कर्नाटक सरकार ने कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव के खिलाफ गोल्ड स्मगलिंग केस में जांच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि रान्या राव ने वीआईपी प्रोटोकॉल का फायदा उठाकर सिक्योरिटी चेक्स को बाईपास किया और गोल्ड स्मगलिंग में शामिल हुईं। कर्नाटक सरकार ने जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरव गुप्ता को नियुक्त किया है। यह जांच यह पता लगाएगी कि रान्या राव ने किस प्रकार प्रोटोकॉल का दुरुपयोग किया और सिक्योरिटी चेक्स को कैसे पार किया।
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कर्नाटक सरकार की जांच और आदेश
कर्नाटक सरकार के आदेश में कहा गया है कि रिपोर्ट सात दिन के भीतर पेश की जाए। इस रिपोर्ट में यह बताया जाएगा कि रान्या राव ने बेंगलुरु एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी चेक्स को बाईपास कैसे किया और उन्होंने उन प्रिविलेजेस का कैसे फायदा उठाया जो सामान्यत: टॉप ऑफिशियल्स को मिलती हैं। इसके अलावा यह भी जांचा जाएगा कि क्या कर्नाटका राज्य पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के एमडी रामचंद्र राव की भूमिका इसमें थी या नहीं। जांच में कर्नाटक पुलिस, विभागीय सचिवों और प्रशासनिक सुधार विभाग के अधिकारियों से जरूरी दस्तावेज और सहायता की उम्मीद की जा रही है।
रान्या राव की गोल्ड स्मगलिंग में संलिप्तता
रान्या राव को बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था जब वह करीब 15 किलोग्राम सोना स्मगलिंग कर रही थीं। निदेशालय राजस्व खुफिया (DRI) की जांच में यह सामने आया कि रान्या राव का दुबई में कनेक्शन था, जहां से उन्होंने सोने की तस्करी की थी। आरोप है कि रान्या ने दुबई एयरपोर्ट पर सोने की बार्स को अपने शरीर पर लपेट लिया था। उन्होंने इन्हें अपने जांघों, कमर और शिन पर टेप और क्रेप बैंडेज से लपेट रखा था। इसके बाद वह बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंची, जहां एक प्रोटोकॉल अधिकारी ने उनकी लगेज को इमिग्रेशन से जल्दी क्लियर करवाया, जिससे वह सिक्योरिटी चेक्स से बच गईं।
यह घटना प्रोटोकॉल के दुरुपयोग की एक स्पष्ट मिसाल है, जहां रान्या राव ने विशेष प्रिविलेज का फायदा उठाया। DRI का मानना है कि रान्या राव सिर्फ एक कैरियर नहीं हैं, बल्कि वह इस तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हो सकती हैं। उनकी तीन स्टेटमेंट्स में कई संदिग्ध और आपत्तिजनक जानकारी मिली है।
रान्या राव का बयान और कोर्ट में प्रस्तुति
रान्या राव ने कोर्ट में अपने भावनात्मक बयान में कहा कि वह “ट्रॉमाटाइज्ड और इमोशनली ब्रोकन” हैं। उनका आरोप है कि डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) की हिरासत में रहते हुए उन्हें “वर्बली टॉर्चर और धमकाया” गया है। हालांकि, DRI का कहना है कि उनके पास पर्याप्त प्रमाण हैं, जो रान्या के खिलाफ इस स्मगलिंग केस को मजबूत करते हैं।
DRI ने कहा कि रान्या राव के मोबाइल फोन और लैपटॉप भी बरामद किए गए हैं, लेकिन वे लॉक होने की वजह से अभी तक उन तक पहुंच नहीं बनाई जा सकी है। इसके अलावा, रान्या राव के चेहरे पर चोट के निशान भी मिले हैं, जो जांच में महत्वपूर्ण साक्ष्य हो सकते हैं।
रान्या राव कौन हैं और क्यों हुई गिरफ्तारी?
रान्या राव कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की एक जानी-मानी एक्ट्रेस हैं। वह कर्नाटक राज्य पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के एमडी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं। रान्या राव के लगातार दुबई यात्रा करने को लेकर पहले ही अधिकारियों को शक था। उन्होंने पिछले एक साल में करीब 30 बार दुबई यात्रा की और 15 दिनों में चार बार दुबई गईं। अधिकारियों को शक था कि रान्या राव के जरिए कोई बड़ी गोल्ड स्मगलिंग रैकेट चल रहा है।
रान्या राव को गिरफ्तार करने के बाद, बेंगलुरु में उनके घर से गोल्ड ज्वैलरी (2.06 करोड़ रुपये की कीमत) और नगद (2.67 करोड़ रुपये) बरामद किया गया। यह कर्नाटक की अब तक की सबसे बड़ी गोल्ड सीजिंग्स में से एक मानी जा रही है।
गोल्ड स्मगलिंग और तस्करी के संबंध
गोल्ड स्मगलिंग के इस मामले को लेकर अब जांच और भी गहरी हो गई है। DRI के अधिकारियों का कहना है कि रान्या राव केवल एक कैरियर नहीं हैं, बल्कि दुबई से गोल्ड की तस्करी में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। इस मामले में बड़ी संख्या में लोग शामिल हो सकते हैं, और इसके पीछे एक अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क हो सकता है। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि रान्या राव के पति, जतिन हुकरि, भी अक्सर दुबई यात्रा करते थे। यह संयोग नहीं हो सकता है कि दोनों के बीच इस तरह की यात्रा और तस्करी का संबंध हो सकता है।
गोल्ड तस्करी के दौरान रान्या राव ने जिन तरीकों का इस्तेमाल किया, वह यह दर्शाता है कि यह एक सुनियोजित ऑपरेशन था। आरोप यह भी है कि रान्या ने गोल्ड को अपने शरीर पर लपेटकर सुरक्षा जांच से बचने की कोशिश की, और इसके लिए उसने गोंद और बैंडेज का इस्तेमाल किया था। इस तरह की तस्करी के मामलों में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनका अब तक का खुलासा नहीं हुआ है।
VIP प्रोटोकॉल और सिक्योरिटी चेक्स का दुरुपयोग
यह पूरा मामला विशेष रूप से प्रोटोकॉल के दुरुपयोग से जुड़ा हुआ है। बेंगलुरु एयरपोर्ट पर रान्या राव को सिक्योरिटी चेक्स से बचाने के लिए एक प्रोटोकॉल अधिकारी ने उनकी मदद की। सामान्यतः वीआईपी व्यक्तियों को फ्लाइट से उतरने के बाद इमिग्रेशन से उनके सामान को जल्दी क्लियर करने की सुविधा दी जाती है, ताकि वे चेक्स से बच सकें। हालांकि, इस सुविधा का फायदा यदि कोई गलत तरीके से उठाता है और यह तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जाता है, तो यह एक गंभीर अपराध है।
इस मामले में आरोप है कि रान्या राव ने इसी प्रोटोकॉल का दुरुपयोग किया और एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी चेक्स से बचकर गोल्ड स्मगलिंग की। यह घटना यह दर्शाती है कि कुछ लोग सरकारी प्रोटोकॉल का गलत तरीके से इस्तेमाल करके अवैध गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं।
राजनीतिक और कानूनी परिणाम
इस केस में रान्या राव के कनेक्शन कर्नाटक राज्य पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रमुख रामचंद्र राव से होने के कारण यह मामला राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील बन गया है। अगर जांच में यह पाया जाता है कि सरकारी अधिकारियों ने इसमें किसी प्रकार की मदद की थी, तो यह सरकार के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।
इस मामले ने सरकारी प्रोटोकॉल और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और कर्नाटक सरकार के लिए यह एक चुनौती बन गई है कि वह इस मामले की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करें।
रान्या राव की गिरफ्तारी और गोल्ड स्मगलिंग केस की जांच अभी जारी है। हालांकि, अब तक कई महत्वपूर्ण साक्ष्य और जानकारी मिल चुकी है, लेकिन मामले के अन्य पहलुओं की जांच की जा रही है। इस मामले से यह साफ होता है कि सरकारी प्रोटोकॉल का दुरुपयोग कर अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकता है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और भी अहम तथ्यों का खुलासा हो सकता है, जो इस तस्करी नेटवर्क के बारे में और जानकारी देंगे।
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