अंडा बटंने लगा तो उमड़ी बच्चो की भीड़, विधालय मे चार सौ थाली फिर भी बच्चे लाते है घर से बर्तन, अंडा के नाम पर दर्जनो बच्चो ने नही किया भोजन
मीनापुर। राजकीय उत्क्रमित मवि पुरैनिया उत्तरी मे शुक्रवार को दोपहर के एक बजे है। विधालय के बच्चे को पहले से पता है कि सरकार के निर्देशानुसार आज फल और अंडे मिलेंगे। नतिजतन आज अन्य दिनो की तुलना मे बच्चो की तादाद ज्यादा है। विधालय के लिए सबसे बड़ी बात यह है कि यहां छुआछुत ज्यादा है। यहां बच्चो के भोजन के लिए चार सौ से अधिक स्टील की थाली है। वावजूद 80 प्रतिशत बच्चे टिफिन की घंटी बचते ही थाली के लिए घर चले जाते है। एमडीएम के तहत बच्चे भोजन के लिए पक्तिबद्ध है। 270 बच्चे अंडे वाले लाइन मे है। जबकि 51 बच्चे फल वाले लाइन मे है। मेनू के हिसाब से बच्चो मे चावल के साथ आलू व सोयाबीन की सब्जी पड़ोसी जा रही है। जबकि 261 बच्चो मे अंडा व 51 बच्चो मे सेव वितरित किये गये। गुरूवार को 261 बच्चे ही स्कूल आये थे। किंतु शुक्रवार को 321 का आंकड़ा पार कर गया था। छात्र रजनीश,बबलू,गोलू कुमार,रंजन,व बजरंग कुमार अंडे की कतार मे है। वह कहता है कि अंडा से पौष्टिक आहार मिलता है। जबकि मंजित,मनिष कुमार,सुनिता,मनिषा कुमारी व अनिष कुमार कहता है कि वह अंडा कभी नही खाता है। इसलिए सेव खायेंगे।
शुक्रवार को भोजन नही करेंगे एक दर्जन बच्चे
मीड डे मिल के लिए दो कतारे थी। एक अंडा का तो दूसरा फल का.लेकिन एक दर्जन बच्चे पहले ही छट कर दुर खड़े थे। उनका कहना है कि अंडा जिस दिन रहेगा वह दोनो मे से किसी कतार मे नही बैठेंगे। वर्ग छह का कमलेश कुमार राजीव,पंचम का बलजित,सोनू,लड्डू कुमार,गोलू,पूजा,चंदन न सातंवा का विकास का कहना है कि वह आज भोजन नही करेंगे। क्योकि आज के भोजन मे अंडा दिया जा रहा है। विधा के मंदिर मे अंडा ठीक नही होता है। सातवां के सुनिता कुमारी कह रही थी कि आज शुक्रवार को संतोषी माता का दिन है। इसलिए वह बिना खाये ही रहेगी। अनिस कुमार का कहना है कि उसके दरवाजे पर देवता का गहबर है। वह आज भोजन नही करेगा। विधालय मे एचएम राकेश कुमार,शिक्षक प्रभात कुमार रंजन,शशि कुमारी,दिनेश प्रसाद,हरेंद्र प्रसाद,सुजीत कुमार मौजूद थे। एचएम राकेश कुमार ने बताया कि अंडा छह रूपये प्रति पीस खरीदना पड़ा है। सेव भी बहुत महंगा है। वावजूद सरकार प्रति बच्चे पांच रूपये देने की बात कह रही है। हालांकि उनलोगो को इस सम्बध मे कोई चिट्ठी नही मिला है।