ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने आतंक के खिलाफ भरा हूंकार

पहलगाम हमले से लेकर पाकिस्तान के भीतर धमाकों तक…

KKN ब्यूरो। 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 निर्दोष नागरिकों की चिताओं की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि 7 मई की रात को भारतीय वायुसेना ने एक बार फिर ऐसा कदम उठाया, जिसने 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक की यादें ताजा कर दीं। इस बार सिर्फ PoK नहीं, बल्कि पाकिस्तान के भीतर – लाहौर और मुरीदके जैसे आतंकी गढ़ भी निशाने पर थे।

अब सवाल यह है – क्या भारत ने अब “स्ट्राइक एट विल” की नीति को औपचारिक रूप से अपना लिया है?

 48 घंटे में क्या-क्या हुआ? जानिए घटनाक्रम

 7 मई की रात (1:40 AM – 3:10 AM):

  • भारतीय वायुसेना ने PoK के कोटली, रावलकोट और लीपा वैली में आतंकी ठिकानों पर बमबारी की।
  • साथ ही पंजाब प्रांत के मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग सेंटर को भी निशाना बनाया गया।
  • IAF सूत्रों के अनुसार, हमलों के लिए सिर्फ प्रीसिशन गाइडेड वेपन्स (PGMs) का इस्तेमाल हुआ।

 8 मई की सुबह:

  • पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया पर धमाकों की आवाजें’ और ‘ब्लैकआउट’ की खबरें वायरल।
  • ISPR (Inter Services Public Relations) ने शुरू में चुप्पी साधी, बाद में सिर्फ “ड्रोन अटैक” बताया।

 8 मई की दोपहर:

  • पाकिस्तान में नेशनल सिक्योरिटी मीटिंग बुलाई गई।
  • भारत की ओर से सेना और सरकार के अधिकारी ने ब्रिफिंग दी।

 9 मई तक:

  • दुनिया भर से सयंम बरतने” की अपीलें, लेकिन भारत की कार्रवाई की कोई आलोचना नहीं।
  • भारत में सत्तारूढ़ दल ने इसे डायरेक्ट रिटैलिएशन’ कहा।
  • भारत अब डिफेंसिव स्टेट” नहीं, बल्कि डिटरेंस थ्रू अटैक” के रास्ते पर बढ़ा।

“2016 से अब तक की तीन प्रमुख सैन्य कार्रवाइयों में एक पैटर्न है – जब भी भारत के भीतर नागरिक मारे गए, सेना ने PoK तक सीमित न रहकर, अब पाकिस्तान के ‘हार्टलैंड’ में भी घुसकर मारा है।”

 ऑपरेशन सिंदूर’: इस मिशन का रणनीतिक संदेश क्या है?

  • कोडनेम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को पहलगाम हमले के 72 घंटे के भीतर तैयार कर लिया गया था।
  • यह न सिर्फ एक मिलिट्री रिटैलिएशन, बल्कि भारत की ओर से पॉलिटिकल और साइकोलॉजिकल मेसेज भी है:
    • हम अब PoK की सीमा तक सीमित नहीं।”
    • हम अब सिर्फ आतंकी कैंप नहीं, उन्हें पालने वालों को भी निशाना बनाएंगे।”

तकनीक और टारगेटिंग: क्यों हैं ये हमले अभूतपूर्व?

इस बार भारत ने जिन तकनीकों का इस्तेमाल किया, वे बेहद एडवांस्ड हैं:

  • Heron TP ड्रोन द्वारा रियल टाइम लोकेशन ट्रैकिंग।
  • Su-30 MKI और Rafale फाइटर जेट्स से लॉन्ग रेंज प्रीसिशन स्ट्राइक।
  • 4 लक्ष्य 100% विध्वंसित, जिनमें दो लश्कर और जैश के ट्रेनिंग हब शामिल थे।

ये हमला सिर्फ जवाब नहीं, बल्कि डिनायल स्ट्रैटेजी” का हिस्सा है – यानी दुश्मन को पहले से सोचने पर मजबूर कर देना।

वैश्विक समुदाय भारत की इस नई नीति को चुपचाप स्वीकार कर रहा है।

परमाणु धमकी बेअसर?

SIPRI के 2024 आंकड़ों के अनुसार:

  • भारत के पास: 172 वॉरहेड
  • पाकिस्तान: 170 वॉरहेड

फिर भी भारत ने न केवल जोखिम उठाया, बल्कि कार्रवाई की।
विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान की परमाणु ढाल’ अब डराने का अस्त्र नहीं रही।

पाकिस्तान की ‘रणनीति’ पर भारत की ‘नीति’ भारी

भारत अब घोषित युद्ध के बिना, वास्तविक युद्ध लड़ रहा है। यह 4G वॉरफेयर (Grey Zone, Guerrilla, Guerrilla-Diplomacy और Geopolitical Messaging) का नया चेहरा है।

भारत का संदेश साफ है: अब सिर्फ बात नहीं, बराबर की चोट होगी।

 


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