बिहार के मुजफ्फरपुर के मुथुत फाइनेंस से पिछले दिनो करीब 10 करोड़ रुपये मूल्य के सोना लूट कांड में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने तीन रोज के मशक्कत के बाद लूटे गए सोना के साथ गिरोह के तीन अपराधियों को भी पुलिस ने दबोच लिया है। इसी के साथ सोना लूट कांड का खुलाशा हो गया है। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने इसके लिए सीआईडी की टीम और मुजफ्फरपुर पुलिस टीम को बधाई दी है। दूसरी ओर मुथुत फाइनेंस ने टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों को 30 लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा कर दी है।
सम्मानित होंगे पुलिसकर्मी
मुथुत फाइनेंस ने लूट का सारा सोना बरामद किए जाने के बाद बिहार पुलिस को सम्मान देने की घोषणा कर दी है। बिहार पुलिस को 30 लाख का पुरस्कार दिया जाएगाl मुथुत फाइनांस के अधिकारी ने इस मामले में डीजीपी से फोन पर बात की है। इसके बाद डीजीपी ने मुजफ्फरपुर एसएसपी को फोन करके निर्देश दिया है कि ऑपरेशन में शामिल सभी पुलिस कर्मियों के बीच पुरस्कार की राशि को बांटा जाए l डीजीपी ने कहा कि बिहार के अंदर अपराधियों पर अब हर हाल में लगाम लगेगी। आपराधिक वारदातों को रोका जाएगा। इसके लिए डीजीपी ने अपना एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। सूत्र बतातें हैं कि पुलिस ने 50 से अधिक कुख्यात अपराधियों को चिन्हित कर लिया है।
डीजीपी ने खुद सम्भाला कमान
डीजीपी ने खुद भी फील्ड में निकले की घोषणा कर दी हैं l डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने स्पष्ट कर दिया है कि अपराधियों से लोहा लेने के लिए वो अब खुद भी मैदान में जाएंगे। बिहार पुलिस का मुखिया होने के कारण उन्होंने कहा कि अपराधियो से मुठभेड़ करुंगा और पहली गोली अपने सीने पर खाउंगा l इससे पहले शनिवार को आधी रात के बाद डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अचानक राजधानी के एसकेपुरी थाना और गर्दनीबाग थाना पहुंच गए थे। दोनों जगहों पर लापरवाही के आरोप में थानेदार समेत चार पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए है। डीजीपी के इस एक्शन से पुलिस महकमा में हड़कंप मचा हुआ है। बतातें चलें कि करीब दो दशक के बाद ऐसा हुआ है कि किसी डीजीपी ने आधी रात को इस तरह की कार्रवाई की हो।