बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ संगोष्ठी
KKN न्यूज ब्यूरो। साइंस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. डॉ. राम दिनेश शर्मा ने कहा कि मौजूदा समय में प्रदूषण से मानव जीवन खतरे में पड़ गया है। बड़े शहरो के साथ-साथ अब छोटी शहरो में भी प्रदूषण का खतरा दस्तक देने लगा है। कहा कि समय रहते इसकी रोकथाम नहीं हुई, तो जीवन को बचा पाना मुश्किल हो जायेगा। मंगलवार को बिहार के मुजफ्फरपुर में जिरोमाइल पर स्थित होटल गायत्री पैलेस में अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संघ (भारत) की ओर आयोजित प्रदूषण और पार्यावरण पर एक दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए डॉ. राम दिनेश शर्मा ने प्रदूषण की रोकथाम के कई उपाय भी बताये।
विकासवाद का साइड इफेक्ट
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए एनटीपीसी के प्रबंधक एसडी कुमार ने कहा कि प्रदूषण की समस्या विकासवाद की साइड इफेक्ट है। कहा कि विकास को हम नहीं रोक सकते है। किंतु, कचड़ा प्रबंधन का कड़ाई से पालन करके समस्या को कम किया जा सकता है। एपीपी अरुण कुमार सिंह ने लोगो को जागरुक करके प्रदूषण को कम करने की बात कही। वहीं अवकाश प्राप्त कार्यपालक अभियन्ता राघवेन्द्र झा ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए तीन स्तर पर काम करने का सुझाव दिया।
प्रति वर्ष 42 लाख लोगो की होती है मौत
संघ के बिहार प्रदेश अध्यक्ष कौशलेन्द्र झा ने कहा घरेलू कारणो से 22 प्रतिशत प्रदूषण फैल रहा है। ध्वनि प्रदूषण से शहर के साथ-साथ आज गांव भी कराह रहा है। प्रत्येक वर्ष प्रदूषण की वजह से करीब 42 लाख लोगो की मौत हो रही है। कहा कि सरकार अपना काम कर रही है। समय आ गया है कि इसके लिए लोगो को जागरुक किया जाये और सरकार के साथ मिल कर प्रदूषण की समस्या का समाधान किया जाये।
इन्होंने रखे अपने विचार
संगोष्ठी का संचालन डॉ. श्यामबाबू प्रसाद ने किया और धन्यवाद प्रदेश सचिव नीरज कुमार ने किया। संगोष्ठी को प्रदेश महासचिव अशोक झा, ननील सिंह, भोला प्रेमी, कृृृृृृृृृृष्णमाधव सिंह, सीमा वर्मा, राज कुमार, शिक्षक रामबिराजी सिंह, मुखिया अजय कुमार, आईडीएफ के डॉ. शकील अहमद, कपीलेश्वर प्रसाद, अमृता मौर्य, विरेन्द्र कुमार सहित दो दर्जन से अधिक लोगो ने संबोधित किया।