकारी बनने का अवसर

  • देश सेवा और सम्मानित कैरियर

  • आकर्षक सैलरी और लाभ

  • स्थायी कमीशन और सुरक्षित भविष्य

  • लीडरशिप और एडवेंचर से भरपूर जीवन

 सामान्य प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: क्या आवेदन शुल्क देना होगा?
उत्तर: नहीं, यह भर्ती पूरी तरह नि:शुल्क है।

प्रश्न 2: अंतिम वर्ष के छात्र क्या आवेदन कर सकते हैं?
उत्तर: हाँ, बशर्ते वे कोर्स शुरू होने से पहले डिग्री पूरी कर लें।

प्रश्न 3: चयन प्रक्रिया में कितने चरण होते हैं?
उत्तर: शॉर्टलिस्टिंग → SSB इंटरव्यू → मेडिकल टेस्ट → मेरिट लिस्ट

प्रश्न 4: प्रशिक्षण कहाँ होगा?
उत्तर: भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), देहरादून में।

Indian Army TGC 142 भर्ती 2025 उन इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के लिए सुनहरा अवसर है जो सेना में अधिकारी बनकर देश सेवा करना चाहते हैं। बिना लिखित परीक्षा, उच्च वेतनमान, स्थायी कमीशन और सम्मानजनक जीवन इसे अन्य नौकरियों से अलग बनाता है।

अगर आप भी इस मौके का फायदा उठाना चाहते हैं तो देरी करें – 29 मई 2025 तक आवेदन करें और अपने सैन्य कैरियर की शुरुआत करें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को करेंगे पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन, सासाराम में रखेंगे फोरलेन हाईवे का शिलान्यास

Brasilia

KKN गुरुग्राम डेस्क | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई 2025 को एक दिवसीय बिहार दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान वह पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे और पटना-सासाराम फोरलेन हाइवे की आधारशिला रखेंगे। यह दौरा ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री का पहला बिहार दौरा होगा, जिससे इसे राजनीतिक और सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इस बात की जानकारी बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। उन्होंने कहा कि इस दौरे में प्रधानमंत्री बिहार को कई विकास योजनाओं की सौगात देंगे।

पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल: बिहार के हवाई यातायात का भविष्य

पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नया टर्मिनल बनकर तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। इस टर्मिनल से बिहार को न सिर्फ बेहतर हवाई सेवाएं मिलेंगी, बल्कि इससे टूरिज्म, व्यापार और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।

नया टर्मिनल की प्रमुख विशेषताएं:

  • प्रतिदिन हजारों यात्रियों की सुविधा

  • अत्याधुनिक डिज़ाइन और सुरक्षा

  • डिजिटलीकरण और स्मार्ट सुविधाएं

  • ऊर्जा संरक्षण और ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट

यह टर्मिनल पूर्वी भारत के लिए एक नई हवाई कनेक्टिविटी का केंद्र बनने जा रहा है।

पटना-सासाराम फोरलेन हाइवे: उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ेगा नया रास्ता

प्रधानमंत्री मोदी सासाराम में पटना-सासाराम फोरलेन हाईवे की आधारशिला भी रखेंगे। यह परियोजना लंबे समय से लंबित थी और अब इसे नई गति मिलने जा रही है।

इस सड़क परियोजना के लाभ:

  • पटना से सासाराम की दूरी में कमी

  • माल और यात्री परिवहन में तेज़ी

  • रोजगार के नए अवसर

  • औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को लाभ

इस फोरलेन से दक्षिण बिहार के जिलों को राजधानी पटना से जोड़ने में सुविधा होगी और यह क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगा।

सासाराम के बिक्रमगंज में होगी विशाल जनसभा

प्रधानमंत्री मोदी सासाराम जिले के बिक्रमगंज में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में रोहतास, औरंगाबाद, भोजपुर और बक्सर जैसे आसपास के जिलों से लाखों लोग शामिल हो सकते हैं।

राजनीतिक जानकारों के अनुसार, यह सभा आगामी विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव 2026 को ध्यान में रखते हुए जनसंपर्क अभियान का हिस्सा हो सकती है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला बिहार दौरा

यह दौरा सामरिक दृष्टिकोण से भी अहम है, क्योंकि यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री का पहला सार्वजनिक कार्यक्रम बिहार में होगा। याद दिला दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री ने देश को चेताया था कि भारत जवाब देगा।

7 मई की रात, भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस ऑपरेशन के बाद मोदी सरकार की राष्ट्र सुरक्षा नीति को लेकर जनसमर्थन में वृद्धि देखी गई है।

बिहार में मोदी का विकास और सुरक्षा का दोहरा एजेंडा

प्रधानमंत्री मोदी ने हर दौरे में विकास और राष्ट्र सुरक्षा दोनों को प्राथमिकता दी है। इस दौरे में भी एक ओर जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं दिखाई देती हैं, वहीं दूसरी ओर उनका हालिया सैन्य निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा का संदेश भी देता है।

यह रणनीति खासतौर पर युवाओं और ग्रामीण मतदाताओं के बीच मोदी की लोकप्रियता को और मजबूत कर सकती है।

राजनीतिक समीकरण और चुनावी रणनीति

बिहार की राजनीति जातीय समीकरणों, सामाजिक संरचनाओं और विकास मुद्दों पर आधारित होती है। ऐसे में मोदी का दौरा राजनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम माना जा रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी का यह दौरा बिहार में बीजेपी के जनाधार को फिर से मजबूत करने की दिशा में एक अहम कड़ी है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए कई स्तर की सुरक्षा व्यवस्था की गई है। एनएसजी, एसपीजी, और स्थानीय पुलिस मिलकर सुरक्षा सुनिश्चित कर रही हैं। सासाराम में होने वाली जनसभा में ड्रोन से निगरानीमेटल डिटेक्टर, और कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई है।

प्रधानमंत्री के दौरे की संभावित रूपरेखा

  1. पटना एयरपोर्ट पर आगमन

  2. नए टर्मिनल का उद्घाटन

  3. सासाराम (बिक्रमगंज) के लिए हवाई यात्रा

  4. पटना-सासाराम फोरलेन का शिलान्यास

  5. जनसभा को संबोधन

  6. नई घोषणाओं और योजनाओं की जानकारी

  7. रात्रि में दिल्ली प्रस्थान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार दौरा न केवल एक विकास यात्रा है, बल्कि यह एक राजनीतिक और सामरिक संदेश भी है। पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल और सासाराम फोरलेन परियोजना जहां आर्थिक विकास को गति देंगे, वहीं ऑपरेशन सिंदूर के बाद की यह उपस्थिति प्रधानमंत्री की राष्ट्रीय सुरक्षा की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

यह दौरा आने वाले चुनावों से पहले बिहार में बीजेपी के मिशन 2026 की बुनियाद भी रख सकता है।

किडनी को स्वस्थ रखने के लिए कितना पानी पीना चाहिए? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

Is Drinking Too Much Water Good or Bad for Your Kidneys?

KKN गुरुग्राम डेस्क | किडनी हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह शरीर के फिल्टरिंग सिस्टम की तरह काम करती है, जो खून को साफ करती है और टॉक्सिक पदार्थोंफालतू मिनरल्स और अनावश्यक द्रवों को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालती है। यह प्रक्रिया तभी ठीक से होती है जब शरीर में पर्याप्त पानी मौजूद हो।

क्या पानी की कमी किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है?

जी हां, अगर शरीर को पर्याप्त पानी नहीं मिलता है, तो यूरीन अधिक गाढ़ा हो जाता है, जिससे उसमें मौजूद खनिज जमने लगते हैं। यही प्रक्रिया किडनी स्टोन (पथरी) बनने का कारण बनती है। साथ ही, पानी की कमी से किडनी की फिल्ट्रेशन प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे शरीर में विषैले तत्व जमा होने लगते हैं।

डॉक्टर की सलाह: कितना पानी पीना सही है?

एशियन हॉस्पिटल के डायरेक्टर एंड हेड ऑफ नेफ्रोलॉजी, डॉ. रीतेश शर्मा के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति को रोज़ाना 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए। हालांकि यह मात्रा अलग-अलग व्यक्ति की आयु, मौसम, शरीर की गतिविधि और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करती है।

जब पानी फायदेमंद होता है:

  • शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं

  • किडनी अच्छी तरह से काम करती है

  • पेशाब सामान्य और साफ रहता है

  • पथरी बनने का खतरा कम होता है

  • ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है

क्या ज़्यादा पानी पीना नुकसानदायक हो सकता है?

यह एक आम भ्रम है कि जितना ज्यादा पानी, उतना बेहतर। लेकिन मेडिकल साइंस के अनुसार, जरूरत से ज़्यादा पानी पीना भी ओवरहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। इससे शरीर में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बिगड़ सकता है, जिससे कमजोरी, चक्कर आना, सूजन और यहां तक कि हाई ब्लड प्रेशर भी हो सकता है।

जिन लोगों को सतर्क रहना चाहिए:

  • क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) से पीड़ित मरीज

  • दिल की बीमारी वाले लोग

  • डायलिसिस पर रहने वाले मरीज

इन लोगों को डॉक्टर की सलाह के बिना अपनी पानी की मात्रा नहीं बढ़ानी चाहिए।

कम पानी पीने से होने वाले नुकसान

अगर आप रोज़ पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो यह निम्न समस्याएं पैदा कर सकता है:

  • पेशाब में जलन

  • बार-बार यूरिन इंफेक्शन (UTI)

  • किडनी स्टोन बनने का खतरा

  • थकान और सिरदर्द

  • त्वचा की रूखापन और मुंह सूखना

डॉक्टर बताते हैं कि पानी की कमी का सबसे स्पष्ट संकेत गाढ़ा और बदबूदार यूरीन है। अगर आपका पेशाब हल्के पीले रंग का नहीं है, तो समझ लें कि शरीर में पानी की कमी हो रही है।

पानी पीने का सही तरीका और समय

  1. सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुना पानी पिएं – यह शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।

  2. भोजन से 30 मिनट पहले और 30 मिनट बाद पानी पिएं – इससे पाचन ठीक रहता है।

  3. प्यास लगने पर ही पानी पिएं, लेकिन गर्मियों में थोड़ी-थोड़ी देर में पानी लेते रहें।

  4. एक बार में बहुत सारा पानी ना पिएं, दिनभर में थोड़ा-थोड़ा करके पानी लें।

पानी और किडनी स्टोन का सीधा संबंध

जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो यूरीन गाढ़ा हो जाता है, और उसमें मौजूद कैल्शियम, ऑक्सेलेट जैसे मिनरल्स जमा होकर किडनी स्टोन बना सकते हैं। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से यह मिनरल्स पेशाब के जरिए बाहर निकल जाते हैं, और स्टोन बनने का खतरा कम हो जाता है।

यूटीआई और इंफेक्शन से बचाव

ज्यादा पानी पीने से यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) का खतरा भी कम हो जाता है, क्योंकि पानी बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करता है। विशेषकर महिलाओं में यह समस्या अधिक देखी जाती है। हाइड्रेशन किडनी के सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी है।

ओवरहाइड्रेशन से क्या होता है?

जब आप बिना प्यास के बार-बार पानी पीते हैं, तो किडनी को इसे फिल्टर करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे शरीर में सोडियम का स्तर गिर सकता है, और हाइपोनेट्रेमिया नामक स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसमें कमजोरी, उलझन और कभी-कभी मस्तिष्क पर असर भी हो सकता है।

उम्र और मौसम के अनुसार पानी की मात्रा (अनुमानित)

आयु वर्गरोज़ाना पानी की मात्रा
छोटे बच्चे (1–8)1.0 – 1.5 लीटर
किशोर (9–18)1.5 – 2.0 लीटर
वयस्क (19–60)2.0 – 3.0 लीटर
बुजुर्ग (60+)1.5 – 2.0 लीटर
मेहनत करने वाले लोग3.0 – 3.5 लीटर

नोट: यह सामान्य अनुमान है। अपनी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार डॉक्टर की सलाह लें।

जनता में जागरूकता की जरूरत

शहरी इलाकों में लोग अक्सर फिटनेस ट्रेंड के चलते जरूरत से ज़्यादा पानी पीते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पानी की कमी से डिहाइड्रेशन आम है। ऐसे में पानी के सही उपयोग और आवश्यकता के अनुसार सेवन के लिए जागरूकता फैलाना बेहद ज़रूरी है।

पानी हमारे शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन सिर्फ जरूरत के अनुसार। ना तो बहुत कम, और ना ही जरूरत से ज़्यादा। संतुलित जल सेवन ही स्वस्थ किडनी और शरीर की कुंजी है।

डॉ. रीतेश शर्मा की सलाह:
“प्यास लगने पर पानी जरूर पिएं, यूरीन का रंग ध्यान से देखें, और अपनी दिनचर्या के अनुसार पानी का संतुलन बनाए रखें।”

भूल चूक माफ: राजकुमार राव की फिल्म अब 23 मई को होगी थिएटर में रिलीज, कोर्ट केस के बाद बदला फैसला

‘Bhool Chuk Maaf’ Box Office Collection: A Solid Start with Impressive Numbers

KKN गुरुग्राम डेस्क | राजकुमार राव और वामिका गब्बी की नई फिल्म ‘भूल चूक माफ’ अब 23 मई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म को लेकर बीते कुछ दिनों से भारी विवाद और कोर्ट केस चल रहा था, जिसकी वजह से इसकी रिलीज अनिश्चित हो गई थी।

मामला तब शुरू हुआ जब फिल्म के निर्माता मैडॉक फिल्म्स ने रिलीज से एक दिन पहले अचानक थिएट्रिकल रिलीज को रद्द कर दिया और 16 मई को अमेज़न प्राइम वीडियो पर इसे रिलीज करने की घोषणा की। इस कदम से पीवीआर आईनॉक्स को भारी नुकसान हुआ क्योंकि एडवांस बुकिंग पहले ही हो चुकी थी। इसके बाद पीवीआर ने मैडॉक फिल्म्स पर ₹60 करोड़ का मुकदमा दायर किया।

भारत-पाक तनाव के चलते टली थी फिल्म की रिलीज

मूल रूप से फिल्म को 9 मई 2025 को रिलीज किया जाना था। लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े हुए तनाव और उत्तर भारत के कई राज्यों में सुरक्षा कारणों से स्कूल, कॉलेज और मॉल बंद होने की वजह से निर्माता दिनेश विजान ने यह निर्णय लिया कि फिल्म को ओटीटी पर रिलीज किया जाए।

उनका मानना था कि इस माहौल में दर्शक थिएटर नहीं आएंगे और फिल्म को नुकसान होगा। हालांकि यह फैसला पीवीआर जैसे मल्टीप्लेक्स चेन के लिए भारी घाटे का सौदा बन गया क्योंकि लाखों की टिकट बिक्री पहले ही हो चुकी थी।

कोर्ट का हस्तक्षेप: पहले थिएटर, फिर ओटीटी

मामला अदालत तक पहुंचा, जहां सुनवाई के दौरान अदालत ने ओटीटी रिलीज पर रोक लगाते हुए स्पष्ट आदेश दिया कि फिल्म को पहले सिनेमाघरों में रिलीज किया जाए और उसके 8 हफ्ते बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम किया जाए, जैसा कि अधिकांश फिल्मों के साथ होता है।

अदालत ने कहा कि अनुबंध के उल्लंघन से पूरे फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम पर असर पड़ता है और इससे दर्शकों का भरोसा भी टूटता है। इसके बाद दिनेश विजान की प्रोडक्शन कंपनी मैडॉक फिल्म्स ने अदालत के आदेश का पालन करते हुए थिएटर रिलीज के लिए हामी भर दी।

पीवीआर ने ₹60 करोड़ का मुकदमा वापस लिया

कोर्ट के फैसले के बाद पीवीआर आईनॉक्स ने भी मैडॉक फिल्म्स पर से ₹60 करोड़ का केस वापस ले लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी फिल्म को ब्लॉक करना नहीं था, बल्कि अपने बिजनेस नुकसान की भरपाई और पारदर्शिता की मांग करना था।

यह समझौता फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक अहम मिसाल बन गया है कि ओटीटी और थिएटर के बीच तालमेल जरूरी है, और अंतिम समय पर फैसलों से सभी पक्षों को नुकसान हो सकता है।

फिल्म की कहानी: रोमांस, कॉमेडी और टाइम लूप का दिलचस्प मिश्रण

‘भूल चूक माफ’ एक रोमांटिक कॉमेडी है जिसमें साइंस फिक्शन का ट्विस्ट है। फिल्म की कहानी एक टाइम लूप पर आधारित है, जहां किरदार समय में फंस जाता है और उसे बार-बार अपनी गलती सुधारने का मौका मिलता है।

राजकुमार राव इस फिल्म में एक ऐसे युवक की भूमिका निभा रहे हैं जो अपनी ज़िंदगी की सबसे बड़ी गलती को बदलने की कोशिश करता है। उनके साथ वामिका गब्बी मुख्य भूमिका में हैं, जो ओटीटी पर अपनी एक्टिंग से पहचान बना चुकी हैं और अब बड़े पर्दे पर धमाल मचाने को तैयार हैं।

मार्केटिंग की नई शुरुआत: 15 मई से प्रचार अभियान फिर से शुरू

अब जब फिल्म की रिलीज डेट तय हो गई है, 15 मई से इसके प्रमोशन की शुरुआत दोबारा की गई है। फिल्म के पोस्टर, ट्रेलर और प्रमोशनल वीडियोज़ को फिर से सोशल मीडिया और मल्टीप्लेक्स स्क्रीन पर रिलीज किया जा रहा है।

राजकुमार राव और वामिका गब्बी विभिन्न टीवी शो और डिजिटल इंटरव्यू में फिल्म का प्रमोशन करते नजर आएंगे। साथ ही, पीवीआर ने भी खास ऑफर्स और रिवॉर्ड्स की घोषणा की है ताकि दर्शक दोबारा टिकट बुक करें।

ओटीटी बनाम थिएटर: बहस फिर से हुई तेज

‘भूल चूक माफ’ विवाद ने एक बार फिर इस बहस को हवा दे दी है कि फिल्में पहले ओटीटी पर आएं या थिएटर में। कोविड-19 के बाद से ओटीटी ने बड़ी तेजी से दर्शकों को अपनी ओर खींचा है, लेकिन मल्टीप्लेक्स मालिक मानते हैं कि बॉलीवुड की असली जान थिएटर में ही है

यह केस इस बात को साफ करता है कि ओटीटी की लोकप्रियता के बावजूद, थिएट्रिकल रिलीज अभी भी कानूनी और व्यावसायिक रूप से जरूरी है, खासकर बड़ी फिल्मों के लिए।

बॉक्स ऑफिस पर क्या करेगा फिल्म का प्रदर्शन?

विवाद के चलते फिल्म को जो पब्लिसिटी मिली है, वह अब बॉक्स ऑफिस पर फिल्म के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। ट्रेंड एनालिस्ट्स का मानना है कि शुरुआती वीकेंड पर फिल्म अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।

राजकुमार राव की एक्टिंग, दिलचस्प कॉन्सेप्ट और अब जुड़ी कानूनी चर्चा—सभी मिलकर फिल्म के पक्ष में माहौल बना रहे हैं। अब देखना ये होगा कि दर्शकों को यह कहानी कितनी पसंद आती है।

जैसे फिल्म का नाम है ‘भूल चूक माफ’, वैसे ही फिल्म के निर्माताओं की गलती को कोर्ट और मल्टीप्लेक्स मालिकों ने माफ कर दिया है, लेकिन एक सीख के साथ। इस केस ने फिल्म इंडस्ट्री में रिलीज रणनीतियों की पारदर्शिता और अनुशासन की अहमियत को सामने रखा है।

अब जब फिल्म दोबारा पटरी पर लौट रही है, दर्शकों को भी इससे जुड़ी उम्मीदें हैं। अगर फिल्म कहानी और प्रस्तुति में दमदार निकली, तो यह विवाद से आगे बढ़कर सफलता की मिसाल बन सकती है।

डोनाल्ड ट्रंप ने Apple को कहा- भारत में iPhone बनाना बंद करो, अमेरिका में करो उत्पादन

India-US Trade Agreement: No Final Deal Yet, But Negotiations Continue

KKN गुरुग्राम डेस्क | पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में Apple के CEO टिम कुक को भारत में iPhone निर्माण बंद करने की सलाह दी है। यह बयान ट्रंप ने कतर में एक स्टेट विजिट के दौरान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि Apple को अब अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स अमेरिका में स्थापित करनी चाहिए।

ट्रंप ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “मुझे कल टिम कुक से थोड़ी बहस हुई। वह भारत में हर जगह निर्माण कर रहे हैं। मैंने उनसे कहा कि मैं नहीं चाहता कि आप भारत में निर्माण करें। अमेरिका में उत्पादन बढ़ाइए।”

भारत में Apple की बढ़ती मौजूदगी पर ट्रंप की आपत्ति

Apple ने पिछले कुछ वर्षों में भारत में अपने प्रोडक्शन को तेज़ी से बढ़ाया है। मार्च 2025 तक, कंपनी ने भारत में करीब 22 बिलियन डॉलर मूल्य के iPhones असेंबल किए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 60% की वृद्धि दर्शाता है।

Apple के भारत में प्रमुख पार्टनर्स हैं:

  • Foxconn Technology Group – तमिलनाडु में प्रमुख फैक्ट्री

  • Tata Electronics – Wistron की भारतीय यूनिट का अधिग्रहण

  • Pegatron Corp. – दक्षिण भारत में सक्रिय ऑपरेशन्स

इन कंपनियों ने दक्षिण भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन सुविधाएं स्थापित की हैं और आने वाले वर्षों में इनका विस्तार करने की योजना है।

ट्रंप की आलोचना: भारत पर उच्च टैरिफ और व्यापार अवरोधों का आरोप

ट्रंप ने न केवल Apple की भारत में विस्तार योजनाओं की आलोचना की, बल्कि भारत के व्यापार ढांचे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “भारत में दुनिया के सबसे ऊंचे टैरिफ बैरियर्स हैं। अमेरिकी उत्पादों को वहां बेचना बेहद कठिन है।”

हालांकि ट्रंप ने यह भी स्वीकार किया कि भारत ने हाल ही में अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ कम करने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन उन्होंने इसे पर्याप्त नहीं माना।

चीन से दूरी, भारत की ओर झुकाव: Apple की ग्लोबल रणनीति

Apple पिछले कुछ वर्षों से चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान चीन में प्रोडक्शन बाधित हुआ, जिससे Apple को झटका लगा। इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच लगातार बढ़ते तनाव ने Apple को अपने प्रोडक्शन बेस को विविध करने के लिए प्रेरित किया।

भारत को इस समय चीन का विकल्प माना जा रहा है:

  • कम लागत वाली श्रमशक्ति

  • राजनीतिक स्थिरता

  • केंद्र सरकार की PLI योजना जैसी प्रोत्साहन नीतियां

  • तेजी से विकसित होता डिजिटल इकोसिस्टम

ट्रंप का राजनीतिक एजेंडा या आर्थिक दूरदर्शिता?

ट्रंप की “America First” नीति कोई नई बात नहीं है। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने चीन पर भारी टैरिफ लगाए और अमेरिकी कंपनियों को घरेलू उत्पादन के लिए प्रेरित किया। अब वह भारत के खिलाफ भी ऐसे ही सुर में बोल रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह रुख आगामी राष्ट्रपति चुनावों से पहले एक राजनीतिक हथकंडा हो सकता है, जिससे वे अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग वर्कर्स और उद्योगों को अपने पक्ष में कर सकें।

क्या अमेरिका में iPhone बनाना संभव है?

हालांकि ट्रंप चाहते हैं कि Apple अमेरिका में iPhones का उत्पादन करे, लेकिन व्यवहारिक तौर पर यह चुनौतीपूर्ण है:

  • महंगी लेबर कॉस्ट: अमेरिका में श्रमिकों की लागत भारत और चीन की तुलना में कई गुना अधिक है।

  • इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी: अमेरिका में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग की पूरी सप्लाई चेन मौजूद नहीं है।

  • टेक्निकल स्किल गैप: विशेष रूप से स्मार्टफोन असेंबली में प्रशिक्षित श्रमिकों की संख्या कम है।

Apple जैसी कंपनी को अपने मौजूदा मॉडल से हटकर अमेरिका में उत्पादन शुरू करने के लिए वर्षों लग सकते हैं।

भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया: वैश्विक सप्लाई चेन में अपनी जगह मजबूत करना

भारत सरकार Apple जैसी कंपनियों को बनाए रखने और नए निवेश आकर्षित करने के लिए कई कदम उठा सकती है:

  • PLI स्कीम में सुधार और विस्तार

  • इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स में निवेश

  • टैरिफ स्ट्रक्चर को व्यापारिक दृष्टिकोण से अनुकूल बनाना

  • मैन्युफैक्चरिंग स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के ज़रिए वर्कफोर्स तैयार करना

डोनाल्ड ट्रंप का Apple को भारत में iPhone निर्माण बंद करने का निर्देश केवल एक व्यापारिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति और आर्थिक रणनीति का हिस्सा है। Apple जैसी कंपनियों के लिए अब केवल लागत नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक स्थिरतासरकारी दबाव, और वैश्विक रणनीति भी महत्वपूर्ण हो गई है।

भारत फिलहाल Apple की मैन्युफैक्चरिंग रणनीति का एक अहम हिस्सा बना हुआ है, लेकिन अगर ट्रंप जैसे नेताओं का दबाव बढ़ता है, तो यह संतुलन बदल सकता है। आने वाले वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि Apple किस दिशा में कदम बढ़ाता है—अमेरिका के दबाव में झुकता है या भारत में अपने विस्तार को जारी रखता है।

HPBOSE 10वीं रिजल्ट 2025 घोषित: सैना ठाकुर टॉपर, पास प्रतिशत 79.8%, यहां करें रिजल्ट चेक

ICSI CSEET Result 2025: Live Updates and How to Check Your Result

KKN गुरुग्राम डेस्क | हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HPBOSE) ने आज 15 मई 2025 को कक्षा 10वीं का परिणाम घोषित कर दिया है। परीक्षा में शामिल हुए छात्र अब अपना HPBOSE 10वीं रिजल्ट 2025 बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट hpbose.org पर जाकर देख सकते हैं। इस वर्ष कुल 95,495 छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिसमें से 75,862 छात्र पास हुए हैं। कुल पास प्रतिशत रहा 79.8%।

इस वर्ष टॉप करने वाली छात्रा रही कांगड़ा की सैना ठाकुर, जिन्होंने कुल 696 अंक प्राप्त किए, जो 99.43% के बराबर है। टॉपर्स लिस्ट में लड़कियों का दबदबा साफ नजर आया।

HPBOSE 10वीं रिजल्ट 2025 – मुख्य बिंदु:

  • परीक्षा में सम्मिलित छात्र: 95,495

  • कुल पास छात्र: 75,862

  • कुल फेल छात्र: 13,574

  • कंपार्टमेंट वाले छात्र: 5,563

  • कुल पास प्रतिशत: 79.8%

  • स्टेट टॉपर: सैना ठाकुर (696 अंक, 99.43%)

 HPBOSE 10वीं का रिजल्ट 2025 ऑनलाइन कैसे चेक करें?

छात्र नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके अपना रिजल्ट ऑनलाइन चेक कर सकते हैं:

  1. आधिकारिक वेबसाइट hpbose.org पर जाएं।

  2. HP Board 10th Result 2025″ लिंक पर क्लिक करें।

  3. अपना रोल नंबर और जन्म तिथि दर्ज करें।

  4. सबमिट” बटन पर क्लिक करें।

  5. स्क्रीन पर रिजल्ट दिखाई देगा।

  6. रिजल्ट डाउनलोड करें और भविष्य के लिए प्रिंट लें।

 SMS के जरिए HPBOSE 10वीं का रिजल्ट 2025 ऐसे करें चेक:

इंटरनेट उपलब्ध होने की स्थिति में छात्र SMS के माध्यम से भी अपना रिजल्ट प्राप्त कर सकते हैं:

  • मैसेज टाइप करें: HP10 <स्पेस> रोल नंबर

    • उदाहरण: HP10 206151051

  • इसे भेजें 5676750 पर।

  • कुछ ही समय में आपके मोबाइल पर रिजल्ट जाएगा।

 टॉपर्स लिस्ट – HP Board 10वीं रिजल्ट 2025

टॉप 5 रैंक इस प्रकार हैं:

  • 1st Rank: सैना ठाकुर – 696 अंक (99.43%), न्यूग्ल स्कूल, पालमपुर

  • 2nd Rank: रिदिमा शर्मा – 695 अंक (99.29%), भोरांज, हमीरपुर

  • 3rd Rank: मुदिता शर्मा और पर्निका शर्मा – 694 अंक (99.14%)

4th Rank (693 अंक):

  • अन्वी सिंह, अक्षरा, एंजेल

5th Rank (692 अंक):

  • शिवांग ठाकुर, अवनि पराशर, हरमनप्रीत कौर, नव्या शर्मा, वंशिका अवस्थी, गर्गी ठाकुर, एंजेल धीमान, कार्तिक सिंह राणा, आरुषि धीमान, प्रिया

 डिजिलॉकर पर उपलब्ध होगी डिजिटल मार्कशीट

HPBOSE ने इस वर्ष की 10वीं की डिजिटल मार्कशीट को DigiLocker पर उपलब्ध कराने की घोषणा की है। छात्र अपने डिजिलॉकर अकाउंट में लॉगइन कर आधार नंबर या मोबाइल नंबर की मदद से मार्कशीट डाउनलोड कर सकते हैं।

 HPBOSE 10वीं रिजल्ट 2025 – सांख्यिकीय विवरण

श्रेणीआंकड़े
परीक्षा में शामिल छात्र95,495
पास हुए छात्र75,862
कंपार्टमेंट वाले छात्र5,563
फेल छात्र13,574
कुल पास प्रतिशत79.8%

 लड़कियों का जलवा, टॉपर्स लिस्ट में बना दबदबा

HPBOSE 10वीं परिणाम 2025 में लड़कियों ने टॉप रैंक हासिल कर बाज़ी मारीटॉप 3 में सभी लड़कियां हैं। कुल टॉप 10 रैंक में 117 छात्रों में से 88 लड़के और 29 लड़कियां थीं, लेकिन प्रथम तीन स्थानों पर लड़कियों ने कब्जा जमाया।

क्षेत्रवार टॉपर विश्लेषण

  • कांगड़ा जिला: स्टेट टॉपर सैना ठाकुर इसी जिले से हैं।

  • हमीरपुर जिला: रिदिमा शर्मा ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।

  • सोलन-बिलासपुर: मुदिता शर्मा ने सोलन से पढ़ाई की लेकिन बिलासपुर से परीक्षा दी।

 छात्रों की प्रतिक्रिया

सैना ठाकुर, टॉपर (696 अंक):

मेरी सफलता का श्रेय माता-पिता, शिक्षकों और खुद की मेहनत को जाता है। मैं भविष्य में IAS बनना चाहती हूं।”

रिदिमा शर्मा, दूसरा स्थान (695 अंक):

मेरे लिए यह सपना सच होने जैसा है। मैं साइंस लेकर रिसर्च के क्षेत्र में करियर बनाना चाहती हूं।”

पुनर्मूल्यांकन और रीचेकिंग प्रक्रिया

जो छात्र अपने अंकों से संतुष्ट नहीं हैं, वे 30 मई 2025 तक पुनर्मूल्यांकन और रीचेकिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन कैसे करें:

  • बोर्ड की वेबसाइट hpbose.org पर जाएं।

  • Revaluation/Rechecking” सेक्शन में जाएं।

  • फॉर्म भरें और निर्धारित शुल्क ऑनलाइन जमा करें।

  • ध्यान दें, कम से कम 20% अंक आवश्यक हैं पुनर्मूल्यांकन के लिए।

 पिछले साल से तुलना

वर्षकुल छात्रपास प्रतिशत
202491,000+78.4%
202595,49579.8%

2025 में सिर्फ पास प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि छात्र संख्या भी बढ़ी है।

 आधिकारिक बयान

DC कांगड़ा एवं HPBOSE चेयरमैन हेमराज बैरवा ने कहा:

बोर्ड ने इस बार परिणाम को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए कई डिजिटल उपाय किए हैं। छात्रों को बधाई।”

HPBOSE सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया:

हमने डिजिलॉकर, SMS और वेबसाइट जैसे कई माध्यमों से रिजल्ट उपलब्ध कराया है ताकि छात्रों को कोई दिक्कत हो।”

 HPBOSE 10वीं रिजल्ट 2025 – कहां-कहां उपलब्ध है?

  • आधिकारिक वेबसाइट: hpbose.org

  • DigiLocker App

  • SMS सेवा (5676750)

  • स्कूलों में नोटिस बोर्ड पर (अगले कुछ दिनों में)

 आगे क्या करें?

HP Board 10वीं पास करने के बाद छात्र आगे की पढ़ाई के लिए निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कर सकते हैं:

  • Class 11 में स्ट्रीम चयन: साइंस, कॉमर्स या आर्ट्स

  • डिप्लोमा या वोकेशनल कोर्सेस

  • कॉम्पिटिटिव परीक्षाएं: NTSE, ओलंपियाड, स्कॉलरशिप एग्जाम आदि

HPBOSE 10वीं रिजल्ट 2025 ने हिमाचल प्रदेश के छात्रों की मेहनत को सलाम किया है। जहां एक ओर पास प्रतिशत में सुधार हुआ है, वहीं दूसरी ओर लड़कियों ने टॉप रैंक हासिल कर प्रेरणा दी है। छात्र अपने डिजिटली सर्टिफिकेट्स डाउनलोड करें और आगे की पढ़ाई की योजना बनाएं।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान  और तुर्की को आर्थिक झटका देने की तैयारी, गुरुग्राम उद्योग संघ ने उठाया बड़ा कदम

PM Modi's Kashmir development campaign enraged Pakistan

KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब देश ने आर्थिक मोर्चे पर भी जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। गुरुग्राम के उद्योग संघ ने पाकिस्तान को निर्यात बंद करने की पहल करते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत संघ ने अपने सदस्यों से पाकिस्तान और तुर्की को होने वाले मौजूदा निर्यात की समीक्षा करने और उन्हें रोकने का आह्वान किया है।

इसके साथ ही भारतीय उद्योग जगत को पाकिस्तान के निर्यातित उत्पादों के मुकाबले में आगे बढ़ने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनकी जगह लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह पहल मेक इन इंडिया अभियान को भी मजबूती देने का कार्य करेगी।

पाकिस्तान के प्रमुख निर्यात: कपड़ा उद्योग सबसे बड़ा आधार

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा कपड़ा और परिधान (Textile & Apparel) क्षेत्र पर निर्भर करता है। 2023-24 में पाकिस्तान के कुल निर्यात में इस क्षेत्र का योगदान 54-60% के बीच रहा है, जो कि करीब 16.6 बिलियन डॉलर तक का आंकड़ा है।

अन्य प्रमुख निर्यात उत्पादों में शामिल हैं:

  • चावल (बासमती और गैर-बासमती)

  • चमड़े के सामान

  • सर्जिकल उपकरण

  • हस्तशिल्प

यह क्षेत्र पाकिस्तान के लिए एक आर्थिक जीवनरेखा है, और भारत के उद्योग विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि इसी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जाए तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका दिया जा सकता है।

गुरुग्राम उद्योग संघ की रणनीति: पाकिस्तान को वैश्विक बाज़ार से बाहर करना

गुरुग्राम इंडस्ट्री एसोसिएशन ने अपने सदस्यों से निम्नलिखित कदम उठाने की अपील की है:

  1. पाकिस्तान और तुर्की को किए जा रहे मौजूदा निर्यात की तत्काल समीक्षा करें।

  2. उन क्षेत्रों की पहचान करें जहां भारतीय उत्पाद सीधे पाकिस्तानी उत्पादों से प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।

  3. उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण पर ज़ोर दें।

  4. सरकार से पाकिस्तान को निर्यात पर नीतिगत प्रतिबंध लगाने की अपील करें।

इस पहल का उद्देश्य न केवल पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान पहुंचाना है, बल्कि भारत को एक वैश्विक निर्यात विकल्प के रूप में स्थापित करना भी है।

भारत के पास क्या हैं प्रतिस्पर्धात्मक फायदे?

जहां पाकिस्तान को सस्ती श्रम लागत का लाभ है, वहीं भारत बेहतर गुणवत्तातकनीकी क्षमता और स्थायित्व के लिए जाना जाता है। भारत के पास बड़ी संख्या में कुशल श्रमिक भी हैं, लेकिन श्रम कानूनों की जटिलता उद्योगों को इसका पूरा लाभ उठाने से रोकती है।

राहुल अहलूवाली, फाउंडेशन फॉर इकोनॉमिक डेवलपमेंट:

“पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कपड़ा निर्यात पर टिकी है। अगर हम इस क्षेत्र में उनकी प्रतिस्पर्धा को चुनौती दें, तो उनकी अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान होगा। भारत के पास क्षमता है, बस नीतिगत सहयोग की आवश्यकता है।”

अरविंद राय, मोडेलामा एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड:

“सरकार थोड़ी मदद करे तो हम पाकिस्तान के बाजार को आसानी से कब्जा सकते हैं। हमारे उत्पाद विश्वस्तरीय हैं, और अब समय आ गया है कि हम वैश्विक बाजारों में अपनी पकड़ मज़बूत करें।”

स्थानीय उद्योगपतियों की राय: अब आर्थिक चोट देने का समय है

गुरुग्राम के कपड़ा व्यापारी और सचदेवा फैब्रिक्स के मालिक रजेंद्र सचदेवा का मानना है कि:

“हमारी गुणवत्ता बेहतर है, कीमतें प्रतिस्पर्धात्मक हैं और हम हर तरीके से पाकिस्तानी उत्पादों को चुनौती दे सकते हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही संकट में है, और अब हमें आर्थिक रूप से उन्हें और कमजोर करने का प्रयास करना चाहिए।”

व्यापार महासंघ की एकजुटता: ‘आतंकवाद के खिलाफ आर्थिक युद्ध जरूरी’

दीपक मैनी, अध्यक्ष, प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री:

“भारत-पाक संघर्ष ने यह साबित कर दिया है कि हम आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं। अब समय आ गया है कि हम आतंकवाद का आर्थिक जवाब दें। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनी हमारी रक्षा प्रणाली ने अपनी ताकत दिखाई है, अब उद्योग जगत को आगे आना चाहिए।”

पाकिस्तान की जगह भारत कैसे ले सकता है?

पाकिस्तान के प्रमुख निर्यात बाज़ारों में भारत की पहले से मजबूत स्थिति है। जैसे:

  • यूरोप: परिधान, चमड़ा, चावल

  • मिडिल ईस्ट: कपड़ा, कालीन, चावल

  • अफ्रीका: सर्जिकल उपकरण, सस्ते वस्त्र

  • दक्षिण एशिया: होम टेक्सटाइल्स, गारमेंट्स

भारत यदि उचित रणनीति बनाए तो इन बाजारों में पाकिस्तान की हिस्सेदारी कम करके अपनी पकड़ मजबूत कर सकता है।

चुनौतियाँ भी हैं सामने

इस रणनीति की सफलता के लिए कुछ आंतरिक सुधारों की आवश्यकता होगी:

1. श्रम कानून सुधार:

उद्योगों को मौसमी मांग के अनुसार कर्मचारियों को जोड़ने और हटाने की सुविधा दी जानी चाहिए।

2. निर्यात प्रोत्साहन:

RoDTEP, PLI जैसी योजनाओं का विस्तार और लोन पर ब्याज छूट आवश्यक होगी।

3. इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार:

लॉजिस्टिक्स, बंदरगाह संपर्क और ऊर्जा लागत में कमी लाकर प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जा सकती है।

तुर्की को भी किया जाएगा अलग-थलग

गुरुग्राम उद्योग संघ ने संकेत दिया है कि पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्की को भी व्यापारिक तौर पर जवाब दिया जाएगा। तुर्की ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत विरोधी बयान दिए हैं, जिनका जवाब अब आर्थिक स्तर पर दिया जाएगा।

सरकारी सहयोग जरूरी: क्या निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध संभव है?

फिलहाल यह पहल निजी उद्योगों के स्तर पर है, लेकिन यदि इसे केंद्रीय सरकार का समर्थन मिलता है, तो पाकिस्तान को निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसके लिए निम्नलिखित कदम ज़रूरी होंगे:

  • वाणिज्य मंत्रालय से अधिसूचना

  • डब्ल्यूटीओ नियमों का पालन

  • सीमा शुल्क और बंदरगाहों पर निगरानी

यदि यह मॉडल सफल रहा, तो लुधियाना, सूरत और तिरुपुर जैसे अन्य औद्योगिक क्षेत्रों से भी समर्थन मिल सकता है।

सैन्य कार्रवाई के बाद अब भारत ने आर्थिक हथियारों से जवाब देने की रणनीति बनाई है। गुरुग्राम उद्योग संघ की यह पहल एक बड़ा कदम है, जो न केवल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर सकती है, बल्कि भारत को वैश्विक बाजार में नई पहचान भी दिला सकती है।

भारत-पाकिस्तान तनाव का बॉलीवुड पर असर: ‘लाहौर 1947’ और ‘सरजमीं’ के संवेदनशील सीन हटाने की तैयारी

Impact of India-Pakistan Tensions on Bollywood: Makers of ‘Lahore 1947’ and ‘Sarzameen’ Review

KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब बॉलीवुड की बड़ी फिल्मों पर भी दिखाई देने लगा है। सनी देओल की बहुप्रतीक्षित फिल्म लाहौर 1947’ और काजोल की फिल्म सरजमीं’ के निर्माताओं ने संभावित विवाद से बचने के लिए स्क्रिप्ट और कुछ दृश्यों की समीक्षा शुरू कर दी है। यह कदम हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और भारत के जवाबी सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर के बाद उठाया गया है।

लाहौर 1947 में हो सकते हैं बड़े बदलाव

सनी देओल की देशभक्ति फिल्म पर असर

सनी देओल, जो पहले भी ‘गदर’, ‘बॉर्डर’, और ‘मां तुझे सलाम’ जैसी देशभक्ति फिल्मों में नज़र चुके हैं, अब फिल्म लाहौर 1947’ में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। यह फिल्म भारत-पाकिस्तान के विभाजन की पृष्ठभूमि पर आधारित है और इसे राजकुमार संतोषी निर्देशित कर रहे हैं। फिल्म का निर्माण आमिर खान प्रोडक्शन कर रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा हालात को देखते हुए फिल्म के कुछ संवाद और दृश्यों पर दोबारा विचार किया जा रहा है, ताकि फिल्म किसी भी तरह के विवाद से बच सके। फिल्म की स्क्रिप्ट ऐतिहासिक है, लेकिन वर्तमान भारत-पाकिस्तान संबंधों के चलते इसकी प्रस्तुति को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।

सरजमीं के भी कुछ दृश्यों में हो सकता है बदलाव

कश्मीर की पृष्ठभूमि पर आधारित है फिल्म

काजोल, इब्राहिम अली खान और पृथ्वीराज सुकुमारन अभिनीत फिल्म सरजमीं’ को भी मौजूदा राजनीतिक स्थिति के चलते समीक्षा की प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। यह फिल्म कश्मीर की संवेदनशील स्थिति और भारत-पाकिस्तान संबंधों पर आधारित है।

फिल्म के कुछ हिस्सों की फिर से डबिंग की जा रही है ताकि कोई संवाद या दृश्य पाकिस्तान को लेकर विवाद का कारण बने। फिल्म को 30 मई 2025 को रिलीज़ करने की योजना है, लेकिन यह अंतिम निर्णय सेंसर बोर्ड की स्वीकृति और देश के माहौल पर निर्भर करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर: फिल्म इंडस्ट्री के रुख में बदलाव की वजह

सेना की कार्रवाई ने बढ़ाई सतर्कता

7 मई 2025 को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित कई आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया। यह जवाब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दिया गया। इस ऑपरेशन की सफलता ने जहां देश में देशभक्ति की भावना को मजबूत किया, वहीं फिल्म निर्माताओं को भी अधिक जिम्मेदार और सतर्क बना दिया है।

फिल्मों में पाकिस्तान या आतंकवाद को लेकर किसी भी गलत व्याख्या से बचने के लिए निर्माताओं ने निर्णय लिया है कि वे रिलीज से पहले सभी संभावित विवादित अंशों की समीक्षा करेंगे।

ऑपरेशन सिंदूर” टाइटल के लिए 30 प्रोडक्शन हाउस की होड़

फिल्मों की दुनिया में बढ़ी देशभक्ति की मांग

ऑपरेशन सिंदूर की लोकप्रियता को देखते हुए करीब 30 फिल्म प्रोडक्शन कंपनियों ने इस नाम को टाइटल के रूप में रजिस्टर कराने की कोशिश की है। इससे साफ है कि फिल्म उद्योग में भी देशभक्ति विषयक कहानियों को लेकर एक नई लहर गई है।

जहां कुछ निर्माता इस विषय पर नई फिल्म बनाने की सोच रहे हैं, वहीं ‘लाहौर 1947’ और ‘सरजमीं’ जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स अपने कंटेंट को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं।

रिलीज डेट को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं

लाहौर 1947 कब आएगी सिनेमाघरों में?

पहले ‘लाहौर 1947′ को 26 जनवरी 2025 को रिलीज करने की योजना थी, लेकिन पोस्ट प्रोडक्शन में देरी के कारण इसे टालना पड़ा। अब इस फिल्म को जून 2025 में रिलीज करने की योजना है। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों के चलते यह डेट भी टल सकती है।

फिल्म में सनी देओल, प्रीति जिंटा, शबाना आज़मी, और अली फज़ल जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं। साथ ही ‘सितारे ज़मीन पर’ के एक अभिनेता भी अहम किरदार में नजर सकते हैं।

सरजमीं की रिलीज पर भी संशय

सरजमीं’ की रिलीज़ डेट 30 मई 2025 तय की गई थी, लेकिन अब फिल्म की टीम दोबारा डबिंग और कुछ तकनीकी सुधारों में लगी है। अगर सेंसर बोर्ड की मंजूरी समय पर मिल जाती है, तो फिल्म निर्धारित तारीख पर ही रिलीज हो सकती है, वरना इसमें देरी भी संभव है।

फिल्मों और राजनीति के बीच संतुलन की चुनौती

राष्ट्रवाद और जिम्मेदारी के बीच तालमेल

हाल के वर्षों में, जैसे-जैसे राष्ट्रवाद की भावना बढ़ी है, वैसे-वैसे देशभक्ति फिल्मों का चलन भी तेज हुआ है। उरी: सर्जिकल स्ट्राइक’, शेरशाह’, और गदर 2’ जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता हासिल की है।

लेकिन अब स्थिति और भी संवेदनशील हो गई है। फिल्मों में अब सिर्फ मनोरंजन बल्कि राजनीतिक संदेश भी देखे जाते हैं। इसलिए फिल्म निर्माताओं को अब अधिक सावधानी बरतनी पड़ रही है।

बलरामपुर में दर्दनाक सड़क हादसा: शादी से लौट रहे 5 बारातियों की मौत, 2 सगे भाइयों ने तोड़ा दम, 7 गंभीर रूप से घायल

Tragic Road Accident in Balrampur: 5 Wedding Guests, Including 2 Brothers, Killed; 7 Critically Injured

KKN गुरुग्राम डेस्क | उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में गुरुवार तड़के एक भीषण सड़क हादसे ने पांच परिवारों की खुशियां मातम में बदल दीं। एक शादी समारोह से लौट रही अर्टिगा कार को सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी, जिससे कार में सवार 5 बारातियों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें दो सगे भाई भी शामिल थे। हादसे में 7 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उनका इलाज ज़िला अस्पताल में चल रहा है।

यह हादसा शुरुआती जानकारी के अनुसार रात करीब 2 बजे हुआ, जब सभी बाराती श्रावस्ती जिले के भुलैया गांव से वापस गोंडा जिले के इटियाथोक लौट रहे थे।

कैसे हुआ हादसा: मौत बनकर आई तेज रफ्तार ट्रक

जानकारी के अनुसार, यह दर्दनाक दुर्घटना बलरामपुर-बहराइच मार्ग पर स्थित चकवा गांव के पास हुई। बारातियों से भरी मारुति अर्टिगा कार, जिसमें 12 लोग सवार थे, को सामने से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। अन्य सात लोग बुरी तरह घायल हो गए।

हादसे के मुख्य कारण:

  • तेज रफ्तार ट्रक का सामने से आना

  • रात के समय कम दृश्यता

  • कार में तय सीमा से अधिक सवारियां

मारे गए लोगों की पहचान: दो मासूमों की भी मौत

हादसे में जिन पांच लोगों की मौत हुई, उनमें दो मासूम भाई भी शामिल हैं। मृतकों की पहचान इस प्रकार है:

  1. अभय कुमार (26 वर्ष), पुत्र सूर्यबली आर्या, निवासी इलाहाबाद – कार चालक

  2. फूल बाबू (30 वर्ष), पुत्र मोहनलाल, निवासी धानेपुर, गोंडा

  3. जीवन कुमार (25 वर्ष), पुत्र विनोद कुमार, निवासी धानेपुर –

  4. आदित्य कुमार (8 वर्ष), पुत्र विनोद कुमार – जीवन और आदित्य सगे भाई थे

  5. विजय कुमार (45 वर्ष), पुत्र बच्चा लाल, निवासी इटियाथोक, गोंडा

इन सभी का संबंध राम सेवक के बेटे बब्बीराज की बारात से था, जो श्रावस्ती के भुलैया गांव गई थी। शादी समारोह के बाद सभी बाराती कार से देर रात वापस लौट रहे थे।

घायल लोगों की हालत गंभीर, जिला अस्पताल में इलाज जारी

हादसे में घायल हुए 7 लोगों को बलरामपुर के जिला मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।

घायलों की पहचान:

  • विकास कुमार (12 वर्ष), पुत्र विनोद कुमार, निवासी धानेपुर

  • सीताराम (60 वर्ष), निवासी बसंतपुर, इटियाथोक

  • महक (4 वर्ष), पुत्री कौशल, निवासी मध्यनगर

  • गोपाल कुमार (8 वर्ष), पुत्र फूल बाबू, निवासी धानेपुर

  • राघव राम (55 वर्ष), निवासी बसंतपुर

  • किशोर कुमार (35 वर्ष), निवासी मध्यनगर

  • विनोद कुमार (50 वर्ष), पिता जीवन और आदित्य – खुद भी गंभीर घायल

डॉक्टरों के अनुसार, कुछ घायलों की हालत चिंताजनक बनी हुई है और उन्हें निरंतर निगरानी में रखा गया है।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किया रेस्क्यू, FIR दर्ज

हादसे की सूचना मिलते ही रेहरा बाजार थाना पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। क्षतिग्रस्त कार में फंसे लोगों को बाहर निकालने में करीब दो घंटे का समय लगा। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, वहीं ट्रक की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

पुलिस अधीक्षक बलरामपुर ने कहा:

“घटना की जांच की जा रही है। ट्रक की पहचान के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।”

गोंडा जिले में पसरा मातम, घर-घर रोना-पीटना

जैसे ही हादसे की खबर गोंडा जिले के इटियाथोक और धानेपुर में पहुंची, वहां कोहराम मच गया। जिन घरों से बारात निकली थी, उन्हीं घरों में अब लाशें पहुंच रही हैं। लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है।

परिजनों का दर्द:

  • “दोनों बेटे एक ही दिन चले गए… अब किसके लिए जियें?” – विनोद कुमार की पत्नी

  • “शादी में खुश होकर गए थे, अब लाशें लौटीं…” – गांव के एक बुजुर्ग

  • “अब किसी शादी में जाने का मन नहीं करता…” – मृतक के पड़ोसी

बलरामपुर-बहराइच मार्ग पर लगातार हादसे, सड़क सुरक्षा पर सवाल

यह कोई पहली बार नहीं है जब बलरामपुर-बहराइच रोड पर इतना भीषण हादसा हुआ हो। इस मार्ग को पहले से ही दुर्घटना संभावित ज़ोन माना जाता है। यहां न तो पर्याप्त स्ट्रीटलाइट्स हैं और न ही गति नियंत्रक (स्पीड ब्रेकर)।

स्थानीय लोगों की मांग:

  • सड़क पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं

  • स्पीड लिमिट पर सख्ती हो

  • शादी सीजन में अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस की तैनाती

  • मृतकों के परिवार को मुआवजा दिया जाए

सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक मुआवजा नहीं

अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई आधिकारिक मुआवजा घोषणा नहीं की गई है। प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि मृतकों के परिवार को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से सहायता दी जाएगी। साथ ही घायलों का इलाज सरकार की ओर से निशुल्क किया जा रहा है।

शादी सीजन में सावधानी जरूरी, प्रशासन की अपील

यह हादसा एक बार फिर यह साबित करता है कि शादी समारोह के बाद देर रात सफर करना कितना खतरनाक हो सकता है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि:

  • गाड़ियों में ओवरलोडिंग न करें

  • रात के समय ट्रैवल से बचें

  • अनुभवी ड्राइवर रखें

  • सीट बेल्ट का अनिवार्य प्रयोग करें

  • बच्चों को सुरक्षित स्थान पर बैठाएं

बलरामपुर का यह हादसा उन सभी के लिए चेतावनी है जो शादी-ब्याह के सीजन में बिना सुरक्षा के यात्रा करते हैं। दो मासूम भाइयों की मौत और एक ही परिवार के तीन सदस्यों का गंभीर रूप से घायल होना दिल को झकझोर देता है। प्रशासन और समाज दोनों को अब सड़क सुरक्षा को गंभीरता से लेना होगा।

विराट कोहली के टेस्ट से अचानक संन्यास पर बवाल, क्या बीसीसीआई ने किया अनदेखा? मोहम्मद कैफ ने उठाए सवाल

Virat Kohli's Sudden Test Retirement Sparks Controversy:

KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत के स्टार क्रिकेटर और पूर्व टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया। यह फैसला ऐसे समय आया जब कोहली के नाम पर टीम चयन की चर्चा हो रही थी और वह खुद इंग्लैंड दौरे की तैयारी में लगे थे। लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं — क्या यह कोहली का निजी फैसला था या उन्हें इसके लिए मजबूर किया गया?

पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ का मानना है कि कोहली को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर से पर्याप्त समर्थन नहीं मिला, जिस कारण उन्हें यह बड़ा फैसला लेना पड़ा।

भारत-पाक तनाव के बीच दब गई कोहली की विदाई

जब विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया, उस वक्त भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चरम पर था। इस वजह से कोहली के संन्यास की खबर उस समय चर्चा में नहीं आ सकी। अब जब हालात सामान्य हो रहे हैं, तो कोहली के अचानक लिए गए फैसले पर बहस फिर से शुरू हो गई है।

मुख्य सवाल:

  • क्या कोहली को टीम में जगह नहीं मिलने का संकेत दिया गया था?

  • क्या यह चयनकर्ताओं की रणनीति थी?

  • क्यों उन्हें एक फेयरवेल टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिला?

मोहम्मद कैफ का बड़ा बयान: कोहली को नहीं मिला सपोर्ट

एक मीडिया इंटरव्यू में मोहम्मद कैफ ने दावा किया कि कोहली इंग्लैंड दौरे की तैयारी कर रहे थे और उन्होंने हाल ही में घरेलू क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी भी खेली थी। ऐसे में उनका अचानक टेस्ट से रिटायरमेंट लेना हैरान करने वाला फैसला है।

कैफ ने कहा:

“कोहली इंग्लैंड दौरे को लेकर गंभीर थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद रणजी ट्रॉफी का मैच खेला, जो इस बात का संकेत था कि वो टेस्ट खेलने के लिए तैयार थे। लेकिन ऐसा लगता है कि चयनकर्ताओं ने उन्हें स्पष्ट रूप से बता दिया कि अब टेस्ट टीम में उनकी जगह नहीं है।”

चयनकर्ताओं की चुप्पी और बीसीसीआई का रवैया सवालों के घेरे में

कैफ के बयान के बाद अब बीसीसीआई और चयन समिति की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। न तो बीसीसीआई अध्यक्ष और न ही अजीत अगरकर ने कोहली के संन्यास पर कोई प्रतिक्रिया दी है। कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ी के संन्यास पर यह चुप्पी दर्शाती है कि कहीं न कहीं संपर्क और संवाद की कमी रही।

क्या कोहली का टेस्ट फॉर्म था गिरावट में?

कई विशेषज्ञों का मानना है कि चयनकर्ताओं ने पिछले कुछ वर्षों में कोहली के गिरते टेस्ट प्रदर्शन को लेकर चिंता जताई थी। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि उनका प्रदर्शन औसत जरूर था, लेकिन ऐसा नहीं कि उन्हें बाहर किया जाए।

कोहली के पिछले 10 टेस्ट मैच (2024):

  • रन: 578

  • औसत: 41.28

  • हाफ सेंचुरी: 5

  • स्ट्राइक रेट: 53.1

  • शतक: 1

यह प्रदर्शन किसी भी अनुभवी खिलाड़ी के लिए पर्याप्त है, खासकर जब वह घरेलू क्रिकेट में वापसी कर रहा हो।

फैंस में नाराज़गी: कोहली को नहीं मिला फेयरवेल टेस्ट

कोहली के प्रशंसक सोशल मीडिया पर बीसीसीआई के रवैये से बेहद नाराज़ हैं। कई लोगों का मानना है कि कोहली को एक आखिरी टेस्ट खेलने का मौका दिया जाना चाहिए था, खासकर किसी बड़े मैदान जैसे लॉर्ड्स या ईडन गार्डन्स पर।

सोशल मीडिया प्रतिक्रियाएं:

  • “सचिन को फेयरवेल मिला, धोनी को सम्मान मिला… कोहली को क्यों नहीं?”

  • “क्या यह फैसला खुद का था या उन्हें मजबूर किया गया?”

  • “कोहली जैसा खिलाड़ी इस तरह चुपचाप नहीं जाता।”

विराट कोहली का टेस्ट करियर: एक गौरवशाली सफर

कोहली का टेस्ट करियर भारतीय क्रिकेट के गोल्डन युग का प्रतीक रहा है। उन्होंने टीम को नई आक्रामकता दी, खासकर विदेशों में।

विराट कोहली के टेस्ट आंकड़े:

  • मैच: 113

  • रन: 8,848

  • औसत: 49.2

  • शतक: 29

  • कैप्टनसी रिकॉर्ड: 40 जीत (68 मैचों में)

उनके नेतृत्व में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज़ जीती और इंग्लैंड तथा साउथ अफ्रीका में कड़ा मुकाबला किया।

क्या यह एक बड़ी ट्रांजिशन की शुरुआत है?

कोहली का टेस्ट से संन्यास शायद भारतीय टीम में पीढ़ीगत बदलाव (Generational Shift) की शुरुआत है। इसके साथ ही अब अन्य वरिष्ठ खिलाड़ी जैसे पुजारारहाणे और अश्विन के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे हैं।

नई चयन समिति शायद शुभमन गिलयशस्वी जायसवालऋतुराज गायकवाड़ जैसे युवा खिलाड़ियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है।

कोहली अभी भी सीमित ओवरों के क्रिकेट में सक्रिय

यह ध्यान देना जरूरी है कि विराट कोहली ने सिर्फ टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया है। वह अभी भी ODI और T20 फॉर्मेट में टीम इंडिया का हिस्सा हैं और चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 और T20 वर्ल्ड कप 2026 में उनकी बड़ी भूमिका रहने की उम्मीद है।

चाहे कोहली का यह फैसला निजी हो या बाहरी दबाव का परिणाम — यह स्पष्ट है कि उन्हें बेहतर सम्मान और विदाई मिलनी चाहिए थी। भारतीय क्रिकेट ने एक ऐसा खिलाड़ी खोया है जिसने टेस्ट क्रिकेट को एक नई पहचान दी। उनके जैसे दिग्गज को चुपचाप विदा करना भारतीय क्रिकेट की संस्कृति पर सवाल उठाता है।

दिल्ली-एनसीआर में धूल भरी आंधी से घना कोहरा, दृश्यता तीन गुना घटी: IMD ने दी चेतावनी

Delhi  Monsoon Likely to Arrive by June 22–23

KKN गुरुग्राम डेस्क | बुधवार देर रात दिल्ली-एनसीआर के आसमान पर धूल की मोटी चादर छा गई। आम लोग इसे कोहरा समझ बैठे, लेकिन भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने स्पष्ट किया कि यह धूल कणों से बनी धुंध थी, जो तेज हवाओं के कारण वातावरण में फैल गई। इस धूल भरी आंधी के चलते न केवल दृश्यता में भारी गिरावट आई, बल्कि वायु गुणवत्ता भी बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई।

दिल्ली की हवा में क्यों फैली धूल?

बुधवार की रात करीब 10 बजे, दिल्ली में अचानक तेज हवाएं चलने लगीं। मौसम विभाग के अनुसार, इन तेज हवाओं के कारण सतह पर जमी धूल हवा में उड़ने लगी, जिससे वायुमंडल के निचले स्तर पर धूल के महीन कण जम गए।

इस प्रक्रिया के कारण आसमान पर ऐसा दृश्य बना जैसे कोहरा छा गया हो, लेकिन यह वास्तव में धूल का घना गुबार था।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  • रात 10:00 बजे दृश्यता थी 4500 मीटर

  • रात 11:30 बजे तक घटकर रह गई 1200 मीटर

  • धूल के कण वातावरण में बने रहे रातभर

  • वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘खराब’ से ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया

कौन-कौन से इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित रहे?

मौसम विभाग ने जानकारी दी कि दिल्ली के प्रमुख इलाकों जैसे सफदरजंग, पालम, और ऐतिहासिक स्थल हुमायूं का मकबरा तक पर धूल की मोटी परत नजर आई। इसके अलावा, पूरे एनसीआर क्षेत्र — जिसमें नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम शामिल हैं — में भी धूल का असर देखा गया।

प्रमुख प्रभावित क्षेत्र:

  • दक्षिण दिल्ली: सफदरजंग, ग्रेटर कैलाश, लाजपत नगर

  • पश्चिम दिल्ली: पालम, द्वारका, जनकपुरी

  • पूर्वी दिल्ली और नोएडा: मयूर विहार, सेक्टर 62, सेक्टर 18

  • गुरुग्राम और फरीदाबाद: सेक्टर 14, ओल्ड फरीदाबाद, सोहना रोड

दिल्ली की वायु गुणवत्ता हुई बेहद खराब

तेज हवाओं के चलते धूल के कणों की अधिकता ने वायु गुणवत्ता को काफी हद तक बिगाड़ दिया। बुधवार की रात दिल्ली-एनसीआर में PM10 और PM2.5 स्तर में भारी वृद्धि देखी गई, जिससे सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए स्थिति और भी गंभीर हो गई।

IMD और स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी:

  • अस्थमा और सांस के रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह

  • एन95 मास्क का प्रयोग करें

  • बच्चों और बुजुर्गों को बाहर निकलने से परहेज करने की हिदायत

  • घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें

गुरुवार सुबह कुछ राहत, हवा ने संभाली कमान

गुरुवार की सुबह हल्की राहत लेकर आई। IMD ने बताया कि हवा की गति बढ़ने के कारण धूल के कण कुछ हद तक छंट गए। सुबह करीब 6 बजे दृश्यता में हल्का सुधार देखा गया और यह 1500 मीटर तक पहुंच गई।

हवा की गति इस समय लगभग 10 किलोमीटर प्रति घंटा रही, जिससे धूल के कण फैलने लगे और वातावरण थोड़ा साफ हुआ।

शुक्रवार को होगी राहत, बारिश की संभावना

मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार (16 मई) को दिल्ली-एनसीआर को इस धूलभरी स्थिति से पूरी तरह राहत मिलने की संभावना है। विभाग ने भविष्यवाणी की है कि शुक्रवार को तेज हवाओं के साथ गरज के साथ बारिश हो सकती है।

शुक्रवार का मौसम पूर्वानुमान:

  • दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में तेज हवाएं और वर्षा

  • हवा की गति 50 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है

  • बारिश से धूल के कण बैठेंगे और हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा

  • तापमान में भी 3-4 डिग्री की गिरावट आने की संभावना

दिल्ली में इस मौसम में क्यों आते हैं धूल भरे तूफान?

दिल्ली और उत्तर भारत में अप्रैल से जून के बीच प्री-मॉनसून सीज़न में इस प्रकार के धूलभरे तूफान आम बात हैं। थार मरुस्थल के पास स्थित दिल्ली में पश्चिमी विक्षोभ और सतही गर्मी इन परिस्थितियों को जन्म देते हैं।

मुख्य कारण:

  1. अचानक तेज हवाओं का चलना

  2. लंबे समय से बारिश न होना

  3. सूखी ज़मीन और खुले निर्माण स्थल

  4. तापमान में वृद्धि और गर्म हवा

  5. वनों की कटाई और शहरीकरण

सामान्य जनजीवन पर प्रभाव

बुधवार रात की धूलभरी स्थिति ने दिल्लीवासियों की दिनचर्या को प्रभावित किया। दृश्यता में भारी गिरावट के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हुईं।

प्रभाव:

  • हवाई यातायात: पालम और IGI एयरपोर्ट पर उड़ानों की टाइमिंग प्रभावित

  • सड़क यातायात: रिंग रोड, दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे पर वाहन धीमी गति से चले

  • निर्माण कार्य: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अस्थायी रूप से निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाने की सिफारिश की

  • स्वास्थ्य सेवाएं: सरकारी और निजी अस्पतालों में सांस से जुड़ी समस्याओं वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी

आने वाले दिनों का मौसम अनुमान

तारीखमौसम स्थितिहवा की गतिवर्षा की संभावना
16 मईगरज के साथ बारिश40-50 किमी/घंटाउच्च
17 मईसाफ आसमान, ठंडी हवा25-30 किमी/घंटाकम
18 मईसामान्य मौसम, AQI में सुधार20 किमी/घंटानहीं

दिल्ली में आई यह अचानक धूलभरी स्थिति केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि शहरी विस्तार और पर्यावरणीय असंतुलन का नतीजा भी है। अगर समय रहते हरित क्षेत्र नहीं बढ़ाए गएनिर्माण कार्यों पर नियंत्रण नहीं किया गया और वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर रोक नहीं लगी, तो ऐसी घटनाएं और ज्यादा आम हो जाएंगी।

मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार से हालात बेहतर होंगे, लेकिन यह घटना हमें आगाह करती है कि अब समय आ गया है जब हमें पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देनी ही होगी।

बजट में मिल रहे हैं ये 5 बेहतरीन स्मार्टफोन – कैमरा, बैटरी और परफॉर्मेंस का दमदार कॉम्बो

Mobile Launches in July 2025: A New Wave of Smartphones Hitting the Market

KKN गुरुग्राम डेस्क | क्या आप एक ऐसा स्मार्टफोन ढूंढ रहे हैं जो आपकी जेब पर भारी न पड़े, लेकिन फिर भी शानदार परफॉर्मेंस दे? तो आपकी तलाश यहीं खत्म होती है। आजकल ₹6,500 से कम कीमत में मिलने वाले बजट स्मार्टफोन वो फीचर्स दे रहे हैं जो पहले सिर्फ मिड-रेंज या फ्लैगशिप डिवाइस में ही मिलते थे।

चाहे आप छात्र हों, पहला स्मार्टफोन खरीदने वाले हों, या एक सेकेंडरी डिवाइस की तलाश में हों — ये एंट्री-लेवल स्मार्टफोन अब शानदार कैमरा, दमदार बैटरी और फास्ट प्रोसेसिंग के साथ आ रहे हैं। इस लेख में हम 2025 के 5 बेस्ट वैल्यू फॉर मनी स्मार्टफोन्स को शामिल कर रहे हैं, जिनमें हैं SamsungRedmiLavaItel और Infinix जैसे लोकप्रिय ब्रांड।

₹6,500 के अंदर के 5 बेस्ट स्मार्टफोन (2025 एडिशन)

1. Samsung Galaxy M02 Core

  • कीमत: ₹6,299

  • कैमरा: 8MP रियर, 5MP फ्रंट

  • रैम: 2GB फिजिकल + 6GB वर्चुअल

  • स्टोरेज: 32GB (एक्सपेंडेबल)

  • बैटरी: 5000mAh

  • डिस्प्ले: 6.5″ HD+ Infinity-V

  • OS: Android Go Edition

क्यों खरीदें?
Samsung का भरोसेमंद नाम और मजबूत बैटरी इस बजट स्मार्टफोन को छात्रों और सीनियर यूज़र्स के लिए आदर्श बनाता है। हल्के उपयोग के लिए ऑप्टिमाइज़ किया गया UI इसकी खासियत है।

उपयुक्त उपयोगकर्ता: छात्र, वरिष्ठ नागरिक, बेसिक यूज़र्स।

2. Redmi A2+ (2025 एडिशन)

  • कीमत: ₹6,499

  • कैमरा: 8MP डुअल AI + डेप्थ सेंसर, 5MP फ्रंट

  • रैम: 4GB + 8GB वर्चुअल

  • स्टोरेज: 64GB

  • बैटरी: 5000mAh

  • डिस्प्ले: 6.52″ HD+ Dot Drop

  • प्रोसेसर: MediaTek Helio G36

  • OS: Android 13 (Go Edition)

क्यों खरीदें?
बेहतर डिस्प्ले, फिंगरप्रिंट सेंसर और स्टेबल परफॉर्मेंस इसे OTT यूज़र्स और वीडियो कॉलिंग पसंद करने वालों के लिए बढ़िया ऑप्शन बनाते हैं।

उपयुक्त उपयोगकर्ता: स्टूडेंट्स, एंट्री-लेवल गेमर्स, वीडियो कॉल यूज़र्स।

3. Lava Yuva 2

  • कीमत: ₹6,299

  • कैमरा: 13MP डुअल रियर, 5MP फ्रंट

  • रैम: 3GB + 6GB वर्चुअल

  • स्टोरेज: 64GB

  • बैटरी: 5000mAh

  • डिस्प्ले: 6.5″ HD+

  • प्रोसेसर: Unisoc T606

  • OS: Android 12

क्यों खरीदें?
‘मेक इन इंडिया’ स्मार्टफोन जो बजट में बेहतरीन कैमरा और स्मूद मल्टीटास्किंग की पेशकश करता है।

उपयुक्त उपयोगकर्ता: सोशल मीडिया यूज़र्स, फोटोग्राफी प्रेमी।

4. Itel P40

  • कीमत: ₹6,399

  • कैमरा: 13MP AI डुअल रियर, 5MP फ्रंट

  • रैम: 4GB + 8GB वर्चुअल

  • स्टोरेज: 64GB

  • बैटरी: 6000mAh

  • डिस्प्ले: 6.6″ HD+ IPS

  • प्रोसेसर: SC9863A

  • OS: Android 13 Go

क्यों खरीदें?
6000mAh की विशाल बैटरी इस प्राइस रेंज में दुर्लभ है। लम्बी ड्यूटी और यात्रा करने वालों के लिए शानदार ऑप्शन।

उपयुक्त उपयोगकर्ता: डिलीवरी पार्टनर, यात्री, भारी उपयोगकर्ता।

5. Infinix Smart 8 HD

  • कीमत: ₹6,499

  • कैमरा: 50MP AI डुअल कैमरा, 8MP फ्रंट

  • रैम: 4GB + 8GB वर्चुअल

  • स्टोरेज: 64GB

  • बैटरी: 5000mAh

  • डिस्प्ले: 6.6″ HD+ 90Hz रिफ्रेश रेट

  • प्रोसेसर: Unisoc T606

  • OS: Android 13 Go

क्यों खरीदें?
इस रेंज में 50MP कैमरा और 90Hz डिस्प्ले इसे एक ऑलराउंडर बनाते हैं। शानदार डिजाइन और परफॉर्मेंस दोनों का बेहतरीन मेल।

उपयुक्त उपयोगकर्ता: फोटोग्राफी के शौकीन, कंटेंट देखने वाले यूज़र, छात्र।

₹6,500 में ये फोन खास क्यों हैं?

हालांकि कीमत कम है, फिर भी इन स्मार्टफोनों में मिलते हैं:

  • HD+ डिस्प्ले जो वीडियो, गेम और रीडिंग के लिए शानदार हैं

  • 5000mAh से 6000mAh बैटरी, जो दिनभर का बैकअप देती है

  • AI कैमरा टेक्नोलॉजी, कुछ मॉडल में 50MP तक

  • Android Go/Android 13 Go, जो हल्के हार्डवेयर के लिए उपयुक्त

  • फिंगरप्रिंट सेंसर, फेस अनलॉक जैसी सुविधाएं

  • 64GB तक की स्टोरेज, और अधिकतर में माइक्रोSD एक्सपेंशन स्लॉट

बजट स्मार्टफोन खरीदने की गाइड (2025)

1. रैम और वर्चुअल रैम

कम से कम 3GB फिजिकल रैम और 6-8GB वर्चुअल रैम वाले फोन चुनें ताकि लैग न हो।

2. स्टोरेज

64GB इंटरनल स्टोरेज आज के समय में न्यूनतम आवश्यक है। एक्सपेंडेबल स्टोरेज एक बोनस है।

3. बैटरी

5000mAh से ज्यादा बैटरी उन यूज़र्स के लिए खास है जिनके पास बार-बार चार्ज करने का समय नहीं है।

4. डिस्प्ले

6.5-इंच या उससे बड़ी HD+ डिस्प्ले पढ़ने, वीडियो देखने और गेम खेलने के अनुभव को बेहतर बनाती है।

5. OS

Android 12 या Android 13 Go वर्जन चुनें जो लेटेस्ट ऐप्स को सपोर्ट करते हैं और स्मूद अनुभव देते हैं।

तुलना तालिका

फ़ीचरInfinix Smart 8 HDItel P40Lava Yuva 2Redmi A2+Samsung M02 Core
कीमत₹6,499₹6,399₹6,299₹6,499₹6,299
कैमरा (मुख्य)50MP13MP13MP8MP डुअल8MP
रैम (कुल)4GB + 8GB vRAM4GB + 8GB3GB + 6GB4GB + 8GB2GB + 6GB
स्टोरेज64GB64GB64GB64GB32GB
बैटरी5000mAh6000mAh5000mAh5000mAh5000mAh
OSAndroid 13 GoAndroid 13 GoAndroid 12Android 13 GoAndroid Go
डिस्प्ले6.6″ HD+ 90Hz6.6″ HD+6.5″ HD+6.52″ HD+6.5″ HD+
  • कैमरा और डिस्प्ले में बेस्ट: Infinix Smart 8 HD

  • बैटरी बैकअप के लिए बेस्ट: Itel P40

  • मेक इन इंडिया चॉइस: Lava Yuva 2

  • ब्रांड वैल्यू और सिंपल यूआई: Samsung M02 Core और Redmi A2+

अगर आप कम बजट में ज्यादा फीचर्स चाहते हैं, तो ये 5 स्मार्टफोन आपके लिए एकदम परफेक्ट चॉइस हो सकते हैं। अपनी जरूरतों के हिसाब से उपयुक्त मॉडल का चुनाव करें और स्मार्ट खरीदारी करें।

YRKKH नया मोड़: अभिरा को भूलेगा अरमान, रिश्ते को बचाने आगे आएगी रूही

Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: Emotional Drama Unfolds in Upcoming Episodes with Major Family Twists

KKN गुरुग्राम डेस्क | स्टार प्लस का लोकप्रिय धारावाहिक ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (YRKKH) एक बार फिर दर्शकों के सामने बड़ा ट्विस्ट लेकर आया है। कहानी अब उस मोड़ पर पहुंच चुकी है जहां अभिरा और अरमान के रिश्ते की डोर कमजोर पड़ती नजर रही है, और इसी बीच रूही एक निर्णायक भूमिका निभाने वाली है।

शो में अब जल्द ही पांच साल का लीप (time leap) दिखाया जाने वाला है, जिससे पहले कई जटिल भावनात्मक मोड़ सामने रहे हैं। इस बार कहानी का फोकस है: अरमान का अभिरा से भावनात्मक दूरी बनाना और रूही का अपने भाई और भाभी के रिश्ते को बचाने की कोशिश करना।

अरमान के लिए प्राथमिकता बनी पूकी, अभिरा को किया नजरअंदाज

हालिया एपिसोड में दिखाया गया कि अरमान, अपनी पूकी के नहावन समारोह की तैयारियों में व्यस्त है। वह पूरे परिवार को समारोह स्थल तक ले जाने के लिए एक बस की व्यवस्था करता है और सभी को जल्दी चढ़ने के लिए कहता है। वह कहता है:

जल्दी चलिए, वरना पूकी का शेड्यूल खराब हो जाएगा।”

हालांकि, अरमान यह नोटिस ही नहीं करता कि अभिरा अब तक बस में नहीं चढ़ी है, और ड्राइवर को बस चलाने का निर्देश दे देता है। अभिरा जब बस में चढ़ती है, तो वह साफ शब्दों में कहती है:

मैं अब आई हूं और तुम्हें पता भी नहीं था कि मैं बस में नहीं हूं।”

इस सबके बावजूद अरमान उसे अपने पास बैठने नहीं देता और पूकी के बगल में बैठ जाता है। यह दृश्य अभिरा के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाता है, और रिश्ते में दरार की शुरुआत को दर्शाता है।

रूही ने ली अभिरा की साइड, अरमान को आईना दिखाने को तैयार

जब रूही ये सब देखती है, तो उसका सब्र टूट जाता है। वो अभिरा के पास जाती है और उसे सलाह देती है कि अब चुप रहने का समय नहीं है। रूही का डायलॉग इस प्रकार है:

अब समय गया है कि तुम अरमान को याद दिलाओ कि उसकी जिंदगी में सिर्फ पूकी नहीं, तुम भी हो। ये लंबी चुप्पी तुम्हारी शादी और तुम्हारी बेटी दोनों को महंगा पड़ेगी।”

रूही का ये बदला हुआ रूप दर्शकों को यह संकेत देता है कि आगे चलकर वह अरमान और अभिरा के रिश्ते को जोड़ने की कोशिश कर सकती है।

YRKKH में जल्द आने वाला है 5 साल का लीप

खबरों की मानें तो शो में जल्द ही 5 साल का समयांतराल (लीप) दिखाया जाएगा। लीप के बाद कथित तौर पर अरमान और अभिरा अलग हो जाएंगेइस बदलाव से कहानी एक नए मुकाम पर पहुंचेगी।

दर्शकों के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि पूकी किसके साथ रहेगी — अरमान के साथ या अभिरा के साथ? यह सवाल आने वाले एपिसोड्स में अहम मोड़ साबित हो सकता है।

फैंस के लिए भावनात्मक दौर, TRP में हो सकता है उछाल

ये रिश्ता क्या कहलाता है” हमेशा से ही भावनात्मक और पारिवारिक संबंधों पर आधारित रहा है। लेकिन इस बार अरमान की बेरुखी और अभिरा की चुप्पी ने दर्शकों को झकझोर दिया है। सोशल मीडिया पर #YRKKHtwist और #Abhira ट्रेंड कर रहे हैं।

इस नए ट्रैक से जुड़े कुछ कारण जिनसे शो को फायदा हो सकता है:

  • दर्शकों की भावनात्मक जुड़ाव: अभिरा जैसे किरदारों से दर्शक भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं।

  • नाटकीय मोड़ और लीप: लीप दर्शकों को नए किरदार और नई कहानी के लिए उत्साहित करता है।

  • रूही का मजबूत पक्ष: अब तक एक साइलेंट किरदार रही रूही अब एक मजबूत भावनात्मक कड़ी बनकर उभर रही है।

आने वाले एपिसोड्स में क्या हो सकता है खास?

  • रूही और अरमान की बहस: रूही सीधे तौर पर अरमान से उसका व्यवहार पूछ सकती है।

  • अभिरा का आत्मबल बढ़ेगा: इस चोट के बाद अभिरा खुद को मजबूत कर सकती है।

  • नई एंट्रीज़: लीप के बाद नए किरदार कहानी में जान डाल सकते हैं।

  • पिछले पलों की झलक: फ्लैशबैक के जरिए पुराने रिश्तों को जोड़ने की कोशिश की जा सकती है।

क्या सचमुच खत्म हो रहा है अभिरा और अरमान का रिश्ता?

जहां दर्शकों को अभी भी सुलह की उम्मीद है, वहीं कहानी का मौजूदा ट्रैक एक स्थायी अलगाव की ओर इशारा कर रहा हैअरमान की बेरुखी और अभिरा की टूटती उम्मीदें शायद अब उन्हें एक साथ ना रख पाएं।

हालांकि, रूही की भूमिका से उम्मीदें बनी हुई हैंवह इस टूटते रिश्ते की कड़ी बन सकती है और कहानी को एक नई दिशा दे सकती है।

ये रिश्ता क्या कहलाता है” एक बार फिर से यह साबित कर रहा है कि यह सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं, बल्कि आत्मसम्मान, रिश्तों की गहराई और परिवार के संघर्षों की कहानी है। अभिरा की चुप्पी अब उसकी कमजोरी नहीं, बल्कि उसके आत्मबल की प्रतीक बनती जा रही है।

आने वाले एपिसोड्स में देखने वाली बात होगी कि क्या अरमान अपनी गलती समझेगा? क्या अभिरा खुद के लिए खड़ी होगी? या फिर यह रिश्ता सिर्फ नाम भर का रह जाएगा?

Gold Silver Rate 15 May 2025: आज का सोने और चांदी का रेट, जानें 18, 22 और 24 कैरेट के ताजा दाम

Gold and Silver Prices Today: 15 May 2025

KKN गुरुग्राम डेस्क | अगर आप आज सोना या चांदी खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो बाज़ार में जाने से पहले आज के लेटेस्ट रेट पर नजर डालना बेहद जरूरी है। गुरुवार, 15 मई 2025 को सोने और चांदी की कीमतों में मामूली बदलाव दर्ज किया गया है। आज सोने का रेट 96,200 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच चुका है, जबकि चांदी का रेट 97,800 रुपए प्रति किलो के आसपास चल रहा है।

यह लेख आपको देश के प्रमुख शहरों में 18, 22 और 24 कैरेट सोने की दरों की जानकारी के साथ-साथ चांदी के ताजे भाव और हॉलमार्क गोल्ड से जुड़ी जरूरी जानकारी प्रदान करेगा।

 आज का सोने का रेट – 15 मई 2025

 18 कैरेट सोना (10 ग्राम):

शहररेट (₹)
दिल्ली₹72,160
मुंबई, कोलकाता₹72,030
इंदौर, भोपाल₹72,070
चेन्नई₹72,540

 22 कैरेट सोना (10 ग्राम):

शहररेट (₹)
दिल्ली, लखनऊ, जयपुर₹88,190
इंदौर, भोपाल₹88,090
मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता₹88,040

 24 कैरेट सोना (10 ग्राम):

शहररेट (₹)
दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, चंडीगढ़₹96,200
भोपाल, इंदौर₹96,100
मुंबई, केरल, हैदराबाद, बैंगलुरु₹96,050
चेन्नई₹96,050

आज का चांदी का रेट – 15 मई 2025

शहर1 किलो चांदी (₹)
दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, जयपुर₹97,800
चेन्नई, हैदराबाद, मदुरै, केरल₹1,08,900
भोपाल, इंदौर₹97,800

चांदी के रेटों में दक्षिण भारत के शहरों में तेजी देखी गई है, जबकि उत्तर और पश्चिम भारत के शहरों में रेट स्थिर हैं।

 सोना खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

सोना खरीदना सिर्फ निवेश नहीं बल्कि जिम्मेदारी भी है। यहां कुछ जरूरी बातें हैं जिन्हें ध्यान में रखकर आप सुरक्षित और लाभकारी खरीदारी कर सकते हैं:

 हॉलमार्क क्या है?

हॉलमार्क भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा प्रमाणित एक चिन्ह होता है जो सोने की शुद्धता की गारंटी देता है।

कैरेटप्योरिटी (%)हॉलमार्क नंबर
24K99.9%999
22K91.6%916
21K87.5%875
18K75%750

24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध होता है, लेकिन इससे आभूषण नहीं बनते। अधिकतर गहने 18K और 22K सोने से बनाए जाते हैं।

सोना खरीदने से पहले यह ज़रूर जांचें:

  1. BIS हॉलमार्क अंकित है या नहीं।

  2. रेसीट और बिल जरूर लें जिसमें सोने की कैरेट, वजन, मेकिंग चार्ज और टैक्स की जानकारी हो।

  3. दुकानदार BIS प्रमाणित है या नहीं, यह जांचें।

  4. मेकिंग चार्ज की तुलना करें – यह आमतौर पर 5% से 15% तक होता है।

  5. रिटर्न और एक्सचेंज पॉलिसी समझें।

क्या आज सोना और चांदी खरीदना सही रहेगा?

विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति और रुपये की कमजोरी जैसे कारकों के चलते सोने और चांदी की कीमतों में आगे और बढ़ोतरी संभव है। आने वाले समय में शादियों और त्योहारों की मांग से रेट और चढ़ सकते हैं।

यदि आप लॉन्ग टर्म निवेश या गहनों के लिए खरीदारी करने की सोच रहे हैं, तो आज के रेट उपयुक्त हैं। वहीं, छोटे निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड या डिजिटल गोल्ड को भी एक विकल्प के रूप में देख सकते हैं।

 विशेषज्ञ की राय

बुलियन विशेषज्ञ राहुल जैन का कहना है:

“₹96,200 पर 24 कैरेट सोना और ₹97,800 की चांदी वर्तमान में निवेश के लिए अनुकूल दर है। हॉलमार्क गहनों की मांग स्थिर बनी हुई है।”

उन्होंने यह भी कहा कि त्योहारी सीजन के करीब आते ही कीमतें और बढ़ सकती हैं।

आज के रेट को देखते हुए, यदि आप सोना या चांदी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह समय उपयुक्त हो सकता है। हॉलमार्किंग और रेट की तुलना कर समझदारी से खरीदारी करें।

राष्ट्रपति मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताई आपत्ति, कहा- यह संवैधानिक सीमाओं का उल्लंघन है

President Droupadi Murmu Questions Supreme Court’s Authority on Legislative Timelines for Governors and President

KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर गंभीर आपत्ति दर्ज की है जिसमें न्यायालय ने राज्यपालों और राष्ट्रपति को विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर निर्णय लेने की समय-सीमा निर्धारित की थी। राष्ट्रपति ने इस निर्णय को संविधान के संघीय ढांचे और संवैधानिक प्रावधानों के विरुद्ध बताया है।

इस आपत्ति के साथ राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 143(1) के तहत सर्वोच्च न्यायालय से 14 संवैधानिक प्रश्नों पर राय मांगी है। यह प्रावधान बेहद कम उपयोग में आता है, जिससे इस मामले की संवेदनशीलता और गंभीरता स्पष्ट होती है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या था?

8 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय में कहा था कि:

  • राज्यपाल को किसी विधेयक पर अधिकतम 3 महीने के भीतर निर्णय लेना होगा।

  • यदि कोई विधेयक पुनः विधानसभा द्वारा पारित होता है तो राज्यपाल को उसे 1 महीने के भीतर स्वीकृत करना होगा।

  • यदि विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा गया है तो राष्ट्रपति को भी 3 महीने के भीतर निर्णय लेना होगा।

  • यदि तय समय में कोई निर्णय नहीं लिया जाता तो उसे ‘मंजूरी प्राप्त’ (deemed assent) माना जाएगा।

 राष्ट्रपति की आपत्ति: “यह संविधान का अतिक्रमण है”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस फैसले को संविधान की भावना और संघीय संतुलन के प्रतिकूल बताया। उन्होंने कहा:

“संविधान के अनुच्छेद 200 और 201 में राज्यपाल या राष्ट्रपति के निर्णय पर किसी प्रकार की समय-सीमा का उल्लेख नहीं है। अतः यह निर्णय कार्यपालिका के विवेकाधिकार का उल्लंघन करता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि विधायिका से पारित विधेयकों पर निर्णय लेना केवल समय नहीं, बल्कि गंभीर संवैधानिक, कानूनी और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे कारकों पर निर्भर करता है।

 अनुच्छेद 143(1) का उपयोग

अनुच्छेद 143(1) के तहत, राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट से किसी भी सार्वजनिक महत्व के कानून या तथ्य पर राय मांग सकते हैं। इसे “राष्ट्रपति की परामर्श शक्ति” कहा जाता है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने इस प्रावधान का सहारा लेकर न्यायपालिका से संवैधानिक स्पष्टता की मांग की है क्योंकि अगर वे सीधे समीक्षा याचिका दाखिल करतीं, तो मामला उसी पीठ के पास जाता जिसने फैसला सुनाया था।

 अनुच्छेद 131 बनाम अनुच्छेद 32: एक और संवैधानिक मुद्दा

राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी सवाल उठाया कि कई राज्य सरकारें केंद्र-राज्य विवादों के मामलों में अनुच्छेद 131 की जगह अनुच्छेद 32 का उपयोग कर रही हैं।

अनुच्छेद 131:

  • केंद्र और राज्य या राज्यों के बीच कानूनी विवादों का निपटारा करता है।

अनुच्छेद 32:

  • नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का अधिकार देता है।

राष्ट्रपति ने कहा:

“राज्य सरकारें संघीय मुद्दों पर भी अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर कर रही हैं, जो संविधान की व्यवस्था के विरुद्ध है और अनुच्छेद 131 को कमजोर करता है।”

 अनुच्छेद 142 पर सवाल

राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुच्छेद 142 के प्रयोग पर भी आपत्ति जताई है। यह अनुच्छेद न्यायालय को “पूर्ण न्याय” प्रदान करने की शक्ति देता है।

राष्ट्रपति का कहना है:

“जहां संविधान और कानून पहले से ही स्पष्ट व्यवस्था करते हैं, वहां अनुच्छेद 142 का प्रयोग संवैधानिक असंतुलन पैदा कर सकता है।”

यह पहली बार है जब भारत की राष्ट्रपति ने न्यायपालिका के निर्णय को इस प्रकार चुनौती दी है।

 राष्ट्रपति के सामने प्रमुख संवैधानिक प्रश्न

राष्ट्रपति ने जिन 14 सवालों पर सुप्रीम कोर्ट से राय मांगी है, उनमें प्रमुख विषय शामिल हैं:

  1. क्या न्यायपालिका कार्यपालिका पर समय-सीमा तय कर सकती है?

  2. क्या ‘मंजूरी प्राप्त’ की अवधारणा संविधान सम्मत है?

  3. अनुच्छेद 200 और 201 में समय-सीमा नहीं होने पर क्या कोर्ट सीमाएं तय कर सकता है?

  4. अनुच्छेद 142 की सीमाएं क्या हैं?

  5. राज्य सरकारें अनुच्छेद 32 का दुरुपयोग क्यों कर रही हैं?

 संविधान के अनुच्छेद 200 और 201 की व्याख्या

  • अनुच्छेद 200 राज्यपाल को निम्नलिखित विकल्प देता है:

    • विधेयक को मंजूरी देना

    • स्वीकृति रोकना

    • राष्ट्रपति को भेजना

  • अनुच्छेद 201 राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वह:

    • मंजूरी दें

    • अस्वीकृति दें

    • संशोधन हेतु वापस भेजें

इन दोनों अनुच्छेदों में कहीं भी समय-सीमा का उल्लेख नहीं किया गया है, जो राष्ट्रपति की आपत्ति को संवैधानिक आधार प्रदान करता है।

विशेषज्ञों की राय

संवैधानिक जानकारों के अनुसार:

  • राष्ट्रपति का यह कदम संवैधानिक संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप है।

  • वहीं, कुछ लोग मानते हैं कि कोर्ट का फैसला विधानसभा की स्वायत्तता और शासन में पारदर्शिता लाने के लिए जरूरी था।

राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा अनुच्छेद 143(1) के तहत सुप्रीम कोर्ट से राय मांगना एक ऐतिहासिक और संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण कदम है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत के संवैधानिक ढांचे में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के बीच सीमाओं और शक्तियों को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

आने वाले दिनों में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की राय पूरे देश में संवैधानिक बहस और लोकतांत्रिक संतुलन के लिए एक नई दिशा तय करेगी।

जम्मू-कश्मीर में सेना का बड़ा एक्शन: पुलवामा और शोपियां में 48 घंटे में लश्कर और जैश के 6 आतंकी ढेर

Bijapur Naxal Encounter Live Updates: 31 Naxals Killed, Including Notorious Leader Vaswa Raju with 1 Crore Bounty

KKN गुरुग्राम डेस्क | जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों ने आतंकवाद के खिलाफ एक बार फिर बड़ा अभियान चलाया है। पिछले 48 घंटों में सेना ने दो अलग-अलग ऑपरेशनों में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के कुल 6 आतंकियों को मार गिराया है। ये ऑपरेशन पुलवामा (अवंतीपोरा) और शोपियां जिलों में चलाए गए।

सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान को गर्मियों में बढ़ती घुसपैठ की संभावनाओं को रोकने के तौर पर देखा जा रहा है। दोनों ही मुठभेड़ों को आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ा प्रहार माना जा रहा है।

 पुलवामा (अवंतीपोरा) में जैश के तीन आतंकी मारे गए

गुरुवार सुबह पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के नादेर गांव में सुरक्षाबलों को आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिली थी। इसके बाद सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से इलाके को घेर लिया और सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

कुछ ही देर में गोलीबारी शुरू हो गई, जो करीब दो घंटे तक चली। इस मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन स्थानीय आतंकी मारे गए।

मारे गए आतंकियों की पहचान:

  1. आसिफ अहमद शेख

  2. आमिर नजीर वानी

  3. यावर अहमद भट

तीनों आतंकी पुलवामा जिले के ही निवासी थे और जैश के एक्शन मॉड्यूल का हिस्सा थे। इन पर सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बनाने का संदेह था।

 शोपियां में लश्कर के तीन आतंकियों का सफाया

इससे पहले मंगलवार को शोपियां जिले के केलर क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादी मारे गए थे।

दो आतंकियों की पहचान:

  1. शाहिद कुट्टे – 2023 में लश्कर में शामिल हुआ था।

    • 8 अप्रैल 2024: डैनिश रिज़ॉर्ट में विदेशी पर्यटकों पर फायरिंग

    • मई 2024: हीरपोरा में भाजपा सरपंच की हत्या

  2. अदनान शफी – 2024 में संगठन से जुड़ा था

    • शोपियां के वाची क्षेत्र में प्रवासी मज़दूर की हत्या में शामिल था

तीसरे आतंकी की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार वह पाकिस्तानी नागरिक हो सकता है।

 ऑपरेशन से बरामद हुए हथियार और सामग्री

दोनों मुठभेड़ों के दौरान सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया, जिनमें शामिल हैं:

  • 3 AK-47 राइफलें

  • दर्जनों मैगजीन और सैकड़ों जिंदा कारतूस

  • हथगोले और अन्य विस्फोटक

  • संचार उपकरण और मोबाइल फोन

  • आतंकी संगठन का प्रचार साहित्य

बरामद उपकरणों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है ताकि इनके संपर्क सूत्रों और नेटवर्क का पता लगाया जा सके।

 सेना का बयान: “आतंक के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति”

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बयान में कहा:

“पिछले 48 घंटों में की गई ये दो सफल कार्रवाइयाँ दिखाती हैं कि भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के प्रति ‘शून्य सहनशीलता नीति’ पर काम कर रही है। ये आतंकी आम नागरिकों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे। इनकी मौत से एक बड़ा खतरा टल गया है।”

उन्होंने यह भी बताया कि सभी ऑपरेशन सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर किए गए और इस दौरान किसी भी नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

 कश्मीर में बढ़ रही है आतंकी गतिविधि

जम्मू-कश्मीर पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अनुसार, सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशों में तेजी देखी जा रही है। गर्मी के मौसम में बर्फबारी कम होने से आतंकियों के लिए घुसपैठ आसान हो जाती है।

इस समय प्री-एंप्टिव ऑपरेशन यानी संभावित हमलों से पहले की कार्रवाई के जरिए सुरक्षाबल आतंकियों के नेटवर्क को खत्म करने में जुटे हुए हैं।

 आतंकियों का अपराध रिकॉर्ड

सुरक्षाबलों के अनुसार, मारे गए आतंकियों पर कई हाई-प्रोफाइल अपराधों में शामिल होने के आरोप हैं:

  • गैर-कश्मीरी मज़दूरों की हत्या

  • स्थानीय नेताओं पर हमले

  • पर्यटकों पर गोलीबारी

  • पुलिस टीमों पर ग्रेनेड हमले

इनकी गतिविधियों ने क्षेत्र में डर और अस्थिरता का माहौल बनाया था, जिसे खत्म करना जरूरी था।

गृह मंत्रालय की प्रतिक्रिया

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा:

“भारत सरकार सुरक्षाबलों की इस तेज़ और सटीक कार्रवाई की सराहना करती है। हर आतंकी का सफाया जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थायित्व की दिशा में एक कदम है।”

 आगे की रणनीति और तैयारी

सुरक्षा एजेंसियों ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:

  • घुसपैठ संभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई गई है

  • ड्रोन और आधुनिक तकनीक से निगरानी

  • स्थानीय समुदायों के साथ पुलिस का संवाद

  • रैडिकलाइजेशन रोकने के लिए शिक्षा और काउंसलिंग कार्यक्रम

पुलवामा और शोपियां में हुए ये दोनों ऑपरेशन दिखाते हैं कि भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियां अब केवल रिएक्टिव नहीं, बल्कि प्रोएक्टिव रणनीति पर काम कर रही हैं। 48 घंटे में 6 खतरनाक आतंकियों का सफाया सुरक्षा बलों की तत्परता और खुफिया तंत्र की सफलता का प्रमाण है।

बिहार होमगार्ड भर्ती 2025: पटना समेत पांच जिलों में आज से शुरू हुआ फिजिकल टेस्ट, जानें पूरी जानकारी

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KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार सरकार द्वारा आयोजित होमगार्ड भर्ती प्रक्रिया 2025 अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। आज से राज्य के पांच प्रमुख जिलों — पटना, बक्सर, कैमूर, नवादा और सुपौल — में फिजिकल टेस्ट (शारीरिक दक्षता परीक्षा) की शुरुआत हो चुकी है। यह परीक्षा पूरे राज्य में चल रही 15,000 पदों की होमगार्ड बहाली का अहम हिस्सा है।

 भर्ती प्रक्रिया की रूपरेखा

बिहार में होमगार्ड की भर्ती इस बार बड़े स्तर पर की जा रही है। राज्य भर में अलग-अलग जिलों में अलग-अलग पदों के लिए आवेदन मंगाए गए हैं और अब उम्मीदवारों को फिजिकल टेस्ट के माध्यम से चयनित किया जाएगा।

चयन प्रक्रिया में शामिल चरण:

  1. दस्तावेज़ सत्यापन

  2. फिजिकल टेस्ट (दौड़, लंबी कूद, ऊंची कूद)

  3. मेडिकल जांच

  4. मेरिट सूची के आधार पर अंतिम चयन

 किन जिलों में आज से शुरू हुआ फिजिकल टेस्ट?

जिलाकुल पदपरीक्षा स्थलपरीक्षा की अवधि
पटना1479शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह हाई स्कूल, गर्दनीबाग15 मई – 16 जुलाई
बक्सर312इटाढ़ी मैदान15 मई – 16 जून
कैमूर241जगजीवन स्टेडियम15 मई – 4 जून
नवादा361आईटीआई मैदान15 मई – 12 जून
सुपौल114सुपौल स्टेडियम15 मई – 28 मई

 पटना में सबसे ज्यादा आवेदन, सबसे लंबी परीक्षा अवधि

पटना जिला इस भर्ती अभियान का सबसे बड़ा केंद्र है। यहां:

  • पदों की संख्या: 1479

  • आवेदनों की संख्या: 69,014

  • परीक्षा स्थल: शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह गवर्नमेंट हाई स्कूल, गर्दनीबाग

  • परीक्षा अवधि: 15 मई से 16 जुलाई तक

उम्मीदवारों की भारी संख्या को देखते हुए यहां सबसे लंबी अवधि तक फिजिकल टेस्ट चलाया जाएगा।

 अन्य जिलों की प्रमुख जानकारी

 बक्सर

  • परीक्षा स्थल: इटाढ़ी मैदान

  • पद: 312

  • फिजिकल टेस्ट: 15 मई से 16 जून

 कैमूर

  • परीक्षा स्थल: जगजीवन स्टेडियम

  • पद: 241

  • फिजिकल टेस्ट: 15 मई से 4 जून

 नवादा

  • परीक्षा स्थल: आईटीआई मैदान

  • पद: 361

  • फिजिकल टेस्ट: 15 मई से 12 जून

 सुपौल

  • परीक्षा स्थल: सुपौल स्टेडियम

  • पद: 114

  • फिजिकल टेस्ट: 15 मई से 28 मई

क्या-क्या दस्तावेज़ लेकर जाना जरूरी है?

फिजिकल टेस्ट में भाग लेने वाले उम्मीदवारों को निम्नलिखित दस्तावेज़ साथ लाना अनिवार्य है:

  • एडमिट कार्ड (प्रिंटेड कॉपी)

  • वैध फोटो पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी)

  • पासपोर्ट साइज फोटो

  • मूल प्रमाण पत्र (शैक्षणिक, जाति आदि)

  • मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र (वैकल्पिक पर अनुशंसित)

साथ ही, उम्मीदवारों को खुद के लिए पानी की बोतलटॉवेल, और हल्का खाना साथ लाने की सलाह दी गई है।

 क्या न करें

  • मोबाइल फोन, ईयरफोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट परीक्षा स्थल पर ले जाना मना है।

  • फर्जी दस्तावेज़ या अनुचित व्यवहार की स्थिति में उम्मीदवार डिसक्वालिफाई कर दिए जाएंगे।

  • परीक्षा स्थल पर निर्धारित समय से कम से कम 1 घंटा पहले पहुंचना अनिवार्य है।

 शारीरिक परीक्षा में क्या होगा?

पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग मानक तय किए गए हैं। इसमें मुख्यतः निम्नलिखित गतिविधियां शामिल हैं:

  • 1.6 किलोमीटर दौड़

  • लंबी कूद

  • ऊंची कूद

इन गतिविधियों के अंक आधारित मूल्यांकन के आधार पर ही अगली प्रक्रिया के लिए उम्मीदवारों को चयनित किया जाएगा।

 सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की तैयारी

परीक्षा स्थलों पर जिला प्रशासन द्वारा विशेष तैयारी की गई है:

  • पुलिस बल की तैनाती

  • प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा

  • ड्रिंकिंग वॉटर स्टेशन

  • सीसीटीवी कैमरे से निगरानी

  • हेल्प डेस्क की सुविधा

प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आगे की प्रक्रिया क्या होगी?

फिजिकल टेस्ट के बाद निम्नलिखित चरण होंगे:

  1. PET के अंकों के आधार पर अस्थायी मेरिट लिस्ट

  2. मेडिकल टेस्ट और पुलिस वेरिफिकेशन

  3. अंतिम चयन सूची का प्रकाशन

  4. प्रशिक्षण की शुरुआत (संभावित रूप से अक्टूबर 2025 से)

 उम्मीदवारों के लिए जरूरी सुझाव

  • खाली पेट न आएं, हल्का नाश्ता जरूर करें

  • गर्मी को ध्यान में रखते हुए हाइड्रेटेड रहें

  • प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें

  • फिजिकल टेस्ट से पहले अच्छी तरह वार्म-अप करें

बिहार होमगार्ड भर्ती 2025 युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाने का एक सुनहरा अवसर है। पटना समेत अन्य जिलों में आज से शुरू हुए फिजिकल टेस्ट इस प्रक्रिया का सबसे अहम हिस्सा हैं। अगर आपने भी आवेदन किया है, तो समय से पहुंचे, आत्मविश्वास के साथ भाग लें और नियमों का पूरी तरह पालन करें।

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